Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 10 books and stories free download online pdf in Hindi

Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 10

तकरीबन एक घंटे बाद, नील अपने कंधे की तरफ देख रहा था जब वो गांव से वापिस अपने उस एकांत अंडरग्राउंड बनाए गए कमरे में आ गया था। एक साल पहले उसने यह ठिकाना अपने एक विश्वसनीय इंसान को मदद से छुपने के लिए बनवाया था। उसने कभी नही सोचा था की इसे उस तरह इस्तेमाल करेगा जिस तरह वोह अभी कर रहा था।

उसे अभी भी खुद पर विश्वास नही हो रहा था की वोह यह काम करने के लिए तैयार हो गया था जैसे ही उसे यह पता चला था की जिसे किडनैप करना है वोह नर्मदा है।

वोह तोह इस काम के लिए मना करने वाला था पर जब उसके क्लाइंट ने उसे यह बताया की नर्मदा की किडनैपिंग के बदले उसे वो मिल सकता है जिसकी तलाश उसे इतने सालों से थी तो वो मान गया।

वोह फूस से बने उस झोपड़ी के पीछे की ओर गया और कुछ ढाका हुआ था उस पर से उसका कवर उठाया तो उसमे से छोटी पानी की टंकी जैसी दिखी। उसने एक बटन दबाया ताकी सारा पानी निकल जाए और फिर उसकी कुंडी खोल दी। वोह उस पानी की टंकी में घुसा। उसमे एक सीढ़ी बनी हुई थी, उस्से वोह नीचे उतरने लगा और नीचे पहुंच कर उसने एक और बटन दबाया। वोह इंतजार करने लगा जब तक की लॉक अब बंद हो जाए और मोटर से वापिस पानी टंकी में पूरा ना भर जाए।

जब यह ठिकाना बनाया जा रहा था तब नील ने इसका स्ट्रक्चर तैयार करने में बहुत एंजॉय किया था। मजदूरों को ढांचे के बारे में हर एक इंच पता था और यह भी की कैसे ऑपरेट किया जाता है, पर भले ही वोह कॉन्ट्रेक्टर के भारसोमंद आदमी थे, नील को उन पर भरोसा नही था।

नील ने अपने मददगारों को बोला था की कॉन्ट्रैक्टर किसी दूसरे दूर के शहर से लाए, और उन्हे इस तरह से रखा जाए की उन्हे यह पता ही ना चले की वोह खुफिया ठिकाना कहां बन रहा है।

जो जमीन के अंदर खुफिया ठिकाना बनाया गया था उसके कई एंट्रेंस और एग्जिट थे, जिन्हे नील ने बस अपने दिमाग मे रखा हुआ था।

उस स्ट्रक्चर का ज्यादा तर हिस्सा अंडरग्राउंड था बस घर के एक साइड को छोड़ कर जिसमे ग्लास की दीवार थी जहां से घना जंगल नज़र आता था। वोह दीवार ग्रीनरी की वजह से छुपी हुई रहती थी और उसका कलर भी ऐसे डिजाइन किया गया था की वोह नज़र नही आती थी।

वोह नील का घर था, पर वोह अंदर ही अंदर जनता था की इसमें कभी कुछ भी घर जैसा नही लगा था।

नील ने जब अपने टू बैड रूम अंडरग्राउंड फ्लैट के लिविंग रूम में कदम रखा तो उसे चारों ओर सन्नाटा मिला। वोह नही जनता था की वोह क्या उम्मीद कर रहा था, पर वोह इतनी शांति तोह बिलकुल भी उम्मीद नही कर रहा था, खासकर जब नर्मदा आसपास हो। उसने पहले बेडरूम और फिर बाथरूम में चेक किया जब उसे वोह नज़र नही आई। वोह जानता था की नर्मदा यहां से बाहर नही निकल पाएगी, पर वोह आसपास भी दिखाई नही दे रही थी।

"नर्मदा," नील ने उसे द्रिणता से पुकारा पर सामने से कोई जवाब नही आया।

नील ने दूसरा बाथरूम भी चैक किया और फिर किचन भी, और अब वोह बस सुरंग के रास्ते से होते हुए अपनी गाड़ी की तरफ जाने ही वाला था की, उसने उसकी आवाज़ सुनी। धीमी धीमी आवाज़ सुनाई पड़ रही थी, पर उसने उसे सुना जरूर था और फिर उस दिशा की तरफ बढ़ गया जिस ओर से आवाज़ आ रही थी।

