तांत्रिक मसाननाथ - Novels
by Rahul Haldhar
in
Hindi Horror Stories
आसनसोल स्टेशन से लगभग 15 मील दूर उत्तर पूर्वी
कोने पर हैं शिवपुर गांव I गांव न बोल इसे एक छोटा ब्लॉक बोलना सही रहेगा क्योंकि स्कूल , कॉलेज , हॉस्पिटल से लेकर शहरी ढांचे तक यहां मौजूद हैं ...Read Moreअलावा गांव के बाहर वाले पुलिस चौकी को
भी अब थाने में बदल दिया गया है I
शिवपुर के पश्चिम दिशा में अजय नदी बह रही है I इस नदी का एक इतिहास है I आज से लगभग 500 साल पहले 15 वीं व 16 वीं शताब्दी में अजय नदी ने अपना दिशा बदला I जिसके कारण शिवपुर के पश्चिम का एक बड़ा भाग पानी के नीचे खो गया I बड़े - बूढ़े बताते हैं कि वहां पर बाबा महादेव का एक सुंदर बड़ा सा मंदिर था I उस मंदिर का बहरी हिस्सा इतना मजबूत था कि सुल्तान बाबर भी इसका कुछ न बिगाड़ सके I
और यह भी कहा जाता हैं कि मंदिर के अंदर कई भूलभुलैया को खोजा गया था I उस भूलभुलैया का समाधान केवल एक पुरोहित परिवार के पास ही था I
तांत्रिक मसाननाथ व कापालिक ( 1 )आसनसोल स्टेशन से लगभग 15 मील दूर उत्तर पूर्वी कोने पर हैं शिवपुर गांव I गांव न बोल इसे एक छोटा ब्लॉक बोलना सही रहेगा क्योंकि स्कूल , कॉलेज , हॉस्पिटल से ...Read Moreशहरी ढांचे तक यहां मौजूद हैं I इसके अलावा गांव के बाहर वाले पुलिस चौकी को भी अब थाने में बदल दिया गया है I शिवपुर के पश्चिम दिशा में अजय नदी बह रही है I इस नदी का एक इतिहास है I आज से लगभग 500 साल पहले 15 वीं व 16 वीं शताब्दी
तांत्रिक मसाननाथ व कापालिक ( 2 )आज सुबह से ही आसमान काला है । कल रात को बारिश भी हुई थी । थाने का काम उस समय शुरू नहीं हुआ था । रूम से थाने तक जाने में पांच ...Read Moreलगता है । आज यशपाल को कुछ ज्यादा ही समय लगा एवं थाने के पास आते ही कई लोगों के आवाज को सुनकर उन्हें आश्चर्य हुआ । और कुछ आगे बढ़ते ही उन्हें नजर आया कुछ आदमी और एक महिला चिल्ला रहे थे । यशपाल को देखते ही वह महिला उनके पास दौड़ती हुई आई
तांत्रिक मसाननाथ व कापालिक ( 3 )उस दिन रात आठ बजे से पहले ही यशपाल व नरेंद्र ने खाना समाप्त किया । खाना बनाने वाली मौसी का भोजन मानो दिन पर दिन अस्वादिष्ट होता जा रहा है । दाल ...Read Moreमछली करी के बावजूद यशपाल चार से ज्यादा रोटी नहीं खा सके । लेकिन अच्छा ही हुआ रात जागने के लिए सुविधा ही होगा । 9 बजते ही दोनों रूम से निकल पड़े । नरेंद्र के हाथ में बड़ा वाला टोर्च है । गाड़ी न लेकर पैदल ही दोनों चल पड़े । इसीलिए दो मील
तांत्रिक मसाननाथ व कापालिक ( 4 )विनय के मौत का खबर हवा से भी तेज फैल रहा था । इसीलिए दोपहर का यह मीटिंग सभी के लिए संदेह भरा है । उस समय दोपहर के 12:25 हो रहे थे ...Read Moreपुराने कृष्ण मंदिर के पास भीड़ इकट्ठा हो गई है । यशपाल ने सभी को शांत कराया और बोले - " गांव में पिछले कुछ दिनों से जो भी हो रहा है यह स्वाभाविक नहीं है । ऐसे विभत्स हत्याएं मैंने अपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा । मैंने आपके कहे अनुसार विनय के
