Ekza the Story of Death - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

एकजा द स्टोरी ऑफ डेथ - 5

जब सारे घर पहुंचे तो समीर की माँ बोली , अच्छा है बेटा तुम सब आ गए टाइम से घर। अच्छा जाओ मुँह हाँथ तो लो मैं खाना लगवाती हु तुम सबके लिए। सबने हां बोला और वह से चले आये। खाना खाने के समीर के कमरे में - करन बोला यार समीर उस महल का कुछ पता है तुझे , समीर ने गर्दन हिला के ना बोल दिया और अपने पास से सिगरेट निकाल कर पीते हुए बोला यार मुझे तो बचपन से ही वहा जाने नहीं दिया गए और फिर मुझे शहर भेज दिया पढ़ने के लिए। शिवाय तू सिगरेट पी रहा , समीर उसे चुप होने का इशारा करते बोला धीरे बोल यार माँ पापा ने देख लिया तो बोलेगे क्या क्या सिख के आया है शहर से। शिवाय उसे घूरते हुए बोला , मुझे भी दे मैं तो ये बोल रहा था , तभी तुरंत करन बोला अबे मुझसे क्या दुश्मनी है मुझे भी दो यार। शिवाय और करन बोले चलो यार छत पर पीते है वरना कमरे में देख लिया ना किसी ने तो हो गया काम। तीनो छत की तरफ चल दिए। तीनो छत से गांव को दीख रहे थे और बाते कर रहे थे। शिवाय बोला यार यहां कितनी शांति है , करन ने भी हां में हां मिलते हुए बोला हां यार। तभी शिवाय बोला अरे देख वो महल यह से दिख रहा , करन बोला हां यार ये महल इतना बड़ा है की कई मील दुरी से भी देख सकते है। समीर बोला यार काश हम देख पाते इस महल को अंदर से। रिया को तो अपने ब्लॉग के लिए बहुत सी फोटोज मील जाती , और सावी को तो पुराने डिज़ाइन में बहुत दिलचस्पी है वो भी खुश हो जाती। सावी का नाम सुनके शिवाय के चेहरे में मुस्कान आ गयी जिसे करन और समीर ने नोटिस नहीं किया।
शिवाय भी सावी को पसंद करता था लेकिन कभी कह नहीं पाया। तभी अचानक से तेज हवाएं चलने लगी , और एक आवाज वहा गुजने लगी। जिसे उनके सबके चेहरे का रंग उड़ गया। तभी शिवाय बोला ये कैसी आवाज है यार ऐसा लग रहा जैसे कोई हिस्स्स्स कर रहा है साप की तरफ , तुम दोनों ने आवाज सुनी क्या ?
करन और समीर ने हां कहते हुए शिवाय को देखा , और फिर तीनो इधर उधर देखने लगे। जब उन्हें कुछ नहीं दिखाई दिया तो उन्होंने सोचा की शायद हमारा वहां होगा , इसपे करन बोला यार एक को सुनाई देता तो वहम कह सकते थे पर तीनो को ये कैसी वहम हो सकता है। इसी बिच उन्हें एक और आवाज आयी और वो तीनो उस महल की तरफ देखने लगे।
इस बार कोई हिस्स्स्स की आवाज नहीं थी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई किसी को पुकार रहा है , तभी आवाज आयी समीर , समीर अपना नाम सुनके डर गया और बोला यार ये मुझे कोण पुकार रहा है इतनी रात को , तभी एक और आवाज आयी , इस बार करन का नाम था , फिर एक और आवाज आयी शिवाय , ये सावी और रिया थी जो उन्हें पुकार रही थी जब उन तीनो ने उन्हें नहीं देखा तो वो दुबारा एक साथ बोली अरे तुम तीनो को क्या हो गया जो भूत बांके खड़े हो, तो तीनो ने पीछे मुरके देखा और गहरी सास लेते हुए समीर बोला तुम दोनों इतनी रात को , तुम दोनों ने तो हमे डरा ही दिया था यार। ये सुनके रिया और सावी हसते हुए बोली - "अच्छा तो मर्द को डर भी लगता है " इसपे समीर बोला इसका क्या लेना देना मर्द और औरत से। डर तो किसी को भी लग सकता है। तुम दोनों भी ना ये कहते हुए समीर ने अपना सर पिट लिया।
