Revenge: A Romance Singham Series - Series 1 Chapter 19 books and stories free download online pdf in Hindi

Revenge: A Romance Singham Series - Series 1 Chapter 19

अनिका ने अभय के होंठों को प्यार से चूम लिया। "मुझे असल मायने में सिंघम की दुल्हन बना दो अभय। मैं हर तरीके से तुम्हारी होना चाहती हूं।"

अभय की आंखें अनिका की बात सुन कर फैल गई। अभय उसको किस करने लगा और अनिका बेकरारी से अभय के कपड़ो को उतारने लगी।

"मुझे तुम चाहिए," अनिका ने फुसफुसाते हुए कहा और अभय एक लाइन की तरह अपने होठों को उसके होठों से गर्दन से होते हुए नीचे ले जाने लगा, उस पर जीभ फिराते हुए, उसे स्मेल करते हुए।

"टेक मी नाउ, अभय," अनिका ने रिक्वेस्ट की।

जैसे बस यही मैजिक वर्ड्स को अभय सुनना चाहता था, वोह गरजा, उससे दूर हुआ और अपने कपड़े उतारने लगा। उसने अनिका के शरीर से भी बाकी बचे कपड़े उतार दिया और वहीं जमीन पर फेंक दिए। अभय उसके पास वापिस आया, उसकी बॉडी हॉट हो गई थी, अराउजड थी, उसी तरह से जिस तरह से अनिका चाहती थी।

अभय की उंगलियों ने पहले उसकी ब्रेस्ट को छुआ, फिर पेट की तरफ आया, और फिर उसकी जांघों के बीच। उसने उसके कोर को अलग किया और फिर मुट्ठी में दबोच लिया। धीरे से अभय की बड़ी सी उंगली अनिका के कोर में एंटर हुई और अंगूठा उसके क्लिट को रब करने लगा।

अनिका इस आनंद देने वाले दर्द में भी कराह गई। इस एक हफ्ते में, अभय अनिका के शरीर के साथ यूज टू हो गया था और उसे प्लेजर फील कराता था, पर कभी भी उसके कोर में डीप में नही गया था। उसकी उंगली बार बार अंदर बाहर करने लगी, जो उसके अंदर संघर्ष पैदा कर रहा था, और चाहने की।

जब भी अभय उस जगह छूता जिस जगह छूने से अनिका की डिजायर और बढ़ जाता अनिका अपने प्राइवेट पार्ट को टाइट कर लेती। उसका शरीर बिजली की आग जैसे तड़प रहा था, और इंटेंस प्लेजर का एहसास होने लगा।

"नही!" अनिका ने कहा और ज़ोर से ना में सिर हिलाने लगी। वोह अभय के हाथ बाहर हटाने की कोशिश करने लगी।

अनिका ने अपनी आंखें खोली और अभय का गंभीर चेहरा देखने लगी।

"मैं तुम्हे अपने अंदर लेना चाहती हूं। तुम्हारे साथ ही रिलीज करना चाहती हूं," अनिका ने मांग करते हुए कहा।

अभय ने एक पल अनिका को देखा और फिर कस कर उसे चूम लिया। फिर उसने एक नज़र उस जगह को देखा जहां से दोनो जल्द ही एक दूसरे से जुड़ने वाले थे।

अपने आप को पकड़ते हुए अभय धीरे से उसके अंदर आने के लिए अपने आप को गाइड करने लगा। दोनो ही देख रहे थे और दोनो ही कराह रहे थे, जैसे ही उसकी टिप उसके फोल्ड पर रब कर रही थी और फिर वोह धीरे से उसके अंदर आ गया।

जैसे ही वोह उसके अंदर आया, अनिका की आंखें बंद हो गई। वोह हाफने लगी। यह सच में उसे दर्द दे रहा था।

अभय उसके ऊपर आ कर रुक गया। अनिका ने अपनी आंखें खोली और देखा की अभय उसे ही देख रहा है।

"सांस लो," अभय ने उससे प्यार से कहा। "यह दर्द जल्द ही कम हो जायेगा, और फिर तुम्हे प्लेजर फील होने लगेगा।" अभय ने भरोसा दिलाते हुए कहा।

