Pyar ke Indradhanush - 8 by Lajpat Rai Garg in Hindi Fiction Stories PDF

प्यार के इन्द्रधुनष - 8

by Lajpat Rai Garg Matrubharti Verified in Hindi Fiction Stories

- 8 - सुबह से शाम हो गई, किन्तु रेनु की स्थिति जस-की-तस रही। मंजरी और मनमोहन चिंतित तो थे, लेकिन वे सिवा प्रतीक्षा के कुछ नहीं कर सकते थे। हाँ, डॉ. वर्मा के कारण वे आश्वस्त भी थे। ...Read More