इसपे करन बोला तुम दोनों इतनी रात को छत पर क्यू आयी हो। ये सुनके सावी झट से बोल परी नयी जगह है तो हम दोनों को नींद नहीं आ रही थी तो हमने सोचा तुम तीनो के साथ बैठ के बाते करे और कुछ गेम खेले जैसे कॉलेज में खेलते थे जब हम सब फ्री होते थे। फिर हम तुम्हारे रूम की तरफ गए और जब देखा तो तुम तीनो गायब थे पहले हमे लगा तुम तीनो अकेले - अकेले कही घूमने चले गए , जैसे कॉलेज में कई बार हम दोनों को छोड़ के चले जाते थे क्लब में पिने। ये सुनके करन बोला हे ! रिया चुप ऐसे यहा न बोल किसी ने सुन लिया तो हमारा तो कुछ नहीं लेकिन समीर की लंका लग जाएगी। ये सुनके सब हसने लगे। सावी ने फिर कहा - फिर हम अपने रूम की तरफ जा रहे थे की हमे छत से आवाज आयी तो हमे लगा तुम तीनो ही होंगे इतनी रात को छत पे तो हम देखने आ गए।
जहा समीर, सावी और रिया ये बाते कर रहे थे वही करन उस महल को देख के कुछ सोच रहा था , और शिवाय , सावी को देख रहा था। तभी सावी ने पूछा तुम तीनो क्या कर रहे थे यहा इसपे शिवाय बोला , हमारे लिए भी नयी जगह है तो हमे भी नींद नहीं आ रही थी तो हम छत पर आ गए और कुछ नहीं।
अच्छा चलो बैठते है और कॉलेज की पुरानी यादे ताज़ा करते है सावी बोली ! सब बैठ के बाते ही कर रहे थे की अचनाक से एक आवाज सुनाई दी , "मैं एकजा - अपना बदला ले कर रहूँगी, मेरा इंतज़ार खत्म हुआ। अब मैं किसी को नहीं छोड़ूगी" ये सुनके सब एक दूसरे को देखने लगे और जिस तरफ से आवाज आयी थी उस तरफ देखने लगे , लेकिन उन्हें कुछ दिखाई नहीं दिया , सिवाय उस महल के जो खंडर बन चूका है तभी भी बहुत भव्य दिखाई देता है।
इसपे करन बोला क्या ये आवाज उस महल से आयी ? इसपे समीर बोला शायद यार , तभी सारेलोग हमे वहा जाने से मना कर रहे , इसपे रिया बोल पड़ी अच्छा तो तेरे कहने का मतलब है वह कोई चुड़ैल है ? इसपे समीर बोला क्या पता। किसे पता वहा क्या है ? इसपे सावी बोली यार ऐसा कुछ नहीं होता ये सिर्फ गांव वालो का वहम है , और कोई इसका फायदा उठा रहा। इसपे शिवाय और करन एक साथ बोले अब तो देखना ही पड़ेगा आखिर वहा है क्या। इसपे रिया और सावी ने भी हां बोलते हुए कहा हां , अब तो देखना ही पड़ेगा। समीर वहा चुप चाप उनकी बात सुन रह था , रिया समीर को हिलाते हुए बोली क्या हुआ। इसपे समीर बोला नहीं यार वहा नहीं जाना चाहिए हमे सुना था न पापा ने क्या बताया था सुबह , इसपे करन बोला लेकिन मुझे ऐसा लग रहा तेरे पापा ने हमे सब नहीं बताया जैसे की उनकी मौत हुए कैसी कोई तो निशान होगा ना उनकी बॉडी पर। इसपे सब बोले हां उन्होंने सिर्फ ये कहा रहस्यमयी तरीके से हुए है मौत। वो सारे यही बाते कर रहे थे की निचे से आवाज आयी , ये राम किशन की आवाज थी " " बेटा बहुत रात हो गयी है तुम सबको सोना चाहिए । ये आवाज सुनके समीर बोला हां पापा बस जा ही रहे है। और फिर सब अपने कमरे में चले गए। किसकी थी वो आवाज ?क्या शिवाय और उसके दोस्त पता लगा पाएंगे ?
क्या होगा जब जायेगे वो उस खंडर हुए महल में ?
जानेगे ऐसे ही कुछ सवालो के जवाब आगे की कहानी में , जानने के लिए जुड़े रहे हमारे साथ ,
और कमेंट करके जरूर बातये आपको ये कैसी लगी ये कहानी।