रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड - Novels
by Sohail K Saifi
in
Hindi Science-Fiction
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड इस किताब के माध्यम से हमने कुछ विभिन्न प्रकार की थ्योरीस को आपके लिए प्रस्तुत किया है इस किताब में कुल तीन कहाँनी है। प्रथम इस किताब की पहली अद्भुत कहाँनी प्री- पैराडॉक्स थ्योरी पर ...Read Moreहै जो बेहद ही सरल और रोमांचकारी रूप से लिखी गई है। वैसे तो हम सब जानते है। यदि हमें समय यात्रा सम्भव करनी है। तो हमें प्रकाश(लाइट) की गति से चलने वाला यंत्र बनाना होगा जिसका अर्थ है। दो लाख निन्यानवे हजार सात सौ बानवें किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चलने वाले यन्त्र कि आवश्यकता है। जबकि संसार
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड इस किताब के माध्यम से हमने कुछ विभिन्न प्रकार की थ्योरीस को आपके लिए प्रस्तुत किया है इस किताब में कुल तीन कहाँनी है। प्रथम इस किताब की पहली अद्भुत कहाँनी प्री- पैराडॉक्स थ्योरी पर ...Read Moreहै जो बेहद ही सरल और रोमांचकारी रूप से लिखी गई है। वैसे तो हम सब जानते है। यदि हमें समय यात्रा सम्भव करनी है। तो हमें प्रकाश(लाइट) की गति से चलने वाला यंत्र बनाना होगा जिसका अर्थ है। दो लाख निन्यानवे हजार सात सौ बानवें किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चलने वाले यन्त्र कि आवश्यकता है। जबकि संसार
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 1 खण्ड 2 31 मार्च 2016 को एक दुर्घटना में उसके पिता का दिहान्त हो गया, इसके बाद हरीश की माता भी पति की मौत का सदमा ना झेल पाने के कारण कुछ दिन ...Read Moreरह कर परलोक सिधार गई। मगर हरीश के दुखों का अंत इन सब पर नहीं था बल्कि सबसे खतरनाक चोट उसको उसकी माता ने बीमारी के समय दी थी। असल में हरीश की माता को बीमारी के समय इतना तो पता चल गया था कि उसका अंतिम समय निकट है। इसलिए उनको अपने पीछे हरीश के अकेले रह जाने की
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 1 खंड 3 जिसे देख कर हरीश बोखला गया असल में हरीश के गणना अनुसार ये सब नहीं होना था उससे ऐसी भूल हुई जो उसके भविष्य को बिगाड़ देगी इसलिए वो बहुत घबरा ...Read Moreथा लेकिन थोड़ी देर में उसने खुद को शांत कर समस्या का हल ढूंढने में जुटा दीया शांति से सोचने पर उसने तय किया के पहले जिस कार्य हेतु वो आया है। उस कार्य को समाप्त करेगा उसके बाद जहाँ से भी वो शिशु आया है उसको छोड़ कर आ जाएगा। और अपनी गलती को सही करेगा। पहले तो वो
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 2 खंड 1 2010 यदि संसार में लफंगा पन करने की कोई उपाधि होती, तो हमारे प्यारे साबू को विश्व में अव्वल दर्जा मिलता। अब आप ही इस बात का अनुमान लगा ले कितना ...Read Moreलफंगा है ये साबू। जहाँ एक और उसकी उम्र के लोगों की रुचि खेल, पढ़ाई, पैसा, अथवा लड़कियों में होती है। वही उसकी रुचि लोगों और अपने घर वालो को तंग करने में होती थी। उसको अकसर सिनेमा देखना बेहद पसंद था जिसके कारण पैसा ना होने पर वो कुछ भी कर जाता। अब चाहें घर की पूंजी हो या
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 2 खण्ड 2 साबू अपने ऑफिस पहुँच तो गया। लेकिन वो क्या करें उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था वो बहुत बोर हो गया था। तभी साबू की नज़र अपने स्टाफ के ...Read Moreकर्मचारियों पर पड़ी, जो किसी बात पर विवाद कर रहे थे। और साबू को अपना मनोरंजन दिख गया। उसके भीतर का लफंगा दानव जाग गया, और उन दोनों की खिंचाई के इरादे से उनको साबू ने क्लर्क के हाथों अपने केबिन में बुलवाया, जिसे सुन कर दोनों की हवा टाइट हो गई। उन्हें लगा उनके झगड़े से बॉस डिस्टर्ब हो
