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मैं पापन ऐसी जली--भाग(२६)
by Saroj Verma

भाइयों के जाने के बाद सरगम तो जैसे टूट सी गई थी,उसे अभी तक भरोसा नहीं हो रहा था कि उसके भाई माधव और गोपाल अब इस दुनिया में ...

मां की परछाई, पिता का गुरूर बेटियां...
by Purnima Kaushik

अपनी मां की परछाई तथा उन्हीं का दूसरा रुप होती हैं बेटियां, अपने पिता की सबसे अधिक लाडली और उनका गुरूर होती है बेटियां | मां के संस्कारों को, ...

जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 8
by Ratna Pandey

उधर शक्ति सिंह अपनी बेटी नीलू को ढूँढने का भरसक प्रयास कर रहे थे और इधर नीलू ने उस इमारत के अंदर जाकर सब लड़कियों से बात की, वह ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(२५)
by Saroj Verma

सरगम ने अपनी माँ को खत लिखकर सूचित ही कर दिया था कि वो कहाँ रह रही है,अब सरगम ने सोच लिया था कि वो पुरानी बातों को अपनी ...

जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 7
by Ratna Pandey

अपनी बेटी को उदास देख कर शक्ति सिंह ने चिंतित होते हुए पूछा, "बेटा क्या हो गया? तबीयत ठीक नहीं है क्या मेरी बच्ची की? चलो डॉक्टर को दिखा ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(२४)
by Saroj Verma

भाई की हत्या हो जाने से अब मनप्रीत बिल्कुल अकेली रह गई,वो दिनभर अपने घर में पड़ी पड़ी रोती रहती,लेकिन भाई के जाने का शोक मनाती भी कब तक ...

पुन्हा नव्याने - 10
by Shalaka Bhojane

भाग १० किती दुख: असतना एखाद्या च्या आयुष्यात तरीही ते आनंदी राहण्याचा प्रयत्न करत असतात. मावशी ना बघून कोणाला वाटणार ही नाही त्यांनी किती सोसलयं ते. उद्या गुढी पाडवा ...

जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 6
by Ratna Pandey

हीरा लाल से उस खंडहर जैसी इमारत का काला सच जानने के बाद नीलू ने कहा, "अंकल फिर हमें क्या करना चाहिए अब इन लड़कियों को बचाने के लिए?" ...

അവളുടെ സിന്ദൂരം - 7
by Aval

വീണ്ടും എല്ലാം സാധാരണ രീതിയിലായി തുടങ്ങി... പുള്ളിയുടെ അമ്മ അവളുടെ അധികം സംസാരിക്കാതെ ആയി...അവർ രാവിലെ അടുക്കളയിൽ കേറാതെയായി.. അവൾ തന്നെ എല്ലാം ഉണ്ടാക്കണം.. ഇതിനിടെ അയാളുടെ ചേച്ചി അവളുടെ അനിയത്തീടെ വീട്ടിലേക്ക് വിളിച്ചു അവരുടെ അമ്മയോട് അവർക്ക് കിട്ടിയ ...

अरे बहु लाये थे या नौकरानी
by Sumit Singh

मुझे आज भी वह दिन याद है जब मैं अपनीशादी के 3 साल बाद हिन्दुस्तान वापस आया था, घर का हर शक्स एयरपोर्ट पर मौजूद था, जिसमें मेरी 2 ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(२३)
by Saroj Verma

बहुत समय पहले की बात है,मनप्रीत और उसका बड़ा भाई किसी गाँव में रहा करते थे, मनप्रीत के माता पिता उसके बचपन में गुजर गए थे जब लगभग वो ...

जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 5
by Ratna Pandey

हीरा लाल जिस तरह से सभी के लिए कुछ ना कुछ करते ही रहते थे इसलिए शक्ति सिंह की बेटी नीलू ने तुरंत ही उनके आग्रह को स्वीकार करते ...