तांत्रिक मसाननाथ व कापालिक ( 5 )उस समय रात के 2 बज रहे थे । नरेंद्र को बैठे - बैठे नींद लग रही है लेकिन मच्छरों की वजह से चुपचाप बैठा नहीं जा रहा । सर्वेश के घर के ...Read Moreकोई झाड़ी नहीं है इसीलिए रास्ते पर ही बैठना पड़ा । क्योंकि उन्हें कल जैसा भूल आज नहीं करना है । आज दोनों ही अपने साथ सर्विस रिवाल्वर को भी लेकर आए हैं । यशपाल के प्लान के अनुसार घर के सामने वाले दरवाजे पर बाहर से कुंडी लगा दिया गया है । जिससे सर्वेश
तांत्रिक मसाननाथ व कापालिक ( 6 ) 20 साल पहले की इस घटना को सोचते हुए नरेंद्र कहीं खो गया था । उसे होश आया मसाननाथ की आवाज को सुनकर । " नरेंद्र क्या यही तुम्हारा ऑफिस है ? ...Read Moreइसे देख कर तो किसी थाने जैसा लगता है । " नरेंद्र बोला - " हां मैं एक पुलिस वाला हूं यह थाना ही मेरा ऑफिस है । आइए अंदर आइए यशपाल जी हमारे लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं । " थाने के हॉल रूम में पहुंचते ही यशपाल नजर आए । उन्हें देखकर ही ऐसा लग
तांत्रिक मसाननाथ व कापालिक ( 7 )अगले दिन सुबह के 10 बजे इस बारे में बातचीत शुरू हुई । चाय के कप को हाथ में लेकर नरेंद्र थाने के हॉल रूम में पहुंचा । मसाननाथ व यशपाल वहां ...Read Moreपहले ही पहुंच गए थे । एक कुर्सी लेकर नरेंद्र के बैठते ही मसाननाथ बोले - " कल रात इस बारे में बहुत कुछ सोचा । सबसे पहले हमें उस जीव को ढूंढना होगा । जिसके माध्यम से वह शैतानी शक्ति इस जगत में आया है । " यशपाल बोले - " किस प्रकार का जीव
तांत्रिक मसाननाथ व कापालिक ( 8 )रात 1 बजे थाने के सामने जीप आकर रुकी । सबसे पहले यशपाल फिर मसाननाथ उसके बाद नरेंद्र गाड़ी से उतरे । सर्वेश की स्थिति ठीक नहीं है गोली लगने वाली जगह से ...Read Moreका बहाव बढ़ता ही जा रहा है । यशपाल ने आदेश दिया - " नरेंद्र तुम सर्वेश को जिला अस्पताल में लेकर जाओ । अभी अगर रवाना होगे तो सुबह तक चले आओगे । क्योंकि अगर उसे हॉस्पिटल में न भर्ती किया गया तो स्थिति गंभीर हो सकती है । " नरेंद्र कुछ भी न बोलकर
तांत्रिक मसाननाथ व कापालिक ( 9 )दोपहर को यशपाल स्वयं ही गांव में जाकर लालू नाम मल्लाह को लेकर आए । नदी में करना क्या है यह सुनने के बाद लालू आश्चर्यचकित है । उस प्राचीन पवित्र मंदिर के ...Read Moreजाना है यह उसके सोच के बाहर था । लालू ने यह भी बताया कि अजय नदी में कभी कभी मीठे पानी के मगरमच्छ भी देखे जाते हैं । अंत में कुछ पैसे देकर उसे राजी कराया गया । दोपहर तक सबकुछ सेट हो गया लेकिन लालू मल्लाह के अलावा गांव के किसी भी आदमी को इस
