Kanak Mriga-Puranchand Sharma-Review by राज बोहरे in Hindi Book Reviews PDF

कनक मृग-पूरनचंद शर्मा -समीक्षा

by राज बोहरे Matrubharti Verified in Hindi Book Reviews

कनक मृगखण्ड काव्यपूरन चन्द्र शर्मा समीक्षा- राज बोहरे राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त ने लिखा है -राम तुम्हारा नाम स्वयं ही काव्य है,कोई कवि बन जाए सहज संभाव्य है !ऐसी ही विनम्र टिप्पणी समीक्षित खंडकाव्य 'कनक-मृग' के रचयिता कवि पूरन ...Read More