Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 13 in Hindi Love Stories by Poonam Sharma books and stories PDF | Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 13

Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 13

नील ने बालकनी के दरवाज़े पर ज़ोर से हाथ मारा।
"खोलो इसे।"

“जाओ यहाँ से। आई हेट यू!“

नर्मदा ने चौबीस घंटे से कुछ नही खाया हुआ था। और नील को अब उसे जबरदस्ती कुछ खिलाने की जरूरत थी। “मैं यहाँ तुम्हे कोई प्यार करने के लिए नहीं हूं। यह मेरा काम है जो मैं कर रहा हूं, और उस काम का यह हिस्सा है की मैं तुम्हे वन पीस में डिलीवर कर दूं।”

दूसरी तरफ से कोई आवाज़ नही आई, पर कुछ पल बाद बालकनी का स्लाइडर गेट खुला, नर्मदा आई नील पर धाबा बोलने।

“क्या सोचते हो तुम मेरे बारे में, की क्या हूं मैं? डिलीवर करने के लिए कोई पार्सल?“ नर्मदा ने उसके चेहरे पर चिल्लाते हुए कहा।

नील हँसने लगा। उसने नर्मदा की दोनो कलाई पकड़ी और उसे खुद से थोड़ा दूर किया।

उसका हँसना नर्मदा के अंदर और चिढ़न पैदा कर रहा था। “शायद मुझे तुम्हे मार देना चाहिए। मुझे यह भूलने की जरूरत है की तुम कभी मेरे दोस्त थे।”

“सच में?“ नील ने उसे ताना मारते हुए कहा।

नर्मदा ने अपना कंधा नील के सीने पर मारा और उसके पंजों पर अपने पैरों से मारने लगी। वोह जानती थी की नील उस से काफी ताकतवर है, वोह काफी स्ट्रॉन्ग है पर फिर भी इस वक्त वोह इतना गुस्सा थी की कुछ भी सोचने समझने की शक्ति में नही थी।

“मैं तुम्हे अपने इन हाथों से मार सकती हूं,” नर्मदा चिल्लाई और फिर नील के सीने पर दाँत काटने लगी।

नील कराह गया पर उसका करहाना नर्मदा को प्लेजर दे रहा था। और वोह ऐसा प्लेजर था जिसकी नर्मदा को उम्मीद नही थी। उसके दांतो के नीचे नील का शरीर महसूस कर उस के शरीर में सिरहन सी पैदा हो गई। और उसने नोटिस किया की उसके शरीर में कुछ बदलाव जैसा हुआ। नर्मदा के हाथ अभी भी नील के पीछे एक दूसरे से जुड़े हुए थे और उसका सीना नील के सीने से जुड़ा हुआ था। नर्मदा ने धीरे से अपना सिर उठाया और नील की गहरी आँखों में देखने लगी।

नर्मदा के तेज़ चलती दिल की धड़कन उसे उसके शरीर से निकलने की धमकी दे रहा था जब वो नील की आँखों में एकटक देख रही थी, साथ ही नील की नज़रे भी उसी पर थी।

नील की नज़रे उसकी आँखों पर थी, उसके बाद उसके होंठों पर आ गई और फिर वापिस इसके आँखों पर आ गई। और इस वक्त नर्मदा जानती थी कि दोनों ही एक दूसरे की नजदीकी से एक जैसा ही महसूस कर रहे हैं। नर्मदा उसकी सांसे अपने गालों पर महसूस कर रही थी, उसके कुछ पल बाद ही नर्मदा की पीठ पर जो नील का हाथ कसा हुआ था वह उसने ढीला छोड़ दिया।

जैसे ही नील ने उसे फ्री किया, नर्मदा ने अपने हाथ उसकी बांह पर से ले जाते हुए उसकी गर्दन में फंसा लिए, और अगले ही पल, नील के होंठ नर्मदा के होंठों पर आ गए जैसे वोह उसकी सांसे ही खींच लेगा।

नील के हाथ नर्मदा की पीठ पर चल रहे थे और उसे अपने और करीब कर रहे थे जबकि नर्मदा ने अपना चेहरा कुछ तिरछा कर लिया था ताकि नील उसे डीप किस कर सके।