तांत्रिक मसाननाथ व कापालिक ( अंतिम )लगभग 10 मिनट तैरने के बाद वो सभी उस पत्थर पर पहुंचे । तैरते हुए थक जाने के बावजूद नरेंद्र ने टोर्च को नहीं छोड़ा । फिसलन भरे उस पत्थर पर पहुंचने के ...Read Moreनरेंद्र ने पीछे टॉर्च जलाया । " तांत्रिक बाबा सर कहां गए ? " मसाननाथ ने कोई उत्तर नहीं दिया । लालू बोला - " बाबू साहब यहां पानी में एक हाथ दिखाई दे रहा है । " नरेंद्र ने उस ओर टोर्च जलाया । जैसे ही लालू ने उस हाथ को पकड़कर खींचा वह डर
यमहि मन्दिर का अभिशाप ( 1 )राजदीप और उसके दो साथी जब अजय नदी के पास पहुंचे उस समय दोपहर हो गया था । गर्मी के इस दोपहर धूप में निकलना सभी के बस का नहीं । ...Read Moreये तीन लड़के आज ही उस ऐतिहासिक कार्य को पूर्ण करके ही रहेंगे । ऐतिहासिक इसलिए क्योंकि वो सभी जो करने जा रहे हैं उसे बीते 500 सालों में किसी ने करने की हिम्मत नहीं दिखाई । अजय नदी का पानी इस समय मिट्टी से घुला हुआ है । राजदीप ने हाथ जोड़
यमहि मन्दिर का अभिशाप ( 2 )रामा नाम का एक ग्वाला उस दिन नदी के किनारे से अपने घर लौट रहा था । आज गाय - भैसों ने बहुत परेशान किया । उन्हें संभालने में ही आज देर हो ...Read More। नदी के किनारे वाले बबूल के पेड़ के पास आते ही उसे ऐसा लगा कि एक जीव पानी के अंदर भाग गया । गाय-भैंसों को वहीं खड़ा करके वह लाठी को लेकर नदी की ओर गया । पानी के पास पहुंचते ही उसे कुछ बड़े-बड़े पंजों के निशान नजर आए । वो सभी
यमहि मन्दिर का अभिशाप ( 3 )अगले दिन सुबह 10 बजे जब नरेंद्र को अपने काम से फुर्सत मिला तो वह मसाननाथ के साथ गोपाल के घर की ओर रवाना हुआ । शिवपुर के पश्चिम ओर जहाँ बब्बन के ...Read Moreका दुकान है वहां से बीस कदम आगे बढ़ते ही गोपाल यादव का घर है । युवक गोपाल के परिवार में केवल उसकी बूढ़ी मां ही है । अपने कुछ गाय और भैसों का का दूध बेचकर ही वह जीवन यापन करता है । बूढ़ी मां पहले की तरह अब काम नहीं कर पाती
यमहि मन्दिर का अभिशाप ( 4 )उस दिन दोपहर को मसाननाथ स्वयं थाने में उपस्थित हुए । नरेंद्र उस समय कुर्सी पर बैठा हुआ था । तांत्रिक मसाननाथ को थाने के हॉल रूम में प्रवेश करते देख नरेंद्र बोला ...Read More" तांत्रिक बाबा आप यहां पर , मुझे बताया होता तो मैं स्वयं चला आता । " " नरेंद्र एक बहुत ही जरूरी काम है । इस चिट्ठी को जल्द से जल्द गोविंदपुर भेजनें का प्रबंध करो । मैंने इसमें पूरा पता लिख दिया है । " " हां भेज रहा हूं । लेकिन यह
यमहि मन्दिर का अभिशाप ( 5 )कुछ देर बाद वह बूढ़ा आदमी अपने हाथों में एक कटोरी लाई और एक गिलास पानी लेकर बाहर निकले । मसाननाथ के सामने पानी रखकर बूढ़ा आदमी बोला - " गरीब का घर ...Read Moreइसीलिए इससे ज्यादा कुछ और नहीं कर पाया । " लाल चबाते हुए मसाननाथ बोले - " किसने कहा आप गरीब हैं अनजाने व्यक्ति को जो बैठकर खिला सकता है वही असल में धनी है । " यह बात सुन बूढ़ा आदमी संतुष्ट हुआ कि ऐसी बातें कोई अच्छे व्यक्तित्व वाला ही कर सकता
