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संगठन मंत्री अखण्ड पत्रकार वेलफेयर एसोसियेशन उत्तर प्रदेश एवं संपादक सावन साहिल मासिक पत्रिका, न्यूज सावन साहिल वेव पोर्टल व लाइव टीवी चैनल |
समस्या जीवन का अभिन्न अंग है। हमें इसे स्वीकार करना होगा, यह जीवन जीने का एक बेहतर तरीका है। हम किसी भी अवस्था को पूरी तरह से तभी जी सकते हैं जब हम खुद को उससे बाहर रख सकें। -Ruchi Dixit
प्राथमिकतावश कुछ दिनो के लिये मातृभारती/इंस्ट्राग्राम /प्रतिलिपी/कू और अन्य वेवसाइड से अपनी उपस्थिति स्थगित कर रही हूँ तब तक के लिए आपसभी को धन्यवाद | शुभसंध्या 🙏💐
जिन्दगी खिलवाड़ है तबतक ! जबतक आप दूसरो के हवाले हो , प्रसन्नता के लिए ! प्रेम के लिए ! उम्मीद और आशा से ! विश्वास के लिए | #अंर्तमुख
"One has to come out from the present to live the present." -Ruchi Dixit
सुनो! तुम्हे तुमको बताया है | क्या जानते नही हो , अनंत इच्छायें जुडी़ , तुम्ही से | जीना है तुम संग , तुममे मिलने से पहले | है स्पप्न कई , मनभावना हृदय दर्पण मे , जिन्हे साकार रूप देना है तुम संग | मै तुममे प्रेम को पूजती हूँ , मै मुझमे भावना को पूजती हूँ , मै इस घर को पूजती हूँ जिसे , तुम और तुम्हारी भावना ने कितने ही , ख्वाब रूपी रंग भरे हैं , क्यों समझते नही हो , तुम्ही तो हो केवल जिसका हाथ पकड़े चल रही थी , आज सजीव हो गये , क्यों निराश खुद मेरे मन मे आशा भरकर| तुम्हारे मूल को याद करना , पतन नही इच्छाओं का, बल है | जिसे जगाती हूँ मै अपने अन्दर, मुझे तुमसे कोई छीने न , मुझे तुम्हारे सिवा कोई देखे न, अपने विचार,चित्त को रोज साफ करती हूँ | जिनमे तुम्हारे अतिरिक्त किसी और की छवि न ठहरे| तुमसे जुड़ना है अनंत तक , पहर दोपहर के लिए नही , सुनो ! विराग से पहले मुझे राग न दोगे क्या ? शून्य से पहले आवाज न दोगे क्या ? रंगना है मुझे तुम्हारे साथ हर एक रंग मे, बोलो मुझे रंगों की सौगात न दोगे ? नीरसता के दर्पण से मत देखो मुझे ! हॄदय प्रीतरस रंग रमोगे , बोलो मुझे जीवन्त से पहले जीवन न दोगे? तुममे जो मै हूँ ! मुझमे जो तुम हो! मिलाकर "हम" से, "मै"न करोगे? बोलो ! मनमना मे प्रवेश न लोगे ? 17/5/2022,10:21AM
मन है मन्दिर , मन ही भगवन, मन जीवन रुपी उपवन, मन ही आशा , मन की अभिलाषा मॗदुल प्रीत बहे, मन ही शक्ति, मन ही भक्ति , मन भाव संग प्रीत धरे | मन ही नारी, मन ही नर है, मन आकार गहे | मन है राधा , मन ही कृष्णा, मन सीता संग राम रहे, मन ही होना , मन ही खोना , मन ही शून्य धरे | मन ही शिव है, मन आपशिवा है, मन ब्रम्हांड रचे | #सिर्फ_तुम ! #तुममे_ही_सब #तुम_ही_विश्वास_तुम_संशय #तुम_ही_भगवती_भगवंता |
हर बार तुमसे भावाभिव्यक्ति के बाद मै अपना ही मूल्याकंन करने लग जाती हूँ , क्या मै सही हूँ ? क्या मैने सच कहा ?क्या जो कहा है उसपर अमल कर पाऊँगी ? आत्ममंथन के बाद अन्दर से आवाज आई "मै सही हूँ यह तुम्हे बताना है | मै सच्ची हूँ? यह तुम जानो , मेरी संकल्पशक्ति ,संकल्पहीनता तुम्हारी परख | #मै_नही |
न जाने क्यों एक झूठ अरमान है , खुशियों के बगीचे का | #काश !
इंतजार के बाद बढ़ती दूरियो का कद समझ मे आ रहा है, मेरे पास तुम्हारी यादो के साथ और बाद अब केवल एक यात्रा है | तुम्हारे पास भूलने की वजह और राह || #लम्हा_सफर #जाने_कब_तक #साँसो_का_सफर
नही जीना एक क्षण भी तुम्हारे बगैर ले लों साँसे , काट दो ये जीवन की रेखायें | तुम्हारा अहसास नही तो दुनिया मे अब कुछ नही ||
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