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unknown connection by Heena katariya | Read Hindi Best Novels and Download PDF

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अनजान रीश्ता by Heena katariya in Hindi
Novels

अनजान रीश्ता - Novels

by Heena katariya Matrubharti Verified in Hindi Love Stories

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पारुल और अविनाश दोनों के रास्ते एक हैं पर मन्ज़िल अलग हैं पारुल इक सामान्य मिड्ल क्लास फ़ैमीली से हैं तो अविनाश बहोत बडा सुपर स्टार हैं दोनों कि लाइफ़ मे ज़मीन आसमान का फ़र्क हैं पर फ़िर भी ...Read Moreके जिने कि निव एक ही हैं तो देखते है आगे क्या होता हैं Chapter one रोज़ कि तरह आज भी पारुल अपने मोबाइल मे आलार्म बन्द कर रही थी और पांच मिनट के बाद उसकी दोस्त का कोल आता हैं कि वो रेड़ी हो गयी कोलेज के लिए वो जल्दि से उठकर उसे कहती

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अनजान रीश्ता - Novels

अनजान रीश्ता
पारुल और अविनाश दोनों के रास्ते एक हैं पर मन्ज़िल अलग हैं पारुल इक सामान्य मिड्ल क्लास फ़ैमीली से हैं तो अविनाश बहोत बडा सुपर स्टार हैं दोनों कि लाइफ़ मे ज़मीन आसमान का फ़र्क हैं पर फ़िर भी ...Read Moreके जिने कि निव एक ही हैं तो देखते है आगे क्या होता हैं Chapter one रोज़ कि तरह आज भी पारुल अपने मोबाइल मे आलार्म बन्द कर रही थी और पांच मिनट के बाद उसकी दोस्त का कोल आता हैं कि वो रेड़ी हो गयी कोलेज के लिए वो जल्दि से उठकर उसे कहती
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अनजान रीश्ता - 2
पारुल उसकी तसवीर बस मे देखकर वहि रुक जाती हे तभी नैना उसे फ़िर से अपने विचार से बहार ले आती हे और एसे देखकर वह गुस्सा हो जाती हे और उसके एसे उखडे हुए देखकर वह दुखी हो ...Read Moreहे जेसे हि पारुल को कुछ पुछ्ने हि वलि थी कि परुल फ़िर से सोन्ग सुन्ते हुये खवाबो कि दुनिया मे जा चुकि थि वह आश्मान कि ओर देखकर मुस्कुरा रही थी और मन हि मन सोच रही थी कि वो खुश होगा जहा भि होगापारुल बस उसे देख हि रहि थि कि नैना उसे पुछती हैं कि वो मोबाइल
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अनजान रीश्ता - 3
अविनाश जब सुबह उठा तो उसका सर दर्द कर रहा था तो पेइन किलर खाने के बाद वह एसे ही अकेला बेठकर सोच रहा था कि वह कहा से कहाँ पहुंच गया लेकिन अभी भी वह अकेला ही हे ...Read Moreमैड नास्ता टेबल पर रखती हे और वह खा रहा होता हे तभी उसकी मेड (करिब 50 साल कि हे सो दोनो मे मा बेटे जेसा रिश्ता हे) उसे पुछ्ती हे क्या हुआ तब अविनाश उन्कि तरफ़ देखकर बोलता हे कि प्यार यह सुनकर अविनाश खुद आश्चर्य मे पड़ जाता हे कि उसने अभी क्या बोला वो प्यार मे विश्वास
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अनजान रीश्ता - 4
जब पारुल ने देखा तो सेम उसके रूम मैं खड़ा था और मुस्कुरा रहा था यह देखकर पारुल गुस्से से लाल हो जाती हैं और केह्ती हैं तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? यह सुनकर सेम पारुल के ...Read Moreखड़े होकर कह्ता है babe I miss you so much यह सुनकर पारुल चोक जाती हैं और समझ नहीं पाती क्या कहे फ़िर खुद को सँभालते हुये कह्ती है ex.. cuz.. me.. तुम्हें कोई गलतफ़हमी हुयी हैं इसे पहले की मैं चिल्ला चिल्ला कर सभी को बुलाउ जलदी यहाँ से निकलो सेम मुस्कराते हुये केह्ता है मुजे पता है babe
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अनजान रीश्ता - 5
सुबह पारुल जल्दि से उठकर कॉलेज के लिए तैयार हो रही थी कि तभी उसके मोबाइल मे वाब्रेट हुआ तो वह मोबाइल चेक करती है तभी वह सेम का मेसैज पढ़ती है और फ़िर सोचती हैं की जो होगा ...Read Moreजायेगा यह सोचते सोचते वह नास्ता करने अपने मोम डेड के साथ बेठती है तभी पापा पारुल से बात करते हैं की कॉलेज कैसा चल रहा है वगेरह और पारुल बाय कह कर नैना को लेकर कॉलेज कि और निकल पड़ती हैं उसके दिमाग मैं लाखों सवाल है पर फ़िर भी वह हिम्मत जुटा कर कॉलेज पहुँच जाती हैं वहां
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अनजान रीश्ता - 6
पारुल वोशरुम से जैसे ही बहार आती हैं तो चोक जाती है क्योंकि नैना वहा खड़ी थी जिसे अचानक देख के पारुल उसे पूछ्ती है कि वो यहा क्या कर रही है तभी नैना कहती है कि ये वोशरुम ...Read Moreतो वो यहा क्यो आयेगी यह सुनकर पारुल को उसके बेवकुफ़ी का भास होता है और फ़िर वह अपने हाथ वोश करके नैना के साथ बहार निकलती हैं तभी नैना उसे पूछ्ती हैं कि चल क्या रहा है नैना: so what's going on पारुल: nothing why नैना: actually तुम कभी भी किसी के साथ वोशरूम में बात नहीं करती so
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अनजान रीश्ता - 7
पारुल घर पर आती है तो अब वह लन्च करके शाम के वादे के बारे मे सोचती हैं वह समझ नहीं पाती की इस स्थिति से केसे निकले फ़िर वह सारे ख्याल को दुर करके सोचती है जो होगा ...Read Moreजायेगा वह एक व्हाइट ड्रेस पहन के तैयार हो रही होती हैं की उसके मोबाइल मे मैसेज आता है जिसे उसे लगता है की वह सेम का होगा तो वह इग्नोर करते हुये रेडी हो जाती हैं जब वह अपने पर्स और स्कूटी की चाबी लेने ही वाली होती है तभी उसके मोबाइल पे सेम का कोल आता हैं वह
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अनजान रीश्ता - 8
सुबह होते ही पारुल के फोन की रीन्गटोन बजी पारुल बिना देखे ही कोल रीसीव कर लेती है उसे लगा नैना होगी पर सेम था तो वह फ़िर नींद से जाग के सेम से बात करते हुये रेडी हो ...Read Moreथी तभी उसके फोन पे मैसेज आया जिसे वह देख नहीं पाती ओर बाद में देख लेगी यह सोचकर सेम के साथ बात करने लगती हैं तभी वह सेम को बाय बोलने के बाद ब्रेकफ़स्ट के लिये मोम डेड के साथ बेठती है आज वह खुश थी तो उसके परिवार को भी नज़र आ रहा है तो उसके पापा पूछ
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अनजान रीश्ता - 9
पारुल और सेम लंच ब्रेक के बाद दो लेक्चर अटेन्ड करते हैं जैसे ही पारुल अपनी स्कूटी स्टार्ट करने वाली होती है सेम उससे कहता हैं की आज वह उससे ड्रॉप करेगा तभी वह कहती है की वह चली ...Read Moreतब सेम उससे मना कर देता है ओर उसे अपनी कार में बैठा देता है और वह ड्राइविंग करना स्टार्ट करता है तभी पारुल उससे केह्ती हैं क्या वजह है अचानक उसे ड्रॉप करने के पीछे तभी सेम कहता है कुछ भी तो नहीं एसे ही पारुल और कुछ नही बोलती ओर आसमान को देखते हुये सो जाती है यह
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अनजान रीश्ता - 10
सेम पारुल के घर से जाने के बाद अपने रूम मैं बैठे बैठे सोचता हैं की क्या से क्या हो गया और पागलो की तरह मुस्कुरा रहा था तभी उसके भाई का कोल आया वह उससे बात करता हैsem ...Read Morehey bro how's you doing bro. : nothing bro not feeling well sem. : everything is all right bro. : there's something wrong with me sem. : if you need me I will be there anytime bro. : no.... noon... it's not that much serious sem. : don't worry I have surprise for you bro. : what it is sem.