अभय धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा जिससे अनिका ने अपने नेल्स अभय की पीठ पर गड़ा दिए क्योंकि सुख और दर्द दोनो से ही वोह अंदर लड़ रही थी।

अभय उसकी ओर थोड़ा और झुका और उसके गालों पर धुलकते आंसुओं को अपनी जीभ से पी गया। इतने कठोर और क्रूर आदमी से इतना निर्मल भाव पा कर अनिका का दिल भर आया था। वोह जानती थी की यह सिर्फ उसके लिए है। यही तोह वोह मिसिंग चीज़ थी जो उसके सूनेपन को और दर्द भरी जिंदगी को भर रही थी, जिससे उसे अपने जड़ों के बारे में पता चला था।
जल्द ही अभय ने उसके दिमाग और शरीर को जल्दी बढ़ने, स्ट्रॉन्ग जाने, और डीपर जाने के लिए भर दिया था। अनिका उसके मूव्स को महसूस कर रही थी। उसे अभी भी दर्द हो रहा था पर यह दर्द भी बहुत आनंद भरा था। अनिका ने इस एहसास में खोए हुए अपनी आंखें बंद करली। अनिका ने महसूस किया की अभय की जीभ भी उसके मूव्स के रिदम में ही डांस करते हुए उसके मुंह में अंदर बाहर कर रही है।

एक हल्की सी गड़गड़ाहट अनिका ने कहीं दूर महसूस की। पर उस आदमी ने उसे कहीं और ध्यान देने के लिए समय ही नही दिया बस खुद में ही उसका ध्यान लगाए रखा। अनिका अपना शरीर ट्विस्ट करने लगी क्योंकि वोह भी उसी तरह सेंसेशन महसूस करते हुए अपना कंट्रोल लूज करने लगी थी। अनिका ने अपने शरीर को थोड़ा सिकोड़ लिया क्योंकि वोह भी अभय के नीचे अपना कंट्रोल लूज कर रही थी। अभय ने खुद को उसमे से निकाल लिया ताकी अनिका अपना ऑर्गेज्म रीलीज कर सके। उसने उसे अच्छे से प्यार से थाम लिया क्योंकि उसके अंदर ऑर्गेज्म लहरों की तरह बहाव में रिलीज हो रहा था।

"तुम इस समय और भी ज्यादा खूबसूरत लगती हो," अभय ने हांफते हुए कहा।

अनिका अभी भी ऑर्गेज्म रिलीज कर रही थी, उसका नाम बार बार चिल्ला रही थी, और अभय के एहसासों से भरी हुई थी।

एक बार फिर अभय उसके अंदर आया, इस बार और भी ज्यादा हार्डर, फास्टर, खुद भी कंट्रोल लूज करने लगा। अनिका अपनी धुंधली नज़रों से उसे देख रही थी और अभय उसके अंदर तक उसे अपने प्यार से भर रहा था। अनिका ने महसूस किया की अभय उसके अंदर और बड़ा हो रहा था, ज़ोर से उसका नाम पुकार रहा था, और फिर अपना ऑर्गेज्म फ्लो में बहुत देर तक रिलीज करता रहा।

अगले ही पल दोनो हांफते हुए एक दूसरे के ऊपर अपना सिर से सिर टिकाए ढेर हो गए।

थोड़ी देर बाद अभय रोल होते हुए उसके साइड आ गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया। जब अनिका फाइनली शांत हो गई तोह उसे हल्की हल्की सुगंध आने लगी। उसने पलट कर देखा तोह उस कमरे की बड़ी सी खिड़की पर पानी बूंदें छाई हुई थी।

बारिश हो रही थी।

"बारिश हो रही है!" अनिका हैरानी से उठ कर बैठ गई और बारिश की बड़ी बड़ी ढेर सारी बूंदें खिड़की के ग्लास पर टपकती हुई देखने लगी।

"जानता हूं।" अभय ने उसका हाथ पकड़ वापिस अपने पास लेटा लिया।

"पर बारिश कैसे हो सकती है? यहां तो पिछले तीस सालों से सुखा पड़ा था ना।"

अभय मुस्कुराया। "हां, पर यहां कभी कभी हल्की बौछार हो जाती है। लेकिन इतनी बारिश भी नही होती की फसलों को मदद मिल सके, या कुएं और तलब भर सके ताकि पीने का पानी मिल सके।"

