Saza, Ek purana gunaah books and stories free download online pdf in Hindi

सजा, एक पुराना गुनाह

" शेखर, मिली मेरी बेटी?" रिचा ने हड़बड़ाते हुए अपने पति से पूछा, जो अभी अभी बाहर से आया है।


" कहीं नहीं मिली सब जगह देख लिया।" दुखी होते हुए शेखर ने जवाब दिया।


" हाय! मेरी बच्ची कहां होगी, कुछ समझ नहीं आ रहा, आपने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई?" परेशान होते हुए रिचा ने पूछा।


" मैंने कमिश्नर से बात की है, अनिशा की फोटो भी उन्हें भेज दी है।" शेखर ने जवाब दिया।


शेखर और रिचा एक सक्सेसफुल बिजनेस मैन और वुमन हैं, पैसों की कोई कमी नहीं है; उनकी इकलौती बेटी अनिशा है, जो अपनी मम्मी पापा की जान है खासकर अपने पापा कि,अभी बाहर अमेरिका में पढ़ रही है; पर हॉलीडेज पर घर आई हुई थी और अपनी एक फ्रेंड की बर्थडे पार्टी में गई हुई थी, पर बहुत टाइम हो गया; अभी तक लौटी नहीं है और उसका फोन भी स्विच ऑफ है और जहां पार्टी थी वहां भी शेखर जाकर देख आए, पर वो नहीं मिली।


अचानक डोर बेल बजती है और रिचा भाग कर डोर खोलती है और देखती है कि सामने उनकी बेटी अनिशा और एक लड़की और खड़ी है, अनिशा बहुत डरी हुई है और ड्रेस भी जगह जगह से फटी हुई है और कुछ चोट भी लगी हुई है। रिचा उसकी यह कंडीशन देखकर घबरा जाती है और पूछती

है " क्या हुआ बेटा, ये कंडीशन कैसे हुई तुम्हारी?"

" अरे उसे अंदर तो आने दो, बैठने तो दो चैन से; देख नहीं रही हो कितना डरी हुई है मेरी गुड़िया।" शेखर ने कहा।

शेखर ने अनिशा के साथ आई हुई लड़की से पूछा " बेटा, ये आपको कहां मिली?"

" अंकल, एक्चुअली वो ये आपके घर के मेन रोड के पास जो सुनसान गली है, वहां मिली।" तान्या ने बताया, अनिशा के साथ आई हुई लड़की का नाम तान्या था।

" पूरी बात क्यों नहीं बता रही हो तुम? पापा, मेरा रेप हुआ है और उसी टाइम ये वहां पहुंच गई; उस गली में कुछ काम हो रहा था, तो पत्थर पड़े थे; पत्थर मारकर इन्होंने सबको भगाया; लेकिन तब तक देर हो चुकी थी पापा, वो लोग मेरे साथ सब कुछ कर गए।" फफक फफक कर रोने लगी अनिशा।

उसे रोता हुए देख शेखर और रिचा बहुत दुखी हो रहे थे और अनिशा को संभाल रहे थे।


" मैं उन दरिंदो को छोड़ूंगा नहीं, एक एक को फांसी दिलवाऊंगा, मेरी गुड़िया की क्या हालत कर दी; पर तू चिंता मत कर मैं हूं ना; सबको सजा दिलवाऊंगा।" शेखर ने आंखों में आंसू भरते हुए कहा।


" और साथ में आप खुद को भी सजा दिलाना पापा।" अनिशा बोली।"

शेखर और रिचा दोनों चौंक गए, अनिशा की इस बात से।

" ये तू क्या कह रही है बेटा?" अनिशा की मम्मी रिचा ने पूछा।

" जो कह रही हूं, सही कह रही हूं मॉम।" गुस्से से अनिशा बोली।" और अपने पापा कि तरफ देखते हुए पूछा " क्यों पापा, मेरी दोस्त निहारिका याद है आपको?"

" बेटा, मुझे याद नहीं आ रहा है।" हकलाते हुए बेचैनी से शेखर ने बोला।


" आपको सब याद है पापा, आपका चेहरा बता रहा है, ये जो लड़की मेरे साथ है ना ये तान्या नहीं निहारिका है; वोही निहारिका जिसके साथ आपने सालों पहले रेप किया था, वो उस वक़्त सिर्फ चौदह साल की थी; उस दिन मम्मी घर पर नहीं थीं और मैं भी रश्मि मौसी के साथ मार्केट चली गई थी,तभी निहारिका अचानक घर आ गई मुझसे एक बुक लेने और आपने उसे घर के अंदर ले लिया ये कहकर कि मैं अभी दस मिनट में आ जाऊंगी जबकि आप ये जानते थे कि मुझे लौटने में एक घंटा लग जाएगा, पर आपने उसके साथ रेप किया; आपको जरा भी ये नहीं लगा कि ये आपकी बेटी की उम्र की है।" अनिशा ने गुस्से में बोला।