वोह मुस्कुराया जब उसने यह रियलाइज किया की नर्मदा ने वोह रास्ता खोज लिया था जो कांच की दीवार में ही बालकनी में जाने के लिए खुलता था, जिसके चारों ओर लंबे लंबे पेड़ थे।

नील ने धीरे से दरवाज़े को खोलने के लिए स्लाइड किया तोह नर्मदा को जमीन पर अपने घुटने मोड़ सोता हुआ पाया। कुछ अंदर गहराई में टीस सी उठी, और नर्मदा की हल्की हल्की खर्राटों की आवाज़ से उसकी नसों में कुछ जलता हुआ महसूस हुआ। उसे अपने सामने का नज़ारा बिलकुल भी पसंद नही आया था, वोह उसे बच्चों की तरह ज़मीन पर पड़े हुए बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था।

जिस नर्मदा को वोह जनता था वोह, वोही थी जो पिछले बारह घंटे से उसे तोड़ने की कोशिश कर रही थी। एक पल ऐसा था जब नील उसके दर्द को भी महसूस कर सकता था, पर वोह जनता था की नर्मदा के इमोशनल ब्लैकमेल के बदले वोह उसे कुछ नही दे सकता था।

नील ने एक गहरी सांस ली और उसकी ओर अपने कदम बढ़ा दिए। वोह झुका और उसे अपनी बाहों में उठा लिया। वोह हल्का सा नींद में कराहई, नींद में खुद ब खुद नर्मदा के हाथ नील की गर्दन में लपट गए जैसे की उसके लिए यह सामान्य बात हो। नील एक दम से जम गया जब उसे अपनी गर्दन पर नर्मदा की गरम सांसे महसूस हुई—ऐसा महसूस हो रहा था की यह बहुत जाना पहचाना है।

नील ने हल्का सा अपने सिर को झटका ताकि अपने दिमाग में कोई भी उससे जुड़ी याद ना आए।

उसने अंदर आने के बाद बटन दबा कर दरवाज़े को सील कर दिया जो दीवार के अंदर था।

छह साल पहले— नील जवान था, नर्मदा भी जवान थी— नील एक मिशन पर था और तब भी, उसने उसे अपने करीब आने दिया था। वोह उसके करीब आने वाली पहली और आखरी लड़की थी, इतने करीब की उसने उसकी डेविल सोल को तक देख लिया था।

नील बड़े वाले बेडरूम में चल कर आया और बड़े ही आराम से नर्मदा को बिस्तर पर लेटाया। वोह पूरी उम्मीद कर रहा था की नर्मदा को अपनी बाहों से उतार देगा तो वो सुकून से सो जायेगी, पर इसकी बजाय, नर्मदा ने नींद में ही उसे अपने करीब खींच लिया। उसने उसके करीब ना जाने की पूरी कोशिश की और अपने ऊपरी शरीर को सहारे से रोक लिया, पर यह भी उसे उसके करीब बिस्तर पर ही लेटने से रोक नही पाया था। वोह तुरंत उठ खड़ा हुआ और उस पर से अपना हाथ हटा लिया और उसे देखने लगा। बिलकुल भी ऐसा नही लग रहा था की नर्मदा अब भी उठेगी।

नर्मदा ने अपनी साइड करवट बदली और अगले ही पल, उसके हल्के धीरे dhir खर्राटों की आवाजाने लगी जो नील को अपने कानों में किसी गाने की धुन की तरह लग रहे थे।

नील बहुत थका हुआ था, और उसकी आंखें भी इस वक्त जल रही थी, पर कुछ तोह था ऐसा जिस तरह से नर्मदा खर्राटे ले रही थी वोह नील के लिए बहुत रिलैक्सिंग था। नील उससे थोड़ा दूर हुआ और वहीं उस बड़े से बिस्तर पर सिरहाने पर अपनी पीठ टिकाए बैठ गया। उसके ऊपर सुकून हावी होने लगा जब वोह उस औरत को निहारते जा रहा था जो उसके खयालों में ही छाई हुई थी जब से वोह उससे मिला था।

उन्नीस साल की उम्र में, वोह कभी भी उसकी जैसी लड़की से मिला नही था। उसकी उम्र की लड़कियां ड्रामा क्वीन होती हैं, और बहुत ही नखरे दिखाती हैं, और वोह जो नाजुक सी होती हैं जो खुद के लिए कभी लड़ नही सकती अपनी रक्षा नहीं कर सकती, पर नर्मदा, उसमें कुछ अलग था कुछ खास। दुनिया में ऐसा कुछ नही था जो नर्मदा को परेशान कर सके या डरा सके। वोह स्मार्ट लड़की थी, और उसका हाजिर जवाब देना नील को हँसा ही देता था जैसे की पिछले उन्नीस सालों में वोह कभी हँसा ही नही हो।