यमहि मन्दिर का अभिशाप ( 6 )मसाननाथ बोले - " साध्वी मां अभी जिंदा हैं लेकिन उन्हें खोजने का समय हमारे पास नहीं है । जिस तंत्र क्रिया से साध्वी मां ने यमहि को बंद किया था उसी क्रिया ...Read Moreमैंने भी भैरव का प्रतिरोध किया था लेकिन इसी में मेरे द्वारा एक बहुत बड़ी गलती हो गई । यमहि जिस जगत में बंदी था भूलवश भैरव को भी मैंने उसी की जगत में भेजा था । इसीलिए अशुभ शक्ति का द्वार खुलते ही वह प्रेत आत्मा यमहि मुक्त हो गया । " बूढ़ा आदमी बोला -
यमहि मन्दिर का अभिशाप ( 7 )सुबह के 9 बजे आसनसोल स्टेशन पर गोमो - आसनसोल पैसेंजर रुका । रेलिंग पकड़कर एक आदमी ने प्लेटफार्म पर पैर रखा । उनके शरीर पर बहुत ही अद्भुत पोशाक है । गेरुआ ...Read Moreके नीचे सफेद पजामा , गले में रुद्राक्ष और माथे पर तिलक देखकर इतना समझा जा सकता है इस व्यक्ति का भगवान के ऊपर विश्वास है । भीड़ से वह आदमी आगे बढ़ता हुआ बोला - " हट जाइए तांत्रिक कालीचरण का रास्ता कोई मत रोकना वरना पाप लगेगा । " यह सुन सभी
यमहि मन्दिर का अभिशाप ( 8 )मसाननाथ जब इन सब पर व्यस्त थे उस समय शिवपुर गांव के इस ओर एक दूसरी समस्या आ गई । एक अनजाना व्यक्ति शराब लेकर मंदिर में जाने की कोशिश कर रहा था ...Read Moreइसी कारण गांव वाले इसपर बिगड़ गए । आसनसोल स्टेशन से शिवपुर गांव आते ही बाएं तरफ पड़ता है पंडित बस्ती और वहीं पर गांव का एकमात्र भगवान शिव का मंदिर है । उसी मंदिर के सामने खड़े होकर कुछ लोग चिल्ला रहे हैं । झगड़े का कारण जो व्यक्ति है उससे हमारा परिचय कुछ
यमहि मन्दिर का अभिशाप ( 9 )किसी तरह सभी उस गड्ढे बाहर निकल गए थे । कुछ देर में नरेंद्र उन पत्थरों के बीच पिस जाता लेकिन मसाननाथ ने किसी तरह उसे उसे बाहर खींच कर निकाला । दोनों ...Read Moreउठकर देखा तो मणिप्रसाद बाहर पत्थर की दीवार को आश्चर्य ढंग से देख रहे थे । यह देखकर मसाननाथ बोले - " क्या हुआ पंडित जी वहां पर खड़े होकर क्या सोच रहे हैं ? " मणिप्रसाद ने उत्तर दिया - " तांत्रिक जी मेरे द्वारा इस पत्थर को दबाने से वह पत्थर का दरवाजा
यमहि मन्दिर का अभिशाप ( अंतिम )कितना समय बीता है इस पर किसी का ध्यान नहीं । अचानक मंदिर के नीचे पानी में एक आवाज सुनाई देने लगा । कालीचरण ने मसाननाथ से इशारों में कुछ कहा । इसके ...Read Moreमसाननाथ के आंख बंद करते ही सुरक्षा चक्र और भी प्रज्वलित हो गया । उधर मंदिर का शिखर एक काले तरल से भर गया । उस काले तरल ने धीरे-धीरे सुरक्षा चक्र को खत्म करना शुरू कर दिया । सभी ने आश्चर्य होकर देखा कि दिनेश का मृत शरीर पानी से ऊपर हवा में
