Sabak by Rajeev kumar in Hindi Short Stories PDF

सबक

by Rajeev kumar in Hindi Short Stories

सुबह की गुनगुनी धुप अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी थी। सुर्य की सुनहरी किरणें पत्तों के बीच से झांकती हुई सीधी आँखों में पड़ रही थी। मौसम सुहाना बना हुआ था। फिर भी धुप की चादर लपेटे रहने के ...Read More