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अनजान रीश्ता - 11
अविनाश और रोहन पूरा दिन मूवी देखने के बाद खाना ऑर्डर करते हैं अविनाश का मुड़ पहले से काफ़ी बेह्तर था लेकिन फ़िर भी वह पारुल का ख़्याल अपने दिमाग से निकाल नहीं पाता यह देखकर रोहन उसे कह्ता ...Read Moreकी चलो शोपिंग पर चलते हैं अविनाश मना करता है लेकिन फ़िर भी रोहन उसे ले जाता है दोनो मोल पहुँचते है रोहन और अविनाश दोनों कुछ कपड़े देखते हैं तभी अविनाश का ध्यान एक लड़की पर पड़ता वह जैसे ही उसकी ओर जा रहा होता हैं रोहन उसे पूछ्ता है कोन सा शर्ट ले वह समज नहीं पा रहा
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अनजान रीश्ता - 12
अविनाश रेस्टोरेन्ट मे वेट कर रहा होता हैं की डिम्पी आती है और दोनों बैठ्ने ही वाले होते हैं कि अविनाश मैंनेजर को बहार वैट करने के लिए कहता है और वह डिम्पी की और देखता हैं और मुस्कुराते ...Read Moreबात की शुरुआत करता है अविनाश: so tea or coffee डिम्पी: coffee अविनाश: okayडिम्पी: now tell me the reason अविनाश: what are you talking about डिम्पी: ज्यादा भोले ना बनो तो बहतर है अविनाश: fine I wanted to know about someone डिम्पी: and what is the name of so called someone अविनाश: you know herrr...डिम्पी: wait a second are you talking about girl?अविनाश: yaa I'm डिम्पी: are you serious
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अनजान रीश्ता - 13
अविनाश डिम्पी से मिलने के बाद शूटीग मे व्यसत हो जाता है और उसके बाद अपने कॉन्सर्ट के लिए प्रेस कोन्फ़्रेन्स मे जाता है जहा वह रीपोटरस से बात करने के बाद रोहन को कॉल करता है और पार्टी ...Read Moreलिए कहता है और वह क्लब पहुंच जाता है और वह दोनो ड्रिन्क करना शुरू ही करते हैं कि उसके दोस्त आते हैं और ड्रिंक करते हैं तभी अविनाश कहता है आज kaa बिल वह पै करेगा यह सुनकर सब हस ही रहे होते हैं और पुछ ही लेते हैं की क्या वजह है इतने खुश जो हो तभी अविनाश
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अनजान रीश्ता - 14
पारुल और सेम एसे ही बाते कर रहे थे कि तभी सेम उसे कहता है की पारुल के लिए एक और सरप्राएज है यह सुनकर पारुल उसकी और देखती हैं और कहती है पारुल्: अब और क्या बाकी है ...Read Moreहो गयी है और ये तारे भी कह रहे हैं की सेम अब बस करो तुम इतने cute अच्छे नहीं लगते सेम: ahhan so Miss vyas think that I'm cute haan सेम मुस्कुराते हुये पारुल को चीठाता है पारुल्: that's not point don't try to change topic सेम: मैने कब बात बदली जो तुमने कहा वही मैने कहा पारुल्: OK fine I said that okkayसेम:
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अनजान रीश्ता - 15
सेम घर पे जाता है तभी वह मुस्कुरा रहा होता हैं तो जैसे ही वह अपने रुम का दरवाजा खोलता है दोस्तों ओर मोम डेड को देखकर चोक जाता है वह लोग केक लेके खडे थे सेम के चहेरे ...Read Moreएक मुस्कुराहट आ जाती है वह खुश हो जाता है एक और पारुल का गिफ़्ट और दूसरी तरफ इनका सरप्राएज वह फ़िर मोमबती बुझाकर केक काटता है करीब एक घंटे बाद सारा सेलीब्रेशन खत्म हो जाने के बाद वह बाल्कनी मे खडा था तो वह एसे ही सोच रहा था की उसकी लाईफ़ का सबसे बेस्ट डे है और वह
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अनजान रीश्ता - 16
पारुल सुबह उठती है तभी उसे किसी के हंसने की आवाज आती है तो वह अपने रूम का दरवाजा खोल के देखती है की सेम और उसके पापा किसी बात पे हंस रहे थे यह देखकर पारुल चोक जाती ...Read Moreऔर सोचती की यह हुआ तो हुआ कैसे तभी पारुल को उसके पापा आवाज़ देते हैं और पारुल अपने विचार से बहार आती है तो देखती है कि सेम ठीक उसके सामने खडा था जिससे वह पीछे जाने की कोशिश में गिरने ही वाली होती है की सेम उसे अपनी ओर खीच लेता है जिससे वह सेम के और नजदीक
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अनजान रीश्ता - 17
पारुल सेम के पीछे जाती है तभी सेम तेजी से भागते हुए डाइनिग टेबल पे पहुंच जाता है ओर पारुल भी पीछे पीछे भागती हुयी आती है और कहती है पारुल: सेम्म्म्म्म...(अपने मोम डेड को देखकर कुछ बोल नहीं ...Read More) सेम: (मुस्कुराते हुये) हाँ बोलो पारो मैं तो यही हूँ फ़िर चिल्ला क्यों रही हो कुछ हुआ है क्या? पारुल: तुमम्म्म..... सेम: मैं क्या?(पारुल की ओर विन्क करते हुये) पापा: अब बाते बाद में भी होती रहेगी पहले नास्ता कर लो पारुल बेटा आओ तुम भी बैठो जल्दी से सेम: हाँ पारो आओ नास्ता कर लो (पारुल के लिए
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अनजान रीश्ता - 18
सेम कार मे वैट कर रहा होता है तभी पारुल कार मे आकर बैठती है सेम पारुल की ओर देखकर स्माईल करती है तभी पारुल भी स्माईल करती और सेम कार स्टार्ट करता है सेम कार ड्राईव कर ही ...Read Moreहोता हैं तभी पारुल उससे पुछ्ती है की वे कहाँ जा रहे हैं पारुल: तो अब तो बताओ यार हम कहाँ जा रहे हैं मैं और इंतजार नहीं कर सकती सेम: chilll जब वहां जायेगे तो तुम खुशी से न जाने क्या करोगी पारुल: बताओ ना प्लीज्ज्ज्ज्ज्ज.... सेम: awwww मेरे छोटे बैबी अभी नहीं क्योंकि अभी आपको रेडी होना तो
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अनजान रीश्ता - 19
सेम और पारुल दोनों रेस्टोरेन्ट मे नास्ता करने के बाद कार की ओर जा ही रहे होते हैं पर तभी पारुल कहती है की पारुल: सेम.... सेम: हम्म्म.. पारुल: वो... बात ये की अम्म्म ... सेम:(पारुल की ओर देखते ...Read Moreतुम ये सडनली लडकी कैसे बन गयी तुम तो मेरा सनी देओल हो हाहाआहाहा पारुल: सेम के बच्चे..... नहीं बात करनी तुझसे जा मैं ही पागल थी जो गीलटी फ़ील कर रही थी मुझे लगा सोरी बोल दू पर नहीं तु तो कभी सुधरेगा नहीं सेम: आये हाये पारो यही अंदाज ही तो है जो हमे घायल कर देता है
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अनजान रीश्ता - 20
सेम और पारुल ब्यूटी पार्लर में पहुंचते हैं तभी सेम वर्कर से कहता है की उनकी मेम को बुलाये और सेम और पारुल वहां वैट कर रहे थे तभी थोड़ी देर में एक लड़की आती है जिसे देखकर सेम ...Read Moreचहेरे पे मुस्कराहट आ जाती हैं सेम को देखकर वह लड़की भी मुस्कुराते हुए आती है तभी सेम कहता है सेम: समायरा समायरा: समीर what a pleasant surprise सेम: well I'm surprised I mean look at you समायरा: oh please don't be surprised सेम: you look totally gorgeous babe why the hell I didn't notice before समायरा: अभी भी आदत
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अनजान रीश्ता - 21
सेम कार को पार्क करने के बाद पारुल को भी कहता है कि वह लोग पहुंच गए हैं तभी पारुल आंखो को खोलने की कोशिश करती हैं लेकिन तेज धूप की वजह से वह आंखे खोल नहीं पा रही ...Read Moreतभी जब वह डोर के बहार देखती हैं तो सेम एक गुलाब ले के खड़ा था जिसे देखकर वह सोच में पड़ जाती हैं की अब ये क्या करने वाला है तभी सेम घुटनों के बल बैठते हुए पारुल से कहता है सेम : पारो विल यू बी ओल माय ओनली फॉर वन डे पारुल : हन!!... सेम : क्या
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अनजान रीश्ता - 22
पारुल और सेम दोनों ही लंच करने के बाद ऐसे ही रूम में बैठे हुए थे तभी सेम पारुल से कहता है कि मूवी देखे तो पारुल कहती है की हां क्यों नही तभी सेम डरावनी मूवी ऑन करता ...Read Moreहै यह देखकर पारुल कुछ कहती नही और सेम के साथ सोफे पर बैठती हैं तभी सेम मूवी को रोक देता है जिससे पारुल कहती हैं पारुल : क्या हुआ मूवी क्यों रोक दी? सेम : वो वो.… पॉपकॉर्न बिना पॉपकॉर्न के मूवी देखने में क्या मजा आएगा पारुल : ओकेय.... सेम : तुम्हें और कुछ चाहिए मैं पॉपकॉर्न मंगवा
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अनजान रीश्ता - 23
