Mahila Purusho me takraav kyo ? - 18 - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 18 - कजरी की कहानी 04

अभय और केतकी की सुलह हो गयी .. केतकी खुश है ..कजरी भी सुलह हो जाने से शान्त है किन्तु उसे अब भी लग रहा है कि अभी तूफान आना बाकि है शायद अभय के परिवार की तरफ से ..
उसी समय गेट पर दस्तक ... मीठी आवाज मे ..जीजू मैं अंदर आ सकती हूँ ? अभय के लिए आवाज अपरिचित .. किन्तु केतकी और कजरी पहचान गयी, कि कौन आयी है । कजरी ने केेेतकी तरफ देखकर अपनी भौंहे मटकाई...केतकी बोली आजाओ .. इजाजत मिलते ही मीठी आवाज वाली वह चुलबुली अंदर आगयी.. उसके आते ही हल्की सी महक पूरे कमरे में फेल गयी ..मुस्कुराते हुए नाटकीय अंदाज मे शरीर को बायें दायें हिलाते हुए नमस्ते कहकर अभय का अभिवादन किया.. अभय उसके सम्मान मे सोफे से खड़ा हो गया ..और बोला ..आइए प्लीज ..केतकी अभय को ऐसा करते देख मन मे सोचने लगी .. ये फौज के संस्कार है जो अभय खड़ा होकर मान दे रहा है ऐसी बाते ही हम सीवीलियनो से फौजी को अलग पहचान देती है।
कजरी ने उसका परिचय दिया ..जीजू यह हमारी कॉलेज मे हमारे साथ पढी है.. ये दामिनी है और महिला थाना अधिकारी है .. हम इसे बिजली बोलते हैं ..अभय ने हां मे सिर हिलाया .. अभय की नजर दामिनी के पीछे गयी ..उसके पीछे भी एक लड़की खड़ी है .. अभय ने पूछा उनका परिचय ? दामिनी बोली ..जीजू ..यह कजरी की छोटी बहिन बदली है.. मै केतकी का घर ठीक से नही जानती थी, इस लिए अपने साथ इसे ले आई ..अभय मुस्कुराकर केतकी की तरफ देखकर बोला ..बादल और बिजली का संगम ..मौसम खराब होने की संभावना है..मूसलाधार बरसात हो सकती है कृपया घरों मे ही रहे , बाहर जाये भी तो छाता अपने साथ जरूर रखें ..दामिनी बोली चिंता मत करो जीजू.. भीगने नही देंगे.. बीच मे ही कजरी बोली.. जीजू ..केतकी छाता बन जायेगी..सब हंसने लगे.. केतकी ने उनको बैठने के लिए इशारा किया .. दामिनी उल्हाने भरे लहजे मे बोली ..आपने शादी मे नही बुलाया ..अभय बोला ..आपसे परिचय तो अब हुआ है ..मुझे उल्हाना मत दीजिए ..अगर देना ही है तो केतकी को दीजिए .. दामिनी बोली जीजू ..हिंदु धर्म में पति पत्नी को एक ही शरीर माना जाता है .. केतकी व आप दोनों एक ही है ।
इस तरह से हंसी मजाक उनमे चल रहा था कि ..दामिनी ने पूछ लिया ..जीजू ..मैने सुना है कि आप फौज में अफसर है । अभय के चेहरे का रंग कुछ फीका हो गया ..केतकी ने बात को संभालते हुए कहा ..हां अफसर ही तो हैं ..अभी ओर प्रमोशन होने वाला है..किन्तु एक्सीडेंट की वजह से छ महिने बाद होगा ।
दामिनी फिर से बोली ..ओह ..मैने सुना था कि अफसर नही सिपाही हैं झूंठ बोलकर रिश्ता किया है .. इतना बोली ही थी कि केतकी बीच मे ही बोल गयी..बिजली तुम कैसी बात कर रही हो ? तुम क्या साबित करना चाहती हो ?..किससे सुना तुमने.. दामिनी बोली केतकी ! तुम्हारे पापा ही किसी से कह रहे थे बार्बर शॉप पर । मेरा फ्रेंड मुश्ताक वही बैठा था उसने सुना था ..उसने मुझे बता दिया.. आज उसी ने फोन पर बताया कि तू आगयी है तो सोचा .. खुद ही जाकर मिल लूं.. शादी की मुबारकबाद भी देखूं ।
कजरी स्थिति को भांपते हुए बीच मे ही बोली.. जीजू.. आप केतकी के रूम मे आराम करिये ..हम सहेलिया कुछ गपशप करेंगी..अभय उठने लगा ..तो केतकी ने कहा ..नही अभय आप बैठो..आपके सामने ही गपशप कर लेंगे.. कजरी ने केतकी की तरफ देखा .. और कुछ नही बोली .. दामिनी बोली यार केतकी जीजू साली मे इतना मजाक तो चलता है , केतकी बोली मैं तुम्हे अच्छे से जानती हूँ ..
केतकी अभय से बोली ..अभय दामिनी का पूरा परिचय मै करवाती हूँ .. पहली बात यह हमारी दोस्त नही है ..कॉलेज मे हमारी सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी रही है .. इसने ऐसा कोई मौका नही छोड़ा जिसमे हमे नीचा दिखा सके .. यह कॉलेज इलेक्शन में कजरी के सामने खड़ी होती थी.. जीतने के लिए सारे हथकंडे अपनाती रही फिर भी एक बार भी नही जीत सकी..
कजरी केतकी को रोक रही है किन्तु गुस्से मे भरकर वह बोले जा रही है.. केतकी की नजर कजरी की बहिन बदली पर पड़ी ..अब बदली पर बरसने लगी ..तू लेकर आई है न इसे ..बदरी बोली ..दीदी इसने कहा था कि आपने सभी एक्स कॉलेज फ्रेंड को बुलाया है इसने कहा ..पहलीबार घर आई हूँ तो घर नही जानती ..तो ..मैं इसे ले आई.. मुझे क्या पता था कि यह जीजू को कुछ ऐसा कहेगी..
दामिनी गुस्से मे नही थी पर गंभीर होकर सब कुछ सुन रही थी जैसा कि वह पहले से जानती हो कि ऐसा रिएक्शन केतकी का होगा..उसे देखकर लग रहा था कि यह बड़ी राजनीतिज्ञ है.. अभय अपने दोनो हाथ उठाकर उन्हें शांत करते हुए बोला, आप शान्त होइए ..ऐसे मत झगड़ो .. दामिनी चुप चाप बैठ गयी ..जीजू आप परेशान मत होइए ..हम ऐसे ही हैं ..दामिनी ने अभय से फोन लिया बोली ..एक कॉल कर सकती हूँ ..हां हां क्यो नही..स्टार और हेस दबाकर फोन खोल लीजिए ..दामिनी ने अपने खुदके नंबर डायल कर उससे मिस कॉल किया और बोली.. जीजू लग नही रहा शायद नेटवर्क प्रॉब्लम है ..
दामिनी केतकी से बोली ..अब मै चलती हूँ बहुत रात हो गयी.. केतकी का गुस्से से नाक लाल हो रखा था उसने कुछ भी नही कहा उसी समय केतकी के पापा आगये .. सभी खड़े हो गये ..दामिनी नमस्ते अंकल कहकर ..वहां से रवाना होगयी .. क्या हुआ बेटा ? खाना खाकर जाओ .. नही अंकल ..

क्रमशः -