Its matter of those days - 38 books and stories free download online pdf in Hindi ये उन दिनों की बात है - 38 (5) 1.1k 4.9k सागर उस बस्ती में गया जहाँ वो बच्ची रहती थी वहां की हालत देखकर उसका मन व्याकुल हो उठा जब वो उस बच्ची के घर गया तो घर क्या था सिर्फ एक छोटा सा कमरा था जहाँ बहुत ही कम सामान था देखा एक खाट पर उस बच्ची की माँ अपने जीवन की अंतिम सांसें गिन रही थी एक कोने में स्टोव रखा था एक दूसरे कोने में पीने के पानी की मटकी रखी थी घर में अनाज के दाने का नामोनिशान तक नही था कुछ बर्तन थे जो इधर उधर बिखरे पड़े थे पूरा कमरा एक अजीब सी गंध से दहक रहा था बच्ची की माँ ने अधखुली आँखों से सागर को देखा और एक बीमार सी मुस्कान दी जवाब में सागर भी हल्का सा मुस्कुरायाऔर फिर वे आँखें यूँ ही ठहर सी गयी उस बच्ची की माँ इस दुनिया से अलविदा ले चुकी थी कुछ पल के लिए सागर को उस बच्ची में खुद का अक्स और उसकी माँ में अपनी माँ नजर आई माँ देखो भैया ने मुझे क्या क्या दिलाया है वो बच्ची अपनी तमाम चीजें अपनी मरी हुई माँ को दिखा रही थीमाँ देखो ना तुम उठती क्यों नहीं देखो ना भैया ने कितनी सारी चीजे दिलाई है मुझे ये देखकर सागर से रहा नही गया जोरों से रो पड़ा उसने बहुत कोशिश की खुद को रोकने की पर सब्र का बांध जैसे टूट ही गया उस पल में उसे ऐसा लगा जैसे उसकी अपनी माँ उसे छोड़कर चली गयी होसागर रो रहा था उस कमरे की हर एक चीज रो रही थी पूरा कमरा ही ग़मगीन था सिवाय उस बच्ची के जो अब तक ये समझ पाने में असमर्थ थी की अब वो इस दुनिया में बिलकुल अकेली हो गयी हैसागर भागकर उस बच्ची से लिपट गया नही तुम अकेली नहीं हो बेटा मैं हूँ तुम्हारे साथ उसने उस बच्ची को गोद में उठा लिया और उसपर चुंबनों की बौछार कर दी सागर उसे अपने साथ अपने घर ले गयासागर के दादा दादी के मन में सवाल उठ रहे थे की की ये बच्ची कौन हैलेकिन उन दोनों ने उस वक़्त कुछ कहा नहीं सागर को देखकर उन्हें लग गया था की ये काफी रोया हैपिंकी अबसे तुम इसे अपना ही घर समझो पिंकी नाम सागर ने ही उसे दिया था कौन है ये बच्ची सागर और तुम्हे कहाँ मिली, दादी सागर के कमरे में आई दादी, पिंकी के साथ बहुत ही बुरा हुआ इसकी माँ इसे छोड़कर चली गई जिस तरह मेरी माँ मुझे छोड़कर चली गई थी हम्म्म्म पर दादी अभी में कुछ भी बताने की सिचुएशन में नहीं कैन बी प्लीज टॉक लेटर, सागर पिंकी को सुला रहा थाकोई बात नहीं बेटा तुम्हारा जब मन करे तब तुम बता देना ‹ Previous Chapterये उन दिनों की बात है - 37 › Next Chapterये उन दिनों की बात है - 39 Download Our App More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Misha Follow Novel by Misha in Hindi Fiction Stories Total Episodes : 41 Share NEW REALESED Women Focused છપ્પર પગી - 68 Rajesh Kariya Horror Stories ફાર્મ હાઉસ (રહસ્યમય ઘટના) - 8 Dhruvi Kizzu Spiritual Stories નારદ પુરાણ - ભાગ 16 Jyotindra Mehta Thriller અગ્નિસંસ્કાર - 39 Nilesh Rajput Motivational Stories THE CATTLE SHOW forests are for ever Nirav Vanshavalya Travel stories Early Morning Entry In Ahemdabad - 6 Rushabh Makwana Fiction Stories ફરેબ - ભાગ 16 (છેલ્લો ભાગ) H N Golibar Love Stories તારી સંગાથે - ભાગ 1 Mallika Mukherjee Classic Stories દરિયા નું મીઠું પાણી - 23 - એકલી માતા Binal Jay Thumbar Fiction Stories શાપુળજી નો બંગલો - 1 anita bashal