Bhooto ka Dera - 13 in Hindi Horror Stories by Rahul Kumar books and stories PDF | भूतों का डेरा - 13

भूतों का डेरा - 13

वह जगह एक तरह के तिलस्मी शक्तियों से घिरी हुई है अगर तुम चाहो तो अभी भी पीछे हट सकते हो जवान अगर एक बार तुम इन सब में आ गये तो फिर जब तक ये खत्म नहीं होगा तब तक इन सब में बुरी तरह फंसे रहोगे उस " अवाज ने कहा " मेरी फिक्र मत करो में एक सिपाही का बेटा हु मुझे ये सौभा नहीं देता की मे किसी को मुसीबत में छोर दु तो आप मुझे आगे बताओ " इल्या ने कहा इस से जादा तो हम भी नहीं जानते बेटा और सब तुम्हें खुद ही पता लगाना होगा अब बस हमारी आखरी उम्मीद बस तुम ही हो आप चिंता ना करो में आपको इस मुसीबत से बाहर निकालूँगा आप बस मुझ पर भरोसा रखो और मुझे बताओ वो कब्रिस्तान किस दिशा मे है इल्या ने कहा " एक कोस दूर एक घुमावदार रास्ता है वहा से उत्तर की और थोड़ा दूर चलने पर ही दिखने लगेगा उसके आस-पास एक अलग माहौल होगा वहा दिन की रोशनी मे भी मानो डर का साया है इतना सुन कर इल्या वहा से निकल जाता है जेसा उस अवाज ने कहा था इल्या उसी रास्ते से होता हुआ जब कब्रिस्तान वाले रास्ते पर आता है तो वो देखता है पूरा का पूरा गाव ही कब्रिस्तान में तब्दील होया हुआ है ये सब देख कर इल्या एक बार को सोच में पड जाता है कि एसा यहां क्या हुआ होगा जो पूरा का पूरा गांव एक कब्रिस्तान में बदल गया वो ये सब सोच ही रहा होता है तभी इल्या को एक आवाज आती है अरे बेटा तुम कोन हो और यहां क्या कर रहे हों इल्या पीछे मुड़ कर देखता है तो पाता है एक बहुत ही बुढ़ी अम्मा उसके सामने खड़ी है वो इस तरह से किसी वीराने में एक औरत का होना बहुत अजीब सा लगता है लेकिन वो इस सब पर ध्यान नहीं देता वो बुढ़ी औरत इल्या से कहती है बेटा तुम यहाँ से चले जाओ यहां जादा देर रुकोगे तो पता नहीं क्या होगा
तुम यहाँ से जल्द से जल्द चले जाओ इस वीराने में कभी भी कुछ भी हो सकता है ये इतना कह कर वो औरत गायब हो जाती है
इल्या उस औरत पर ध्यान नहीं देता और वो उस जगह के लिए चलने लगता है थोड़ी दूर पहुच कर उसको एक अलग सी घुटन होने लगती है वो कुछ समझ नहीं पाता है कि ये किस तरह की माया है जिसे मे समझ नहीं पा रहा हूं आगे चल कर देखता हूं
ये हो क्या रहा है इल्या ने सोचा और चल दिया जादा दूर नहीं गया था उसको एक कब्र दिखाई दी जोकि औरों से अलग लग रही थी इल्या ने time ⏲️ खराब ना करते हुए तुरंत उस कब्र के पास पहुंच गया जेसे ही इल्या उसको छुने बाला था अचानक कहीं से काले बादल आसमान में छाने लगे और कुछ देर में दिन में भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था इल्या को लगा कि कोई मुसीबत आये इससे पहले कब्र को खोद लू
इल्या ने कब्र जेसे ही खोदनी सुरु की उसमे से मानो खून का फुहारा सा निकलने लगा इल्या इन सब पर ध्यान ना देकर अपना काम करने लगा फिर अचानक से सब सांत हो गया जेसे कुछ हुआ ही नहीं था इस सन्नाटे के बीच से एक अवाज आई बेटा कितना समय हो गया है तुम्हें गए अब अपनी माँ से गले नहीं लगोगे आ जल्दी इल्या ये अवाज सुन कर एक बार को रुक जाता है लेकिन फिर उसको उन मुसीबत में फँसे लोगों की कहीं बात याद आ आई की उन्होंने कहा था

To be continue..

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Balkrishna patel

Balkrishna patel 7 months ago