पारुल रूम में बैठे बैठे सेम के बारे में यूंही उल्टा सीधा बडबडा रही थी की तभी दरवाजे पे किसी के नोक करने की आवाज आती है। पारूल गुस्से में दरवाजा खोलते हुए वह सोचती है सेम के बच्चे ...Read Moreतू अब पता चलेगा पारुल व्यास क्या चीज है। एसा सोचते हुए वह सेम के ऊपर पानी का ग्लास फेकने वाली होती है की सामने एक लड़की होती है जिससे वह उसे सोरी कहती है की गलती से उस पर पानी फेक दिया। वह लड़की पारुल की ओर देखती ही रह जाती है पारुल उसे सोरी कहते हुए सेम को
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अनजान रीश्ता - 24
जैसे पारुल अंदर जाती है तो वह स्टेज पर थी और बाकी काफी लोग स्टेज की ओर देख के गाना गा रहे थे और आई लव यू अविनाश कह रहे थे। यह सुनकर पारुल सेम की ओर देखते हुए ...Read Moreआंखो ही आंखो से बात करने की कोशिश करती है पर सेम उसे आखों से ही इशारा करता है की सब पत्ता चल जाएगा थोडी देर ओर वह पारुल का हाथ अपने हाथ में ले लेता है। पारुल की हार्टबीट बढ़ गई थी वह सेम का हाथ को कस के पकड़ लेती है। उसके लिए पहली बार है की वह
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अनजान रीश्ता - 25
पारुल और सेम दोनों ही स्टेज से जा रहे थे । तभी शो का होस्ट पारुल और सेम को रुकने के लिए कहता है जिससे पारुल सेम को कहती है की वह काफी थक गई है तो सेम उसे ...Read Moreहै बस थोडी देर और । उसके बाद वह उसके आइस्क्रीम शॉप पे ले जाएगा जिससे पारुल के चहेरे पे मुस्कान आ जाती है । जिस तरह सेम उसका ध्यान रख रहा है। वह ऐसे सेम की ओर देखते हुए मुस्कुरा रही थी और सोच में डूबी थी। तभी सेम उसे खयालों से बहार लाते हुए कहता है की वह
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अनजान रीश्ता - 26
सेम पारुल के पीछे उसे पकड़ने के लिए भाग रहा होता है। और पारुल हंसते हुए आगे भाग रही होती है । उन दोनों के बीच में चल रहा ये मज़ाक दूर से अविनाश देख रहा होता है। अविनाश ...Read Moreगुस्से की वजह से हाथ को मुट्ठी में बंद करके खुद को कंट्रोल कर रहा था । तभी वह दो वर्कर को बात करते सुनता है । " लुक एट धेम हाऊ कयुट धेय आर । " यह सुनकर अविनाश ओर भी गुस्सा हो जाता है । और जोर से चिल्लाता है । " पेक अपप्प..." । अविनाश की चिलाने
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अनजान रीश्ता - 27
पारुल अविनाश की ओर देख रही थी । वह रेडी होने में बीजी था । तभी सेम का मेसेज पारुल के फोन में आता है । जिससे पारुल को होश आता है की वह क्या कर रही थी। एक ...Read Moreसी फीलींग पारुल के मन में आती हैं । पारुल यूंही सोच में डूबी हूई थी की अविनाश चुटकी बजाते हुए पारुल को अपनी खयालों की दुनिया से बहार लाता है। अविनाश: सो प्रिंसेस कहा खोई हुई हो ? पारुल: कुछ नहीं वो सेम.... अविनाश: ( सेम का नाम सुनते ही मानो एक जलन सी उसके दिल में महसूस हो
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अनजान रीश्ता - 28
पारुल सेम के साथ आइस्क्रीम शॉप पर पहुंचती हैं। वह टेबल पर बैठे हुए आज जो भी हुआ उस बारे में सोच रही थी। की सेम उसकी फेवरेट आइस्क्रीम लेके आता है । जिससे पारुल सेम की ओर एक ...Read Moreसी मुस्कुराहट देते हुए उसे शुक्रिया कहती है। पारुल समझ नहीं पाती की वह इतनी बैचैन क्यों है। अब एसा तो कुछ है नहीं की अविनाश उसका दोस्त हो या वह उसे जानती हो। वह फिर इतना दर्द क्यों महसूस कर रही है । वह यह बाते सोच ही रही थी कि सेम उसे सोच में से बाहर लाते हुए
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अनजान रीश्ता - 29
अविनाश तेज़ी से रोड पर ड्राइव करते हुए अपना गुस्से को काबू में करने की कोशिश करता है। लेकिन बार बार उसके सामने सेम और पारुल का चित्र उसके आंखो के सामने आ जाता है । गुस्से की वजह ...Read Moreउसकी आंखे लाल हो चुकी थी। वह अपनी कार की रफ्तार ओर तेज़ कर देता है । वह बस इस रियलिटी से दूर भागना चाहता था । इतनी दूर की जहा उसे ये सब चीजें महसूस ना हो। वो खुद समझ नहीं पा रहा था कि उसे इतना गुस्सा क्यों आ रहा है । आखिर उसके दिल में इतना दर्द
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अनजान रीश्ता - 30
सेम पारुल को उसके घर छोड़कर अपने घर की ओर ड्राइव कर रहा होता है । तभी वह खिड़की के बहार अंधेरी रात में चमक रही चांदनी को देख रहा था । ना चाहते हुए भी उसे पारुल को ...Read Moreका डर है। वो अच्छी तरह से जानता है कि पारुल सिर्फ उसे दोस्त की नजरो से ही देखती हैं । पर उसका दिल पता नहीं क्यों मानने को तैयार ही नही । वह ऐसे ही वह सारे पल उसके सामने आते है जो उसने ओर पारुल ने साथ में बिताए थे और उसके चहेरे पे एक मुस्कान आ जाती
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अनजान रीश्ता - 31
पारुल अपने घर का दरवाजा धीरे से चाबी से खोलते हुए घर में पहुंचती है। हॉल और किचेन कि लाइट बंद थी मतलब उसके माता पिता दोनों ही सो गए थे । यह बात पारुल अच्छे से जानती थी ...Read Moreधीरे धीरे अपने कमरे की ओर पहुंचती है । वह अपने रूम का दरवाजा खोलते हुए धीरे से बंद करते हुए अपने रूम की लाइट ऑन करती है । वह सीधे अपने बेड पर जाके सो जाती है । वह यूंही अपने रूम की छत को देखते हुए वह आज जो भी हुआ उसके बारे में सोच रही थी । वह
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अनजान रीश्ता - 32
अविनाश यूंही रोहन के साथ बैठा हुआ था। की तभी उसे मोबाईल के बजने की आवाज सुनाई देती हैं । अविनाश रोहन से बात करके काफी अच्छा महसूस कर रहा था । लेकिन वह अच्छी तरह जानता था कि ...Read Moreही सारी सच्चाई सबके सामने आएगी । सब उससे और भी नफ़रत करेगे । खास करके पारुल । पारुल उसे नफरत भरी नजरो से देखेगी यह सोचकर ही अविनाश के दिल में एक दर्द सा होता है। वह कुछ भी बर्दास्त कर सकता है । पर अपने अतीत कि वजह से नफ़रत नहीं । खास कर उस इंसान की आंखो
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अनजान रीश्ता - 33
सेम अपने घर पहुंचते ही सीधा अपने रूम में चला जाता है । वह बस बाल्कनी में एसा ही खड़ा था । और तारो को देख रहा था । वह बस सोच ही रहा था कि पारुल को अपने ...Read Moreकि बात कहे या ना कहे । यह सारे सवाल उसके दिमाग में घूम रहे थे । तभी सेम को पीछे से कोई आवाज़ देता है -"सेम" । सेम आवाज की दिशा में मुड़ते हुए कहता है । " जी मा" । सेम की मोम सेम के पास बालकनी में खड़े होते हुए कहती है - "सेम" । सेम "हम्म"
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अनजान रीश्ता - 34
सेम सुबह सुबह अपने घर से पारुल को लेने जा रहा होता है। तभी सेम की मोम उसे रोकते हुए कहती है की कहां जा रहे हो? तभी सेम अपनी मां से कहता है की वह आज पारो को ...Read Moreजा रहा है। सेम की मोम सेम से कहती है की पारो कौन है? तो सेम शर्माते हुए कहता है की पारो वही लड़की है। सेम को इस तरह शरमाते देख वह जोर जोर से हंसने लगती है तभी सेम अपनी मां की ओर देखते हुए कहता है । सेम: क्या? निर्मला: आहाहाहाहाहाहा!!! देखो तो सही खुद को लड़कियों कि
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अनजान रीश्ता - 35
सेम हॉल में बैठते हुए मोबाईल में व्यस्त था । वह ऐसे ही कुछ देख रहा था। तभी पारुल के रूम का दरवाजा खोलने कि आवाज आती हैं । तभी सेम मोबाईल को ऑफ करते हुए पारुल की ओर ...Read Moreहै । वह बस मानो सांस लेना ही भूल गया था । पारुल ने सलवार कमीज़ जज रही थी । ब्लेक और रेड कलर मानो उसकी खूबसूरती पर चार चांद लगा रहा था । सेम तो मानो भूल ही गया था कि हॉल में पारुल के मोम डेड ही है । वह बिना पलके जपकाये बस पारुल को देखे जा
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अनजान रीश्ता - 36