उसने अपना सिर सिरहाने पर पीछे कर लिया और अपने आप को नींद के आगोश में आने दिया, उसकी नज़रे उस औरत के गालों पर सूखे हुए आंसुओं पर चली गई जो उसे अपने संकल्प को तोड़ने के लिए हर वक्त धमका रही थी।

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मैंशन बहुत ही सुन्दर था—दूर दूर तक गार्डन फैला हुआ था और उसमे एक तालाब भी था जिसमे कमल के फूल खिले हुए थे। एक छोटे से बच्चे ने एक खूबसूरत औरत का हाथ पकड़ा हुआ था और वोह औरत उस बच्चे को तालाब की ओर ले जा रही थी। ठंडी ठंडी और ताज़ी हवाएं चल रही थी और इससे वोह छोटा बच्चा खूब हँस रहा था।

जैसे ही वोह दोनो फाउंटेन, एक हल्की सी धुंध उस बच्चे की स्किन पर छा गई जिससे उसे गुदगुदी सी महसूस हुई और वोह ज़ोर ज़ोर से हँस पड़ा।

वोह औरत उस बच्चे को अपनी गोद में उठाने के बाद उस की ओर मोह से मुस्कुराने लगी।

वोह बच्चा कमल की पंखुड़ियों को पकड़ने के लिए उस औरत की गोद में ही कमल की तरफ झुकने लगा ताकि उस औरत को उस ओर आगे बढ़ने के लिए फोर्स कर सके।

उस बच्चे के आगे एक दम से आग आ गई, पर वोह बच्चा डरा नहीं—बल्कि वोह हैरान सा खड़ा था और यह सोच रहा था की उस आग को हटाने के लिए क्या करे, पर वोह आग उसके साथ जो औरत थी उसको अपनी चपेट में ले गई।

नील झटके से उठ बैठा, उसके माथे पर पसीने की बूंदे छा गई। उसका दिल उसके सीने में जोरों से धड़क रहा था, और वोह फिर बिना हिले वापिस उस अंधेरे में लेट गया और सोचने लगा जो भी उसने अभी नींद में देखा था।

यह एक सपना था—एक बुरा सपना—वोह जो उसे सालों से आया नही था।

वोह औरत कौन थी और वोह बच्चा कौन था, और वोह हमेशा उस औरत के साथ बुरा होते हुए ही सपनों में क्यूं देखता था?

उसकी सांसे तेज़ चलने लगी, डर ने उसके दिल और दिमाग पर काबू कर लिया था। वोह कुछ पल तक यूहिं किसी लाश की तरह लेटा रहा और धीरे धीरे उसके सीने में अब वोह जबरदस्त डर की बजाए उसके दिल ने जगह ले ली थी, और धीरे धीरे ढोल नगाड़े जैसा कुछ बजने लगा था जब उसने महसूस किया की वोह नर्मदा के बगल में ही लेटा हुआ है।

उसने गहरी सांस ली और उसके कोमल शरीर को जान गया जो अंधेरे में उसके ऊपर करवट बदलती हुई आ गई थी। पहले उसके दिमाग में यहां से उठ कर जाने का ख्याल आया, पर फिर वोह अपनी सोच में ही लेटा रह गया, नर्मदा का शरीर नील के शरीर के मुताबिक कर्ल करा हुआ था, और नील को नर्मदा की गर्म सांसे अपनी गर्दन पर महसूस हो रहीं थी।

नील रात भर अपने मंजिल की ओर बढ़ने के लिए प्लानिंग करता रहा, पर उसका दिल उसे कह रहा था की उसे अब अपने शिकार करने को आराम देना चाहिए, और उसने कंट्रोल कर लिया।

उसने अपने दिल की इच्छा को मान लिया, जो अब तक एक रक्त संचार करने वाला अंग था और उसमे निर्णय लेने को कोई क्षमता नही थी।

उसके दिल ने उसके दिमाग को यह भी कहा की अभी सबसे ज्यादा जरूरी है की नर्मदा को डिस्टर्ब नहीं किया जाए जब वोह इतने सुकून से सो रही है।





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कहानी अभी जारी है...
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