अनिका ने अपनी भौंहे सिकोड़ी। "समझी।"

दोनो एक दूसरे को बाहों में जकड़े हुए बारिश को देख रहे थे।

"अपनी फैमिली के बारे में कुछ बताओ," अभय ने पूछा, उसका हाथ आलस्य से अनिका की पीठ पर था और इमेजेनिरी लाइन बना रहा था।

अनिका का शरीर अचानक कठोर हो गया और यह महसूस करते ही अभय का हाथ भी उसकी पीठ पर रुक गया।

"क्या हुआ?" अभय ने पूछा।

अनिका नही जानती थी की वोह क्या कहे। उसका एक मन तो कर रहा था की वोह अभय को सब बता दे की कैसे झूठ बोल कर उसे इंडिया लाया गया था और फिर उससे शादी करने के लिए ब्लैकमेल किया गया था। पर अपनी बुआ को जानने के बाद, वोह नही चाहती थी की उसकी बुआ यह जाने और गुस्सा हो जाए और फिर उसके परिवार को खतम करने का ऑर्डर दे दे।

उसने सोचा की जब उसे अपने पेरेंट्स और मायरा की सेफ होने की खबर मिल जायेगी तब वोह अभय को सारा सच बता देगी। और तब तक, वोह अपने शरीर को रिलैक्स करने की कोशिश करेगी और अभय के साथ यह मोमेंट एंजॉय करेगी।

"कुछ नही। मैं बस अपने मॉम डैड और सिस्टर को मिस कर रही हूं।"

अभय की उंगलियां फिर से अनिका की पीठ पर चलने लगी। "मैने तुम्हे पहले ही कहा था की तुम कभी भी उन्हे यहां बुला सकती हो।"

अनिका ने आह भरी। "मैं जानती हूं। मैने उनसे बात की थी। उन्होंने कहा है की वोह जल्द ही आयेंगे।"

"गुड। अब अपनी फैमिली के बारे में बताओ," अभय ने फिर पूछा।

"मेरी फैमिली में मेरी मॉम है, सौतेले डैड, और सौतेली बहन मायरा है।"

"यह मैं पहले ही जानता हूं, अनिका। मैं और जानना चाहता....."

"वेट। तुम्हे पता है उनके बारे में?" अनिका ने पूछा, उसका दिल जोरों से धड़क उठा।

"उनके बारे में, हैं। तुमसे शादी करने से पहले, देव ने एक फाइल बनाई थी जिसमे तुम्हारी और तुम्हारे परिवार की सभी इनफॉर्मेशन थी।"

"मैं जानती हूं।"

"तुम जानती हो?"

"हां। मैने हमारी शादी की रात को तुम्हे और देव को बातें करते हुए सुना था। तुम उससे कह रहे थे की, अगर मैने तुम्हारी बात नही सुनी तो, तुम मेरा एक्सीडेंट करवा कर मरवा दोगे और फिर सेनानी से शादी कर लोगे।"

अनिका को अपने कान के नीचे गड़गड़ाहट की आवाज़ सुनाई दे रही थी क्योंकि वोह अभय के सीने पर सिर टिकाए लेटी थी, और अभय बिना आवाज़ किए साइलेंटली हँस रहा था।

"इसमें क्या मज़ेदार है?" अनिका ने घूरा।

अभय ने अपना सिर हिलाया। "जाहिर है मैं उस वक्त मज़ाक नहीं कर रहा था।"

"एक मज़ाक?"

"हां, एक मज़ाक। मैं भी मज़ाक करता हूं, अनिका।" अभय ने मज़ाकिया लहज़े में कहा।

अनिका ने हँसते हुए सिर हिलाया। "मुझे यकीन नही होता की उस वक्त जो मैने सुना था वोह मज़ाक था। उस रात को मैं तुमसे बहुत डर गई थी और सिर्फ उसी रात को नही बल्कि उसके बाद से मैं डरी हुई रहती थी। इस डर से की कहीं तुम मुझे सच में ना मार दो और इसलिए मैं तुम्हारी हर एक बात और ऑर्डर सुनती थी और मानती थी।"

