The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
9
3.7k
16.6k
Hey, I am simple.
#भद्दा
#अस्थायी
#विश्वास
#मंदिर
#संघर्ष
#गुप्त
#लक्षण
##सोच ## Note :- Just think, but with feeling...... सोचो! कि काश, हम अंबानी होते, तो कितने मजे से जीवन गुजारते, सोचो! हम इतनी संपत्ति कैसे सम्हालते। कि काश, हम भिखारी होते, तो कैसे रोज सबसे भीख मंगाते, सोचो! कैसे फुटपाथ पर रात गुजारते। कि काश, हम प्रधानमंत्री होते, तो कैसे हम देश को सम्हालते, सोचो! कैसे देश में एकता,समृद्धि लाते। कि काश, हम अमर होते, तो मौत से भी हम कभी नहीं डरते, सोचो! इतना जीकर भी हम क्या करते। कि काश, संसार हमें ईश्वर बुलाता, तो हम इंसान कैसा बनाते, सोचो! हम उसका रंगरूप कैसा सजाते। कि काश, हम ब्रम्हा बन जाते, तो जग में कितने प्राणी बनाते, बस सोचो! हम उनमें भेद कैसे कर पाते। कि काश, सबको जीवन हमें देना होता, तो किसे कितना देते, सोचो! क्या भेदभाव बिना ये कर लेते। कि काश, हम कोई देवता होते, तो कैसे सबको सुविधाएं देते, सोचो! कैसे लोगों कि प्रार्थनाएं सुनते। कि काश, हमारे पास शक्ति होती, तो हम दुनियां कैसे चलाते, सोचो! हम अपनी दुनियां कैसे बनाते। ***
#खेद मुझे खेद कोई इस बात का नहीं है कि, मैनें गरीबी में जन्म क्यों लिया। पर मुझे खेद इस बात का है कि, मैं स्वार्थी दुनियां में पैदा ही क्यों हुआ।। खेद मुझे इस बात का भी नहीं है कि, मेरे तन का रंग काला क्यों है। मगर खेद इस बात का जरूर है कि, दुनियां की सोच काली क्यों है।। मैं निकम्मा हूं, कुछ नहीं कर सकता, इस बात का भी कोई खेद नहीं है। लेकिन कुछ करने वालों से लोग जलते क्यों हैं।, इसका खेद मुझे है।। माना मैं अपना प्यार हासिल नहीं कर पाया, मुझे इसका भी खेद नहीं है। पर लोग प्यार के नाम पे जो खिलवाड़ करते हैं, उसका मुझे बहुत खेद है।। सफलता नहीं मिली, पर मैनें मेहनत की इसलिए मुझे कोई खेद नहीं है। मगर ये सफलता भी बिक जाती है इस दुनियां में, इसका मुझे खेद है।। मानता हूं!अपने मां-बाप को ज्यादा सुख न दे सका, परंतु खेद नहीं है। लेकिन कुछ लोग उन्हें अनाथाश्रम भेज देते हैं, उसका मुझे बहुत खेद है।। जीवन में किसी को कुछ न दिया। सामर्थ्य नहीं थी, तो मुझे खेद नहीं है। मगर जो देकर,लेने वाले को भिखारी बना दे, उसका दिल से मुझे खेद है।। माना! गरीब था बिना दवाई के मर गया, पर अभी भी मुझे खेद नहीं है। मगर जो धन से भी जीवन न खरीद पाया, उसका मुझे वाकई खेद है।।
#विश्वसनीय एक शादीशुदा लड़की, जिसका पति शादी के कुछ समय बाद ही काम के लिए शहर चला जाता है, और वह अपने पति से बहुत प्यार करती है, तो वह क्या सोचती है.........। तुम्हें पता है? भले ही अभी तुम पास नहीं हो मेरे, मगर मैं रोज बहुत कुछ करती हूं इंतजार में तेरे, जिंदगी में और कोई नहीं है मेरा तुम्हारे अलावा, खुद को वारती हूं, क्योंकि तुम विश्वनीय हो मेरे।। मैं रोज सबेरे उठती थी इसी उम्मीद के साथ, कि आज का दिन होगा हमारे लिए फिर से खास, भले ही तुम काम कि वजह से मुझसे दूर गए थे, लेकिन एक दिन सब ठीक होगा, मन में था विश्वास।। तुम्हारे उठने से पहले ही मेरा तुम्हें चाय बनाना, और चाय पीकर खुशी से तुम्हारा मुझे गले लगाना, आज मै भले ही चाय अकेले पी लेती हूं, मगर, यकीं था कि तुम्हें भी याद आता होगा ये अफसाना।। आज भी मै तुम्हारे लिए ही रोज तैयार होती हूं, मगर तुम सामने नहीं हो इसलिए थोड़ा रोती भी हूं, तुम्हारे यहां न होने से मेरा दिल बहुत अकेला है, फिर भी मैं दिल को दिलासा देकर समझा देती हूं।। घर में आज भी तुम्हारे मन का खाना बनाती हूं, जैसे तुम्हें खिला रही हूं, वैसे थाली में सजाती हूं, मुझे पता है, तुम इस वक्त पास नहीं हो, लेकिन, यकीं करो! मैं,तुम्हारे करीब का अहसास पाती हूं।। ऐसी कोई रात नहीं जब मुझे तुम्हारी आश न हो, दुआ यही थी कि तुम्हारा भी कोई और खास न हो, खुद से भी ज्यादा भरोसा किया है मैनें तुम पर, यदि तुम नहीं हो मेरे तो मुझमें मेरी श्वास ही न हो।। ***
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
Copyright © 2021, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser