Truth is yet to come out - 4 in Hindi Anything by Kishanlal Sharma books and stories PDF | सच सामने आना अभी बाकी है - 4 सच सामने आना अभी बाकी है - 4 633 1.3k इन विद्रोह में आमजन हु नही समाज के हर वर्ग के लोग थे।सिर्फ सिपाही ही नही सन्यासी,साधु व अन्य लोग भी क्रांति करने में पीछा नही रहे।अंग्रेजो ने बड़ी निर्ममता से भारत को निर्यातकर्ता देश से आयतकर्ता देश मे तब्दील कर दिया।पश्चिम के देशों में औद्योगिक क्रांति हो चुकी थी।पश्चिम के दूसरे देशों की तरह इंग्लैंड में भी कल कारखाने स्थापित हो चुके थे।इन कल कारखानों को चलाने के लिए कच्चे नाल की जरूरत थी।भारत ज कृषि प्रधान देश होने के साथ प्रकृतिक खनिज और संपदाओं से भरपूर देश था।इंग्लैंड के कल कारखाने चलाने के लिए यहां के कुटीर उधोग धंधे नष्ट कर दिए गए।यहां से कृषि उत्पाद,खनिज वस्तुएं और प्रकृतिक वस्तुएं इंग्लैंड ले जाई जाने लगी।इन वस्तुयों से इंग्लैंड के कल कारखानों में मशीनों से वस्तुएं निर्मित की जाने लगी और उन को भारत मे लाकर महंगे दामों पर बेचा जाने लगा।भारत मे कृषि उत्पाद के दामों को बढ़ने नही दिया गयाऔर किसानों के साथ जनता पर तरह तरह के टेक्स लगाए गए।अंग्रेजो ने आदिवासी इलाकों की जमीन पर कब्जा कर लिया और प्रकृतिक संसाधनों का दोहन किया जाने लगा।इतना ही नही इसाई मिशनरियों द्वारा भोले भाले आदिवासियों को बहला फुसलाकर उनके धर्म परिवर्तन का खेल चलाया गया।अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली जबरदस्ती थोपी जाने लगी।पश्चिमी सभ्यता संस्कृति आचार विचारों को बढ़ावा दिया गया।भारत उस समय रियासतों में बंटा हुआ था।अंग्रेजो द्वारा रियासतों को हड़पने के लिए नित्य नई नीतियां और कानून बनाये जाने लगे। कही राजाओं के दत्तक पूतर को राज्य का वारिस. न.मानकरराज्य को हड़प लिया गया।तो कहई राजा की अल्प आयु में मृत्यु हो जाने पर राजा दवारा दत्तक पूत गोद न लिया जाना राज को हड़पने का कारन बना।तो कहई पर राजाओं को लड़ाकर राज को हड़प लियेया गया।तो कहई राजा के वफादार मंत्री को सत्ता का लालच देकर राज को हड़प लिये गए।ईस्ट इंडीआ कमपनी अनीति,अन्याय,कपत से अपने राज का विस्टाटा करने में सफल रही।अगरजो की इसी कुटनीति की वजह से हिंसाअतम्मक प्रतिरोध की धाराए देेश के एक कोने से दूसरे कोने तक वह रही थी।यदि उत्पीड़न, शोोोषएन, अन्याय, अवमानना के खिलाफ हतीयरबन्द्ध आवाजे न उठती तो 1857 की घटना कैसे ऐतिहासिक बनती।कैसे इतिहास के पन्नों में दर्ज होती।तत्कालीन भारतीय समाज का हर वर्ग अंग्रेजी राज से इतना त्रस्त था कि लोगो के मन मे भारी गुस्सा था।हर वर्ग में विद्रोह के स्वर उठने लगे थे। इसलिए ही क्रांति का निर्णय लिया गया। क्रांति की तारीख 31 मई निश्चित की गई थी।ज्यादातर इतिहासकार मानते है कि विद्रोह व्यापक स्तर पर और योजना बध तरीके से हुआ था।इसका प्रचार गांव गांव में रोटी और लाल कमल बांटकर किया गया।हर गांव में एज रोटी और एक लाल कमल भेजा गया।उस गांव से दूसरे पांच गांवों को रोटी और लाल कमल भेजे जाते थे।इस तरह एक जगह से दूसरी जगह क्रांति का प्रचार किया गया।सन्यासियों, फकीरों,मदारियों ने भी 1857 की क्रांति के लिए प्रचार किया।सैनिक छावनियों में भी 1857 की क्रांति के लिए प्रचार किया गया। जैसा पहले भी उल्लेख किया है।1857 के विद्रोह का कोई एक कारण नही था।समाज के सभी वर्ग किसान,मजदूर,कारीगर,बुनकर,व्यापारी, पंडित,मौलवी,,राजा राजवाड़े ऑड आम जनता सभी त्रस्त थे। ‹ Previous Chapterसच सामने आना अभी बाकी है - 3 › Next Chapterसच सामने आना अभी बाकी है - 5 Download Our App Rate & Review Send Review Be the first to write a Review! More Interesting Options Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Kishanlal Sharma Follow Novel by Kishanlal Sharma in Hindi Anything Total Episodes : 6 Share You May Also Like सच सामने आना अभी बाकी है - 1 by Kishanlal Sharma सच सामने आना अभी बाकी है - 2 by Kishanlal Sharma सच सामने आना अभी बाकी है - 3 by Kishanlal Sharma सच सामने आना अभी बाकी है - 5 by Kishanlal Sharma सच सामने आना अभी बाकी है - 6 by Kishanlal Sharma