Ekja The Story Of Death - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 2


मौत की शुरुआत

जब उन्होंने उस ताले पे पत्थर मारा तो आसमान का रंग बदलने लगा और तेज हवाएं चलने लगी। आसमान से तेज बिजली की आवज आने लगी। ये सब देख के पहले तो तीनो घबरा गए लेकिन फिर उन्होंने सोचा मौसम ख़राब है सायद आज। फिर दुबारा वो ताले को तोड़ने लगे।
वही दूसरी तरफ गांव में जब लोगो ने मौसम को ऐसे बदलते देखा थे , वहाँ के एक बूढ़े बाबा ने कहा अनर्थ !!!! कोई वहाँ गया है ये अच्छा संकेत नहीं है। तभी सारे गांव वाले बाबा की बात सून कर डर गएऔर सब एक दूसरे को देखने लगे। अजबगढ़ के आस पास के सभी लोगो ने मौसम को ऐसे बदलते देखा , जिससे सबके गले सूखने लगे। जहा शादी की तयारी हो रही थी वहाँ भी सारे लोग एक दूसरे को हैरान हो कर देख रहे थे तभी मोहन की माँ चिल्लाते हुए बोली सरपंच जी हमारा बेटा और उसके दोस्त कही दिख नहीं रहे। कही वो तीनो वही तो नहीं गए।
ये सून कर सभी उनकी तरफ देखने लगे। सरपंच जी बोले मशाले लाओ और मेरे साथ चलो , सारे गांव के आदमियों ने हांथो में मशाले ली और उस महल की तरफ निकल गए। दूसरी तरफ उन्होंने वो ताला खोला ही था की उन्हें किसी की हिस्स्स्स की आवाज आयी और साथ में एक आवाज जिसे सून कर तीनो वही जम गए। तभी उन्होंने कुछ मह्सूस किया जैसे कोई उनके कान में हिस्स्स कर रहा हो। तीनो ने अपना वहम समझ कर उस ताले को दूर फेक दिया और उसके ऊपर के जंजीरे हटाने लगे , जब उन्होंने उसे खोला तो उन्हें वहाँ कुछ दिखाई नहीं दिया लेकिन एक और दरवाजा दिखा जिसपे भी उसी तरह एक ताला लाल कपड़े में बंधा हुआ था। ये देख कर तीनो एक साथ बोले एक और ताला। तभी उन्होंने महसूस किया जैसे उनके पीछे कोई है। तभी किसी ने उन्हें जोर से वहाँ गिरा दिया , ये देख तीनो एक दूसरे को देखने लगे। तभी अचानक से किसी ने उन्हें पाकर लिया , मानो जैसे किसी ने जकर लिया हो , जिससे उनकी साँसे फूलने लगी। वही दसूरी तरफ गांव वाले जल्दी - जल्दी चलते हुए उसी तरफ आ रहे थे , आगे बढ़ते समय जो ताला उन तीनो ने फेका था उसे देख के सरपंच और गांव के सभी लोग और जल्दी - जल्दी कदम बढ़ने लगे। जब गांव वाले और सरपंच वहाँ पहुंचे तो वहाँ का नज़ारा देख कर सबके हाँथ पाँव ने जैसे काम करना बंद कर दिया। उन्होंने देखा वहाँ का एक दरवाजे का ताला थोड़ दिया गया है और वहाँ एक लड़के की लाश परी हुए है , सरपंच ने कहा मेरा बेटा !!! कहा है? जब उन्होंने आगे देखा तो एक और लाश पर वो भी सरपंच का बेटा नहीं था , वो लोग चारो तरफ देखने लगे उन्होंने देखा की उसका मैन गेट अभी भी बंद था जिससे देख के गांव वालो को थोड़ी राहत मिली लेकिन सरपंच का बेटा उन्हें अभी भी नहीं दिखा था , तभी अचनाक से