वो निगाहे.....!! - Novels
by Madhu
in
Hindi Fiction Stories
नजर
को नजर मिली नजर को नजर लग गई......?
श्री को लड़के वाले आय थे देखने भगमदौड लगी हुई थी उसके घर में.... मेहमानो के खातिरदारी में सब जुटे हुये थे एक से एक पकवान बनाय गये थे श्री के सासरे वालो के लिये ...श्री कि मम्मी के पैर से पूरे घर इधर से उधर नाचती फिर रही थी पापा भी इधर उधर काम बटाते हुये नजरे बार बार गेट से होकर फिर काम पर लग जाती......!!
कहते एक लड़की को देखने वाले आते हैं तो उसके परिवार वाले कोई कसर नहीं छोडते उनके खातिर दारी मे ये रह तो नहीं वो रह तो नहीं गया हर एक के मम्मी पापा चाहते उनकी बिटिया कि शादी एक सुकुशल और सज्जन घर में हो....!! घर अगर कोपोषित मानसिकता वाले घर में गो गया तो जीवन नरक बन जावे....कुछ घरो को छोडकर अधिकतर घरो का ये नियम होवे बिटिया कि डोली मायके से उठकर अर्थी उसके ससुराल से उठे अंतिम सांस तक अपनी ससुराल कि होकर रहे चाहे घर परिवार कैसे भी हो वो कहते हैं ना कि मम्मी पापा की पसंद से शादी होवे कुछ उँचाई नीच होवे तो इतना तो शादी मे बर्रदाश्त करना पडे है.... अपनी मन से एक लड की शादी करे तो यदि उसके जीवन में उँचाई नीच होवे तो कहेगे कि अपने मन से कि थी तो अब भोगो.....ये हमारे समाज का कडवा सच्चाई है....!!
नजर को नजर मिली नजर को नजर लग गई......श्री को लड़के वाले आय थे देखने भगमदौड लगी हुई थी उसके घर में.... मेहमानो के खातिरदारी में सब जुटे हुये थे एक से एक पकवान बनाय गये थे श्री के ...Read Moreवालो के लिये ...श्री कि मम्मी के पैर से पूरे घर इधर से उधर नाचती फिर रही थी पापा भी इधर उधर काम बटाते हुये नजरे बार बार गेट से होकर फिर काम पर लग जाती......!!कहते एक लड़की को देखने वाले आते हैं तो उसके परिवार वाले कोई कसर नहीं छोडते उनके खातिर दारी मे ये रह तो नहीं वो
बोल ना काहे नहीं बोल रही हो मैडम....श्री अरे मेरी माँ कुछ नहीं मै तो बस युही देख रही थी तू पता नहीं क्या क्या सोचने लगती है.....धानी अच्छा चल छोड.....दोनों अपना खाना खाती है पैसे देकर वापस घर ...Read Moreओर चल देती है धानी अपनी स्कूटी से दोनों चली जाती है धानी और श्री का कुछ दुरी पर होता है श्री को उसके घर दरवाजे पर छोड वही श्री के माँ धानी से रुक जा चाय पि के चली जाना मै बस बनाने जा रही थी वैसे तुम लोग आ गई.... धानी अरे माँ (धानी श्री कि मम्मी को
धडका गया दिल मेरा.....उनका निगाहे उठाना.....!! जैसे ही सुना उन लोगों को एक साथ अकेले मे मिलना है वैसे हि श्री को घबराहट होने लगी... उसकी घबराहट को देखते हुये पास बैठी धानी.... देख श्री इतना घबरा क्यों रही ...Read Moreइंसान हि है तुझे खा नहीं जायगा समझी अब चुपचाप मिल जाकर कैसा रहा बताना मैनु हि हि..... श्री दांत दिखाना बन्द कर नहीं तो तोड दुगी समझी सारी बातिसी बाहर आ जायेगी....धानी अपनी होठो पर उंगली धर ली चुपचाप बैठ गई......! तेज और श्री एक कमरे में भेज दिया जाता है....कमरा श्री का हि होता अंदर आते हि तेज
जब वो खिला रहा होता है उसे महसूस होता है कोई उसे लगातार देखे हि जा रहा है जब वो नजर उठाकर देखता सामने दो लड़कियां आपस में बाते कर रही होती है l अपना वहम समझकर वापस उन्हे ...Read Moreकराने लगता है खाने खिलाने के बाद तेज उन्ही के पास बैठ जाता है फिर उसे लगता कोई देख रहा उसी वक़्त वो भी अपनी निगाह उठाता उस लडकी से जाकर उसकी निगाह मिलती वो बस एक निगाह उसे हि देखे जा रही थी उसके चेहरे कि मासूम सी मुस्कराहट उसे और भी प्यारी बना रही थी वो लडकी तेज
