Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 23 books and stories free download online pdf in Hindi

Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 23

“मुझे यह सबसे अच्छा लगा।” नर्मदा होटल के बाथरूम से बाहर निकली थी जिसमे वो एक रात के लिए रुके थे, उसने उनमें से एक ड्रेस पहनी थी जो उसने नाइट आउट के लिए खरीदी थी।

नील ने अपनी नज़रे अपने फोन से उठा कर उसकी ओर देखा, और नर्मदा ने उसकी सांस अटकते हुए उसे चुपके से देख लिया। वोह मैजेंटा रंग की फ्लोरल ड्रेस में गोल गोल घुमाने लगी, जो की उस पर बहुत जच रही थी। कमर पर जो बेल्टेड स्टिच था उस से उसकी कर्व्स बहुत शानदार दिख रहे थे, और ड्रेस का दीप कलर उसका रूप और निखार रहा था।

“मैं इसे तुम्हारी तरफ से तारीफ के तौर पर ले लेती हूं जो भी तुमने देखा,” नर्मदा ने अपनी एक आँख दबा दी।

“इससे कोई फर्क नही पड़ता की मुझे पसंद आया की नही, तुम्हे पसंद आना चाहिए। यह तुम्हारा नाइट आउट है,” नील ने पलट कर जवाब दिया।

“वैल, टेक्निकली तुम मेरे डेट हो...ओके, तो ड्रेस ठीक है। पर मैं चाहती हूं की तुम यहाँ मेरे पास आ कर खड़े हो जाओ ताकि मैं अपने शूज सेलेक्ट कर सकूं।” नर्मदा और नील होटल में चेकिन करने से पहले शॉपिंग पर गए थे, और नर्मदा ने जबरदस्ती उस से खूब शॉपिंग करवा डाली थी। उसने ऐसे शॉपिंग की थी मानो धरती पर उसका आज आखरी दिन हो। कई सारे शूज और ड्रेसेस के साथ बहुत सारा मेकअप का सामान से उसने पूरा कमरा भर दिया था।

“क्या?“

“इतने सवाल मत पूछो, नील। प्लीज़ खड़े हो जाओ।” नर्मदा उसके करीब ही पहुँच गई थी अपने हाथ में दो जूते के बॉक्सेस लिए। उसने एक बॉक्स खोला और उसमे से हाई हील निकाला और पहन लिया। उसका सिर नील के चिन तक पहुँच रहा था।

“तुम इसमें डांस करने का सोच रही हो?“ नील ने नाक से गहरी सांस छोड़ते हुए कहा।

नर्मदा ने उसे चुप कराया और दूसरे बाइक्स से हाई हील्स निकाल कर पहन लिए। अब वोह पहले से और लंबी दिख रही थी, उसकी आँखें नील की आँखों से थोड़ा ही नीचे थी। बहुत देर तक वोह उसकी आँखो में देखती रही। “मुझे लगता है की आज रात के लिए यह हील्स बहुत ज्यादा ऊंची है।”

“क्या हर रात के लिए अलग अलग हील हाइट होती है?“ नील ने अविश्वास से अपना सिर हिला दिया। नील अपनी कुर्सी पर बैठ गया और नर्मदा दूसरे हील्स ट्राई करने लगी जिसमे कम हील्स थी।

वोह उसके करीब हुई, उसे वापिस खड़ा किया और अपना एक हाथ उसके कंधे पर रख दिया। उसके गाल नील के सीने तक आ रहे थे। “मुझे यह ज्यादा पसंद आया।”

नर्मदा ने गहरी सांस ली और उसकी आँखों में देखते हुए अपने तेज़ धड़कते दिल को नियंत्रित करने लगी। नील ने एक शब्द नही कहा, उसे कहने की जरूरत भी नहीं थी, उसकी आँखें ही सब बयां कर देती थी, उसकी आँखें उस से बात कर रही थी, उसे वोह हर बात बता रही थी जो उसके लिए जानना जरूरी था।

“मुझे अपना बना लो, नील,” नर्मदा ने अपना हाथ उसके सीने पर सहलाते हुए कहा।

“नर्मदा....“

“प्लीज़, मुझे नही पता की मेरा फ्यूचर क्या होगा। मेरी जिंदगी पर मेरा कंट्रोल है हो नही, मुझे बस यह रात दे दो, मेरे बन जाओ।”

