Veera Humari Bahadur Mukhiya - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 2

"हम आपको सब से मिलवाते है ........पहले इनसे मिलिए ये है हमारे मेयर जी हममे सबसे बहादुर ...पर गांव के दुश्मनो ने इन्हे आज इस हाल में पहुंचा दिया इनका चलना मुश्क़िल हो गया है... " तभी
"मैं हूं निराली तुम मुझे निराली चाची बोल सकती हो ये मेरा बेटा सोमेश और ये मेरी बेटी नंदनी "
"अच्छा ठीक है " सरपंच ने कहा
सरपंच सारे गांव से इशिता का परिचय करवाता है
"अच्छा अब आप इस गांव के दुश्मनो के बारे में बताओ "
"हां !इनके बारे में जानकर शायद तुम चली जाओ "
"नही !...इशिता अब इस गांव का विकास करके ही जाऐगी आप बताईए ...मैं किसी से नही डरती "
"ठीक है ! सुनिए ..हमारे इस प्यारे से गांव के दो दुश्मन है
पहला तो वो डाकू खड़गेल सिंह है जो गांव में अपने आदमीयो को भेजकर लुटपाट करवाता है
" उसके आतंक से तो हम बच भी सकते लेकिन सबसे खतरनक तो
"धर्मपाल ! मैं बता रहा हूँ इन्हे
" सबसे खतरनाक कौन है ? सरपंच जी "
"हां ....! वो है शंकालु कबिले का सरदार रांगा ....जब भी आता है बहुत आतंक मचाता सबसे बुरी बात तो ये है कि उसके होते हुए कोई भी अपनी बेटी की शादी नही कर पाता ...वो उनका अपहरण कर लेता है हमारे अनाज को लुट ले जाता है "
"रांगा कौन है मतलब किस तरह का कबीला हैं " इशिता ने पुछा
"रांगा आदिवासी जैसा ही है मतलब वो अभी भी प्राकृतिक वस्तुओ पर निर्भर है लेकिन बहुत खतरनाक है "
"ये कम ही गांव में आता है "
"क्यु...?"
"इसकी लड़ाई चलती रहती है तोरा कहले के मुखिये से ....इसलिए पहले इन डाकुओ का कुछ कीजिए "
"आप चिंता मत कीजिये ....बस आप मेरा साथ दीजिऐ हम सब मिलकर इसको खत्म कर देंगे "
गांव वाले संकोच जाते है तभी
"क्या हुआ डर गये "
"लेकिन मेयर जी
" तुम लोगो के डर के कारण ही तो वो हमे और डरा रहे हैं ....मैं तुम्हारा साथ दू़ंगा "
"मैं भी "
"मैं देवधर ये मेरा बेटा सुमित है ये भी आपके साथ है "
"मैं बरखा ...हमेशा आपके साथ रहूंगी "
"अब तो सब हां कर दो जब ये एक लड़की होकर नही डर रही तो तुम क्यु ...?"
"कोई बात नही मेयर जी ...आप सब है तो "
"हम आपका साथ देना चाहते है लेकिन पहले ही इस गांव के कुछ पुरूष उस डाकु की कैद में है "
"आप चिंता मत कीजिये मैं उन्हे जरूर मुक्त करवाऊंगी ...आप ये बताईए वो कब आता है "
"वो जरूर आऐगा आपने उनके आदमीयो पर हमला जो किया है "
"ठीक है ....आपके पास गन वगैरह नही है "
"है मेरी ये दो राइफल है " मेयर ने कहा
"ये ही काफी है मेरे लिए "
"अब आप आराम कर लिजिए ...कल योजना बनाना ...सरपंच जी इन्हे रहने के लिए बता दीजिऐ "
"उसकी जरूरत नहीं है ये हमारे घर रहेंगी अगर तुम्हे दिक्कत न हो तो "निराली ने कहा
" पर चाची आपको तकलीफ होगी
"नही मुझे कोई दिक्कत नही है ...तुम्हारे रहने से "
"ठीक है "
"सोमेश इसका सामान अंदर ले आओ "
"हां !मां"
इशिता अगली लडा़ई के लिए योजना बनाने की तैयार करती हैं