तांत्रिक और पिशाच - 1मधुपुर ( झारखण्ड ) से कुछ दूरी पर स्थित किशनपुर गांव अपने प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। हरा - भरा , शांत , छायादार परिवेश युक्त है यह किशनपुर गांव । नजर जितनी दूर जाती ...Read Moreतरफ फ़सल ही फ़सल लहलहा रहा है। बाकी गावों की तरह यहाँ सुबह - सुबह कोलाहल अक्सर नहीं सुनाई देता। यहाँ सुबह मुर्गे के बांग से शुरू होता है। साथ ही खेतों में चरते गायों की आवाज़ तथा इसी के साथ चिड़ियों के चीं - चीं आवाज़ भी सुनाई देती है। सुबह की शीतल हवा किशनपुर गांव के परिवेश को
तांत्रिक और पिशाच - 2शाम हो गई है। सूर्य पश्चिम की ओर ढल चुका है। पूरे गांव में एक अद्भुत सन्नाटा फैला हुआ है। चारों तरफ से केवल झींगुर की आवाज ही सुनाई दे रहा है। आसमान के कोने ...Read Moreकाले बादलों ने डेरा डाला है। दूर कहीं से बादल के गरजने की आवाज सुनाई दे रहा है । शायद यही काल बैसाखी के आने का संकेत है , जोकि चैत्र महीने के शामों को अक्सर होता है। गांव के प्रधान राजनाथ तिवारी अपने आंगन में बैठकर हुक्का पी रहे थे। अचानक ही बाहर से बारिश गिरने की आवाज सुनाई
तांत्रिक और पिशाच - 3रात को देरी से सोने के कारण राजनाथ जी को सुबह उठने में काफी देर हो गई। उनकी नींद खुली जब हरिहर बाहर से दरवाजा खटखटा रहा था। " मालिक, देखिए किसे लेकर आया हूं। ...Read Moreराजनाथ जी ने हरिहर के आवाज को सुन जल्दी से उठ कर बैठ गए। राजनाथ जी के दरवाजा खोलते ही हरिहर ने मुस्कुराते हुए कहा , " देखिए मालिक किसे साथ लेकर आया हूं ? " राजनाथ जी ने आंख मलते हुए देखा कि उनके सामने एक सुदृढ़ आदमी खड़ा है। देखकर उस आदमी को बूढा नहीं कहा जा सकता।
तांत्रिक व पिशाच - 4शाम को सभी चाय पीने बैठे हैं। आंगन के एक तरफ एक लालटेन जल रहा है। वहीं पर राजनाथ जी , तांत्रिक मसान नाथ और हरिहर बैठे हुए थे। बात के बीच में मसाननाथ ने ...Read Moreजी से जमींदार के घर जाने की अनुमति मांगी।मसाननाथ बोले ," राजनाथ जी आपसे एक अनुमति चाहिए। "राजनाथ जी ने चाय पीते हुए पूछा ," किस बात की अनुमति ? "" हमें एक बार जमींदार शेरसिंह के घर जाना होगा । इस गांव को बचाने के लिए वहां जाना जरूरी है। "यह सुनकर राजनाथ जी कुछ देर चुप रहे और
तांत्रिक व पिशाच - 5कल अमावस्या है इसीलिए आसमान में चाँद नहीं दिखाई दे रहा। आसमान के एक कोने में हल्की रोशनी है , शायद वही चाँद है। इस वक्त रात के 2 बज रहे हैं। पुराने जमाने की ...Read Moreघड़ी जोर से टिक - टिक करके समय को बता रही है। उस दिन मसाननाथ को राजनाथ जी के घर पहुंचने में शाम हो गई थी। वैसे उन्हें रास्ते में कोई भी चोर या डकैत नहीं मिला। सफर की थकान के कारण उस दिन मसाननाथ खा - पीकर जल्दी ही सो गए थे। पूरे गांव में एक अद्भुत सन्नाटा है।