नील असहजता से हल्का सा पीछे हुआ जब नर्मदा ने अपने गाल उसके सीने पर रख दिए। “यह सही नही है, हम एक साथ नहीं...“

नर्मदा ने उसे अपनी बात पूरी करने नही दी। उसने अपनी हील्स का फायदा उठाते हुए उसके और करीब हो कर उसके होंठों तक पहुँच गई। वोह तीव्र इच्छा से उसके बालों में अपनी उंगलियां फंसती हुई उसके होंठों पर अपने होंठों को रख चुकी थी।

नील उसके होंठों में ही तेज़ कराह गया और इस किस से लड़ने लगा। नील उसका साथ नहीं दे रहा था बल्कि उसने अपने होंठो को कठोर बना लिया था।

“किस मी, नील।” उसकी आवाज़ में आधा आदेश और आधा इल्ताजा थी।

उसके शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गई जब उसने अपने दांतों से उसके होंठों को काट लिया। उसने अपने हाथ को उसके बालों से हटा कर उसके गालों पर रख दिए। उसने अपने आप को एंगल कर लिया ताकी किस को फॉर्सफुली और डीप कर सके। उसने अपन शरीर उसके शरीर से बिलकुल चिपका लिया और उसका हार्ड रॉड उसे अपने पेट पर महसूस होने लगा।

नर्मदा को स्वर्ग सा आनंद आ रहा था, उसके होंठ उसके होंठों पर थे, उसका दिल उसकी हरकत की वजह से तेज़ी से धड़क रहा था, और आखिर उसके दिल ने यह लड़ाई जीत ही ली थी। उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था जब उसकी भावनाओं का तूफान उसे अपने अंदर समाने के लिए धमका रहा था। उसके पास कोई वजह नही थी इस से लड़ने की। जब से उसने उसे पहली बार किस किया था तब से वोह उस पर अपना हक जताना चाहती थी। वोह उसके प्यार में छह साल पहले ही पड़ चुकी थी पर बहुत ही ज्यादा अभिमानी और अडिग हो रही थी स्वीकारने से।

वोह अब अपने आप को और बेवकूफ नही बनाना चाहती थी और अब क्लियरली जान गई थी की आखिर वोह क्या चाहती है। उसे बस वोह ही चाहिए था, किलर हो या हंटर, वोह उसका था, और वोह उसकी होना चाहती थी—हमेशा हमेशा के लिए।

अचानक से नर्मदा की आँखें खुल गई जब नील ने अपने होंठो को उस से दूर किया। वोह उस से अब भी चिपकी रही जैसे दोनो अपने शरीर और अपनी चढ़ती सांसों को संयमित करने की कोशिश कर रहे हो, दोनो की नज़रे एक दूसरे पर ही बनी हुई थी।

कुछ पल बाद नील उस अलग हुआ और उसकी तरफ से पलट कर खड़ा हो गया। “तुम्हे यह सब बंद करना चाहिए, तुम यह सब नही चाहती हो।”

“मैं तुम्हे चाहती हूं।” नर्मदा ने उसे उसकी पीठ से पकड़ कर उसके सीने पर बाहें फैला दी।

नील ने उसके हाथ अपने सीने से झटक कर कुछ कदम आगे बढ़ गया। “दस मिनिट में तैयार हो जाओ।”

“नील.....मुझसे दूर मत जाओ।” यह एक आदेश की तरह था।

नील कुछ कदम की दूरी पर रुक गया पर पीछे पलट कर नही देखा। “यही हम सब के लिए अच्छा रहेगा।”

गुस्से से आँखों में आंसू लिए नर्मदा उसे जाते हुए देख रही थी। वोह दुबारा कर रहा था— उसका दिल चीर रहा था—उसे उसको रोकना था। वैसे भी उसके पास खोने के लिए कुछ नही था अगर वोह उसके लिए लड़े पर वोह खुद को ही खो देगी अगर वोह नही लड़ी तो।




































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कहानी अगले भाग में अभी जारी रहेगी...
❣️❣️❣️