भाई आप तो अभी से भाभी के चमचे बन गये.... अरे पगलि तू चमचे कि बात क्या करती है मै तेरी भाभी के इश्क में चम्चा कूकर सीटी सब गया खुलकर मुस्कुराते हुये तेज कहता है.... वही वामा अपने ...Read Moreकि इस निश्चल मुस्कान को देखकर उसकी आँखें भीग गई.......भाई आप ऐसे हि मुस्कुराते रहा किजिये कितने प्यारे लगते है आप.... अरे छुटकी मै हमेशा खुश रहता हूं पगलि तू भी हमेशा खुश रहा कर पगलि,,,,,,ये कहकर एक दूसरे को गले लगाते लेते हैं.... वही इन दोनों को देखकर जहा तेज की माँ मुह बनाती हुई अन्दर चली जाती है
जब मेहमान सब चले जाते हैं ,श्री जल्दि से अपने में जाकर गहराई से सब सोचने लगती है l इस वक़्त उसका मन खुशी के मारे बैचेनी से घिरा होता है जब उसकी बैचेनी कम नहीं होती है l ...Read Moreजाकर वो गाने लगाकर झूम झूम कर नाचने लगती है उसकी बैचेनी धीरे धीरे कम पडने लगती है l चेहरा पर सुकून हि सुकून पसरने लगता है l तब तक नाचती जब तक श्री थक कर चूर नहीं हो गई l धानी बस कर श्री कितना नाचोगी भई अपनी शादी के लिये हम लोगों के लाने भी तनिक नाचना धर
हा समझ गई मेरी माँ अब ना हसुगी फिर से खि खि कर हसने लगी l श्री धानी कि बच्ची चुप कर जा पागल लडकी l अच्छा अच्छा अब नहीं हसुगी पक्का धानी मुह पर उंगली धर लि l ...Read Moreधानी मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा है यार मुझे हमारी मोहब्बत मिलने वाली है l धानी श्री से दो साल से तुझे देख रही हूँ उन यादो को जीते हुये कितना रोई है उन यादो के लिये ईश्वर इतना भी निश्ठुर नहीं है कि तुम्हे तुम्हारी मोहब्बत ना मिलाते l अब ईश्वर का धन्यवाद कर चुप चाप सो
जिन निगाहो ने कभी सोचा ना थाउनके दीदारे करम होगे.....आज उनकी एक निगाह कि तलब सी बढ़ गई है...!!चट मंगनी पट ब्याह दोनों के परिवारो ने सोचा था मंगनी तो हो गई शादी कि अभी डेट रखी नहीं गई ...Read Moreजो कि कुछ समय बाद रखी जानी है.......!!*********************************************श्री सुबह उठकर धरती माँ के पैर छूती है आभार प्रकट करती है l अपना फोन उठाकर देखा किसी अननोन नम्बर से मेसेज सुबह हि सुबह आया था वो सोच में पड गई किसका है ! वो सोच हि रही थी कि उसी वक़्त काल भी आने लगी अननोन नम्बर से ....कुछ सेकेण्ड
उनकी निगाह कुछ इस कदर पडी बेजान शरीर में जिन्दा होने की हरकत हुई...!! तेज कुछ काम कर रहा था अपने ढाबे पर उसे किसी कि झलक दिखी फिर उस इंसान कि आवाजे आने लगी l आवाज सुनकर शायद ...Read Moreकिसी से कुछ मगवा रहा था, तेज.सारे काम अपने वर्कर को समझा कर बाहर को ओर भागा देखा एक खाट पर एक लडका तेज कि उम्र का बहुत प्रेम पूर्वक खाने का लुफ़्त उठा रहा था और आस पास कि उसे कोई लेना देना लग नहीं रहा था बस वो पूरी तरह से खाने में मग्न था!!उसके खाने के तरिके
वामा खुद पर झुलझुलाते जाकर बेड पर लेट गई,,,, वही तकरीबन आधा घण्टा बीत गया उसके कमरे में किसी कि आहट हुयी l वो जाकर सीधे वामा के बेड के पास आ गया उसे दूर से हि निहारता रहा ...Read Moreलग रहा था कि इतने दिनो बाद उस शख्स के चेहरे पर सुकूनियत हुई हो l कितनी मासूम और प्यारी लग रही थी वामा उसे अभी कही जग रही होती तो झाँसी कि रानी कि तरह दहाड रही होती l सोती हुई वामा को लग रहा था जैसे उसके कमरे में बेहद उसके करीब हो l वो झटके से उठी