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 2 खण्ड 3 रात को अपने पति की बातों से झुंझलाहट में उस सुंदरी को नींद नहीं आ रही थी। बस उसके दिमाग में साबू की बातें ही चल रही थी। अचानक उसका मन ...Read Moreकि एक बार इंटरनेट पर हिटलर के बारे में सर्च तो करें के आखिर ये बला क्या है। जो साबू को इतना परेशान कर रहा है। उसने साबू को सोता पाया और अपनी मेक बुक पर सर्च करने लगी। बहुत खंगालने के बाद उसको एक ब्रिटिश सोल्जर हेरनी ताण्ड्य का लेख मिला जिसमें सोल्जर के साथ में हिटलर का नाम
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 2 खण्ड 4 वहाँ से निकल कर साबू अपने ऑफिस आ जाता है। तभी उसकी सेकेट्री उसके पास आ कर उसको याद दिलाती है। कि आज उनकी मीटिंग डॉ आशुतोष से सुबह 10 बजे ...Read Moreथी जो सही टाइम पर अटेंड ना करने के कारण वो कई बार काल कर चुके हैं। मगर साबू का ध्यान इन सब बातों में नहीं था इसलिए बिना कोई जवाब दिए वो अपने केबिन में चला जाता है। उसकी ये बात सेकेट्री को बहुत अजीब लगती है। क्योंकि उसको याद है एक बार डॉ आशुतोष की मीटिंग के पीछे
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 3 खंड 1 वसुंधरा एक सुंदर और विशाल राज्य जिसकी सुंदरता और मनमोहक दृश्य किसी को भी मन्त्र मुग्ध कर दे। जितना ये राज्य सुंदर है। उससे कई गुना विशाल है। जो अपने भीतर ...Read Moreसे कई रहस्य समाए हुए है। इसकी तीन दिशाओं को घेरे हुआ अद्भुत जंगल राज्य के लिए एक वरदान से कम नहीं जो बड़े से बड़े राज्य की विशाल सेनाओं को अपने भीतर चमत्कारी रूप से हमेशा के लिए समा लेता है। और वसुंधरा राज्य की सीमा की सदैव सुरक्षा में किसी अटल सैनिक की भांति खड़ा रहता है। इसके
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 3 खण्ड 2 गजेश्वर राज्य में अब्दुला नाम का एक गरीब किसान था जिसकी एक सुंदर बीवी और एक तेरह वर्षीय बेटी थी। अब्दुल्ला दुनिया दारी की अधिक चिंता ना करके केवल अपने छोटे ...Read Moreपरिवार पर ही ध्यान देता। उसके लिये उसका परिवार ही उसकी दुनिया थी हष्टपुष्ट होने के कारण वो खेती में दुगनी मेहनत करता जिससे वो आसानी से राजा को लगान चुका कर अपने परिवार का पेट पाल लेता था। उसको राजा की क्रूरता का सम्पूर्ण ज्ञान था मगर उसने इस माहौल में दब कर जीना सीख लिया, वही एक दिन
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 3 खण्ड 3 वही दूसरी ओर गजेश्वर राज्य में आग के समान ये सूचना फेल गई। कि अब्दुल्ला राजा भानु और उसके वज़ीर नागेश्वर की हत्या करके फरार हो गया। अब लोगों में इसकी ...Read Moreहोने लगीं की ज़रूर अब्दुल्ला की पत्नी और बेटी की हत्या में राजा का किसी प्रकार सम्बन्ध था इसलिये अब्दुल्ला ने ये कठोर कदम उठाया। वही जब युवराज इंद्र अपने धूर्त मंत्रियों के साथ वेश्यालय पहुंचे तो अपने पिता और वज़ीर की निर्मम हत्या देख कर, खुद पर काबू खो बैठे। पहले तो उसने वेश्यालय की सारी वेश्याओं को एक
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 3 खंड 4 जब वो 1000 सैनिकों का समूह वापिस आएगा। तो हमें सरल मार्ग की जानकारी के लाभ के साथ साथ अन्य सैनिकों का जंगल के प्रति जो भय है। वो समाप्त करने ...Read Moreभी लाभ होगा, राजा इन्द्र को ये योजना उपयुक्त लगी, और अगले दिन जंगल की सीमा पर पहुँच कर 1000 सैनिकों को अपनी सेना में से राजा इन्द्र ने चुना, और उनको योजना समझा कर अपने सेना पति के साथ जंगल में भेज दिया। राजा और अन्य महान अनुभवी लोगों की गणना के आधार पर वो जंगल अधिक से अधिक