पारुल: सेम आई डोंट नो आई मीन आई लाईक यू । पर प्यार करती हूं या नहीं ये मुझे खुद ही पता नहीं है । इनफेक्ट प्यार क्या है ? किसे कहते है प्यार? कैसा अनुभव होता है जब ...Read Moreइंसान दूसरे इंसान के प्यार में पड़ता है ये सब बाते मेरे दिमाग से परे हैं। सेम:( पारुल का हाथ अपने दिल पर रखते हुए) सून रही हो ना!!! ये जो मेरा दिल कितनी तेज़ी से धड़क रहा है!! । इसे कहते है प्यार। जब भी तुम उस इंसान के करीब होते हो तो ये अपने आप संकेत देने लगता
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अनजान रीश्ता - 37
पारुल सेम आइस्क्रीम शॉप के बहार कार पार्क करते है। तभी पारुल सेम से कहती हैं कि आइस्क्रीम कार में ही ऑर्डर कर ले । जब एक ही आइस्क्रीम मंगवानी है तो खामखां शॉप में जाके क्यों समय बर्बाद ...Read Moreयह सुनकर सेम मुस्कुराते हां कहते हुए आइस्क्रीम शॉप पर कॉल करके ऑर्डर करता है। पारुल और सेम ऐसे ही दोनों ऑर्डर का वैट कर रहे थे । तभी क़ार की खिड़की पे खटखटाने की आवाज आती हैं। सेम कार का शीशा नीचे करता है। तभी सेम ऑर्डर लेते हुए पेमेंट कर रहा होता है । तभी पारुल ऑर्डर का
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अनजान रीश्ता - 38
पारु पारुल ऐसे ही खयालों में डूबी हुई थी। वहां अविनाश के बारे में सोच रही थी। न जाने क्यों पारुल को ऐसा क्यों लग रहा था जैसे वह अविनाश को सालों से जानती हो। फिर भी अविनाश ...Read Moreके लिए पहली की तरह था। पारुल जैसे ना चाहते हुए भी कुछ महसूस कर रही थी लेकिन वह समझ नहीं पा रही थी । दूसरी ओर सेम अपने मोबाइल में किसी के साथ बात कर रहा था । सेम कहता है सेम: हेय भाई..! भाई: सेम देखो अभी मैं शुट पर जा रहा हूं और शायद मुझे आने में देर
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अनजान रीश्ता - 39
पारुल और सेम ऐसे ही फोटो आल्बम देख रहे थे कि तभी सेम के पिताजी आते है जिससे पारुल का ध्यान भी उनकी तरफ जाता है। पारुल जब सेम के पिता को बस देख ही रही थी । लेकिन ...Read Moreजाने उसे एसा लग रहा था कि जैसे वह उन्हें सालो से जानती हो। तभी सेम कहता है। सेम: पारो मीट माय डेड एंड डेड मिलिए पारो से। पारुल: अम हेल्लो.... अंकल ...!! अश्विन: हैलो बेटा कैसे हो आप..? पारुल: ठीक हूं अंकल शुक्रिया...! सेम: सो डेड आप आज जल्दी कैसे आ गए । अश्विन: क्यों भई क्या मै अपने
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अनजान रीश्ता - 40
पारुल ऐसे ही सोफे पर बैठी हुई थी । वह सेम के लौटने का इंतजार कर रही थी । वह जाना तो सेम साथ चाहती थी पर उनकी परिवार कि टाइमिंग में वह अनकम्फर्टेबल नहीं होना चाहती थी । ...Read Moreवजह से वह सेम ओर अविनाश के साथ उसके माता पिता के साथ नहीं गई । अविनाश की बातो को याद करते हुए उसके रोगटे खड़े हो गए थे। न जाने क्यों पारुल जब भी अविनाश को देखती है तो उसका दिल जोरो से धड़कने लगता है । जैसे मानो वह अविनाश को सालो से जानती हो। पर फिर पारुल
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अनजान रीश्ता - 41
पारुल और सेम डाइनिंग टेबल पर खाना खाने बैठे थे सेम पारुल से यूं ही कुछ बातें कर रहा था। सेम के मोम डैड भी पारुल से कुछ सिलसिले में बात कर रहे थे लेकिन पारुल का मन थोड़ी ...Read Moreपहले जो बात है अविनाश ने कहीं वही उसके मन में घूम रही थी। वह सेम को जवाब तो दे रही थी परंतु उसका मन विचलित था। वह समझ नहीं पा रही थी कि उसकी जिंदगी में क्या हो रहा है। यह एक सपना है या सच वह समझ नहीं पा रही थी । वह बस इस सारी समस्या को
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अनजान रीश्ता - 42
पारुल और सेम सबको बाय कहते हुए घर से निकलते हैं । पारुल कार में बैठते हुए ऐसे ही सोच में डूबी हुई थी । सेम के चहेरे से मुस्कुराहट जाने का नाम ही नहीं ले रही थी । ...Read Moreलिए तो मानो जैसे ये एक सपना ही है कि पारुल उसकी किस्मत में है वो भी एक हमसफ़र के तौर पर। वह समझ नहीं पा रहा था क्या करे उसकी खुशी का तो मानो कोई ठिकाना ही नहीं था। वह कार स्टार्ट करते हुए पारुल की ओर देखता है । तो पारुल किसी गहरी सोच मै थी । वह
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अनजान रीश्ता - 43
पारुल अस्पताल में थी उससे अभी तक होश नहीं आया था । उसके माता पिता डॉक्टर का इंतज़ार कर रहे थे। दोनों चिंता में बैठे हुए थे। सेम के माता पिता भी वही बैठे थे। सेम की मॉम के ...Read Moreमै से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। पारुल की मोम का भी यही हाल था। तभी डॉक्टर आते है। डॉक्टर: यहां पर पारुल व्यास के परिवार में से कौन है!? किरीट: जी!!? हम दोनों है । मै पारुल का पिता हूं । क्या हुआ सब कुछ ठीक तो है ना!!? डॉक्टर: आप मेरे साथ ऑफिस में चलिए
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अनजान रीश्ता - 44
अविनाश स्टेज पर गाना तो गा रहा था लेकिन उसका दिल मानो वही अस्पताल में ही था वैसे तो वह यह सारी की सारी चीजें जगमगाहट देख रहा था पर वह बार-बार पारुल को ही मन में याद ...Read Moreरहा था । वह सोच रहा था कि पारुल को होश आया होगा या नहीं या फिर उसे कुछ हुआ तो नहीं होगा यह सारे ख्याल उसके मन में घूम रहे थे वह मानो जैसे एक मूर्ति बनकर स्टेज पर खड़ा था । वह किसी भी तरह जल्द से जल्द यहां तो खत्म करके यहां से जाना चाहता था लेकिन वह ऐसा
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अनजान रीश्ता - 45
सेम चैर पर बैठा हुआ था । उसके मन में हजारों सवाल उठ रहे थे । पर सेम के पास एक भी सवाल का जवाब नहीं था । पहले तो उससे लगा कि वह मजाक कर रही है पर ...Read Moreजब सच मै पारुल के चेहरे पर कोई भाव नहीं था । तो मानो जैसे सेम के दिल थम गया हो। वह एक पल के लिए सांस लेना ही भूल गया हो। सेम के दिमाग में यह सारी बाते घूम ही रही थी कि अविनाश बगल मे बैठते हुए कहता है । अविनाश: सेम जानता हूं जो भी मैंने थोड़ी
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अनजान रीश्ता - 46
अविनाश पारुल के लिए कमरे में खाना ले जा रहा था । वह सेम की बात को मन ही मन में दोहरा रहा था । वह सोच रहा था कि क्या करे !??। ऐसा तो कभी होगा नहीं की ...Read Moreपारुल को किसी ओर का होने दे । चाहे जो भी हो फिर पारुल नफरत ही क्यों ना करे उससे । लेकिन पारुल रहेगी तो उसके साथ ही । तभी उसका मन ही उससे सवाल पूछती है कि जब पारुल ठीक हो जाएगी तब तुम्हे लगता है वह तुम्हारे साथ रहेगी । कभी भी नहीं जो भी अतीत मै हुआ
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अनजान रीश्ता - 47
अविनाश कार चला रहा था । पर उसकी आंखों के सामने जैसे वह सारी घटनाएं किसी चलचित्र के समान घूम रहे थे । वह बस जैसे बचपन कि फिर से वही सारी यादों में खो गया था । वह ...Read Moreको रोक देता है । और मानो ये सुमसान रास्ता जैसे उसके दिल टूटने की गवाही दे रहा हो । वह बस दूर आसमान की ऑर देख रहा था । की कहां से कहां पहुंच गया । चाहे तो वह दुनिया की हर चीज़ चुटकी बजाकर ले सकता है । लाखो लड़कियां उसके आगे पीछे है पर फिर भी अभी
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अनजान रीश्ता - 48
अविनाश और पारुल दोनो अपने अपने जीवन मे व्यस्त हो जाते है । अविनाश अपने काम में खुद को इतना व्यस्त रखने लगा कि वह खुद ही भूल गया था कि वह इंसान है । वह खुद को इसी ...Read Moreमै व्यस्त रखना चाहता था ताकि पारुल की कमी उससे महसूस ही ना हो । दूसरी ओर पारुल की भी यादाश्त वापस आ रही थी । जो उसके और अविनाश के बीच में अतीत मै हुआ था उसके मॉम डेड की डेथ सारी बाते उससे याद आ गई थी । इन दिनों पारुल के आंखो से आंसू सूखने का नाम
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अनजान रीश्ता - 49