!!वो बेखर थी शिकायती निगाहो से वो बेखबर थी बोलती निगाहो से !!!!जब निगाहे से निगाहे सारी शिकायते कफ़ूर बहो गई!!वेद ने जाकर अन्दर से दरवाजा हि बन्द कर लिया ....उसको वामा कि बाते अन्दर हि अन्दर कचोट रही ...Read Moreवेद वामा के दर्द को भली भाँति जानता समझता है!! वामा के दूर जाने की बात से कितना विचलित हो गया ऐसा लग रहा उसकी जिस्म से किसी ने रुह निकाल लि हो!! मौन अन्सुओ से बिलख पडा वो खुद को कमजोर नहीं दिखाना चाहता है l वामा दरवाजा खटखटाती रही लेकिन वेद ने दरवाजा नहीं खोला वो जाकर फ़्रेश
निगाहे बेचैन हो गई उनकी एक झलक पाने को!! शाम वक़्त वो जल्दबाजी में प्रोग्राम का सामान ला रही थी कि रोड क्रास करते वक़्त राँग साइड से आ रहे ट्रक से टक्कर इतनी जोरो कि हुई उसके हाथ ...Read Moreसामान बिखर गया वो सीधा हवा में उछलती हुई गिरी पूरी खून से लथपथ !श्री काम कर रही थी कि उसे अचानक बेचैनी लगने लगी l वो उठकर पानी पीने लगी कि तब तक उसका फोन बजा देखा धानी का काल थी झट से उसने फोन उठाया हा धानी कहा हो अभी l हैलो किसी अजनबी कि आवाज से श्री
भीगी निगाहो से जब उन्होने देखा उसका दिल कचोट सा गया! श्री हास्पिटल के मंदिर जाकर हाथ जोडकर नम आंखों से खड़ी हो गई उसके होठ हिल रहे थे वो साथ हि मंत्र भी पढती जा रही थी l ...Read Moreवक़्त बाद किसी ने उसके कन्धे पर हाथ रखा l पलट कर देखा चौक पडी l भगवान जी के हाथ जोडकर वो श्री को अपने साथ ले जाकर किनारे पर खड़ा हो गया l श्री कि आंखें आन्सुओ से सरोबार थी l उसने श्री को बिन पूछे गले से लगा लिया l गले लगते ही श्री का सब्र का बांध
!!!नाराजगी भरी निगाहे उनकी उन्हे और दिलकश बना गया!!! अगले दिन.... धानी को होश गया था वो खमोशी से लेटे हुये छ्त को घूरॆ जा रही थी! उसका जो चेहरा हर वक़्त दमकता था इस वक़्त मुरझाया सा था! ...Read Moreकि आहट से धानी ने नजरे सामने कि वहा उसकी मम्मी भरी आँखो से होठो पर मुस्कान लिये हुये उसे हि देख रही थी! धानी के होठो पर भी मुस्कुराहट आ गई! धानी कि मम्मी धानी के माथे पर अपना प्रेम अंकित कर दिया l कैसा है मेरे बच्चा? धानी भी होठो पर मुस्कान लिये "ठीक हूँ मम्मी " मम्मी
उनकी भीगी निगाहे से देखना हमारा दिल चीर सा गई.......!! झटके से दरवाजा खुला धानी जो आंखों पर हाथ धरे लेटी थी l भीनी सी खुशबू आई धानी अच्छे से पहचानी थी उसकी आँखें चमक के साथ साथ नाराजगी ...Read Moreभाव भी थे l फिर मुहँ फेर कर लेट गई l वो आवाक से खडा रह गया l अपना सिर झटका.... उसे अच्छे से पता था यही होने वाला है l मायूर अंदर आते हुये कैसी हो अब आराम है कि नहीं? उसके पास बैठते हुये पूछा! धानी यूही लेटी रही कुछ ना बोली! आराम है कि नहीं धानी कुछ
निगाहो से निगाहे मिलाकर वो पुरसुकून हो गई!! अनायस हि मायूर कि नजर दरवाजे पर पडी सामने देख कर तेजी से धानी से अलग हुआ l उसके अलग होते ही धानी भी मायूर कि दिशा में देखा जिस ओर ...Read Moreदेख रहा था आश्चर्य से उसकी आँखें बडी बड़ी हो गई l झट से अपनी जोरो से आँखें बंद कर लेट गई l उसकी इस हरकत पर मायूर अवाक सा रह गया l सामने श्री दोनों बाँधे हुये आंखों में आश्चर्य और खुशी भाव से देख रही थी l अपने चेहरे पर आये खुशी भाव को तुरंत छुपा ली l
अपनी निगाहो मे ना सही अपनी यादो मे बसाय रखना ......!!धानी डिस्चार्ज हो कर घर आ गई थी अपने हि ख्यालो में इस कदर गुम हो गई अपने फ़ादर साहब का आना पता हि नहीं चला! अब आगे......! नहीं ...Read Moreसाहब मै इतने दिनों से बेड रेस्ट पर थी स्कूल भी जाना नहीं हो पाया बच्चो का कलचरल प्रोग्राम भी मिस कर दि l बस वही सोच रही थी और कुछ नहीं! अरे बेटा तुम ठीक हो जाओ फिर से अपने स्कूल जाने लगोगे l तुम यू खमोश नहीं अच्छी लगती है तुम शरारत करते हुये ठीक लगती हो l
