Badi baai saab by vandana A dubey | Read Hindi Best Novels and Download PDF Home Novels Hindi Novels बड़ी बाई साब - Novels Novels बड़ी बाई साब - Novels by vandana A dubey in Hindi Novel Episodes (727) 121k 144.2k 150 “ ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते !!.......नीचे मंडप में पंडित जी कलश स्थापना कर रहे थे. खिड़की से सिर टेके खड़ी गौरी चुपचाप सारे काम होते देख रही है. छोटी से छोटी और बड़ी ...Read Moreबड़ी ज़रूरत के लिये भी पंडित जी बड़ी बाईसाब को याद करते हैं. हर रस्म के लिये भी उन्हें ही बुलाया जाता है. गौरी को तो यदि किसी ने खबर कर दी तो मंडप में पहुंच जाती है, वरना उसकी अनुपस्थिति में ही रस्म पूरी हो जाती है. कई बार तो गौरी भूल ही जाती है कि ये सारा सरंजाम Read Full Story Listen Download on Mobile Full Novel बड़ी बाई साब - 1 (52) 18.7k 25.3k “ ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते !!.......नीचे मंडप में पंडित जी कलश स्थापना कर रहे थे. खिड़की से सिर टेके खड़ी गौरी चुपचाप सारे काम होते देख रही है. छोटी से छोटी और बड़ी ...Read Moreबड़ी ज़रूरत के लिये भी पंडित जी बड़ी बाईसाब को याद करते हैं. हर रस्म के लिये भी उन्हें ही बुलाया जाता है. गौरी को तो यदि किसी ने खबर कर दी तो मंडप में पहुंच जाती है, वरना उसकी अनुपस्थिति में ही रस्म पूरी हो जाती है. कई बार तो गौरी भूल ही जाती है कि ये सारा सरंजाम Listen Read बड़ी बाई साब - 2 (47) 13.8k 15.4k नीलू कब मुस्कुराने लगी, कब करवट लेने लगी, कब पलटने लगी, गौरी को पता ही नहीं. उसकी सहेलियां पूछतीं-”बिटिया अब तो पलटने लगी होगी न गौरी? खूब ध्यान रखना अब वरना बिस्तर से नीचे गिर जायेगी.’ गौरी क्या बताती? ...Read Moreके हां-हां कह देती. जब भी उसने सास से कहा कि वे अपना काम करें, बच्ची को दे दें सम्भालने के लिये’ तब-तब सास ने उसे झिड़क दिया-’ मुझे क्या काम करने हैं भला? अब काम करने की उमर है मेरी? तुम सम्भाल तो रही कामकाज. मुझे बच्ची सम्भालने दो. काम-वाम न होता मुझसे.’ गौरी का मन तो होता कि Listen Read बड़ी बाई साब - 3 (32) 12.7k 15.2k ऐसे अद्भुत व्यक्तित्व के धनी बहुत कम होते हैं, सो उनके जोड़ की बहू कैसे मिलती? सब उनसे उन्नीस ही थे. बीस कोई मिला ही नहीं, या उन्होंने खोजी ही उन्नीस. लड़के का ब्याह भी ऐसी उमर में कर ...Read Moreजब मना करने का न उसे शऊर था, न हिम्मत. अपनी पसन्द बताना तो बहुत दूर की बात. “गौरी भाभी, बड़ी बाईसाब टेर रहीं आपको” कमला की आवाज़ से तंद्रा टूटी गौरी की. “कहां थीं गौरी? जब कोई रस्म हो रही हो तो तुम्हें आस-पास नहीं रहना चाहिये क्या? पंडित जी को कभी किसी चीज़ की ज़रूरत है, तो कभी Listen Read बड़ी बाई साब - 4 (33) 12.1k 15.3k ाशाह रवैया नहीं अपनाया या ऐसा फ़ैसला जिसे ग़लत ठहराया जा सके, लिया भी नहीं. गौरी की शादी के वक़्त जब बड़ी बाईसाब खुद बारात में आईं, तो लोगों ने दांतों तले उंगलियां दबा लीं. उस वक़्त तक महिलाओं, ...Read Moreसे सास का बारात में आना एकदम नहीं होता था. महिलाओं के नाम पर छोटी लड़कियां ही बारात में जा पाती थीं. ऐसे में बड़ी बाईसाब का दमकता व्यक्तित्व जब दरवाज़े पर पहुंचा तो लोग हकलाने लगे. उन्होंने भी