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 3 खंड 5 नरसिम्हा के लिए अपने बड़े भाई की मृत्यु का शोक अपार था। किंतु इस समय उनके ऊपर दो राज्यों का कार्यभार आ पड़ा, जिसको अपने दुख के कारण वो अनदेखा नहीं ...Read Moreसकते थे। नरसिम्हा नहीं चाहता था कि उसके कारण दोनों राज्यों की प्रजा जिनकी जनसंख्या लाखों में थी किसी भी प्रकार से कष्ट भोगे, नरसिम्हा ने बड़े ही कुशलता पूर्वक दोनों राज्यों की देख रेख करनी शुरू कर दी। नरसिम्हा ने आने वाले प्रत्येक संकट का निर्भयता से सामना कर उनका हल निकाला। नरसिम्हा ने वसुंधरा राज्य के पर्वतों वाले
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 3 खण्ड 6 लोगों के लिए हम्जा केवल जीवित ही नहीं था बल्कि उस शापित जंगल से सुरक्षित जीवित निकला एक लोता दैवीय पुरुष बन गया था। नरसिम्हा अपने भाई से बहुत देर तक ...Read Moreकर रोता रहा। किन्तु हम्जा की उस पर कोई प्रतिक्रिया ना थी मानो जंगल ने उसके भीतर की भावनाओं को नष्ट कर दिया, उसके भीतर बहुत कुछ परिवर्तित हो चुका था। नरसिम्हा अलग होते ही अपने भाई से नाराजगी जताते हुए अनेकों प्रश्न करता है। मगर हम्जा किसी का भी उत्तर दिए बिना अपने घोड़े की तरफ वापिस मुड़ा और
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 3 खंड 7 लगभग कोस भर की दूरी तय कर हम्जा को उस स्त्री का घोड़ा मिला, जो अब जीवित नहीं था उसकी मृत्यु बड़े ही निर्दयता से उसकी गर्दन मरोड़ कर की थी। ...Read Moreलिए अपार बल की आवश्यकता थी। ये देख कर हम्जा को चिंता और भय ने घेर लिया। हम्जा को उस स्त्री की चिंता होने लगी। साथी उस का भय भी था जिसने घोड़े की गर्दन को मरोड़ा, क्योंकि जो घोड़े की गर्दन को मरोड़ सकता है। उतना अधिक बल रखने वाले को मारना हम्जा की क्षमता से बहार था। हम्जा
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 3 खंड 8 हम्जा अपनी आप बीती नरसिम्हा को सुना ही रहा था, तभी महल में भगदड़ सी मच गई। नरसिम्हा और हम्जा ने कक्ष से बाहर निकल कर देखा तो कोई भयानक सूरत ...Read Moreव्यक्ति अब्दुला की हत्या करके भाग रहा था। हम्जा ने जब ये दृश्य देखा तब तक वो व्यक्ति लगभग भाग निकला था हम्जा उस व्यक्ति को कुछ क्षणों के लिए गोर से देखता है। और वो कहाँ से जाने वाला है। उसका अनुमान लगाता है। फिर एक अलग ही रास्ते पर हम्जा भागने लगा शुरू में तो किसी की समझ
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 3 खंड 9 उस जगह से उठ कर हम्जा आगे बढ़ा वो इस बात से अंजान था कि वो किस युग में आ पहुँचा है। वो किसी प्रकार के चिन्ह की खोज में या ...Read Moreव्यक्ति के मिलने की आशा में मिलो पैदल चलता रहा अंत में संध्या के समय अचानक तेज बरसात शुर
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 3 खंड 10 ये देख कर वो और भी अचरज में पड़ गया। क्योंकि उसको बिना अम्बाला के घर नहीं आना था। वो वापिस जंगल की ओर भागा पर जंगल में प्रवेश करते ही ...Read Moreखुद को उसी जगह पाता है। जहाँ वो थोड़ी देर पहले गिरा था। ऐसा वो कई बार करता है। लेकिन असफल ही होता। थक हार कर वो अपने किले की ओर जाता है। जंगल से किले तक उसने कुछ अजीब दृश्यों को देखा जैसे कुछ ऐसी इमारतें जो उसने खंडर हाल में छोड़ी थी अब एक दम नई हो गई
रहस्यों से भरा ब्रह्माण्ड अध्याय 3 खण्ड 11 जब मुझे होश आया तो मैंने खुद को जंगल में ही पाया। मैं समझ चुका था कि मेरा सामना जंगल की नकारात्मक शक्तियों से है जो अंधकार के पुजारी है। उनका ...Read Moreमेरे और अम्बाला द्वारा जन्मी संतान की बलि चढ़ा कर अंधकार को मुक्त करना था। ताकि इस धरती पर अंधकार और पाप का साम्राज्य स्थापित हो, अब मुझे किसी भी हाल में इस अनर्थ को होने से रोकना था। अपनी वास्तविकता जानने के पश्चात मुझे अपने भीतर कई प्रकार के परिवर्तन महसूस होने लगें। मुझे ये भी समझ आ गया