होठो से भला इकरार ना हुआ निगाहे तुम्हारी इकरार कर गई!! अरे हम तो झूठी नाराजगी लिये बोले आप तो परेशान हि हो गई l हम आज हि बात करते है भाई साहब से कि उनकी क्या राय है ...Read Moreअपनी पत्नी को गले लगा लिया l जी उर्मी जी भी गले लग गई l दोनों को हि आत्मिक शान्ति मिली l उन्हु उन्हु..... श्री बोली तो श्री माँ पापा झट से अलग हो गये l दोनों हि लोग असहज हो गये l उन दोनों को असहज देख श्री माँ हम और मायूर धानी के घर जा रहे है यही
उनकी शरारती निगाहे देख उनका शर्म से निगाहे झुकाना उफ़्फ़्फ़्फ़!! श्री और मायूर साथ में धानी के जाते हैं इस बीच दोनों के बीच सारी बाते होती बस उस दिन होस्पिटल वाली नहीं l मायूर बताने कि कोशिश भी ...Read Moreहै लेकिन श्री बात हि पूरी नहीं देती है l दी....मु.... मुझे आपको कुछ बताना प्लीज आप सुन लो ना एक बार मनुहार करते हुये बोला l नहीं नहीं अब सीधा धानी के घर बात होगी जो भी है समझे झूठी नाराजगी से बोली l दीईई.... बेचारगी से बोला l नो मीन्स नो समझ नहीं आता तुम्हें कि लगाऊ एक
उनका किसी के गले लगने का कहना और उसकी निगाहो का सिकुड़ना......! उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़!! अरे तुम कहाँ जा रही हो? अभी जीजा जी आये हैं बेचारे सिर्फ़ बहाना हमारा था असल में मिलना तो तुमसे हि था कहकर आई विन्क ...Read Moreदी और खिलखिला पडी l धानी कि बात सुन तेज हौले से मुस्कुरा दिया l श्री ~उसे आंखें दिखाते हुये चुपकर पागल नहीं तो एक थप्पड़ पड़ेगा l तुम बातें करो अपनी जीजा जीईईइसे जी थोडा खीचकर बोली तेज को एक नजर डाल तुरंत हि कमरे से बाहर आ गई l तेज ~उसके जाते ही तुम दोनों बातें करो हम
हा अब बताओ क्यों आप ने हमें यहाँ बुलाया था और वो भी हमें खुद से बुलाया ऐसा क्या हो गया भई शरारत से तेज बोला l उनकी आँखों कि शरारत देख श्री ~क्यों हम आप को बुला नहीं ...Read Moreहै वैसे भी आप हमारे है और अपनो पर हक जताया जाता है तो हमने अपना हक जता लिया वो भी उसे उसी लहजे में बोल शरारत से मुस्कुरा पड़ा l और हम अपना हक जता लू तो इन्टेन्स नजरों से देख श्री के ओर बढने लगा श्री ये देख घबरा उठी अ... आप आप ऐसे क्यों देखकर हमारी ओर
अरे छोड़ो तुम दोनों उनको जब इनकी आंखों में धूल झोक कर कुछ कर जाएंगे तब समझ आयेगा l तब मुहँ फ़िराते फ़िरेगे.....!जो बड़े अकड़ में रहते है l कहकर वो तीसरी औरत बेशर्मी से हंस पड़ी साथ में ...Read Moreदोनों औरते भी l उन औरतो कि बाते सुनकर धानी के फ़ादर साहब कि आंखें गुस्से से एक दम लाल पड़ जाती l माथे कि नसे तन सी जाती है l खुद के गुस्से को जब्त कर साँस छोडकर..... सीधा उन औरते के पास आकर सहज भाव से क्यों बहन जी... क्या बात कर रही है आप लोग आप तो
मायूर हाल में आते हुये उसे अमर जी दिख गये जो पसीने से लथपथ अपना एक हाथ सीने पर रख सहला रहे थे l उनको उस हालत में देख मायूर तुरंत हि उनके पास आके ,,,क्या हुआ अंकल?आप ऐसे ...Read Moreबैठो हो ?इस वक़्त मायूर के चेहरे पर घबराहट थी l वो फ़ौरन हि वही से तेज को आवाज देता है! मायूर को देख अमर जी को उन औरते कि बाते दिमाग में चलने लगी वो मायूर को देखते ही गश खाकर गिरने वाले थे कि मायूर उन्हें सम्भाल लिया l अंकल..... जोरो से चीखा! आवाज इतनी तेज थी कि