स्थिति को समझा और वाकपटु बड़ी बाईसाब ने तत्काल कमान संभाली. बारात में आने का मक़सद साफ़ किया. बोलीं-“ यूं तो Listen Read बड़ी बाई साब - 5 (33) 9.7k 15.3k दादी के बेहिसाब लाड़-प्यार में पली नीलू बचपन से ही भरे बदन की थी. ये भरा बदन, उम्र के साथ-साथ मोटापे में तब्दील हो गया. बचपन में प्यारा लगने वाला गोल-मटोलपन, अब खटकने लगा. नीलू की आदतें ऐसीं, कि ...Read Moreमुंह से कुछ निकला नहीं कि हाज़िर. खाने की तरफ़ से मुंह फेर लेने वाली नीलू पिज़्ज़ा, बर्गर, चाउमिन बड़े शौक से खाती. हर जगह के नम्बर उसके पास नोट थे. जब चाहिये, नम्बर घुमाया और बंदा बड़ा सा डब्बा ले के हाज़िर! शुरु में तो दादी बड़े गर्व से बतातीं-’ हमारी नीलू तो सब्ज़ी-रोटी को हाथ ही नहीं लगाती.’ Listen Read बड़ी बाई साब - 6 (31) 5.8k 5.7k बड़ी हुई तो दादी उसकी शादी को लेकर अतिरिक्त चिन्तित नज़र आईं. चिन्ता की वजह था नीलू का बढ़ता वज़न. रंग भी बहुत साफ़ नहीं था नीलू का,. लेकिन गेहुंआ वर्ण की नीलू का नाक-नक़्श बहुत सलोना था. अच्छी ...Read Moreकी वजह से बढ़ा हुआ वज़न भी अटपटा नहीं लगता था. दादी की ही तरह खूब लम्बे बाल. दिमाग़ से खूब तेज़ नीलू को पढ़ने का भी खूब शौक था. हर काम लगन से करने का गुण उसे अपनी मां गौरी से मिला था. उतनी ही सहनशील भी. हां, रसोई के काम उसे एकदम नहीं भाते थे. दादी ने भी Listen Read बड़ी बाई साब - 7 (34) 5.6k 6k तीन दिन से जगमग करती हवेली में आज बारात का आगमन था. खूब चहल-पहल से घर उमगा पड़ रहा था. शहनाई का स्वर वातावरण में गूंज रहा था. गौरी केवल यही मना रही थी कि सब अच्छी तरह निपट ...Read Moreलेकिन उसके मनाने से क्या? शादी के दौरान तमाम रस्मों में नुक़्ताचीनी हुई. ये रस्म इस तरह होनी थी, इस रस्म में इतना इसको, उतना उसको देना चाहिये था. बड़ी बाईसाब चुपचाप उनकी हर मांग को पूरा कर रही थीं. गौरी ने इतना शांत उन्हें कभी नहीं देखा था. सुबह विदाई के समय भी थोड़ी झिकझिक हुई. ऐसी बहस के Listen Read बड़ी बाई साब - 8 (28) 5.3k 5.2k कमज़ोर पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते रिजेक्ट कर देने वाली बड़ी बाईसाब ने आखिर इस परिवार के लिये क्यों हामी भरी? क्या दिखा उन्हें इस परिवार में? लड़का ठीकठाक है, लेकिन इतनी अच्छी नौकरी में भी नहीं जो उसके आर्थिक ...Read Moreसे बेहद कमज़ोर परिवार से समझौता किया जाता. गौरी किसी भी परिवार का आकलन उसकी आर्थिक स्थिति से बिल्कुल नहीं करना चाहती, लेकिन बच्चों को जिस परिवेश में रहने की आदत होती है, कोशिश उसी परिवेश में भेजने की भी होनी चाहिये. इन दोनों परिवारों में तो कोई मेल ही नहीं था. परिवारों के बीच आर्थिक खाई, कभी नहीं पटती, Listen Read बड़ी बाई साब - 9 (28) 5.7k 5k 0 0 नीलू को विदा कर लौटे रोहन का तमतमाया चेहरा सुनन्दा जी को बार-बार याद आ रहा था. सुनंदा जी यानि बड़ी बाईसाब, सौ एकड़ उपजाऊ ज़मीन, पचास एकड़ प्लॉटिंग की गयी बंजर ज़मीन, पन्द्रह कमरों, और दो ...Read Moreवाली इस तीन मंज़िला हवेली, मुख्यमार्ग पर स्थित तीस दुकानों और उन दुकानों पर बने पन्द्रह मकानों की एकछत्र मालकिन, जिन्हें लगता था कि पैसे की दम पर वे कुछ भी कर सकती हैं, आज परेशान दिखाई दे रही हैं. उनका गोरा चेहरा गुस्से और अपमान से