Mahila Purusho me takraav kyo ? - 69 books and stories free download online pdf in Hindi

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 69

अभय पलंग पर बैठे बैठे सोच रहा है । आईएसआई इस तरह के काम तो करती है । क्या ऐसा हो सकता है उसने मेरे जरिये कुछ खुफिया जानकारी चाही हो । दामिनी पाकिस्तानी है तो मुझे कभी शक क्यों नही हुआ ? नही!नही! हमारे एक फूल सी बच्ची है जिसे हम दोनो बहुत प्यार करते हैं । यह तो केतकी की ही कोई नयी चाल है । शायद वह हमारी गृहस्थी पचा नही पा रही , हो सकता है वह हमे अलग करना चाहती हो । अगले ही पल उसे ख्याल आया कि दामिनी की शादी मुझसे इतनी जल्दी मे क्यों हुई । फिर दहेज के सामान के लिए 20 लाख रूपए नगद क्यों दिए ? ... हो सकता है इतना रूपया घर मे इज्जत पाने के लिए दिया हो ।.. अगले ही पल दूसरा विचार आया ... दामिनी इतनी सुन्दर है इससे तो कोई भी शादी करने के लिए तैयार हो जाता..फिर मुझसे ही शादी क्यों की ?
तलाकशुदा थी इसकी पहली शादी लव मैरिज से हुई थी । इस लिए हो सकता है इससे किसी ने शादी न की हो । यह हिन्दु थी और लड़का मुस्लिम तो फिर ... इतनी जल्दी तलाक कैसे हो गया ...
तभी रूम का गेट खुला ..दामिनी ने प्रवेश किया ..मुस्कुराते हुए दामिनी ने कहा ..अभय डिनर करने चलोगे या यही पर मंगवाना है ... अभय ने धीरे से कहा ..नही नही हम बाहर चलकर ही खायेंगे .. गुडिया को देखते हुए दामिनी बोली ..अरे इसको तो उठा दो ..वर्ना रात भर जागेगी..
अभय ने गुडिया को अपने हाथों से उठाते हुए पूछा । इमर्जेंसी काल हो गया ? बहुत देर लग गयी ? अरे अभय थोड़ा दूर था ..फिर ऑफिस मे बैठकर चाय वगैरह पीने लग गयी ... अभय ने पूछा यहां से कितनी दूर था पुलिस स्टेशन ? दामिनी कपड़े चैंज करने चेजिंग रूम मे जाते हुए बोली ..यही पांच छ किलोमीटर होगा ... अभय ने उसका जबाब सुनकर.. अपने आपसे कहा ..पुलिस स्टेशन तो होटल से मैन रोड़ पर 100 - 150 मीटर पर ही है । इसका मतलब दामिनी पुलिस स्टेशन न जाकर कही ओर गयी होगी । फिर उन्ही ख्यालों मे खो गया ...
दामिनी केतकी से मिलने हमें बाहर ही छोड़कर क्यों गयी ? इसमे क्या राज है ? जब इससे से शादी हो गयी थी तो केतकी में इतना इंट्रेस्ट क्यों लिया ? जबकि मम्मी पापा ने मना कर दिया था ...केतकी से कहा था ..बहु तुम्हारी गृहस्थी तो ठीक से चल रही है फिर केतकी जिंदा है या मर गयी हमें क्या लेना देना .. इस तरह एक विचार आ रहा था और दूसरा जा रहा था ..।
दामिनी मुस्कुराकर कहती है आइ एम रेडी ..चलो डिनर करने चलते हैं । अभय दामिनी को देखे ही जा रहा है ..दामिनी मुस्कुराकर बोलती है क्या बात है ? इधर पेट मे भूख लगी है आपकी आंखों मे भूख है ..अभय हल्का सा मुस्कुरा देता है । गुडिया को गोद मे लेकर उसके साथ चल देता है । डिनर करते करते अभय कहता है ...मेडम मुझे कल सी एस डी डिपो में जाकर आना है .. तुम गुडिया को लेकर यहीं रहना ... दामिनी कहती है अभय ! मै भी चलती हूँ आपके साथ ... नहीं आप यहीं रहना मै एक घंटे बाद तुम्हें फोन कर दूंगा फिर टेक्सी करके आजाना ... क्यों साथ चलने मे दिक्कत है क्या ? नही दिक्कत तो नही है किन्तु मैं पहले अपने कोर्स मेट से मिलने जाऊंगा ...वहां तुम्हारे साथ होने से वे असहज हो जायेंगे । दामिनी ने कहा ठीक है मुझे डिपो ही दिखा देना ।