Hill House ke rahashymay kahaani - 1 in Hindi Horror Stories by Gumnam Lekhak books and stories PDF | हिल हॉउस के रहस्यमयी कहानी - 1

हिल हॉउस के रहस्यमयी कहानी - 1

ये कहानी कुछ इसी वह जिसे पढ़ा कर आप चौक जाएंगे।

कहानी एक ऐसे बंगले की वह जो की हिमाचल में पर्वतो पर जंगल के बिच स्थिति है . एक एसा बंगला जिस्के के बारे में वहा के स्थानिक लोगो में बहुत सी चर्चाए हैं. पर में सब भुत प्रेतो की बातो को ज्यादा मानता नहीं था । और मुझें वों काफ़ी सही दाम में भी मिल रहा था तो में ने खरिद ने के बारे मे सोचा.

अब बताउ बंगलो के बारे मे. एक ऐसा वीरान बंगला वो भी जंगल के बिच पहाड़ पे स्थित .और माहौल ऐसा के रात मे तो ठीक पर दिनमे भी देखने पर आपकी रूह कंप जाए।जंगल के बिछो बिच स्थिति ये बंगला आप को अकेले में देखने पर पासिन से तारबतार कर सके इतना डरावना तो लगता था.पर पहाड़ी के ऊपर इस विरान जगह पर बना ये बंगला आप को काफी अच्छे नजरो का आनंद दे सकता था. और से कफी सुंदर और रमनिया दृश्य और कुदरत के सौंदर्य से वकिफ् करा सके ऐसी जग पर था। वाहा ऐसा लगता जैसे हम बदलो के बिलकुल पास हो .पर् दुस्तरि तरफ् महोल् देखने पर ऐसा लगे के जेसे हम बदलो के पास तो ठिक पर वह हमे मौत के कफी पास ले जाने वाला हो।

खैर में कोई ऐसे भुतो या ऐसी किसी चिजो में मानता तो था नहीं.पर हा मुझे भी जब दलाल पहली बार दिखा ने ले गया तो मे डर मे ना मन् ने वाला इंसान पहली नजर में देख के काफी अलीशान हवेली जैसेद बंगले को देख् के खुश तो हुआ पर इसके विरान जग और और
महोल में जैसे डर का साया मंदरा रहा हो . मे थोड़ा ज़िज़का ज़रुर। जिसे कोई फुसफूसा रहा हो के मेरी जगह पर किसी और को मेरे घर नहीं आना चाहिए....
ऐसी वीरान जगह पर भी अचानक से खिड़की के धीरे से खुलने पर चीै...... की आवाज के साथ सन्नता टूटा और धदम...से दरवाजा पटाका हो वैसे बंद होने की आवाज से मुझे थोड़ा सहेम गया पर, दलाल ने कहा काफी ऊंचाई पर होने की वजह से याहा खिड़िया दरवाजे हवा से खुल ते रहते हैं। और ये बात सुनके मुझे थोड़ा सही भी लगा।

मैं था एक लेखक आदमी और ये जगह् पर कफी अच्छा व्यू भी आता था तो मुझे पसंद भी आया। मुझे जितनी लगी उससे काफी कम किमत पर उसने डील फाइनल कारने बोल तो मुझे थोड़ा अजीब तो लगा कफी बड़ी जगह पर फेला ये बंगला और् वो भि काफि खुलि जगह् के साथ और काफि बड़ा सा बगीचा भी था। और उसकी इतनी कम किमत बताने पर मुझे कुछ गड़बड़ लगा पर मैंने सोचा क्या फर्क पड़ा वह दस्तावेज सही है और किमत भी काफी सही है । तो मैने खरिद ने का सोच लिया। हम वापिस मुड़ने लगे तो कोई जैसे पीछे वाली खिड़की से ऊपर खड़ा खड़ा घूर रहा हो.. वेसा महसूस हुआ। मैंने पिछे देखा पर वहा कोई नहीं था। एक अजीब् सा सन्नाटा वहा पसरा था।

मैंने सोचा चलो कोई वहम ही होगा ।उस के बागीचे में सेब लगे थे में आओ कुछ कुछ ले जाता हूं घर पर बच्चे खुश होंगे। आओ के मैने कुछ तोड़ लिए...

घर जाने के लिए कार चालू की तो कार चालू नहीं हुई ..वो करररर....! की आवाज से बंद पड़ गई।
ड्राइवर बोला में देखता हूं ।और उसे कुछ ठीक करके कार चालू की तो जेसे कार चालू तो हुई पर हमारे बैठने के बाद् कार आगे बढ़ ही नहीं रही थी। फिर ट्राई किया कार चल पड़ी एक झटके से..

में घर की तरफ बढ़ा दिया..सोचा परिवार को भी एक बार दिखा लुंगा और इसी सोच में घर की तरफ कार दौदा दी....

कहानी जारी है....!


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Minaz Shaikh

Minaz Shaikh 2 years ago

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Binal Patel

Binal Patel 2 years ago

Gumnam Lekhak

Gumnam Lekhak 2 years ago

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Priya Chauhan

Priya Chauhan 2 years ago

Great story.. I am waiting for next part.i m very excited 😇

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