Mahila Purusho me takraav kyo ? - 37 books and stories free download online pdf in Hindi

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 37 - पति पत्नी मे तकरार ऐसे शुरू होकर

केतकी की सास गुस्से में थी पर, अभय ने अपनी समझदारी से अपनी मॉ का गुस्सा शान्त कर दिया था । केतकी के लिए ससुराल वालों का स्वभाव अपरिचित है । वह नही जानती किसका स्वभाव कैसा है । लेकिन अपनी सास के व्यवहार को देखकर वह समझ गयी कि मेरी सास भी ठीक मेरी मॉ की तरह ही है । फर्क इतना ही है, यह बोलती है, तो' लगता है कि गुस्से में हैं । केतकी अपने परिवार से कंपेयर करके देखती है । उसे लगता है मेरे पापा को गुस्सा आता है इधर मेरी सास को गुस्सा आता है । केतकी ने खाना खा लिया और रसोई के बर्तन साफ करके अपने कमरे में चली गयी ।
इस तरह केतकी की दिनचर्या चलने लगी वह अपनी सास का हाथ बटाती और हारी थकी विश्राम करने अपने रूम में चली जाती । अभय की छुट्टियां भी खत्म होने को आयी, अब अभय की छुट्टी खत्म होने की बात दिन मे एक दो बार चल जाती , अभय का चेहरा उदास हो जाता । वह कहता ..आप रोज याद दिलाते रहते है । मेरा मन करता है आज ही चला जाऊं ।


उस समय फोन पर बात करने के दोनों तरफ से पैसा कटना बंद हो गये थे । इंटर्नेट में 2 जी का चलन था । रंगीन स्क्रीन के फोन शुरू हो गये थे । सुनने में यह भी आता था कि एंड्रॉयड फोन भी बाजार में आने वाले हैं जो टच स्क्रीन से चलेंगे , उनमें केमरा भी होगा । हालाकि कुछ रंगीन स्क्रीन व ब्लेक एंड व्हाईट फोन मे भी केमरा आने लगा था । लोगों को इंटर्नेट चलाने की जानकारी कम ही थी । हां कुछ लोग चलाने लगे थे । रेल विभाग ने अपनी टिकट ऑन लाइन करना शुरू कर दिया था । किंतु इसमे समय बहुत अधिक लगता था । केतकी के ससुराल में लैंडलाइन फोन व अभय और उसके पापा के पास ही मोबाइल फोन था । फोन रिसीव करने वाले के पैसे कटना बंद हो गये थे , तो अब अनजान कॉल को भी लोग उठा लेते थे । पहले जरूरी कॉल ही उठाते थे ।
सब जगहों पर टावर नही थे इस लिए घरों मे लैंडलाइन फोन व बीएसएनएल का ही सिम था । अभय की फौज में फिल्ड में पोस्टिंग जब होती थी, तब वहां पर बीएसएनएल ही काम करता था ।

अभय ने केतकी को चायना का एंड्रॉयड फोन गिफ्ट किया उसे लेकर केतकी बहुत खुश थी । अब उसके फीचर समझने में देर रात तक जागती रहती । नये फोन की जानकारी अपनी सभी सहेलियो को फोन करके दी , मुझे अभय ने फोन गिफ्ट किया है उसी से फोन कर रही हूँ । केतकी को मोबाइल का चस्का ऐसा चढा कि वह खाली समय मे फोन पर लगी रहती । फोटो खीचती रहती । बुआजी अपने ससुराल जा चुके थे । अब सास बहु ही दिन मे घर पर रहते थे । केतकी की सास फोन लगाना नही जानती थी , हां फोन चालु करके कोई देदे तो बात कर लेती थी ।
एकदिन --
केतकी ने पूरे फोन का टॉक टाइम एक ही दिन में खत्म कर दिया । उसने अभय से कहा ..मेरे फोन में बैलेंस खत्म हो गया है । अभय बोला कल ही तो डलवाया था । अभय ने गंभीर होकर कहा केतकी थोड़ा कंट्रोल करो .. अभय ने अपनी पहचान के व्यक्ति को फोन किया और उसमे बैलेंस डलवा दिया । उस बैंलेस में तुरंत 30 रूपये कट गये। बैलेंस कम हो जाने से केतकी ने अभय से कहा इसमे तो 30 रूपये कट गये । कस्टमर केयर से बात की तो पता चला कि रिंग ट्यून चालू है । अभय ने उसे बंद करवा दिया । मन ही मन अभय झुंझला रहा था मैने फोन देकर गलती कर दी । थोड़ी देर बाद केतकी को फिर फोन करते देखा ..अब अभय ने उसे टोक दिया ..यह क्या है ? बार बार, किसे फोन करती हो ? अभय का इस तरह से टोकना केतकी को बर्दाश्त नहीं हुआ ..उसने फोन कट करके फोन अभय की ओर फैंक दिया ..यह लो अपना फोन ..मुझे नहीं चाहिए। फोन खुलकर बिखर गया .. अभय ने भी फिर ...सख्त लहजे में कहा.. तुम गवार हो क्या ? पढी लिखी होकर ऐसी हरकत कर रही हो । अब तो केतकी नागिन की तरह गुस्से में भर गयी.. फिर बोलना शुरू किया .. गंवार तो मैैं नही तुम हो ..तुम झूठे हो फरेबी हो ..तुमने झूंठ बोलकर मुझसे शादी की .. अभय थोड़ा नर्म होकर ..देखो मैंने कोई झूंठ नही बोला .. मैने अफसर का एक्जाम दिया था ..मेरा कन्फर्म हो गया था ..इसलिए कह दिया था ..और अफसर तो मैं छ महिने बाद मेरी कैटिगरी अप होते ही बन ही जाऊंगा । केतकी ने बात काटते हुए कहा कि तुम बने तो नही न ? कस्तुरी भी इनकी बहस सुनकर पास आ गयी । क्या हो गया तुम दोनो को ऐसे क्यो झगड़ रहे हो ?
केतकी ने अपनी सास को कहा मा आप मत बोलो ' हमारे बीच ...
किरायेदार की पत्नी भी अपने रूम से बाहर आकर देखने लगी .. केतकी ने उसे देखकर ...अंटी जी आप भी अंदर जाइए ' यह हमारा आपस का मामला है .. किरायेदार की पत्नी अंदर चली गयी पर कान लगाकर सब सुन रही थी । अभय को दामिनी ने बताया था कि केतकी गुस्से मे हो तो किसी की नही सुनती , उस समय या तो इसे सुनो या चले जाओ । अभय ने बाहर जाना ही बेहतर समझा । अभय घर से बाहर चला गया ...