लाल ग्रह - जीवन की खोज - Novels
by किशनलाल शर्मा
in
Hindi Science-Fiction
और उसके भी आगे बढ़ते कदम ठहर गए।कुछ देर तक वे दोनों दूर खड़े होकर एक दूसरे को देखते रहे।फिर दूर से ही एक दूसरे को इशारे करने लगे।काफी देर बाद जब उन्हें विश्वास हो गया कि वे ...Read Moreदूसरे को कोई नुकसान नही पहुंचाएंगे तब वे आगे बढ़े।दो अलग अलग अलग दुनिया ग्रह के लोग पास तो आ गए।एक दूसरे अभिवादन करने के बाद उन्होंंने बात शुरू की लेकिन दोनो एक दूसरे की भाषा नही समझ सके।तब उन्होंने इशारों और सांकेतिक भाषा का सहारा लिया।"मैं मानव पृथ्वी से,"मानव इशारों में अपने बारे में बताते हुए
"यूरेका"मंगल मिशन से लौटे यान के सकुशल धरती पर उतरते ही इस मिशन से जुड़े सभी लोग खुशी से उछल पड़े।खुश होते क्यो नही?कई सालों की मेहनत के बाद वे अपने मिशन में कामयाब हुए थे।यूं तो धरती ...Read Moreकई देश वर्षो से मंगल मिशन में जुटे थे।पर पहले सफलता इन्हें मिलज थी।सब एक दूसरे कक बधाई देने लगे।खुशी उनके चेहरे और आंखों से साफ साफ झलक रही थी।लेकिन"मानव कहां है?"यान का दरवाजा खुलते ही यान को खाली देखकर सब चोंके थे।सब की जुबान पर एक ही प्रश्न था।मानव कहाँ गया?क्या हुआ उसके साथ?जब यान लौट आया तो मानव कहां
और उसके भी आगे बढ़ते कदम ठहर गए।कुछ देर तक वे दोनों दूर खड़े होकर एक दूसरे को देखते रहे।फिर दूर से ही एक दूसरे को इशारे करने लगे।काफी देर बाद जब उन्हें विश्वास हो गया कि वे ...Read Moreदूसरे को कोई नुकसान नही पहुंचाएंगे तब वे आगे बढ़े।दो अलग अलग अलग दुनिया ग्रह के लोग पास तो आ गए।एक दूसरे अभिवादन करने के बाद उन्होंंने बात शुरू की लेकिन दोनो एक दूसरे की भाषा नही समझ सके।तब उन्होंने इशारों और सांकेतिक भाषा का सहारा लिया।"मैं मानव पृथ्वी से,"मानव इशारों में अपने बारे में बताते हुए