An Unfinished Love Story - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

एक अधूरी प्रेम कहानी - 4

प्यार में इतना दर्द किसी को ना मिले

आदित्य, पढ़ने में थोड़ा average और लड़कियों के मामले में थोडा कच्चा था उसकी मुलाकात 11th स्टैंडर्ड में ख़ुशी से हुई | ख़ुशी, पढ़ने में अच्छी और अपने Future के बारे में बहुत सोचने वाली लड़की थी

धीरे-धीरे 11th ख़त्म होते-होते वो अच्छे दोस्त बन गए थे और 12th में आदित्य ने ख़ुशी से अपने प्यार का इजहार कर दिया लेकिन ख़ुशी ने इंकार करते हुए बड़े प्यार से उसे समझाया

कि इससे हम दोनो की जिंदगी खराब हो जाएगी क्योंकि हम नाही क्लास में पढ़ाई कर पाएंगे और नाही घर पर, आदित्य को ख़ुशी की बात थोड़ी बुरी लगी लेकिन फिर उसे समझ में आ गया की ख़ुशी सही कह रही है

और उससे अपने Future और पढाई पर Focus करना शुरू कर दिया और अब आदित्य किसी भी लड़की से बात नहीं करता था यहाँ तक की ख़ुशी से भी नहीं क्योंकि उसे लगता था की वो जब भी ख़ुशी से बात करता है

तब उसे अच्छा नही लगता था क्योंकि कुछ दिन पहले तक ख़ुशी उसकी Crush थी और आज वो उसे रिजेक्ट कर चुकी थी और आदित्य इन सब बातों को नजर-अंदाज करते हुए अपने इंटरमीडिएट की परीक्षा में मेहनत करके पूरे स्कूल में फर्स्ट आ गया।

बाद में आदित्य दिल्ली के एक Collage से B.Tech करने लगा और वहां भी वो किसी लड़की से बात नहीं करता था क्योंकि ख़ुशी ने उससे जो भी बातें कही थी कही न कही उसके दिल में बैठ गयी थी

और जब भी उससे कोई लड़की बात करने आती वो मुँह मोड़ लेता वो धीरे धीरे अपने पढाई में और भी अच्छा होता गया और आखिरी में आते-आते वो अपने Collage में भी टॉप 10 की लिस्ट में आ गया

और उसे collage से प्लेसमेंट भी मिल गयी और वो जॉब करने फिर से मुंबई चला गया मुंबई एक बहुत ही बड़ा शहर है जहां एक मोहल्ले के लोग दुसरे मोहल्ले वाले को नही जानते है

वही जब अदित्य Office गया तो उसे वहा खुशी दिखी लेकिन अब ख़ुशी के लिए उसके दिल में कोई जगह नहीं थी और इसीलिए वो हर बार ख़ुशी से छिपता रहता |

इसलिए नहीं क्योंकि वो उससे नाराज था बल्कि इसलिए क्योंकि वो फिर से ख़ुशी की जिंदगी में नहीं आना चाहता था लेकिन वो कहते है न की भगवान की मर्जी के आगे किसी की नही चलती,

एक दिन ऑफिस के कैटिंन में ख़ुशी ने आदित्य को देख लिया और उसके पास जाकर उससे बातें करने लगी, आदित्य के पास भी ख़ुशी से बात करने के आलावा और कोई विकल्प नहीं था

दोनों के दिल में पिछले 4 सालों से जो भी दर्द था उन्होंने एक दूसरे को बताया और खूब सारी बातें की ख़ुशी ने उससे बिछड़ने के बाद अपने सफर के बारे में बताया और आदित्य से उसके बारे में पूछा

जिसके बाद आदित्य को कही न कही लगने लगा था की ख़ुशी गलत नहीं थी और आदित्य को फिर से ख़ुशी से प्यार हो जाता है कुछ दिन बीतता है और दोनों की दोस्ती और भी गहरी हो जाती है

और एक दिन अचानक आदित्य ख़ुशी से बात करते करते उससे अपने प्यार का इजहार कर देता है लेकिन ख़ुशी फिर इंकार कर देती है और जब आदित्य उससे इसकी वजह पूछता है तो वो बताती है कि उसकी शादी तय हो गयी है

और एक महीने बात वो ये जॉब छोड़ देगी। जब ये बात आदित्य को पता चली तो वो एक बार फिर टूट गया जिसके बाद वो अपने आप को संभाल नहीं पाया और एक चिठ्ठी ख़ुशी के लिए छोड़ कर चला गया और ख़ुशी उस ख़त को पढ़ती है जिसमे लिखा था--

मै तुमसे बहुत प्यार करता हूँ लेकिन शायद तुम मेरी जिंदगी में नहीं हो इसीलिये तो मैंने तुम्हे दो-दो बार खोया है कोई भी इंसान इतना बदनसीब कैसे हो सकता है की अपने प्यार को दो बार खोये मै नही जानता कि मैं तुमसे दूर रह के जी पाउँगा की नहीं लेकिन अगर तुम्हे किसी और से शादी करते देख लूंगा तो पक्का जी नही पाउँगा इसलिये मै तुम्हे और इस शहर दोनों को छोड़ के जा रहा हूँ शायद तुम मुझे भूल जाओ लेकिन दूसरी बार मिलने के बाद मै तुम्हे कभी नहीं भूल पाउँगा, मै भगवन से प्रार्थना करूँगा की वो तुम्हे और तुम्हारे होने वाले पति को हमेश खुश रखे,