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आखिर सितारे और सेलिब्रिटीज क्यों इतना अमी

आलेख - आखिर सितारे और सेलिब्रिटीज क्यों इतना अमीर हैं

दुनिया में , जहाँ भी जाएँ , फ़िल्मी सितारों की कमाई करोड़ों रुपयों में देखने को मिलेगी .जहाँ आम आदमी जीवन यापन के लिए भाग दौड़ कर रहा है और कम वेतन वाले जॉब के पीछे भागने को मजबूर है वहीँ रुपया पैसा, धन दौलत और ऐश्वर्य सब इन सितारों या स्टार्स के पीछे दौड़ते नजर आएंगे . ऐसा नहीं है कि ये आसमान से उतर कर आने वाले सितारे हैं या कोई अद्भुत इंसान हैं या फिर बहुत महत्त्वपूर्ण काम करने वाले हैं . अस्पताल की नर्स या किसी स्कूल टीचर का कार्य बहुत महत्त्वपूर्ण होता है फिर भी उन्हें बहुत कम पारिश्रमिक में काम करना पड़ता है . सिर्फ फ़िल्म स्टार्स की ही कमाई करोड़ों या अरबों में नहीं है बल्कि हजारों एथलीट्स और स्पोर्ट्स जगत के स्टार भी इस श्रेणी में आते हैं मगर वे अपने क्षेत्र में विश्व में अपनी कुशलता और वर्ल्ड या ओलिम्पिक रिकॉर्ड्स के चलते जाने जाते हैं . कुछ मॉडल्स , टीवी कलाकारों और अन्य सेलिब्रिटीज की आमदनी भी बहुत ज्यादा होती है . कहने का अर्थ यह भी नहीं कि फिल्म स्टार्स को इतना नहीं मिलना चाहिए या वे डिजर्व नहीं करते हैं .

अक्सर आम आदमी सेलिब्रिटिज की इतनी ज्यादा प्रशंसा क्यों करता है या उनकी छोटी मोटी बातें या गतिविधियों की जानकारी का इच्छुक होता है . इसके लिए सोशल मीडिया , प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का शुक्रगुजार होना चाहिए जो उनकी हर बातों को बहुत तवज्जो देते हैं . ये अक्सर इन्हें या इनके लाइफ स्टाइल की किसी न किसी तरह चर्चा करते हैं और उन्हें गौरवान्वित करते हैं .


ऑस्ट्रेलिया के RMIT ग्लोबल यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर केट फेलन के अनुसार किसी काम का पारिश्रमिक कितना होना चाहिए या यों कहें किसी का काम कितना मूल्यवान है मुख्यतः दो बातों पर निर्भर करता है - पहला उस कार्य को कितने लोग कर सकते हैं और दूसरा क्या वह काम नियोक्ता या मालिक को कितना आर्थिक लाभ दे सकता है . इनके अलावा भी कुछ कारण हैं , एक नजर उन पर डालते हैं .


आखिर सितारे और सेलिब्रिटी को इतना पैसा क्यों मिलता है -


1 . नेम वैल्यू


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पर्दे पर सितारों के कारनामे देख कर लोग उनकी प्रतिभा से प्रभावित होते हैं और एक तरह से वे उनके लिए आदर्श या रोल मॉडल हो जाते हैं और कभी पूजनीय भी . पर्दे पर या मीडिया में उनका आकर्षक लुक देख कर भी लोग बहुत प्रभावित होते हैं , खास कर फीमेल सेलिब्रिटी के . उनके स्टाइल की यथासंभव नकल करते हैं . स्टार्स एवं सेलिब्रिटी का अपना अलग “ नेम वैल्यू “ होता है और इसी वैल्यू को स्टार्स इनकैश करते हैं . फिल्म निर्माता अपनी फिल्म से ज्यादा से ज्यादा कमाना चाहता है . वह जानता है कि स्टार और सुपरस्टार फिल्म में होंगे तो ज्यादा से ज्यादा दर्शक उसे देखने आएंगे और फिल्म ब्लॉकबस्टर होगी . यही बात स्टार स्पोर्ट्स पर्सन के साथ भी लागू है . इसीलिए Nike कंपनी अपने प्रोडक्ट के विज्ञापन में माइकल जॉर्डन को दिखाते हैं . कम्पनी जितना खर्च विज्ञापन पर करती है उससे कहीं ज्यादा प्रोडक्ट के ज्यादा बिक्री से मुनाफा में कमाती है .


2 . क्या वह काम नियोक्ता या मालिक को आर्थिक लाभ दे सकता है


एक शिक्षक या नर्स का काम अत्यंत महत्त्वपूर्ण होते हुए भी वह नियोक्ता को उतना आर्थिक लाभ नहीं दे सकता हैं जितना कि एक फिल्म स्टार या अन्य सेलिब्रिटी दे सकता है . आमतौर पर एक शिक्षक अपने नियोक्ता को धमकी नहीं दे सकता है कि अगर उसे बहुत ज्यादा पारिश्रमिक नहीं मिलेगा तो वह काम छोड़ कहीं अन्यत्र जा सकता है . शिक्षा क्षेत्र में काम करने के लिए नियोक्ता को बहुत विकल्प मिलेंगे .