किस की बढ़ती त्रिवता से नर्मदा की सांस फूलने लगी और उसने अपनी पकड़ नील की गर्दन पर और कस दी। नर्मदा मीठा दर्द महसूस कर कराह गई जब नील अपने दांतो के बीच उसका निचला होंठ चूस रहा था। नर्मदा की उंगलियों में नील के कुछ बाल फंसे हुए थे ताकि वोह उसे अपने करीब कर सके।

नर्मदा की पीठ को दीवार से लगा कर नील उसके मुंह में ही कराह गया। उसने नर्मदा के अंदर कई नए एहसास जगा दिए थे। उसकी चाहत उसकी इच्छा सब बेकाबू होती जा रही थी जैसे की उसने नील के कंधे पर हुक की तरह अपने हाथों को लपेटा हुआ था और उसकी कमर पर अपने पैरों को लपेट रखा था। नील की भी उंगलियां नर्मदा के जिस्म में गड़ी हुई थी जो उसे उसे पूरे प्लेजर महसूस करा रही थी।

नील के एक हाथ ने उसके हिप्स के कर्व को उसकी स्मूथनेस को एक्सप्लोर करने के बाद उसके ब्रेस्ट पर चले गए। उसके टाइट निप्पल उसे अपनी हथेली पर महसूस हो रहे थे। वोह किसी लड़की के जिस्म को छूने के लिए अंजान नही था पर नर्मदा बाकियों से अलग थी।

बल्कि आज से छह साल पहले जब नर्मदा यंग थी तब भी उस में वोही पैशन था जब नील ने उसे पहली बार किस किया था। पर तब उनका किस शुरू ही हुआ था की नील उस से अलग हो गया था। पर इस वक्त, नील उसे ऐसे किस कर रहा था जैसे की उसकी जिंदगी इसी पर निर्भर है। उसे तो यकीन ही नहीं हो रहा था की उसके पास ताकत ही नही है उसकी करीबी से लड़ सके और वोह असहाय महसूस कर रहा था इसलिए की वोह उसे अपनी बाहों में समेट सके।

“नील...“ नर्मदा उसके होंठों पर ही बुदबुदायी। नील कराह गया, उसका मन किया की नर्मदा की टी शर्ट अभी दो टुकड़ों में फाड़ दे। “मैं....मैं....“ नर्मदा बोलते बोलते रुक गई जब उसने नील की पैंट की पॉकेट में उसका फोन बजता हुआ महसूस किया।

“फक!“ नील दहाड़ा और उसे अपने होंठों से दूर किया लेकिन उसे अपनी बाहों में से अलग नहीं किया। उसकी आँखें नर्मदा की आँखों में ही खोई हुई थी।

नर्मदा ने फोन की घंटी की आवाज़ अनसुना कर के नील के होंठ वापिस अपने होठों में ज़ब्त कर लिए और उसका सिर अपने बहुत करीब कर लिया।

एक पल के लिए नील स्तब्ध रह गया और अगले ही पल वोह फिर से उसका साथ देने लगा। अब नील के दोनो हाथ नर्मदा के गालों पर आ गए और होंठ अभी भी उसके होंठो से जुड़े हुए थे।

“इसे रोकना होगा।” नील ने कहा।

“नही....“ नील ने नर्मदा को बोलते बोलते रोक दिया। नील उस से अलग हुआ, उसे नीचे उतारा, और थोड़ा दूर हो गया। उसने अपने पैंट की पॉकेट से अपना फोन निकाला जो अभी भी बज रहा था।

“हंटर,” नील ने अपने तेज़ आवाज़ में गुर्राते हुए कहा, वोह अभी भी अपनी उखड़ती सांसों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा था। “हाँ....कर सकते हो, हैंग ऑन।”

नील नर्मदा की तरफ पलटा और उसे अपना फोन पकड़ा दिया। “राज तुमसे बात करना चाहता है।”

“स्पीकर का बटन ऑन करो,” नर्मदा लगभग उसे कमांड देते हुए कहा और अपने गीले होंठों को अपने हाथ के बैक साइड से साफ करने लगी। उसकी आँखें इस वक्त नील को ऐसे घूर रही थी मानो धमका रही हो की उसकी आज वोह रूह को उसकी खाल से बाहर निकाल फेंकेगी।

नर्मदा नील को उसके फोन का म्यूट बटन को अन म्यूट करते हुए और फिर स्पीकर का बटन ऑन करते हुए देख रही थी।










***
कहानी अभी जारी है...
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