पारुल अपनी बालकनी में से आसमान की ऑर देख रही थी और कॉफी पी रही थी । मानो उसके दिल को थोड़ा बहुत सुकून सा मिला था । आखिरकार पारुल ने जो भी दिल ने दर्द था जो भी ...Read Moreथी अविनाश को जैसे भूल ही गई थी । वह एक नई शुरुआत की कोशिश कर रही थी । और इसमें कोई शक नही था की जिंदगी जैसे खुशियों से भरी हुई थी बिना दर्द बिना चिंता के । लेकिन मानो जैसे कोई कमी खल रही थी । मानो जैसे कुछ ऐसा पारुल ने गवा दिया जो की ऐसा नही
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अनजान रीश्ता - 50
अविनाश अपने रूम में सो रहा था । की तभी उसका मैनेजर भागते हुए अविनाश के रूम की लाईट जलाते हुए अविनाश को उठाने की कोशिश करता है । विशी: अवि!! अवि!! वेक अप । यार जल्दी ...Read Moreउठो!!। अविनाश: ( रोशनी की वजह से आंखे खोल नहीं पा रहा था !) यार क्या काम है और ये लाइट बंद करो इससे । कम से कम शांति से सोने दो !! । विशी: अरे!! नींद गई तेल लेने ! पहले न्यूज देखो!!। न्यूज वाले क्या अनपशनाप बके जा रहे है। यार!!?। अविनाश: ( आंखे खोलते हुए टीवी चालू करता है
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अनजान रीश्ता - 51
अविनाश वर्क आउट के बाद जिम में अपना प्रोटीन ड्रिंक पी रहा था । और टैबलेट में कुछ देख रहा था । तभी अविनाश का दोस्त रोहन आता है। अविनाश टैबलेट को बंद करते हुए कहता है । ...Read Moreहेय मेन !! वॉट्स अप !! कहां गायब हो गए थे ना कोई कॉल मेसेज कुछ भी नही । रोहन: ( गले लगाते हुए ) अबे भाई क्या ही बताऊं डेड ने बिजनेस ट्रीप पर भेज दिया था । अगर ना गया होता तो मेरे खर्चे उठाने से मना कर दिए । और तो मेरा मोबाइल भी ले लिया था ।
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अनजान रीश्ता - 52
अविनाश शूटिंग पूरी करने के बाद बस ऐसे ही बैठा था की तभी सोफिया आती है । जिससे देखकर अविनाश गुस्सा हो जाता है लेकिन इतने सारे लोगो के सामने उसकी बेइज्जती नहीं करना चाहता था । इसलिए ...Read Moreअपना शेड्यूल देखने लग जाता है । तभी सोफिया अविनाश के करीब बैठते हुए कहती है । सोफिया: ओह अवि आई मिस यू सो मच !। अविनाश: ( बिना कुछ कहे बस अपना शेड्यूल देख रहा था ) । सोफिया: ( अविनाश के करीब जाते हुए बाहों में भरते हुए ) ओह अवि कमोन अब इतना क्या रूठना अब हम दोनो
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अनजान रीश्ता - 53
विशी और अविनाश दोनो ही नींद में थे । तभी कार जहां पर फंक्शन था वहां पर रुकती है और ड्राइवर विशी को उठाता है । तभी विशी अविनाश को उठाते हुए कहता है । विशी: अवि!!। वेक अप ...Read Moreपहुंच गए है । जल्दी से रेडी हो जाओ कुछ देर में फंक्शन शुरू होने वाला है । अविनाश: ( नींद में ) क्या यार परी! सोने दे अभी काफी टाईम है । विशी: ( अविनाश को हड़बड़ाते हुए मुस्कराते हुए कहता है ) ओय में परी वरी नहीं हूं तेरा मैनेजर हूं । जल्दी उठ अब । अविनाश: (
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अनजान रीश्ता - 54
अविनाश रेड्डी होकर बस खुद को शीशे में देख रहा था और बालो को संवार रहा था की तभी उसके दरवाजे पर खटखटाने की आवाज आती है । वह दरवाजे को खोलने जाता है । तो विशी वहा खड़ा ...Read More। वह दरवाजा खोलकर वापस अपने बाल संवारने लगता है । तभी विशी दरवाजा बंद करते हुए सोफे पे बैठते हुए कहता है । विशी: क्या बात है किसी को हार्टअटेक देने का इरादा है क्या!? अविनाश: ( शीशे में से विशी की ओर देखते हुए ) ( मुस्कुराते हुए ) क्या!!?। विशी: कमोन मेन मेरे सामने तो इतना ना
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अनजान रीश्ता - 55
सेम और पारुल दोनो सारी रश्म में व्यस्त थे । अविनाश तो बस स्टेज की ओर ही देखे जा रहा था । ना कुछ बोल रहा था ना ही सुन रहा था । मानो उसका मन उसे सारी बाते ...Read Moreकर पारुल को कहीं दूर ले जाना चाहता था । जहां सिर्फ वह हो और पारुल हो । और ये जो भी दूरियां,नफरत सब भूल जाए और सिर्फ और सिर्फ ... काश । वह यह सोच ही रहा था । तब वह खुद के सिर को ना में हिलाते हुए सोचता है की वह अब कमजोर नहीं पड़ सकता और
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अनजान रीश्ता - 56
अविनाश अपने कमरे का दरवाजा बंद किए बिना ही सीधे वाशरूम की ओर आगे बढ़ता है । वह नल चालू करते हुए अपने चहेरे पर पानी छिड़क रहा था । और खुद को शीशे में देखता है । मानो ...Read Moreसा गया था । जैसे आज सब कुछ पूरी तरह से बिखर गया था। जो एक छोटी सी आश थी वह भी टूट गई । जो बंधन था वह आज पूरी तरह से टूट गया था । वह फिर से अपने चहेरे पर पानी छिड़कते हुए फिर से आईने में देखता है तो मानो उसकी आंखे जम सी गई थी
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अनजान रीश्ता - 57
पारुल बैचेन सी सेम के साथ स्टेज पर बैठी थी । उसका मन तो थोड़ी देर पहले अविनाश के साथ हुआ उस बात से विचलित था । उसके मन में बार वह दृश्य सामने आ रहा था । पारुल ...Read Moreना चाहते हुए भी उसके दिल में एक अलग सा भाव उमड़ रहा था । उसके दिमाग में जितनी नफरत थी अविनाश की हरकत को लेकर मानो दिल उससे विपरीत महसूस कर रहा था । ऊपर से सेम के प्रति पारुल के मन में जो अपराध भाव उमड़ रहा था । ऐसा लग रहा था जैसे की किसी का खून
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अनजान रीश्ता - 58
पारुल के दिमाग में तो बस अविनाश की ही बाते घूम रही थी । पारुल का मन इतना घबराया हुआ था की जब सेम ने उसके कंधे पर हाथ रखा तो वह चिल्ला पड़ी। फिर जब देखा सेम है ...Read Moreवह खुद पर गुस्सा होते हुए सेम से कहती है । पारुल: ( सेम के हाथो को अपने हाथ में लेते हुए ) आई... एम... रियली... सॉरी ... आई ... मै बस ख्यालों में उलझी हुई थी और फिर मुझे लगा कोई चिपकली मेरे ऊपर पड़ी है तो इसी वजह से चीख निकल गई।सेम: ( मुस्कुराते हुए ) रिलेक्स.. मै जानता
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अनजान रीश्ता - 59
सगाई की रश्म के बाद पारुल नैना के साथ अपने कमरे की ओर बढ़ रही थी । तभी नैना पारुल से पूछती है । नैना: सब कुछ ठीक तो है ना!!?। पारुल: हंअ! हां बस थक गई हूं इसीलिए!। ...Read Moreआर यू श्योर बिकोज मुझे तो कुछ और ही लग रहा है!। पारुल: क्या मतलब !!। नैना: ( पारुल की बात काटते हुए ) तुम्हे लगता है की तुम मुझे बेवकूफ बना पाओगी!!। जल्दी बताओ क्या हुआ है ! कब से देख रही हु की तुम कुछ परेशान सी हो!। पारुल: नैना!!। नैना: पारुल!!। पारुल: ( हार मानते हुए )
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अनजान रीश्ता - 60
पारुल अविनाश के पीछे भाग रही थी । अविनाश गुस्से में होटल से बाहर जा रहा था । की तभी पारुल उसका हाथ थामते हुए उससे दूसरी और ले जाने की कोशिश करती है। अविनाश बस अपनी जगह पर ...Read Moreहोते हुए पारुल और उसने अविनाश का हाथ थामा है वह देख रहा था । पारुल: ( गिड़गिड़ाते हुए ) प्लीज... । अविनाश: ( बिना कुछ कहे पारुल जिस दिशा में ले जा रही थी जा रहा था । उसका ध्यान तो पारुल ने उसका हाथ थामा था वही पर था । मानो वह गुस्सा सब कुछ भूल गया था
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अनजान रीश्ता - 61
अविनाश और पारुल दोनो ही बिना कुछ बोले ऐसे ही खड़े थे । तभी पारुल कुछ कहने वाली होती की अविनाश कहता है । अविनाश: देखो अब तुम अपना भाषण शुरू करो उससे पहले ही बता देता हूं!!। अगर ...Read Moreलोग यहां इस सुनसान गार्डन में देखते तो तुम्हारी ही बदनामी होती !!। पारुल: अच्छा!! तो तुम बता भी सकते थे पहले!। अविनाश: कभी सुनती हो किसी की भी बात पहले!?। पारुल: बट!! वेट ए सेकंड!!!? । अविनाश: क्या!? ( चिढ़ते हुए ) । पारुल: ( मुस्कुराते हुए ) मतलब!!। अविनाश: ( एक आईब्रो ऊपर करते हुए ) मतलब क्या!?।
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अनजान रीश्ता - 62
पारुल ऐसे ही बड़बड़ाते हुए अपने कमरे की ओर जा रही थी की तभी वह किसी से टकराती है जिससे अपने सिर मलते हुए उस इंसान की ओर देखती है तो कोई अनजान इंसान था । उसने कभी पहले ...Read Moreदेखा था । वह उन्हें सॉरी बोलने वाली थी कि तभी वह इंसान कहता है। अनजान इंसान: आई एम सो सॉरी मेरा ध्यान नहीं था की सामने से कोई आ रहा है । पारुल: अरे!! कोई नहीं! मेरा भी ध्यान नहीं था तो सॉरी..। अनजान इंसान: इट्स ओके ( मुस्कुराते हुए कुछ कहने वाला होता है कि .. ) ।
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अनजान रीश्ता - 63
अविनाश घर आकर अभी बैठा ही था की तभी किसी के हल्ला करने की आवाज आती है । जिससे वह समझ जाता है की रोहन आया है । वह अपने सिर को पकड़ते हुए आंखे बंद करके बैठा था ...Read Moreतभी रोहन अविनाश के पास सोफे पर बैठते हुए कहता है । रोहन: ब्रो तुमने सुना.... आई मीन देखा ...!? । अविनाश: क्या!? । रोहन: आई मीन तुम्हारी पारुल की सगाई हो गई है और उसकी शादी भी होने वाली है वो भी किसी और से .. । अविनाश: ( शांत स्वर में ) आई नो.... । रोहन: लाईक... तुम्हे
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अनजान रीश्ता - 64
अविनाश सुबह जल्दी से तैयार होके अपने घर से निकलने वाला था की तभी अम्मा उससे रोकते हुए कहती है ।अम्मा: बेटा नाश्ता तो करते जाओ ।अविनाश: नहीं अम्मा अभी नहीं बहुत इंपोर्टेंट काम है आप एक काम करिए ...Read Moreपेक कर दीजिए में शूटिंग पे ही खा लूंगा ।अम्मा: ठीक है फिर पर ठंडा हो जाए उससे पहले खा लेना ।अविनाश: और आज आप जल्दी घर चले जाएगा त्योहार है तो घर पे सब राह देख रहे होगे आपका । अम्मा: अरे! पर तुम्हारा खाना... । अविनाश: उसकी आप चिंता मत करिए रोहन के घर आज में डिनर पर जा रहा
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अनजान रीश्ता - 65
अविनाश अपने मोबाइल में ऐसे ही कुछ देख कर मुस्कुरा रहा था। विशी टेंशन में बैठा हुआ सोच रहा था की अविनाश के दिमाग में क्या चल रहा है । वह जिस तरह से बरबादी के रास्ते पे जा ...Read Moreथा और विशी चाहते हुए मानो उसे रोक नहीं पा रहा था । वह जानता था कि अगर अविनाश ने शादी कर ली तो वह दोनो की जिंदगी बरबाद कर देगा। विशी का दिमाग मानो काम ही नहीं कर रहा था । तभी अविनाश कहता है । अविनाश: चिल विशी!! दिमाग फट जाएगा... अगर एक साथ इतने खयाल दिमाग में
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अनजान रीश्ता - 66
पारुल ऐसे ही रेस्टोरेंट में इंतजार कर रही थी। आधे घंटे से वह यहां अकेले अविनाश का इंतजार कर रही थी । पारुल का गुस्सा तो मानो जैसे आसमान छु रहा था । वह जानती थी यह इंसान भरोसे ...Read Moreलायक तो बिल्कुल नही है। पता नहीं क्या सोचकर वह यहां आई थी। ( गघी! बिलकुल इडियट हो तुम खुद को ही मन में कोश रही थी। ) फिर एक बार अपनी वॉच में समय देखते हुए रेस्टोरेंट से बाहर देख रही थी। की कही अविनाश का अता पता हो लेकिन बाहर एक परिंदा भी नही दिख रहा था ।
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अनजान रीश्ता - 67
पारुल की मॉम उसे आवाज दे रही थी पर वह बिना कुछ जवाब दिए अपने कमरे में चली जाती है । अपना रूम में बेड पर गिरते हुए वह रोने लगती है । मानो जैसे अब ये घटिया मजाक ...Read Moreसहन नहीं कर सकती थी । उसे समझ नहीं आ रहा था क्या करे!? कैसे इस मुसीबत से बाहर निकले!! । तभी पारुल को दरवाजा खटखटाने की आवाज आती है वह किसी से बात तो नहीं करना चाहती थी पर वह उन लोगों को परेशान भी नहीं करना चाहती थी । इसलिए वह आंसू पोंछते हुए जल्दी से दरवाजा खोलते
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अनजान रीश्ता - 68
पारुल जैसे ही बाथरूम से बाहर आती है । तभी वह समीर यानी सेम को सॉरी बोलते हुए सुनती है । जिससे वह खिड़की की ओर देखती है । तो वहां कोई नहीं था । पारुल का मन तो ...Read Moreथा एक शब्द भी मुंह से निकालने का पर फिर उसके मन में सवाल भी उठ रहे थे । इसलिए वह आखिरकार पूछ ही लेती है । पारुल: ( धीमे से ) किस... से बात कर रहे हो!! ( मानो इतने शब्द भी बोलना पारुल को कठिन लग रहे थे !) । सेम: ( पारुल की ओर मुड़ते हुए )
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अनजान रीश्ता - 69
अविनाश अपने घर पर आ तो गया था लेकिन उसके दिमाग में पारुल और सेम के बीच जो हुआ वही दृश्य घूम रहा था । मानो जैसे यह बात उससे पागल कर रही थी । उसका दिल ना चाहते ...Read Moreभी जल रहा था । जैसा किसीने आग सुलगा के रखी हो । वह समझ नहीं पा रहा था की क्यों!? उसका दिल काबू में क्यों नहीं हो सकता जिस तरह से दिमाग हो जाता है वैसे ही दिल क्यों नहीं काबू में नहीं हो पाता !? । वह गुस्से में टेबल पर पड़े वास को सामने दिवाल पर फेंक
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अनजान रीश्ता - 70
अविनाश तैयार होकर शादी के हॉल की ओर कार लेकर निकल पड़ता है । वह कार को चलाते हुए बस ऐसे ही खुश था पता नहीं क्यों!? पारुल से शादी होने की वजह से!? या उसका बदला पूरा होने ...Read Moreहै इस वजह से!? ।वह बस सिर को ना में हिलाते हुए .... आगे रास्ते की ओर ध्यान देने लगता है । और सोचता है जो भी हो!? खुशी चाहे जिस बात की भी मिल रही हो...उसका आखिरी मुकाम तो मेरा बदला ही है । और फिर से उसकी आंखे रंग बदलने लगती है। जैसे किसी भूतने उससे काबू किया
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अनजान रीश्ता - 71
अविनाश अपने घर के गेट के बाहर कार पार्क करते हुए घर की और आगे बढ़ता है । तब उससे महसूस होता है की पारुल उसके पीछे नही आ रही । वह पीछे मुड़कर देखता है तो पारुल कार ...Read Moreही बैठी हुई थी । अपनी जगह से हिली तक नहीं है। अविनाश फिर से दांत भिसते हुए कार के पास जाकर दरवाजा खोलते हुए कहता है ।अविनाश: क्या बात है !! वाईफी!! तुम तो अभी से बीवी वाले नखरे दिखाने लगी हो । आई मस्ट सेय तुम काफी जल्दी हमारे रीश्ते में ढल रही हो। एंड आई लाईक ईट...।पारुल:
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अनजान रीश्ता - 72
अविनाश कमरे से निकलकर सीढ़ियों से उतर कर सीधा बार पर जाकर बैठता है । उसका दिल थमने का नाम ही नहीं ले रहा । वह बोतल को खोलने की कोशिश करता है लेकिन ढक्कन को जोर से ...Read Moreके प्रयास में उसके हाथ में लगे जख्म में से फिर से खून बहने लगता है । वह हाथ को हवा में पटकता है जिस वजह से खून के छींटे हवा में इधर उधर गिर रहे थे । अविनाश के हाथ में से कुछ ज्यादा ही खून बह रहा था पर उसे इस बात से शायद ही फर्क पड़ रहा था।
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अनजान रीश्ता - 73
विशी टेंशन में जैसे तैसे पागलों की तरह अविनाश के घर पहुंचता है । गेट को खोलते हुए वह सोचता है कि सारे गार्ड्स कहां गए। उसके दिल में घबराहट बढ़ रही थी । वह जल्दी से कार को ...Read Moreकरते हुए मुख्य द्वार खोलते हुए घर में दाखिल होता है । हॉल में अंधेरा था । सिर्फ बार की लाईट जल रही थी । तो उसे लगा कि अविनाश को शराब पीते हुए चौंट लगी होगी । वह उसी कमरे की और आगे बढ़ता है । की तभी आवाज आती है। अविनाश: विशी.... मैं यहां हूं!!? । विशी: (
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अनजान रीश्ता - 74
अविनाश गहरी नींद में सोया हुआ था की तभी कोई उसका नाम पुकार रहा है ऐसा उसे लग रहा था । लेकिन उसे लग रहा था कि शायद यह उसका सपना है । इसीलिए वह तकिया कान पर रखकर ...Read Moreजाता है । लेकिन फिर भी आवाज बंद नहीं होती इसलिए वह आंखे खोलते हुए देखता है तो पारुल थी । जो उसे पुकार रही थी । अविनाश फिर से तकिए पर सिर रखते हुए आंखे बंद करते हुए कहता है ।पारुल: शहहह!! ( उंगली से अविनाश को छूते हुए ) अविनाश... अविनाश... गधे कहीं के अपना ये हाथी जैसे
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अनजान रीश्ता - 75