तांत्रिक व पिशाच - 6दोपहर को खाने के बाद तांत्रिक मसाननाथ अपने कमरे के बिस्तर पर आराम कर रहे थे। घड़ी में जब उन्होंने देखा कि 4 बज रहा है तब बिस्तर छोड़ बाहर कुर्सी पर जाकर बैठ गए। ...Read Moreहाथ में उस वक्त सन्यासी शिवराज बाबा के द्वारा भेजा गया चिट्ठी था। मसाननाथ उस चिट्ठी को देखते हुए हरिहर के आने का इंतजार करने लगे। हरिहर सुबह 10 बजे निकला है और अबतक नहीं लौटा। मसाननाथ कुछ सोच रहे थे कि उसी वक्त बाहर से हरिहर की आवाज आई। " हाँ यहाँ पर रख दो। तुम्हें कितना देना है
तांत्रिक व पिशाच - 7तांत्रिक मसाननाथ और हरिहर दोनों ने किसी के चिल्लाने की आवाज़ सुनी। वह आदमी प्रधान साहब के नाम को जोर - जोर से पुकारते हुए इधर ही आ रहा था। अब वह आदमी सामने के ...Read Moreसे आँगन में आया। उस आदमी को देखकर हरिहर बोला, " अरे भोला सरदार तुम इस वक्त यहाँ , आखिर क्या हुआ है ? डर से कांप क्यों रहे हो ? " भोला सरदार बोला , " हरिहर भाई मेरी लड़की को कुछ हो गया है। मेरी लड़की सोई हुई थी फिर अचानक उठते ही उसे ना जाने क्या हो
तांत्रिक व पिशाच - 8आज शाम से ही आसमान काले बादलों से घिरा हुआ है। दूर कहीं से बादल गरजने की आवाज भी सुनाई दे रही है। तापमान में दिन के मुकाबले काफी कम हो गया है। अचानक ही ...Read Moreहुए हरिहर बोला , " आज जो हुआ बाप रे बाप। " यह सुनकर मसाननाथ बोले, " इतने में ही थक गए। अभी तो रात में बहुत कुछ होना बाकी है। तब तुम्हारा क्या होगा ? " हरिहर चेहरा उतर गया। पर मसाननाथ उस तरह कोई ध्यान नहीं दिया। फिर से मसाननाथ बोले, " सभी हरड़ को ठीक से कूटकर
तांत्रिक व पिशाच - 9उस वक्त रात के 11 बज रहे थे। पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। मसाननाथ प्रधान जी के घर के सामने खड़े होकर हरिहर के आने का इंतजार कर रहे थे। उनके हाथ में ...Read Moreथैली है और उसी में आज की सभी तंत्र क्रियाओं का सामान भरा हुआ है। हरिहर जाने से पहले एक बार अपने मालिक से मिलने ऊपर गया है। राजनाथ जी के लिए हरिहर एक बहुत ही भरोसेमंद आदमी है। आज अगर इस भयानक कार्य में हरिहर को कुछ हो गया तो राजनाथ जी मसाननाथ को इतनी आसानी से नहीं छोड़ेंगे।
तांत्रिक व पिशाच - अंतिम भागकुएं में मशाल और सुरंग के पास हरिहर ने मोमबत्ती जला दिया। अब मसाननाथ ने हरिहर से कहा, " इधर आओ और हरड़ की चूर्ण और सरसों से जो मिश्रण बनाया था उससे झोले ...Read Moreनिकालो। " यह सुनते ही हरिहर ने तुरंत ही उस मिश्रण को झोले से निकालकर मसाननाथ के हाथ में दे दिया। तांत्रिक मसाननाथ उस मिश्रण से जमीन पर कुछ आकृति बनाने लगे। देख कर ऐसा लग रहा था कि तांत्रिक बाबा कोई रंगोली बना रहे हैं। पहले उन्होंने उस मिश्रण द्वारा एक गोल वृत्त बनाया और फिर उन्होंने उस वृत्त