उन्होंने गेट के ऊपर देखा जहा सरपंच का बेटा लटका हुआ था। ये देख के सरपंच वही गिर पारा , तभी अचानक गांव वालो को किसी के हिस्स्स्स करने की आवाज आयी ,जिससे सुनके सभी डर से कापने लगे। तेज हवाओ के बीच गांव वालो ने सरपंच को उठाया और कहा अभी हमे यहां से चलना चाहिए। अभी एक गेट खुला तो इतनी मौते हो गयी क्या होगा जब इसका मैन गेट खुलेगा। भगवान ही जाने क्या कहर बरसेगा।
गांव वालो ने सरपंच जी संभाला और उनके बेटे और उनके दोस्त को वहाँ से ले कर गए। जाने से पहले बूढ़े बाबा जो उनके साथ आये थे पीछे मुड़ के देखा और मन ही मन सोचा वो आने वाली है।
जब सारे गांव वापिस पहुंचे तो उन तीनो को देख के सबके होश उड़ गए। जब उन्होंने तीनो को देखा तो सब के रोंगटे खड़े हो गए , तीनो की आँखे चौरी थी मानो जैसे उन्होंने कुछ ऐसा देख लिया जो उन्हें देखना नहीं चाहिए था , उनका शरीर भी पूरा नीला परा हुआ था लेकिन उनके शरीर पे किसी साप के काटने का निशान नहीं था। जब मोहन की माँ ने अपने बेटे को ऐसे परे हुए देखा तो उनके रोने का ठिकाना न रहा।
उनका इकलौता बेटा अब उनके बीच नहीं रहा , जिसकी शादी थी कल , उसके माँ बाप पे तो जैसे पहाड़ ही गिर गया। तभी गांव वालो ने उन्हें सातवंता देते हुए कहा अब हमे इनके अंतिम संस्कार की तैयारी करनी चाहिए सुबह होने वाली है। आज एक हसता खेलता परिवार बर्बाद हो गया , जहा चारो और ख़ुशी का माहौल था वो ख़ुशी से मातम में बदल गया था।
सुबह उन तीनो का अंतिम संस्कार किया गया। उसके बाद सब बूढ़े बाबा बोले वो आने वाली है अपना बदला लेने। ये सुनके सबके होश उड़ गए और सभी हैरानी से बाबा की तरफ देखने लगे।
बाबा जो की सबसे बुजुर्ग थे इसलिए सभी गांव वाले उनका आदर करते थे , बहुत सालो पहले बाबा के सभी घरवाले उसी महल में गायब हो गए थे। गांव वालो ने बाबा से कहा फिर हम क्या करे जिससे सभी के गांव बचे रहे , और सब शांति से रह पाए।
फिर बाबा ने कहा हमे उन्हें बुलाना पड़ेगा जिन्होंने सालो पहले उस महल को अपनी शिद्धियो से बंद किया था, तभी गांव के किसी ने कहा लेकिन वो तो अब यहां नहीं है , बाबा और वो कहा है किसी को नहीं पता। फिर बाबा ने कहा अब जो होगा हम उसको रोक नहीं सकते , अब तो सिर्फ महाकाल ही हमे बचा सकते है। उन तीनो ने उसका सिर्फ आगे का गेट खोला तो ये हुआ जाने आगे क्या होगा ? उन्हें उस महल में नहीं जाना चाहिए था। हे ! महाकाल अब आप ही सबको इस विपदा से बचा सकते है।सभी लोगो ने महाकाल का नाम लिया और अपने- अपने घर चले गए। बाबा कुछ देर वही रुके फिर वो भी वहाँ से चले।क्या आगे का गेट खुलेगा ?
क्या वो आज़ाद हो जाएगी जो कैद है उस महल में ?
क्या कोई आएगा जो उन्हें बचाएगा आने वाले तूफ़ान से ?
जानने के लिए जुड़े रहे हमारे साथ।