अविनाश रेड़ी होकर.... दरवाजा खोलने ही वाला होता है की वह पारुल से टकराता है। जिस वजह से वह दोनो सिर को सहलाते हुए कहता है । अविनाश: देख कर नहीं चल सकती थी! क्या!? । पारुल: ( ...Read Moreजवाब देते हुए ) तुम भी तो देख के चल सकते थे । अविनाश: तुमसे बात करना ही बेकार है ।... फॉरगेट ईट... रमा थोड़ी देर में तुम्हारे कपड़े लेके आयेगी। उसमे से कुछ अच्छा ढंग का पहनके आओ। हमे वैसे भी देर हो रही है। पारुल: ( सवाल पूछते हुए ) वैट... हम से तुम्हारा क्या मतलब है!!! मैं तुम्हारे
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अनजान रीश्ता - 76
पारुल कार का दरवाजा खोलकर कार में बैठ जाती है । अविनाश की ओर तिरछी नजर से देखती है तो वह दूसरी ओर कार के बाहर देख रहा था। वह अभी भी किसी बात को लेकर गुस्सा था । ...Read Moreपारुल को समझ नहीं आ रहा था की उसने क्या किया जो युंह ये अचानक फिर से अकडू बन गया । तभी विशी पारुल को कहता है। विशी: ( आगे की सीट से पारुल की ओर मुड़ते हुए ) पारु!! यार क्या बात है ड्रेस तो काफी अच्छी लग रही है तुम पर । पारुल: थैंक यूं विशु!! ( बड़ी
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अनजान रीश्ता - 77
अविनाश अपने गाने के लीरिक्स याद करने में व्यस्त था तो पारुल भी सोफा पे सिर रखकर सो गई थी । तभी दरवाजा खटखटाने की आवाज आती है । जिससे अविनाश का ध्यान पेपर में से आईने की ओर ...Read Moreहै । पारुल को सोता देखकर मुस्कुराहट चेहरे पर आ जाती है। वह अपने सिर को ना हिलाते हुए कहता है । अविनाश: कम इन...। स्पॉट बॉय: सर आपका पार्सल आया है । अविनाश: हम्म्म!! मैडम को दे दो!!। स्पॉट बॉय: ( पारुल की ओर देखते हुए ) मेम... तो सो रही है.... । अविनाश: ( पेपर को साइड में
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अनजान रीश्ता - 78
अविनाश अपनी शूट में व्यस्त था । पर उसके मन में पारुल की कहीं हुई बाते दोहरा रही थी। आज भी उसकी बात उसके जेहन पर असर कर रही थी जैसे पहले किया करती थी । अविनाश जैसे तैसे ...Read Moreशूटिंग को खत्म करके फिर से वैनिटी में जाता है तो देखता है पारुल अविनाश की दीवाल पर लगी तस्वीरे देख रही थी । अविनाश: वह देखता रहा मेरी तस्वीर को इस कदर... जैसे इंसान नहीं मोहब्बत मीनार हू, पर न जाने क्यों बदलते है आंखो में रंग कभी प्यार तो कभी नफरत... क्यूं!? । पारुल: ( अविनाश की ओर
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अनजान रीश्ता - 79
पारुल बस बैचैन होकर टहलते हुए सोच रही थी की अविनाश को कैसे रोके । क्योंकि पारुल में इतनी हिम्मत नहीं थी की वह अपने मॉम डैड का सामना कर सके और सेम उसे कैसे मिलेंगी। क्या कहेगी!? । ...Read Moreचिंता पारुल को खाए जा रही थी । तभी वेनिटी का दरवाजा खुलने की आवाज आती है । पारुल बेकरार होते हुए अविनाश से कहने वाली होती है । पारुल: अवि!! ( सामने जाते हुए ) । विशी: वोह!! रिलेक्स पारुल! इतनी क्या जल्दी है कि तुम उस गधे के लिए इतनी बेकरार हो रही हो!? । पारुल: विशी... मजाक
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अनजान रीश्ता - 80
अविनाश पारुल का हाथ थामे हुए गाड़ी का दरवाजा खोलते हुए इशारे से पारुल को कार में बैठने के लिए कहता है । पारुल उसे सिर का ना में हिलाते हुए मना करती है । अविनाश पारुल को उठाते ...Read Moreसीट पर बिठा देता है और दरवाजा बंद कर देता है । ड्राइवर सीट पर बैठते हुए कार चालू करते हुए कहता है। अविनाश: चाहो तो रो सकती हो! टिस्सू सामने के बॉक्स में है । पारुल: (गुस्से में) आई हेट यू....। अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) जानता हूं! और कुछ नया बताओ..!? । पारुल: बेइंतहा नफरत है तुमसे! तुम्हारी
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अनजान रीश्ता - 81
पारुल भारी कदमों से अपने घर का गेट खोलती है। वह फिर से एक बार कार की ओर मुड़कर देखती है। तो अविनाश अपने हाथ में पट्टी बांध रहा था । पारुल का दिल तो कार में ही ...Read Moreजाना चाहता था । उसमे हिम्मत ही नहीं थी की वह एक भी कदम आगे बढ़ाए। उसका दिल चिंता की वजह से हलक तक आ रहा था । वह धीरे-धीरे अपने घर की ओर आगे बढ़ती है । एक एक कदम बोझ की तरह लग रहा था । उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। पारुल एक गहरी सांस लेते
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अनजान रीश्ता - 82
पारुल सामने देखती है तो उसका दिल थम जाता है। मानो जैसे कुछ ही देर में उसके दिल बहार निकल आ जाएगा या फिर हार्ट अटैक आ जाएगा। उसका दिल उतनी तेज धड़क रहा था । ना तो वह ...Read Moreबोल पा रही थी । और ना ही वह इंसान जो की पारुल के करीब था वह । सेम तो पारुल को ही देखे जा रहा था। मानो जैसे उसकी रूह वापस लौट आई हो। यह दो दिन उसके लिए जहर के घूंट के बराबर थे। एक एक पल सेम के लिए साल जैसे थे। इन दोनों में सेम को
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अनजान रीश्ता - 83
पारुल सेम से ध्यान हटाते हुए आवाज वाली दिशा में देखती है लेकिन जब उसका ध्यान अविनाश पर पड़ता है।तो डर का मारे पूरे शरीर में सिरहन दौड़ती है । अविनाश की आंखे पहले से बिल्कुल बदल गई थी। ...Read Moreअभी अगर कोई भी उसके सामने आया तो वह उसे जैसे जिंदा जमीन में गाड़ देगा । पारुल का गला सुख रहा था। वह होठ पर जीभ फेरते हुए होठ जो की डर की वजह से सुख रहे थे उसे नर्म बनाए रखने की बेकार कोशिश करती है। अविनाश का ध्यान एक पल के लिए पारुल की इस हरकत पर
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अनजान रीश्ता - 84
पारुल भारी कदमों से अपने घर का गेट बंद करते हुए कार की ओर आगे बढ़ती है। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। अब तो उसकी आंखे भी रो-रो कर थक चुकी थी। क्योंकि इन दिनों पारुल ...Read Moreआंखे से मानो आंसू का कोई गहरा नाता बन गया हो। वह कार का दरवाजा खोलकर बैठ जाती है। वह अपने ही खयालों में खोई हुई थी। अपने मॉम डैड की नाराजगी अविनाश के गुस्से से ज्यादा ही खल रही थी। वही मां बाप जो पारुल की खुशी के लिए जमीन आसमान एक कर देते थे। आज वह पारुल की शक्ल
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अनजान रीश्ता - 85
पारुल खुद को संभालते हुए कार में बैठ जाती है ।अविनाश कार को स्टार्ट करते हुए खुद को काबू में करने की कोशिश कर रहा था। आज पहली बार उसने पारुल से इस तरह बात की थी। उसके दिमाग ...Read Moreइस बात से कोई दिक्कत नहीं थी पर उसके दिल में कहीं ना कहीं कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था। मानो जैसे दिल के किसी कोने में खालीपन सा हो। जैसे उसने कोई बहुत बड़ा अपराध किया हो। वह अब अपने दिल की नहीं सुनना चाहता था । क्योंकि जब जब वह दिल की सुनता है..। हर बार उसे
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अनजान रीश्ता - 86
अविनाश घर पहुंचते ही पारुल को जगाए बिना अंदर चला जाता है। वह अपने रूम में इंतजार करता है की कब पारुल अंदर आए । करीब १०-१५ मिनिट बाद जब पारुल रुम में अंदर नहीं आई तो वह ...Read Moreमें से पार्किंग लॉन की ओर देखता है। पारुल अभी भी कार में ही थी। अविनाश ना चाहते हुए मजबूरी में अपने एक बॉडीगार्ड को इशारे से कार का दरवाजा खटखटाने की लिए कहता है। अचानक आवाज की वजह से पारुल हड़बड़ी में उठ जाती है । जिस वजह से पारुल का सिर सामने टकरा जाता है। वह सिर को सहलाते
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अनजान रीश्ता - 87
अविनाश आराम से सोफे पर लेटा हुआ था । वह आंखे बंद करते हुए मुस्कुरा रहा था । तभी उसे बरतन पटकने की आवाज आती है । जिस वजह से उसकी मुस्कुराहट और भी बढ़ जाती है। वह पारुल ...Read Moreआवाज लगाते हुए कहता है। " वाईफी... आराम से... क्योंकि अगर तुम्हे पता चला कि बर्तन की कीमत क्या है... तो तुम पक्का हार्ट अटैक से मर जाओगी! तो केर फुल बेबी! । " । पारुल गुस्से को कंट्रोल में करने की कोशिश कर रही थी । वह खुद ही जानती थी की अगर उसने गुस्सा कंट्रोल नहीं किया तो
