Curse of Aghori. True horror story 1996 - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

अघोरी का श्राप सच्ची डरावनी कहानी 1996 - 1

आज मेरी सुबह ही आँख खुल गई | और फिर मै उठ कर किचन की तरफ गया | वहाँ गया तो देखा की माँ रोटी बना रही थी | मै पानी पीकर घर से बाहर आँगन में आया और जाके झुले में बैठकर गाना गुनगुनाने लगा | आज सुबह का नाजारा बेहद ही शानदार था | आसमान एकदम साफ आईने की तरह दिख रहा था | हल्की सुरज की रौशनी | पंछियों की आवाज | हर तरफ चहल पहल ये सब मेरे मन को बहुत सुकुन दे रहे थे | एक फकीर बाबा बहुत ही मीठी आवाज में कुछ गुनगुना रहें थे | लोगों के घर जा जा के | हर कोई बाबा को कुछ न कुछ दे रहे थे | कोई चावल दे रहे थे | तो कोई पैसा | ईसी तरह वो बाबा घुम फिर के हमारे घर की ओर आए | और बोले बेटा कुछ खाने को हो तो ला दो अल्लह तुम्हें अच्छा रखेगा | मै तुरंत बाबा को बोला बाबा आप यहीं रुकये मै आ रहा हुँ | मै झट से अंदर गया और माँ से बोला की देखिये न बाहर कोई फकीर बाबा आए हुए है | और कुछ खाने के लिए माँग रहे है | माँ खिड़की से झाँक कर उन्हें देखी और कुछ रोटी और सब्जी उन्हें ले जा कर दि | मै भी माँ के पीछे पीछे गया | बाबा रोटी देखकर खुश हुए और मुझे ओर मेरी माँ को बहुत सी दुआएँ दिये |बाबा जब जा रहे थे तो मैने बाबा को सलाम किया | और फिर से मैं झुले में बैठने गया | मुझे जमीन में एक का सिक्का दिखा | मैने सोचा शायद ये बाबा का सिक्का है | और उसे मै उठा कर अपने पास रख लिया | के कल जब बाबा आएँगें तो मै उन्हें ये सिक्का दे दुँगा | मैने माँ को नही बताया की मैने एक का सिक्का उठाया है | दिन जब हुआ तो मै अपनें दोस्तो के साथ मैदान में खेलने चला गया | आज मेरे सभी दोस्तों के चहरे में एक अलग ही मुस्कान थी | मैने उन सभी से ये जानने की कोशिश की | क्या हुआ है यार आज तुम सब ईतने खुश दिख रहे हो | मै देख रहा हुँ कि तुम सब के चहरे में हल्की सी मुस्कान है | वह लोग बोले एैसे ही | मै अंदर ही अंदर सोचने लगा | कुछ तो खाश है | जो ये लोग मुझे बताना नहीं चाहतें | तभी अचानक से कोई मुझपर अंडो की बरसात करने लग जाता है | मै उसे देखने की कोशिश करता के | उस्से पहले ही सभी | केक अंडो और भी तरह तरह की चिजों से मुझे भर देते है | मै जान गया की अरे आज तो मेरा ( Birthday ) जन्मदिन है |

मैनें उन सब से पुछा के तुम सब को कैसे याद था की आज मेरा जन्म दिन है |

थोड़ी देर वह सब एक दुसरे को देखते रहे और फिर बोलेो की कल हमलोग तुम्हारे घर में फोन किए थे पर तुम शायद घर में नहीं थे

तुम्हारी अम्मी फोन उठाई थी मैने उनसे तुम्हारे बारे में पुछा तो वो बोली के रेहान घर में नहीं है

उन्हीं से बात चित के दौरान हम सब को पता चला के कल तुम्हारा ( Birthday ) जन्मदिन है

और फिर क्या ये सब मिलके पैसा मिलाए | और हो गया ये सब

दोस्तों के साथ पार्टी करके मैं घर आ गया उस समय शाम का 7:30 बजे का टाईम हो रहा था

मैने देखा कि माँ मेरे लिए कुछ गिफ्ट तैयार करके रखी थी
और मेरा हीं ईंतेजार कर रही थी | जैसे माँ मुझे देखी झट से मेरे पास आई और मेरे गाल को चुमते हुएे बोली |

क्या बोली मै वह आपको बताना नहीं चाहता | मेरी माँ की बातें एैसी थी जिन्हें शब्द देना काफी मुश्किल है मेरे दोस्तों

माँ ने मेरे तरह तरह के डिश तैयार करके रखी थी | मुझे जो पसंद है वही सब चिजें माँ ने बनाई थी

खाना पीना होने के बात मै सोने जा रहा था | तो मैने माँ से बोला की आप कुछ एैसी कहानी सुनाव जो हमारे साथ घट चुकि हो

माँ ने बोला बेटा मै तुम्हें वह कहानी सुनाऊँगी जो तुम आज तक नही सुने होंगे

मैने बोला दो देर किस बात की जल्दी सुनाईये

मै आपको मेरे परिवार के बारे में बता देता हुँ मेरा नाम रेहान है | अभी मै 15 वर्ष का हुँ मेरी माँ का नाम मै आपको नही बता सकता | मगर ये बता सकता हुँ के मेरी माँ हिंदु है | मेरे पापा मुस्लमान | पर वह अब डेथ कर चुके है | मेरा नाम पापा रखे थे | अब पापा नही रहे तो मै भी अपनी माँ की तरह ही रहने लगा पुजा पाठ करना ये सब | नही तो जब पापा थे तो नमाज अदा करने जाता था
और माँ घर में पुजा ईत्यादी करती थी | हमारे घर में साधु संत या बाबा आ जाए तो हम उन्हें हम नही खालि नही भेजते है | वजह तो आप सबको पता चल ही गया है

मै आपको वो पुरी कहानी बताऊँगा जो माँ ने मुझे बताई है ईसके लिए थोड़ा ईंतेजार करये

आगे की कहानी मजेदार के साथ साथ डरावनी भी है | आपको आगे बहुत मजा आने वाला है

Part 2 Coming Soon