लाल पड़ गया है. चिन्ता के कारण कभी-कभी लाल रंग पीली आभा Listen Read बड़ी बाई साब - 10 (32) 5k 4.6k रोज़ शाम को पनबेसुर का आना, खुसुर-पुसुर करना, और उसके अगले ही दिन पंडित जी का पधारना जब लगातार होने लगा तो सुनंदा की मां का माथा ठनका था. उस दिन उन्होंने ठाकुर साब के किसी ज़िक्र के पहले ...Read Moreअपना मंतव्य स्पष्ट कर दिया- “ सुनिये, ये पनबेसुर और पंडित का रोज़-रोज़ आना साबित कर रहा है कि आप सुनन्दा के लिये लड़के की खोज में लग गये हैं. सुनन्दा अभी केवल सोलह की है और मैं उसे अट्ठारह के पहले नहीं ब्याहने वाली, चाहे जितना अच्छा रिश्ता आप मेरे सामने ला के पटकें. लड़की पढ़ रही है और Listen Read बड़ी बाई साब - 11 (27) 3.7k 4.1k बुंदेला साब को मन ही मन हंसी आई होगी ऐसे प्रस्ताव पर. सोचते होंगे कि अभी तो खुद ठाकुर साब की उमर चालीस से बस कुछ ही ऊपर है. जब तक ज़रूरत पड़ेगी, तब तक बिटिया ससुराल में रम ...Read Moreहोगी. और बाद में देखना भी पड़ा तो क्या? आखिर सारी ज़ायदाद बेटे के नाम हो भी तो जायेगी, सो देखभाल भी जायज़ है. लेकिन बुंदेला साब का अनुमान ग़लत निकला, और ठाकुर साब मात्र पैंतालीस साल की उमर में ही हृदयाघात के चलते, परलोकवासी हो गये. सुनंदा, जिसने ससुराल में पांच साल भी राम-राम करके ही गुज़ारे थे, अब Listen Read बड़ी बाई साब - 12 (26) 3.1k 3.6k कभी डॉक्टर बनने का ख्वाब देखने वाली नीलू भी अब कुछ और कहां सोच पाती थी? उसे भी दिन रात अपनी शादी की ही चिन्ता रहने लगी थी . ऐसे में जब परिहार परिवार की ओर से खुद चल ...Read Moreरिश्ता आया तो नीलू समझ ही नहीं पाई कि उसे कैसा लग रहा है? खुश है या नाखुश? रिश्ता आने की तह में लड़के वालों की कमियां तलाशे या अहसानमंद हो जाये उनकी? और अन्तत: सीधी-सज्जन नीलू का मन उनका अहसानमंद हो गया, जिन्होंने ऐसे समय में रिश्ता भेजा था, जबकि घर में नीलू की शादी को लेकर एक अजब Listen Read बड़ी बाई साब - 13 (32) 3.1k 4k . सास ने डेढ़ तोले के झुमकों को देख कर बुरा सा मुंह बनाते हुए सुनाया- “ इतने हल्के झुमके दे पायीं तुम्हारी दादी! इससे अच्छा तो न देतीं.” नीलू का मन हुआ कि कहे –“ कभी एक तोले ...Read Moreझुमके पहन के देखे हों, तो वज़न का अन्दाज़ हो पाये, कि कान कितना भार सम्भाल सकते हैं.” लेकिन बोली कुछ नहीं. शादी के बाद से ही लगातार नीलू को ताने सुनने पड़ रहे हैं. मन उकता गया है उसका. पति भी पूरी तरह मां-बाप के रंग में रंगा हुआ है. मां कोई ताना देती हैं तो हां में हां Listen Read बड़ी बाई साब - 14 (24) 2.9k 3.4k पढ़ाई में अच्छी थी गौरी. क्लास में अव्वल तो नहीं, लेकिन तीसरे या चौथे नम्बर पर रहती थी हमेशा. सारे टीचर्स बहुत प्यार करते थे गौरी को. इतने धनाड्य परिवार की बेटी हो के भी घमंड नाममात्र को न ...Read Moreउसे. इतने लाड़-प्यार ने भी बिगाड़ा नहीं था गौरी को. ये शायद उसकी मां की मेहनत थी, जो उसके पांव, इतने बिगाड़ने वाले माहौल में भी ज़मीन पर रखे रहीं. आठवीं में पढ़ती थी, तभी से उसे लिखने का शौक हुआ. ये गुण जन्मजात रहा होगा, बस प्रस्फ़ुटित नहीं हो पाया था. यहां क्लास में उसकी पक्की सहेली थी रश्मि, Listen Read बड़ी बाई साब - 15 (31) 2.7k 3k शादी के बाद ससुराल में सबकुछ था, सिवाय अपनी इच्छा