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अनजान रीश्ता - 88
पारुल प्लेट को प्लेटफार्म पर रखकर,सीढ़िया चढ़ते हुए भागकर कमरे में चली जाती है। वह रुम का दरवाजा बंद करके उसके सहारे बैठ जाती जाती है । उसका दिल जोरो से धड़क रहा था । वह धड़कते दिल पर ...Read Moreरखते हुए उसे काबू करने की कोशिश कर रही थी। पर उसका दिल और भी जोरो से धड़क रहा था। वह भी उस इंसान के लिए जो सिर्फ उसके साथ सिवाय नफरत के और कोई रीश्ता नहीं रखना चाहता था । ना ही पारुल कोई रीश्ता रखना चाहती थी । पर फिर आज अविनाश के इतना करीब पाकर फिर से
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अनजान रीश्ता - 89
सेम अपने घर में दाखिल ही हुआ था की तभी उसकी मां उसे रोकते हुए कहती है ।निर्मला: क्या हुआ बेटा कुछ पता चला पारुल के बारे में!? ।सेम: नहीं मां! मै बाद में बात करेंगे इस बारे में! ...Read Moreसमीर! बताओ तो सही! तुम उसके घर गए थे! क्या हुआ! ।सेम: ( गुस्से को काबू में कोशिश करते हुए ) मां मैंने कहां ना हम बाद में आपसे बात करेंगे! अभी बिलकुल मुड़ नहीं है बात करने का! तो प्लीज हम पर दबाव ना डाले! ? प्लीज... ।निर्मला: पर.... ।सेम: ( हाथ छुड़वाते हुए ) मैं अपने रूम में जा
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अनजान रीश्ता - 90
पारुल थकावट की वजह से बेड पर जाते ही सो गई थी। उसके चेहरे पर जो सुकून दिख रहा था शायद ही आज कल देखने को मिलता था। आजकल मानो जैसे सुकून से उसका दूर दूर तक का कोई ...Read Moreनहीं था। अभी जो भाव पारुल के चेहरे पर उमड़ रहे है वह शायद ही होश वाली हालत में देखने को मिलते या फिर यूं मिलते ही नहीं। आज कल तो मानो परेशानी के साथ पारुल का सात जन्मों का नाता बन चुका है। कहीं से भी उसे ढूंढ लेती है। अभी पारुल मानो अपनी सपनो की दुनिया में खोई
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अनजान रीश्ता - 91
पारुल बाथरूम से फर्स्ट एड बॉक्स लेकर आती है तो देखती है अविनाश बेड पर नहीं था। वह दरवाजे की ओर देखती है तो दरवाजा बंद था मतलब वह बाहर नहीं गया था। वह सामने सोफ़ास के एरिया में ...Read Moreहै लेकिन अविनाश वहां पर भी नहीं था। फिर जब गार्डन वाले एरिया में देखती है तो अविनाश बालकनी में खड़ा था। वह सिगरेट पीते हुए..... बस आसमान की ओर देखे जा रहा था। पारुल जब आसमान की ओर देखती है तो आज चांद पूरा खिला हुआ था । पारुल बालकनी का दरवाजा खटखटाते हुए अविनाश का ध्यान अपनी ओर
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अनजान रीश्ता - 92
पारुल टेबल पर से फर्स्ट एड बॉक्स लेते हुए भागते हुए फिर से बालकनी की ओर जाती है। अविनाश अभी भी वह जैसी हालत में छोड़कर आई थी वैसे ही बेहोश पड़ा था। पारुल जमीन पर पड़े कांच के ...Read Moreसे बचते हुए अविनाश के पार आकर बैठती है। वह अविनाश के हाथ को अपने हाथ में लेते हुए... खून से लपालप पट्टी निकलने की कोशिश करती है। अविनाश को कुछ ज्यादा ही चोंट लगी थी । इसीलिए शायद वह इस हालत में भी दर्द की वजह से उसके चेहरे पर थोड़े भाव आ रहे थे। पारुल आहिस्ता आहिस्ता पट्टी
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अनजान रीश्ता - 93
पारुल की जब आंख खुली तो वह बेड पर देखती है, लेकिन अविनाश नहीं था। वह फिर सीधा बालकनी की ओर देखती है! कहीं वह फिर से... लेकिन वहां पर भी नहीं था । वह कमरे का दरवाजा खोलते ...Read Moreहॉल की ओर नजर डालती है की शायद नीचे नाश्ता कर रहा हो!? लेकिन पूरे हॉल में भी उसका अता-पता नहीं था। इतने सालो बाद पहली बार वह अविनाश के लिए फिक्रमंद हो रही थी। जो की शायद उसे आभास नहीं हुआ थी की वह क्या कर रही थी। वैसे भी इंसान कितना भी ढोंग कर ले लेकिन अगर वह
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अनजान रीश्ता - 94
अविनाश.... तैयार होकर नीचे हॉल में पारुल का इंतजार कर रहा था । पारुल थोड़ी देर में तैयार होकर...नीचे आ रही थी। तभी अविनाश.... पारुल की देखता है... । पारुल ने आज काले रंग का सलवार कमीज पहना था। ...Read Moreबाल खुले रखे थे... । जो की उसके लुक.. को और भी जच रहा था। मानो जैसे पारुल उस पर कोई जादू किया हो.. वह अपनी नजर हटा नहीं पा रहा था। बस एकटक पारुल को देखे जा रहा था मानो जैसे उससे खूबसूरत लड़की कोई इस दुनिया में है ही नहीं या वह इस दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की
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अनजान रीश्ता - 95
पारुल पूरा दिन बस पूरे घर के चक्कर लगाती रही... बस यहां से वहां... वहां से यहां... । घर था तो बहुत ही प्यारा लेकिन एक इंसान के लिए इतना बड़ा घर यानी की मकड़ी के जाले के बराबर ...Read Moreवह सोच ही रही थी की अविनाश कभी अकेला महसूस नहीं करता... क्योंकि इतने बड़े घर में अगर दुनिया का सबसे खुशहाल इंसान भी रहे तो वह भी अकेला महसूस करने लगेगा । पता नहीं कैसे यह इंसान रह पाता है। तभी पारुल माई के पास किचन में बैठती है। पारुल के लाखो दफा कहने पर माई उसे मदद नहीं
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अनजान रीश्ता - 96
पारुल जब देखती है तो सेम खड़ा था। वह दरवाजे की ओर देखती है तो दरवाजा तो बंद था। तब उसका ध्यान बालकनी की ओर जाता है। बालकनी का दरवाजा खुला था । पारुल टेबलेट को बेड पर रखकर ...Read Moreहो जाती है। सेम की ओर आगे बढ़कर कहती है।पारुल: ( डरते हुए ) तुम... तुम यहां क्या कर रहे हो!? ।सेम: क्यों!? मैं नहीं आ सकता क्या!? ।पारुल: नहीं मेरा वो मतलब नहीं था... पर अगर किसी ने देख लिया तो...!?।सेम: किसीने या फिर भाई ने देख लिया तो मुसीबत हो जाएगी।पारुल: ( अविनाश के बारे में सोच कर
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अनजान रीश्ता - 97
मैं और अविनाश प्ले हाउस से साथ थे... लेकिन जब हम दोनो पहली बार मिले तो.... हमारी इतनी बनती नहीं थी... वह हमेशा मुझे चिढ़ाता रहता था, मैं हमेशा उससे गुस्सा रहती थी। हम दोनो तीसरी कक्षा तक इसे ...Read Moreरहे....। फिर एक दिन एक लड़का जो की प्यारा था उसने मुझ से कहां की क्या मैं उसकी दोस्त बनूगी...!। तभी अविनाश वह दूर खड़े... हुए सब देख रहा था... फिर.. उसने उस लड़के को एक पत्थर फेंक के मार दिया और चला गया.....। उस दिन से मेरी नफरत अविनाश के लिए और भी बढ़ गई.... हम घर पर हमारे
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अनजान रीश्ता - 98
पारुल जब देखती है तो सामने अविनाश खड़ा था.....। उसे देखती ही मानों पारुल का गला डर के मारे सुख रहा था। क्योंकि वह समझ नहीं पा रही थी... की क्या करे!? कैसे अविनाश को अंदर आने से रोके!?। ...Read Moreदरवाजे पर ही बुत बने खड़ी थी.... । तभी अविनाश उसे हड़बड़ाते हुए कहता है..। अविनाश: तुम ठीक हो!? माई ने मुझे अभी कहां की तुम दरवाजा नहीं खोल... रहीं और कुछ आवाज भी आ रही है.... कमरे से!? ।पारुल: ( अविनाश को सिर को हां में हिलाते हुए जवाब देती है। ) अविनाश: ( तभी अविनाश का ध्यान पारुल
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अनजान रीश्ता - 99
पर मम्मा... फिर उस अंकल का क्या हुआ... जो की हीरोइन से प्यार करते थे... । उनका क्या हुआ!? और फिर बिचारे विशी अंकल भी सिंगल...रह गए... क्या!?। और आपने विलेन के बारे में भी नहीं बताया....की कौन था.... ...Read Moreपारुल: ( गुस्सा होते हुए ) आरुल.... तुमने क्या कहां था...!। तुम्हे सिर्फ हीरो हीरोइन के बारे में ही स्टोरी की बात की थी अब हैप्पी एंडिंग हो गई... तो अब चुपचाप सो जाओ! । आरुल: आप! आप मुझे! डांट रही है!? ( मुंह फुलाते हुए.. ) जाइए मुझे आपसे बात नहीं करनी। ( तभी आवाज आती है। ) ।
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