" ये सब तू क्या कह रही है, पागल तो नहीं हो गई है।" गुस्से से रिचा बोली।


" मॉम मैं भी ऐसे ही गुस्सा हुई थी, जब निहारिका ने मुझे बताया कि पापा ने उसके साथ गलत किया है और मैंने निहारिका के साथ अपनी दोस्ती तोड़ ली थी, निहारिका ने अपने पैरेंट्स को ये तो बताया की उसके साथ रेप हुआ है, पर ये नहीं बताया कि किसने किया, क्यूंकि पापा ने इसको धमकी दी थी कि अगर इसने पापा का नाम लिया तो, पापा इसकी फैमिली को नुक़सान पहुंचाएंगे और ये उस वक़्त छोटी थी, इसलिए डर गई; पर आप जानते हैं पापा की आपकी वजह से ये कितनी डिप्रेशन में रही है; कितनी तकलीफ में रही है और आज अपनी बेटी को इस हालत में देखा, तो आपको बुरा लग रहा है; मैंने आपको हमेशा अपना आदर्श समझा पापा, पर आप तो कुछ और ही निकले।" गुस्से में अनिशा बोली।

" निहारिका बेटा, मुझे माफ़ कर दो; उस वक़्त मैं तुम्हारी तकलीफ समझ नहीं पाया, उस समय मैं अपना होश खो बैठा।" शेखर रोते हुए बोला।

" मैं आपको माफ़ नहीं कर पाऊंगी, क्यूंकि आपकी वजह से मैंने अपना बचपन खो दिया, बचपन की मासूमियत खो दी और साथ में अपनी मम्मी भी खो दी; क्यूंकि मैं एक दम चुप हो गई थी; ज्यादा किसी से बात नहीं करती थी; हमशी मस्ती करनी वाली लड़की एक बेजान सी हो गई थी, ये सब मेरी मम्मी से देखा नहीं गया और उन्हें हार्ट अटैक आ गया और उसके बाद मैंने अपने आपको संभाला क्यूंकि मैं अब पापा को खोना नहीं चाहती थी, इसलिए मैंने स्टडी पर और फोकस किया और आज मैं मीडिया में हूं।" निहारिका ने बोला।

" मैं तो सोच नहीं भी नहीं सकती थी, की आप ऎसा कर सकते हैं, अपनी ही बेटी की उम्र की लड़की के साथ आपने ये हरकत की, शर्म आती है कि आप मेरे पति है।" बेहद गुस्से में रिचा बोली।

" मेरी गलती की सजा मेरी गुड़िया को भुगतनी पड़ी, मेरा किया गलत कर्म आज मेरी बच्ची के सामने आ गया और शेखर फुट फुट कर रोने लगा।

" चलिए मैं आपको एक गुड न्यूज़ दे दूं कि मेरे साथ कुछ गलत नहीं हुआ है।" अनिशा ने कहा।

शेखर और रिचा दोनों चौंक गए

" चौंकिए मत, मेरे साथ गलत हो जाता अगर निहारिका वक़्त पर नहीं पहुंचती, मैंने आपको मेरे साथ जो हुआ वो सब बताया, उसमें से बस ये झूठ है कि मेरे साथ रेप हुआ है, बाकी सब सच है कि इसने मुझे बचाया, जब ये वहां पहुंची, तो वो लोग मेरे साथ बदतमीजी करने की कोशिश कर रहे थे, इससे पहले कि वो कुछ गलत करते ये वहां पहुंच गई और बचा लिया मुझे, इसने मुझे पहचान लिया था क्यूंकि फेसबुक पर इसने मुझे सर्च किया था, पर मैं इसे नहीं पहचान पाई, फिर हमारी बात हुई और इसने कहा की आपने गलत किया था, तो मैंने प्लान बनाया आपसे सच निकलवाने के लिए; पर मेरा दिल अब भी ये बात को तैयार नहीं था, कि आपने ये सब किया होगा;पर आपने तो मुझे गलत साबित कर दिया, काश ये बात झूठ होती और मैं गर्व से इसके सामने कह पाती कि देखो मैं कहती थी ना कि मेरे पापा गलत नहीं है।"


" प्लीज मुझे माफ़ कर दो बेटा, प्लीज़ रिचा तुम भी मुझे माफ कर दो।" गिड़गिड़ाते हुए शेखर ने कहा।

रिचा ने मुंह फेर लिया और अनिशा बोली " जिस दिन आपको निहारिका माफ़ कर देगी, उस दिन मैं आपको माफ़ कर दूंगी; अब यही आपकी सजा है कि आपको तब तक मेरी माफी का इंतजार करना होगा।" अनिशा ने जवाब दिया।

" बेटा, तेरी नाराजगी मुझसे बर्दाश्त नहीं होगी।" रोते हुए शेखर ने कहा।

" सजा तो भुगतनी पड़ेगी ना पापा, पहले तो आप सजा से बच गए, पर अब नहीं और हां आज लेट हो गया है इसलिए आज निहारिका घर पर ही रुकेगी ये कहते हुए दोनों अन्दर चले जाते हैं, शेखर को दर्द भरी एक सजा देकर।