Mahila Purusho me takraav kyo ? - 31 in Hindi Human Science by Captain Dharnidhar books and stories PDF | महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 31- केतकी अनजान कॉल से परेशान

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 31- केतकी अनजान कॉल से परेशान

केतकी दो घंटे से गायब थी । आदर्श ग्राम मे कौन केतकी को गायब कर सकता है ? पहले तो सभी ने ध्यान नहीं दिया , किन्तु कजरी उसको मंच पर बुलाने वाली थी , तब उसने केतकी को चारों तरफ अपनी निगाहों से ढूंढा था । कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब केतकी को नही पाया तो उसको फोन किया ..फोन बंद आया .. फिर उसे ढूंढना शुरू हुआ .. पंडित केदार नाथ जी ने अपने ग्राम वालों को पूरे ग्राम मे ढूंढने के लिए भेज दिया था । कजरी ऐसा सब होते देख डर गयी .. उसका शरीर पसीने से तर-बतर हो गया ..उसकी हालत देख ग्राम की कुछ महिलाएं उसे विश्राम स्थल ले गयी .. कजरी प्रेग्नेंट भी थी ..सभी महिलाए उसे ढांढस बंधा रही थी .. कह रही थी आप चिन्ता मत करो .. दादोसा की पहचान बहुत है ..पता लगा लेंगे .. कजरी की आंखो से आंसू बह रहे थे ..उसके साथ आई सभी लड़कियां उदास हो गयी थी .. कुछ देर पहले सारा माहौल खुशनुमा था जो एकदम से गमगीन हो गया .. केतकी का पति अभय भी उदास ..चिन्ता उसके चेहरे से झलक रही थी .. दामिनी अब भी उसके पास ही खड़ी थी और उसे देखे जा रही थी ..उसे शांत्वना दे रही थी ..
विश्राम स्थल पर कजरी को एक चारपाई पर बिठा दिया गया .. वहीं पर एक चारपाई पर अपने सिर को पकड़कर बैठी एक युवती को कजरी ने देखा ..कजरी रोते हुए बोली ..केतकी ..ओ केतकी ..सहसा उस युवती ने अपना मुख उपर किया .. कजरी ने कहा ..अरे केतकी तुम यहां बैठी हो ..तुम्हे लोग ढूंढ रहे है ..केतकी बोली क्यों ? . ..क्या हो गया ? मुझे क्यों ढूंढ रहे है ? .. कजरी की बहिन बदली बोल पड़ी ..अरे दीदी आप हमारे साथ दो घंटे से नही हैं , आप बिना बताये यहां आकर बैठी हुई है । हमें क्या फिकर नही होती ?
अब केतकी के चेहरे का रंग उतर गया । उसे भी अपनी गलती का एहसास हो गया .. बदली ने फिर कहा ..दीदी आपने अपना फोन बंद क्यों कर रखा है ? केतकी ने अपने फोन को देखा ..और उसे ऑन कर लिया ..कजरी अब भी शिकायत भरी नजरों से केतकी को देख रही थी ..
विश्राम स्थल में अब पंडित केदार नाथ जी भी आ गये थे .. सबको शान्त रहने का कहते हुए ..उन्होने कहा ..हमारा आदर्श ग्राम मीडिया की सुर्खियां बनने से बच गया .. हम चाहते हैं हमारा ग्राम सुर्खियों में तो आये किन्तु अच्छी बातों के लिए .. केदार नाथ जी ने अपने दोनों हाथ जोड़ते हुए कहा ..अब आप सभी भोजन करले अब चार बजे चौपाल मे मिलेंगे ..
सभी भोजन कक्ष की ओर रवाना हो गये ..
केतकी कजरी को उसकी कमर से पकड़े चल रही है .. कजरी ने केतकी की ओर देखकर पूछा..? क्या जीजू से फिर नोंक झोंक हो गयी .. केतकी ने मुंह से न बोलकर अपना ना मे सिर हिलाया.. केतकी की आखों में आंसू थे पर ढरक नही रहे थे , केतकी ने मानो उनको ढरकने से रोक दिया हो .. केतकी रूहांसी होकर बोली .. मै बाद में बताऊंगी ..
कजरी ने अपने कदम रोक लिए ..हम बाद मे खाना खाने जायेंगे .. क्या बात है ? तुम मुझे सब कहो .. कजरी और केतकी वापस विश्राम स्थल मे जाकर बैठ गयी .. केतकी ने लंबा गहरा श्वास लेते हुए अपने आंसू पौंछते हुए कहना शुरू किया.. यार कजरी कोई है जो मुझ पर नजर रख रहा है .. क्या कह रही हो ? ..हां मैं ठीक कह रही हूं ..मेरे पास नंबर बदल बदलकर चार पांच कॉल आ गये ..वह कहता है .. मैं पहले किसी ओर से शादी करने वाली थी ..फिर .. फौजी अफसर का रिश्ता आया तो कर ली .. इतना ही नही आज मैं कौनसी ड्रेस पहने हुए आई हूं ..कहा पर आई हूं सब पता है .. मैने नास्ते मे क्या खाया है .. यह सब बता रहा था ..कजरी बोली यह कैसे संभव है ? उसने तुके मे कहा होगा ..ड्रेस तो आते हुए देख लिया होगा ..? कहीं यह जीजू की शरारत तो नही है ? ..नहीं ..उसके सामने ही फोन आया था , मै दूर चली गयी थी.. मैं बहुत अपसेट हो गयी थी इस लिए आपके साथ नही थी . ओह.. चलो अभी ..खाना खाने के बाद सोचते हैं ..

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