કમલીનું ભણતર
by Vimal Prajapati

કમલીને ભણવું 'તું પણ બિચારી શું કરે! નિશાળ તેના ઘરથી ખાસી હાઘી હતી અને કમલીને કોઈને હથવારોય નહોતો. ઘરવાળા એકલી જવા ન'તા દેતા. એમને મન એવું હતું કે, વગડા ...

पुन्हा नव्याने - 9
by Shalaka Bhojane

भाग ९ मावशी मीराच्या केसांना मनापासून तेल लावत होत्या. मीराला तिच्या आईची आठवण आली." माझी आई पण माझ्या केसांना असचं तेल लावून द्यायची. " मीरा मावशी ला म्हणाली. राजीव ...

कोण होती ती ?
by Durgesh Borse

साधारण पाच सहा वर्षांनी मी पुन्हा एकदा गावाकडे आलो होतो. लहानपणापासून बाहेर शिक्षण आणि शहरात झालेल्या संस्कारामुळे गाव म्हटलं की मनात एक वेगळेच कुतूहल होते. गावाकडे न जाण्याची खुप ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(२२)
by Saroj Verma

कुछ ही देर में बूढ़ी सरदारनी का घर आ गया और उन्होंने सावधानीपूर्वक सरगम को रिक्शे से उतारा,फिर रिक्शेवाले ने दोनों का सामान नीचे उतारा और अपना मेहनताना लेकर ...

जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 4
by Ratna Pandey

शक्ति सिंह से मिल कर घर वापस आने के बाद हीरा लाल बहुत बेचैन थे, अपनी पत्नी को उन्होंने सारी परिस्थिति से अवगत कराया और विजया का अधिक ख़्याल ...

એક હદ પછી
by Divya Modh

"એય સોડી, આ ચોપડિયું મેલ ને આયા આવ!"   "હવે હું થ્યું માં! તું સે ને બે ઘડી ઝપીને વાંચવાય નથ દેતી."   બૂમ પડતાં નજીક આવેલી રંજુને દેવકીએ ...

पुन्हा नव्याने - 8
by Shalaka Bhojane

तिने हि दोघांना मिठीत घेतले. दोघेही खूप खूष दिसत होते. रियाने पप्पांना पण बोलावले. चौघांनी एकमेकांना मिठी मारली. मीरा ने देवाकडे प्रार्थना केली की, माझं कुटुंब असचं एकत्र राहू ...

मैं पापन ऐसी जली--भाग(२१)
by Saroj Verma

फिर सरगम ने गनपत से कहा.... "गनपत भइया!कार बस स्टैण्ड की तरफ ले लो,मैं बस से जाऊँगी", "लेकिन दीदी!बस से क्यों?" गनपत ने पूछा... "रेलवें स्टेशन यहाँ से काफी ...

जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 3
by Ratna Pandey

पिंकी के मुँह से यह सुनकर कि तुम जल्दी से अपने घर भाग जाओ, विजया हैरान रह गई। उसने पूछा, “क्यों दीदी?” “कोई सवाल मत करो विजया मैं जैसा ...

पुन्हा नव्याने - 7
by Shalaka Bhojane

भाग ७ मीरा काही आता ऐकणार नाही हे तो जाणून होता. मीरा किती जिद्दी आहे हे तो जाणून होता. राजीव शी लग्न करण्याचा तिच्या निर्णयाला तिच्या आई वडिलांनी जेव्हा ...

അവളുടെ സിന്ദൂരം - 6
by Aval

അച്ഛനാണ് അവളെ തിരിച്ചു കൊണ്ടുപോയാക്കിയത് . ഗോൾഡ് ഒക്കെ കൊണ്ടുപോണരുന്നല്ലോ.. ബസിനാണ് പോയത്യ...അവിടെത്തിപ്പോ പ്പോ പുള്ളിടെ അമ്മ ബ്രേക്ഫസ്റ്റ് ഒക്കെ ഉണ്ടാക്കി വെച്ചിരുന്നു..അതൊക്കെ കഴിച്ചു അവർ പോകാനിറങ്ങി.. പുതിയ ലോക്കറിൽ ഗോൾഡ് ഒക്കെ വെക്കണം..ലോക്കറിന്റെ താക

मैं पापन ऐसी जली--भाग(२०)
by Saroj Verma

सरगम कार में पीछे जा बैठी और गनपत कार स्टार्ट करके कार को कमलकान्त बाबू के घर की ओर बढ़ चला,सरगम कार में रोते रोते सोचती रही कि जिन ...

जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 2
by Ratna Pandey

भले ही उस नवजात शिशु के साथ गायत्री और हीरा लाल जी का कोई सम्बंध नहीं था परन्तु झाड़ियों में पड़े हुए उस शिशु को बचाने के लिए भगवान ...

അവളുടെ സിന്ദൂരം - 5
by Aval

അങ്ങനെ ഇരിക്കുമ്പോ ഒരു ദിവസം ഓഫീസിലേക് ഒരു ഫോൺ കാൾ വന്നു.. ചേച്ചിയാണ് വിളിച്ചത് വേഗം. വീട്ടിലേക്ക് ചെല്ലാൻ പറഞ്ഞു....ആളെ വിളിച്ചിട്ടാണെങ്കിൽ കിട്ടുന്നും ഇല്ല.. അവൾക് ടെൻഷൻ ആയി.. അവിടെത്തിയപ്പോ ആളുടെ ബൈക്ക് മുട്ടവറചിരിപ്പുണ്ട് അതിന്റെ ഗ്ലാസ്‌ ഒക്കെ ഒടിഞ്ഞി

पुन्हा नव्याने - 6
by Shalaka Bhojane

भाग ६ दुसऱ्या दिवशी अनया राजीव च्या ऑफिस मध्ये आली. राजीव खर तर तिची वाटचं पाहत होता. पण त्याने तसं न दाखवता तिला थोडा वेळ वाट पाहायला लावायचं ठरवलं ...

जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 1
by Ratna Pandey

सेठ हीरा लाल अपनी पत्नी गायत्री के साथ रोज़ की ही तरह आज भी प्रातः काल सैर पर निकले थे। बारिश के दिन थे, बहुत ही खूबसूरत मौसम, ठंडी ...

അവളുടെ സിന്ദൂരം - 4
by Aval

കല്യാണം പ്രമാണിച്ചു അവൾ 10 ദിവസം ലീവ് എടുത്തിരുന്നു.. ശനി ഞായർ കുട്ടിയാൽ ഏകദേശം 15 ദിവസം കിട്ടും ... കല്യാണത്തി മുൻപ്യ്‌ സംസാരിക്കാത്തതുകൊണ്ട് ഒന്നും പ്ലാൻ ചെയ്‌തിട്ടൊന്നും ഇല്ലായിരുന്നു... എന്നാലും ബന്ധുക്കളുടെ വീടുകളിൽ പോകണം അല്ലോന്നോർത്ത് അങ്ങനെ എടുത്ത

मैं पापन ऐसी जली--भाग(१९)
by Saroj Verma

जब सरगम आदेश के सीने से लगी तो आदेश बोला... "ये क्या कर रही हो सरगम! कोई देख लेगा तो क्या समझेगा?"... "ऐसा क्यों कह रहे हैं आप?मैं अब ...

નિર્ભય નારી - 3 - છેલ્લો ભાગ
by Hetal Gala

છેલ્લો પડાવ !! આગ લાગી છે ચારે તરફ,કાપી નાખો એઆંગળીઓ, જેેેે ઉપડે ઈજ્જત કરવા તાર તાર....એ દીકરી કોની છે? નહીં પૂછો,તૈયાર રહો એના કરવા ટુકડા હજાર....કેમ હિચકિચાટ, કેમ ડર ...

पुन्हा नव्याने - 5
by Shalaka Bhojane

भाग ५ राजीव, " मीरा आता बस झालं. या गोष्टी साठी मी तुझी खूप दा माफी मागितली आहे. " मीरा, " राजीव साहेब खूप उपकार झाले तुमचे की, तुम्ही ...