के. जो चाहो खाओ, पहनो, जहां चाहो जाओ, मिलो-जुलो बस अपने विचार पेश मत करो. बड़ी बाईसाब यानि गौरी की सास जो कहें उसे अन्तिम सच मानो. यदि ऐसा ...Read Moreहुआ, तो आप अपनी स्थिति कमज़ोर कर सकते हैं. गौरी की भी तमाम मुद्दों पर उनसे असहमति होती थी, जिसे वो ज़ाहिर भी कर देती थी, और इसीलिये बड़ी बाईसाब ने उसे ’मुंहफट’ के विशेषण से नवाज़ा था. धीरे-धीरे गौरी ने खुद ही समझौता कर लिया. अकेली कब तक लड़े? पति भी गाहे बगाहे समझा देते थे कि चुप रहा Listen Read बड़ी बाई साब - 16 (37) 2.9k 3.4k हद करती है लड़की! ये भी नहीं बताया कि कब आना चाहती है? रोहन को भेजें भी तो कब? फोन लगाया तो स्विच्ड ऑफ़ आने लगा. परेशान हो गयीं बड़ी बाईसाब. ससुराल पहुंचने के बाद भी नीलू का अनुभव ...Read Moreनहीं रहा था. अजब स्वभाव की थी नीलू की ससुराल. हर व्यक्ति जैसे तंज कसने को ही बैठा रहता था. नीलू जैसी शान्त स्वभाव की लड़की भी जब उनकी शिकायत घर में कर रही, मतलब मामला उससे कहीं बहुत ज़्यादा है, जितना नीलू ने बताया था. वे लोग बेहद संकीर्ण मानसिकता के लोग थे, ये बात तो उनकी समझ में Listen Read बड़ी बाई साब - 17 (31) 2.7k 3.1k . दादी का ये नया रूप देख रही थी नीलू. अब तक तो पूरी दबंगई से बोलते और दमदारी से सारे काम करवाते देखा था उन्हें, लेकिन किसी ग़लत बात पर वे चुप भी रह सकती हैं, ये नहीं ...Read Moreथा नीलू को. अच्छा नहीं लगा था उसे. दादी पर दबंगई ही जमती है. अगले दिन दादी खुद उसे लेकर उसकी ससुराल गयी थीं. हां, उन्होंने सास के कहे अनुसार केवल नीलू को ’घुमाने’ ले जाने का ही प्लान बनाया था. गौरी भी साथ थी, लेकिन उसे बड़ीबाईसाब ने सख्त ताकीद किया था कि वो अपना मुंह न खोले. कितनी Listen Read बड़ी बाई साब - 18 (26) 3k 3.6k नीलू का जवाब सुन के गौरी के होश उड़ गये थे. नीलू बोली- “ मां, प्रताप और उसके घर वाले किसी भी हद तक उतर जाने वाले लोग हैं. अगर मैं बहुत दिनों तक यहां रही तो मम्मी जी ...Read Moreऊपर ससुराल में न रहने का आरोप लगा के तलाक भी करवा सकती हैं. रही बात प्रताप की, तो वो वही करेगा, जो उसकी मां कहेंगीं. और मां, मैं नहीं चाहती कि एक बेटे के साथ मैं वापस यहां आऊं. जब तक चल रहा है, चलाउंगी, जिस दिन लगा, अब बहुत हो गया, उस दिन अपने सामान सहित आ जाउंगी.” Listen Read बड़ी बाई साब - 19 (अंतिम) (143) 2.7k 3.2k ओहो…. तो ये शीलू के लिये तैयारी चल रही है…. उससे पूछ लिया है न दादी?” “पूछना क्या? नीलू से पूछा था क्या? शादी के लायक़ उमर हो गयी अब उसकी. बाक़ी पढ़ाई ससुराल में कर लेगी. अब यहां ...Read Moreदाना-पानी पूरा हुआ समझो.” “ हाहाहा…. दादीसाब आप भी न! शीलू चिड़िया है क्या, जो दाना-पानी पूरा हुआ? नीलू दीदी से न पूछ के आपने ग़लती की थी दादी. अब नीलू दीदी ही झेल रहीं न उस परिवार को? ऐसा बेमेल ब्याह आपने करवाया न, कि पड़ोसी तक आपस अचरज करते हैं, आपसे भले ही कोई न कहे.” एक सांस Listen Read More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Novel Episodes Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Humour stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Social Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything vandana A dubey Follow