निडर - Novels
by Asha Saraswat
in
Hindi Children Stories
यह कहानी बहुत छोटी है, परंतु इससे सीख बहुत बड़ी मिलती है । आत्मविश्वास एवं कर्मठता की सीख मिलती है, निडरता की सीख मिलती है और साथ में यह भी सीख मिलती है कि असंभव कुछ ...Read Moreनहीं है ।शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद बुद्धि और साहस से कोई भी काम किया जा सकता है । हालांकि इस कहानी में बहुत सी बातें अस्वाभाविक हैं,परंतु बचपन में जब मैंने यह कहानी अपनी नानी से सुनी तो बहुत अच्छी लगी थी ।यही कहानी जब मैंने अपने नन्हे बेटे को सुनाई तो उसे भी
यह कहानी बहुत छोटी है, परंतु इससे सीख बहुत बड़ी मिलती है । आत्मविश्वास एवं कर्मठता की सीख मिलती है, निडरता की सीख मिलती है और साथ में यह भी सीख मिलती है कि असंभव कुछ ...Read Moreनहीं है ।शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद बुद्धि और साहस से कोई भी काम किया जा सकता है । हालांकि इस कहानी में बहुत सी बातें अस्वाभाविक हैं,परंतु बचपन में जब मैंने यह कहानी अपनी नानी से सुनी तो बहुत अच्छी लगी थी ।यही कहानी जब मैंने अपने नन्हे बेटे को सुनाई तो उसे भी
कहानी अब तक राजा से हल बैल लाने का गट्टू भाई निश्चय कर लेता है। अब आगे गट्टू भाई खेत में से मोटे-मोटे सरकंडे ...Read Moreछोटे-छोटे बॉंस काट कर लाया और उसकी गाड़ी बनाई। गाड़ी तो बन कर तैयार हो गई, गट्टू भाई के क़द और वजन के अनुसार गाड़ी का आकार भी सही था; लेकिन कौन खींचेगा उस गाड़ी को, किस पशु को उस गाड़ी में जोता जाए यह बहुत बड़ी समस्या थी । इसका भी हल निकाल लिया गट्टू भाई ने । दो मोटे-मोटे चूहे पकड़े और उन्हें गाड़ी में
कहानी अब तक गट्टू भाई राजा से लड़ने चले। रास्ते में ऑंधी तूफ़ान, वर्षा, चींटी मधु मक्खी एवं धुआँ मिले ।उन सब के अनुरोध पर वह उन सब को भी साथ में लेकर ...Read Moreदिए । अब आगे गट्टू भाई की गाड़ी आगे बढ़ रही थी उसे अचानक रास्ते में भयानक आग दिखाई दी। गट्टू भाई— “अरे अग्नि देव किनारे हो जाओ मैं तुमसे लड़ने नहीं आ रहा हूँ, मैं तो जा रहा हूँ राजा से लड़ने; ऐसे तुम क्यों परेशान होकर मेरा रास्ता रोक रहे हो, जाओ।” आग ने पूछा—“तुम कहाँ
कहानी अब तक राजा राज दरबार के बाहर आकर गट्टू भाई के द्वारा अपने सैनिकों की दुर्दशा को देखते है। अब आगे राजा थोड़ी देर ...Read Moreमैदान में फैले हुए घायल सैनिकों को देखते रहे, फिर उन्होंने एक सभासद को गट्टू भाई के पास जाकर युद्ध बंद करने तथा राजा के पास लाने का निर्देश दिया । इसके बाद उन्होंने महामात्य को सैनिकों की चिकित्सा की उचित व्यवस्था करवाने का भी निर्देश दिया । महामात्य अपने कुछ सभासदों एवं अमात्यों के साथ मिल कर सैनिकों की चिकित्सा व्यवस्था करवाने में लग गए। उन्हें चिकित्सा हेतु
कहानी अब तक गट्टू भाई राजा से मिलते हैं । राजा उनकी बात सुनने के लिए दरबार में लेकर आते हैं और अपने पास बैठने के लिए स्थान देते हैं । ...Read More अब आगे राजा राज दरबार में राज सिंहासन पर बैठे हुए थे । महामात्य भी अपने स्थान पर बैठे हुए थे । कुछ अमात्य और सभासद भी बैठे हुए थे । कुछ अमात्य सैनिकों की चिकित्सा व्यवस्था के लिए गये थे । उनके साथ सेनापति भी सैनिकों की चिकित्सा व्यवस्था में लगे हुए थे । गट्टू