यही कारण है कि जिस ब्रांड के विज्ञापन का वे मीडिया में अनुमोदन करते हैं उसकी बिक्री काफी बढ़ जाती है .मीडिया की पहुँच तो आज करीब करीब घर घर में हैं . कोई आम कारीगर या आम नौकरीपेशा व्यक्ति अपने मालिक के लिए आर्थिक रूप से इतना लाभदायक नहीं हो सकता है जितना कि ये सितारे या सेलिब्रिटी . आमतौर पर आम आदमी सोचता है कि जिस प्रोडक्ट का उनका पसंदीदा सितारा विज्ञापन कर रहा है उसे वह भी इस्तेमाल करता होगा और वह अच्छा होगा .


सिडनी यूनिवर्सिटी के एक व्याख्याता डॉ लौरा फेरसीओली के अनुसार फीमेल मॉडल या फिल्म स्टार को ज्यादा पैसा देने का एक कारण उनकी लुक , सुंदरता और आकर्षक चेहरा भी है जो वर्तमान सेक्सिस्ट समाज में बहुत मायने रखता है क्योंकि औरत कितना अच्छा दिखती है , वह उनकी नजर में ज्यादा महत्वपूर्ण है .


डॉ फेरसीओली का कहना है कि हम अक्सर अपनी सफलता का कारण अपना कठिन परिश्रम मानते हैं . हकीकत में कोई बड़ी कम्पनी तभी सफल होती है जब उसके बाकी कर्मचारी भी ठीक से काम करें , किसी सर्जन के ऑपरेशन में बाकी नर्स और तकनीशियन का अहम योगदान है , किसी फिल्म स्टार की सफलता के पीछे कथा लेखक , निर्देशक , सैकड़ों अन्य तकनीशियन आदि का योगदान महत्त्वपूर्ण होता है . हम महसूस करें या नहीं हमारी सफलता के पीछे उन लोगों का भी हाथ होता है जिन्हें हम साधारण समझते हैं - सफाई कर्मचारी , बस , ट्रेन या टैक्सी ड्राइवर , डोमेस्टिक वर्कर आदि .


शेफील्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर एंजेल होब्ब्स के अनुसार सेलिब्रिटिज को इतना ज्यादा पारिश्रमिक देने से एक नुक्सान बल्कि खतरा है कि वे अपने को अधिक मूल्यवान और महत्वपूर्ण समझ बैठते हैं न सिर्फ आर्थिक मापदंड पर बल्कि नैतिक और समाज के प्रति अपने योगदान पर . पर हक़ीक़त में ऐसा नहीं होता है , हाँ स्पोर्ट्स पर्सन्स और अति प्रतिभाशाली एक्टर राष्ट्र को सम्मान दिला सकते हैं . लोग हक़ीक़त को नज़रअंदाज़ कर स्टार्स के मैगजीन खरीदते हैं . दूसरा खतरा है कि मेहनतकश लोगों , जिनके पारिश्रमिक बहुत कम होते हैं , में


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हीनभावना होती है क्योंकि उनके पास बहुत कम पैसे हैं और रुपया , सफलता और ख़ुशी को ले कर हम कन्फ्यूज्ड रहते हैं .


3 . सोशल मीडिया से कमाई - ट्विटर , इंस्टाग्राम , ब्लॉग आदि पर जितने ज्यादा लोग सेलिब्रिटिज को फॉलो करते हैं उतने ज्यादा वे मशहूर तो होते हैं साथ में उनका मार्किट वैल्यू भी उतना ही बढ़ता है - कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स के विज्ञापन के लिए उन्हें भारी भरकम रकम देती है .


4 . उस कार्य को कितने लोग कर सकते हैं -


सेलिब्रिटी बनने या कम से कम कुछ नाम कमाने की इच्छा सब में होती है पर हर कोई ऐसा नहीं कर पाता है , उनकी अलग मजबूरियां हैं या आर्थिक और सामाजिक कारण हैं . हजारों लोग मुंबई मायानगरी अपना भाग्य आजमाने जाते हैं उनमें से शायद ही एक दो को मौका मिलता है . जिन्हें मिलता भी है उन्हें शुरू में काफी संघर्ष करना पड़ता है और उनमें भी विरले किसी को स्टारडम मिलता है . हर कोई हर काम नहीं कर सकता है , यह बात खास कर स्पोर्ट्स सेलिब्रिटी के बारे में बिल्कुल सत्य है . वे अपना पूरा ध्यान , समय और यहाँ तक कि जिंदगी भी किसी एक स्पोर्ट्स में लगा देते हैं .


5 . कॉस्ट ऑफ़ पर्सनल लाइफ -


सेलिब्रिटीज को अक्सर अपने पर्सनल लाइफ का बड़ा हिस्सा त्यागना पड़ता है . उनकी हर छोटी मोटी बात पर कैमरा और मीडिया की नजर होती है . वे अपने परिवार को बहुत कम समय दे पाते हैं . इसे खो कर ही वे नाम पाते हैं .


बॉटमलाइन


धन अर्जित करना बुरा नहीं है पर उसका लाभ देश और समाज को भी मिलना चाहिए .माइक्रोसॉफ्ट के चीफ बिल गेट्स और उनकी पत्नी ने 3600 करोड़ डॉलर्स ( 1 डॉलर = 73 रूपये लगभग ) ने परोपकार में दिए हैं . हॉलीवुड स्टार लिओनार्डो डी कैप्रिओ ने करोड़ों डॉलर्स पर्यावरण की रक्षा में दान दिया है .इस तरह के अनेकों उदाहरण विदेशों खास कर अमेरिका में मिलेंगे .

समाप्त