The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
37
37.6k
76.7k
मैं लक्ष्मी नारायण 'पन्ना', बचपन से ही कहानी और कविताओं में रुचि थी परन्तु साहित्य से कोई लगाव नही रहा, कारण कि इस क्षेत्र में जानकारी का अभाव और विषय की भिन्नता। लखनऊ शहर की आबो हवा और लखनऊ विश्वविद्द्यालय से रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर कराने के पश्चात बेरोजगरी के दंस ने ज़िन्दगी के कई पहलुओं से रूबरू करा दिया, जो मेरे लेखन को धार दे गया।शुरुआत में बिना किसी जानकारी के शेरो शायरी और लघु कविताओं को लिखना शुरू किया।मुझे अपने लेखन के लिए प्रकाशक और समीक्षक की तलाश थी । प्रकाशक की तलाश तो मातृभारत
#Republicday वतन के नाम पर हम साज़िशें हरगिज़ नही करते। हमें अपने वतन से कम स कम इतनी मोहब्बत है।।
आबरू लुटती रही, और तू बैठा रहा । वाह रब मर्जी तेरी, वाह तेरी बेबसी ।। -WriterPanna #rapecase #socialevils #अन्यायकेविरुद्ध #अन्याय #शोषण
आज भी एक अफ़साना है वह, प्यार भरा नज़राना है वह ।। याद मिटा ना पाया पन्ना, आज भी एक दीवाना है वह।। -Panna #LoveShayari -Lakshmi Narayan Panna
जानत हौ का उल्लू का, रातिउ नही देखात। जतने मनइ उल्लू हैं, उनहुक कहाँ सुझात । -Panna #अवधी_दोहा -Lakshmi Narayan Panna
बस तसब्बुर न था , अपना वादा थ यह , दिल से दिल में उतरना न छोड़ेंगे हम । जिस्म से जान रुखसत भि होगी नही , बिन कहे उनसे मुँह कैसे मोड़ेंगे हम ।। -Panna #Loveshayari #Loveqoute -Lakshmi Narayan Panna
आप सभी को आगामी नव वर्ष की मंगलकनाएँ। -Lakshmi Narayan Panna
**कृषक** जिसने मिट्टी से उगाई है हमेशा ज़िन्दगी। हर बड़े छोटे को वह तो रोज करता बन्दगी।। फिर भी उसकी ज़िन्दगी तो आज भी बदहाल है। है जमीं उसके बदन पर है नही वह गन्दगी।। जिसने मिट्टी से उगाई है हमेशा ज़िन्दगी।।। उसकी मेहनत पर सियासत रोज ही होती रही। फिर भी उसकी बेबसी आराम से सोती रही।। और कितने ज़ुल्म बाक़ी हैं किसानों पर अभी। और कब तक वह करेगा अब शितम की बन्दगी।। जिसने मिट्टी से उगाई है हमेशा ज़िन्दगी।।। बारिशें हों धूप हो या कड़कड़ाती ठण्ड हो। वह खड़ा रहता हमेशा खेत औ खलिहान में।। कर्ज़ में डूबा हुआ है अन्नदाता देश का। हाय कैसी दुर्दशा में है कृषक की ज़िंदगी।। जिसने मिट्टी से उगाई है हमेशा ज़िन्दगी।।। भूख जो सबकी मिटाता भूख उसको ले गई। पेड़ पर लटकी हुई बस उसकी मिट्टी कह गई।। जाग जा हलधर अभी अब जंग हक़ की छिड़ चुकी। जीत पहले जिन्दगी फिर बाद करना बन्दगी।। तूने मिट्टी से उगाई है हमेशा ज़िन्दगी।।। -Panna #किसानआंदोलन #poetry #hindipoems #Poemonkisan
*-सच्चाई-* सच्चाई पर देखो उसको, पर्दा डाले रहता है। लेकिन खुद को असली झूठा, पूरा सच्चा कहता है।। झूठों की बारात में हालत, क्या होती है सच्चे की। जैसे खिल्ली रोज उड़ाते, हैं बच्चे ही बच्चे की।। जीवन के जंजाल में यारों, फँसा हुआ हूँ क्या बोलूँ। सहमी सहमी रहती है अब, राज मैं उसके क्या खोलूँ।। मन की बातें मन ही जाने, कब क्या उसके मन में है। जन जन में अफवाहें फैलीं, अफवाहें ही कहता है।। सच्चाई पर देखो उसको, पर्दा डाले रहता है।।।। -पन्ना #सच्चाई #कविता #मनकीबात #पर्दा
#प्यार #वफ़ा #कसमें #वादे प्यार वफ़ा कसमें वादें सब बातें हैं फुरक़त के दिन भी तो काली रातें हैं भँवरों को लपटों की इतनी चाहत है फरियादी हैं उल्फ़त के जल जाते हैं पागलपन है पागल अच्छे लगते हैं प्यार में अक्सर सपने सच्चे लगते हैं झूठे सच्चे कैसे भी हों आशिक़ हैं हँसते हँसते जान लुटाते जाते हैं उल्फ़त के सौदागर आते जाते हैं दिलवाले ही अक्सर धोखा खाते हैं शायर हूँ ग़म लिखता हूँ और खुशियां भी पन्नों पर बस हर्फ़ मचलते जाते हैं -पन्ना
कविता दिल की बोली है, शब्दों की रंगोली है । प्रेमी की पागलपंथी, यारों हंसी ठिठोली है।। -पन्ना #कविता #शब्द #दिलकीआवाज -Lakshmi Narayan Panna
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
Copyright © 2021, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser