Kashish. book and story is written by Seema Saxena in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kashish. is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कशिश - Novels
by Seema Saxena
in
Hindi Love Stories
कशिश सीमा असीम (1) गर न होते आँसू आँखों में खूबसूरत इतनी आँखें न होती गर होता न दर्द दिल में कीमत खुशी की पता न होती जीवन में आगे आने की चाहत न होती गर होता मन में सकूँ औ करार वक़्त ने हमको क्या दिया क्या नहीं कभी रब से कोई शिकायत न होती हवाई जहाज ने दिल्ली शहर के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से चेन्नई की ओर उडान भरी तो पारुल को लगा, हम सच हैं बिल्कुल सच और हमारा प्यार भी एकदम सच्चा है तभी तो हम हमेशा क्षितिज पर ही मिलते हैं ! उसने पास में बैठे राघव का
कशिश सीमा असीम (1) गर न होते आँसू आँखों में खूबसूरत इतनी आँखें न होती गर होता न दर्द दिल में कीमत खुशी की पता न होती जीवन में आगे आने की चाहत न होती गर होता मन में ...Read Moreऔ करार वक़्त ने हमको क्या दिया क्या नहीं कभी रब से कोई शिकायत न होती हवाई जहाज ने दिल्ली शहर के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से चेन्नई की ओर उडान भरी तो पारुल को लगा, हम सच हैं बिल्कुल सच और हमारा प्यार भी एकदम सच्चा है तभी तो हम हमेशा क्षितिज पर ही मिलते हैं ! उसने पास में बैठे राघव का
कशिश सीमा असीम (2) बड़ी प्यारी लग रही हो ! उनके यह शब्द उसके कानों मे गूंजने लगे ! क्या वो वाकई मे खूबसूरत लग रही है ! वो आइने के सामने जाकर खड़ी हो गयी ! स्काई ब्लू ...Read Moreके फ्रॉक सूट में उसके चेहरे का रंग तो बहुत निखर आया था पर न होठो पर लिपिस्टिक न आंखो में काजल कुछ भी तो नहीं बचा था उसके पास ! चलो कोई नहीं, आज यूं ही रहने देती हूँ ! वो अपने बाल सुलझा कर नीचे मैस हाल में आ गयी ! वहाँ पर राघव पहले से मौजूद थे वे
कशिश सीमा असीम (3) पापा के साथ स्टेशन तक आई ! वैसे तो पापा हमेशा हर जगह उसे अपने साथ ही लेकर जाते हैं लेकिन आज उन्होने भी अकेले जाने देने मे कोई आनाकानी नहीं की थी ! बल्कि ...Read Moreमें समझाते हुए कहा था, देखो संभाल कर जाना और अपना खयाल रखना ! जी पापा ! आप बिल्कुल बेफिक्र रहें ! मैं अब बड़ी हो गयी हूँ ! ट्रेन में बैठते समय पापा के पाँव छूते हुए पारुल ने कहा, पापा आप अपना और मम्मी का ख्याल रखना ! तू सदा खुश रहे ! सफलता तेरे कदम चूमे !
कशिश सीमा असीम (4) सबने राघव को मनाया और वे चलने को मान गए ! हर बात मे आगे आगे रहने वाले कमल जी कि इच्छा थी कि वे सबको बोटिंग कराएंगे ! अरे इससे अच्छी और क्या बात ...Read Moreसकती है ! खुशी और मस्ती से लबरेज वे सब खुशी से चहक पड़े ! वे सब 50 के करीब लोग थे और उन सबका एक ही बोट मे आना संभव ही नहीं था ! दो बोट की गयी और संजोग देखिये कि राघव उसकी ही बोट में और उसके बराबर वाली सीट पर बैठ गए ! सुबह के करीब
कशिश सीमा असीम (5) आज पापा ने ऑफिस से घर आकर उसकी शादी कि बात छेंड दी, सुनो मेरे ऑफिस में ही एक लड़का है आज ही ट्रांसफर होकर आया है बहुत ही समझदार और इज़्ज़त करने वाला ! ...Read Moreहूँ कि उससे पारुल की शादी की बात चलाई जाये ! आप को हर लड़का अच्छा लगता है पहले पारुल से तो पूछ लिया करो ! वो तो शादी का नाम सुनते ही भड़क जाती है ! क्यों, क्या उसे शादी नहीं करनी ? करनी क्यों नहीं है बस उसने कह रक्खा है कि चार साल बाद करेगी ! पहले