Gaaon ke vikas me hi desh ka vikas hai books and stories free download online pdf in Hindi

गाँव के विकास में ही देश का विकास है

मुझे खुशी और खुद पर इतना गर्व है कि मैं ग्रामीण क्षेत्रों से हूँ, और यह सत्य भी है कि गाँव से ही देश का विकास है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों से ही देशभर में हर प्रकार के अनाज, तेल साग सब्जी इत्यादि सब मिलते हैं। एक और बात य़ह है कि गाँव में जितना सुख सुविधा और शांति है, वह कहीं पर भी नहीं है। खुले हवा में, खुले वातावरण में रहना घूमना , शारीरिक मेहनत करने से लोग स्वस्थ और फिट रहते हैं उन्हें किसी प्रकार की बीमारियां नहीं होती है। लेकिन एक कारण से लोग गाँव छोड़कर शहरों में बसे चले जा रहे हैं , और वह कारण है ग्रामीणों का विकास। ग्रामीणों का विकास सिर्फ कागजों में ही होता है। असल में देखा जाए तो ग्रामीणों का विकास 100 प्रतिशत में सिर्फ 15 - 20 प्रतिशत ही होता है। उसके बाद इसपर किसी का ध्यान ही नहीं जाता है। एक बात और है कि गाँव मे जितना प्रतिभाशाली, गुणवान लड़के व ल़डकियों हैं, लेकिन उन्हें गरीबी, लाचारी, शहरों से दूर व महँगाई की वज़ह से मौक़ा मिल ही नहीं पाता। जिसको मिलता भी है, उसके माता-पिता को अपना थोड़ा बहुत खेत, जेवर - जेवरात भी गिरवी रखना पड़ता है। एक समय खाते तो एक समय सोचना पड़ता है। गाँव के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल कूद, रोजगार की बहुत आवश्यकता है। जो जिलों के हर ब्लॉक स्तर पर होना चाहिये ताकि गाँव के गरीब बच्चों को कहीं बाहर न जाना पड़े, क्योंकि घर से दूर शहरों में गरीब छात्रों को बहुत मुश्किल है, क्योंकि वहां रहना खाना पीना खर्चा पानी बहुत महंगी पड़ता है। इसलिए गाँव के ब्लॉक स्तर पर ये सुविधाएं जरूरत है।
शिक्षा:- गाँव के गरीब बच्चों के लिए फ्री स्कूल- कॉलेज, कोचिंग, लाइब्रेरी की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य:- गाँव के हर नागरिक को मुफ्त मे दवा इलाज क्योंकि आए दिनों मे गरीबों को अस्पताल में पैसे की वज़ह से मरना पड़ता है।
गाँव में स्कुल कालेज के साथ साथ बड़े बड़े इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज की भी आवश्यकता है।
खेल कूद:- सदियों से हर गाँव में खेल कूद में प्रतिभा रखने वाले बच्चों को पैसों के अभाव में अपने प्रतिभा को दबाना पड़ता है। जिससे प्रतिभाशाली लड़के व ल़डकियों को अपने प्रतिभा को मरते देख उनको भी दुख होता है। आजकल गाँव के लड़के के ल़डकियों के पास हर खेल कूद की प्रतिभा है। जैसे कुश्ती, कबड्डी, क्रिकेट, फुटबाल, टेनिस, वालीबॉल आदि।
सरकार को हर गाँव में स्पोर्ट्स कालेज की स्थापना की जरूरी भी है, ताकि अपने देश को कुशल और प्रतिभावान खिलाड़ी मिल सके जिससे अपने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर सके।
रोजगार:- आज देश तो विकास कर चुका है लेकिन उस देश के गाँव आज भी पिछड़े हैं। लोगों को शुद्ध रोजगार नहीं मिल पाता है और अपने गाँव से कई मिल दूर शहरों में मिलता भी है तो पैसे ठीक ठाक नहीं मिल पाता है। जिससे वे अपने साथ साथ अपने घर का भी खर्चा भी नहीं चला पाते हैं। उन्हें मुश्किल से 10-15 हजार मिलते हैं तो आज की महँगाई डाइन खा जाती है। इसलिए हर साल हर गाँव में रोजगार पैदा किया जाए ताकि सबको एकसमान रोजगार मिले गाँव तरक्की करे तथा गाँव के तरक्की से देश का भी विकास हो।

जो लोग गाँव के विकास के नाम पर वोट तो लेते हैं पर स्वार्थ सिद्ध हो जाने के बाद गाँव में झांकने तक नहीं आते हैं। गाँव के जो कुछ लोग बाहर नौकरी करते हैं वो ही लोग अपना अपना घर बनाकर शहरों का हर सुख सुविधा करके गाँव को कुछ हद तक आगे ले गए हैं।
आज गाँव मे कालोनी, बिजली-पानी, शिक्षा ,स्वास्थ्य, खेल कूद रोजगार आदि की आवश्यकता है। इसका पूर्ति करना भी बहुत जरूरी है।



- विशाल कुमार धुसिया