love breaks hearts but not always in Hindi Love Stories by Ravinder Sharma books and stories PDF | प्यार दिल तोड़ता है लेकिन हमेशा नहीं

प्यार दिल तोड़ता है लेकिन हमेशा नहीं


हमेशा की तरह आज भी आराव और आरोही फ़ेसबुक पर चैट कर रहे हैं (आराव और आरोही एक दूसरे से प्यार करते हैं)

आज आराव आरोही से कुछ कहना चाहता है पर शायद कह नही पा रहा है .

आरोही..हाय

आराव: मुझे तुमसे कुछ बात करनी है..

आरोही : किस बारें में ?

आराव: कुछ इंपॉर्टेंट बात करनी है यार

आरोही: तो बोलो फिर

आराव :यार मेरी कुछ समझ नही आ रहा है कि कैसे कहूँ, पर मुझे लगता है कि अब मैं अपनी रिलेशनशिप में ब्रेकअप चाहता हूँ, मैं अपनी फॅमिली के साथ कहीं और शिफ्ट हो रहा हूँ और मुझे नहीं लगता कि हम अब अपना समय साथ बिता सकते हैं। सिर्फ स्कूल में साथ रहने से क्या होगा। मैं कोई लॉन्ग डिसटेन्स रिलेशन नहीं रखना चाहता आरोही. आई एम् सॉरी!

आरोही ने आगे कुछ भी कहे बिना लॉग आउट कर दिया. आराव को आरोही से यह सब कहकर बहुत बुरा लग रहा था. वो भी आरोही से उतना ही प्यार करता था जितना आरोही उससे. उस पूरी रात वो ठीक से सो भी नही पाया और ना ही आरोही उस रात ठीक से सो पाई. शायद इसलिए ही आरोही अगले दिन स्कूल भी नही आई। अगले दिन भी आरोही स्कूल नहीं गयी. वो देर तक सोती रही. जब वो फाइनली उठी तो उसने ब्रेक फास्ट नहीं खाया और ना ही स्कूल गयी. उसने अपने किसी भी फ्रेंड के ना तो फोन का जवाब दिया ना ही एस एम् एस का. बहुत देर तक वो अपने बेड पे बैठी हुई सामने की दीवार को देखती रही. उसके दिमाग़ में वो सारे लम्हे घूम रहे थे जो उसने आराव के साथ बिताए थे. आख़िर उसकी रुलाई छूट पड़ी और वो बहुत देर तक रोती रही.
नेक्स्ट डे वो स्कूल गयी और सीधा सबसे आगे वाली सीट पर बैठ गयी जबकि रोज़ वो आराव के साथ पीछे वाली सीट पर बैठा करती थी. आराव रोज़ की तरह अपनी पीछे वाली सीट पर ही बैठा था. दिन में कई बार दोनों की निगाहें मिली पर दोनों नज़र चुरा रहे थे. दोनों में कोई बात भी नहीं हुई. नेक्स्ट डे भी ऐसा ही हुआ. उसे अगले दिन भी और फिर कई दिनों तक यही सिलसिला चलता रहा. आराव अभी भी आरोही से प्यार करता था. उसके लिए भी एक एक दिन बिना आरोही से बात किए गुज़रना मुश्किल हो रहा था. आख़िर एक दिन उसने शाम को आरोही का नंबर डायल किया. जैसे ही आरोही ने फोन उठाया आराव ने कहा – “आरोही आई एम् सॉरी. मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता. मैं अपने पेरेंट्स से कह के वापस तुम्हारे घर के पास कोई कमरा ले लूँगा या फिर हॉस्टिल में रह लूँगा. आई एम् सॉरी आरोही, प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो. आई लव यू ” ये सुनते ही आरोही खुशी के मारे रो पड़ी. रोते रोते उसने कहा, मैं भी बहुत प्यार करती हूँ तुमसे आराव, आई लव यू टू एंड आई कैन नोट लिव विदाउट यू”
बस उसके अगले ही दिन आराव ने अपने पेरेंट्स को कन्विन्स कर लिया और अपना समान ले कर हॉस्टिल में रहने के लिए चल दिया. वो इतना खुश था कि जैसे आसमान पे उड़ रहा हो. आरोही से मिलने के ख़याल में उसकी कार की स्पीड बढ़ती जा रही थी. अचानक सामने से एक और कार आई और आराव ने जैसे ही कार को टर्न करना चाहा , स्पीड की वजह से कार आउट ऑफ कंट्रोल हो गयी और एक दो तीन पलटियाँ खा कर सड़क से नीचे खाई में जा गिरी. आराव ने सोचा, बस, आई एम् गोइंग टू डाई. और उसकी नज़र के सामने आरोही का चेहरा तैर गया.
जब आराव की आँख खुली तो उसने देखा की वो एक अस्पताल में है. आरोही उसके सिरहाने बैठी हुई थी. आराव को होश में आया देख कर आरोही के मुँह से निकला – आराव, आई लव यू . तुम मुझे छोड़ कर नहीं जा सकते. आराव ने धीरे से आरोही का हाथ पकड़ा और कहा कि मैं कहीं नहीं जा सकता तुम्हारे बिना. ये कह कर फिर वो बेहोश हो गया. लेकिन जो बात आराव को नहीं पता थी कि एक्सीडेंट में उसकी एक लेग डॉक्टर्स को काटनी पड़ी थी उसकी जान बचाने के लिए क्यूंकी उसमें इन्फेक्शन हो गया था.
अगले दिन जब आराव की आँख खुली तो उसने कुछ देर तक आरोही से बातें की. आराव आरोही से बात करके बहुत खुश था. तभी उसकी नज़र अपने पैरों की तरफ गई और उसकी चीख निकल गई. उसने देखा कि उसका एक पैर घुटने से नीचे कटा हुआ है. दर्द और दुख की वजह से वो फिर बेहोश हो गया. आरोही ने इस बीच उससे मिलने आना छोड़ दिया. आराव को बहुत दुख हुआ. उसे लगा कि शायद अब आरोही उससे प्यार नहीं करती क्यूंकि वो एक अपाहिज बन चूका था और आरोही अपनी बाकी जिंदगी एक अपाहिज के साथ नहीं गुजारना चाहती होगी.
उसे दुख तो बहुत हुआ लेकिन धीरे धीरे आराव अपने इस दुख और अपनी हालत को समझ गया और उसने अपने हालात से समझौता कर लिया. करीब दो महीने बाद आराव अपने पेरेंट्स के साथ हॉस्पिटल से बाहर आया. उसके हाथों में बैसाखियाँ थी और वो बड़े धीरे धीरे कदमों से चल कर बाहर आया. बाहर आकर उसने जो देखा उससे उसकी आँखों से आँसुओं की बारिश बह निकली.
सामने आरोही हाथ में फूलों का गुलदस्ता और एक कागज लिए खड़ी थी जिसपे लिखा था – आराव, अगर तुम मुझे अपनी जिंदगी में तुम्हारा सहारा बनने का मौका दो तो ये मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी होगी. आराव के पेरेंट्स की आँखों में भी पानी भर आया.


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Ravinder Sharma

Ravinder Sharma Matrubharti Verified 6 months ago