"और इस पूरी सिचुएशन से मैं घृणा करता था। तुम सूखे पत्ते की तरह बस कांपती रहती थी, जब मैं तुम्हारे आस पास होता था।" अभय ने कहा। उसने अपनी के बाल पकड़े और पीछे खींचा ताकी अनिका का चेहरा ऊपर उठ सके और दोनो की नज़रे मिल सके। "जब भी मैं तुम्हे देखता था, मैं टूटता था तुम्हे पाने के लिए इसलिए मैं सच में निर्दय जानवर की तरह हरकत करता था ताकी इसी बहाने थी तुम्हे अपने पास रख सकूं। तुम बहुत खूबसूरत लगती थी हर रात जब तुम मेरे पास बैड पर सोती थी, यह मेरे लिए टॉर्चर होता था।"

"और अब?" अनिका ने धीरे से फुसफुसाया।

"और अब......मैं तुम्हारा दीवाना हो चुका हूं। मैं अब इतना एडिक्टेड हो चुका हूं की अब मुझे नही लगता की मैं अपनी जीभ पर तुम्हारा टेस्ट लिए और अपनी हर सांस से तुम्हारी सेक्सी स्मेल महसूस किए बिना रह सकता हूं।"


अनिका की आंखें बड़ी हो गई जब उसने अभय की काव्यात्मक तरीके से अपनी फीलिंग्स को एक्सप्रेस करते सुना की वोह उसके बारे में क्या महसूस करता है।

"मैं भी तुम्हारी एडिक्टेड हो चुकी हूं।" अनिका ने माना। और फिर धीरे से वोह उसके ऊपर आ गई। "शायद हम दोनो मिलकर एक दुसरे के एडिक्शन का इलाज कर सकते हैं।" अनिका ने कहा और प्यार से अभय के सीने को चूम लिया और फिर वोह चूमते हुए ही नीचे सरकने लगी।

अभय करहाया और उसने अनिका के बाल पकड़ लिए जब अनिका ने उसे मुंह में ले लिया। वोह उसे उसी तरह से प्लेजर फील कराने लगी जिस तरह से उसे अभय ने पिछले कुछ हफ्तों में सिखाया था।

"मैं तुम्हे दुबारा अपने अंदर महसूस करना चाहती हूं," अनिका ने मदहोश भरी आवाज़ में कहा।

"तुम्हे अभी दर्द होगा। शायद मुझसे तुम्हे चोट लग जाए।"

अनिका के चेहरे पर दृणि भाव थे। "मुझे फर्क नही पड़ता। जस्ट टेक मी," अनिका ने अभय को ऑर्डर दिया।

गुर्राने के साथ अभय ने अनिका को पलटा और बैड पर लेटा दिया और फिर धीरे से उसका एहसान उसे वापिस कर दिया। उसने उसके इंटीमेट फोल्ड्स पर अपना मुंह रख दिया वोह तब तक जब अनिका का इंटीमेट एरिया एक बार फिर गीला ना हो जाए और वोह बेचैन ना हो जाए। उसके बाद ही अभय ने उसमे एंटर किया।

अनिका को जलन महसूस हो रही थी, पर फिर भी उसने अभय को रोका नहीं। वोह अभय के हर एक इंच को अपने अंदर महसूस कर रही थी, जो बार बार उसे भर रहा था, हो उन्हे एक कर रहा था। वोह कभी इसका अंत नहीं चाहती थी।

अभय ने अपना सिर झुकाया और अनिका के निप्पल मुंह में ले लिया। उसने उस टाइट सी चीज को तब तक सक किया जब तक अनिका चिल्लाने ना लगे प्लेजर में। उसने फिर दूसरे को मुंह में लिया और वैसे ही किया, और अनिका उसे हार्डली लेने के लिए गिड़गिड़ाने लगी। और फिर अभय ने वोही किया। उसने ज़ोर ज़ोर से पुश किया की बैड का सिरहाना भी थर थर कांपने लगा और बार बार ज़ोर से दीवार पर टकराने लगा।

अनिका उसका नाम चिल्लाने लगी, उसे और करीब खींचने लगी, वोह चिल्ला रही थी की अभय उसे पूरी तरह से अपना बना ले।

और तोह, अभय ने वैसा ही किया। जब उसका ऑर्गेज्म रिलीज हुआ, तोह वोह चिल्लाया, "तुम मेरी हो!"








कहानी अभी जारी है...
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