ye mausam ki baarish book and story is written by PARESH MAKWANA in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. ye mausam ki baarish is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
ए मौसम की बारिश - Novels
by PARESH MAKWANA
in
Hindi Love Stories
आज इतने सालो बाद बारिश की एक बहतरीन शाम को देखकर मुजे वो शाम याद आ गई, वही शाम जहा से ये कहानी शुरू हुई थी। कैसे भूल शकता हु उन दिनों को। वो पहेली बारिश जिसका मुजे बेसबरी से इंतज़ार था। बारिश आई ओर बारिश के साथ वो भी आई मेरी जिंदगी में। मानो वो उस बारिश का बेहद खूबसूरत तोहफा था मेरे लिए। आज वो नही होती तो माही नही होती ओर माही नही होती तो शायद में भी नही होता। आज से आठ साल पहले अचानक आसमान में काले बादल गरजे, बिजली चमकी
आज इतने सालो बाद बारिश की एक बहतरीन शाम को देखकर मुजे वो शाम याद आ गई, वही शाम जहा से ये कहानी शुरू हुई थी। कैसे ...Read Moreशकता हु उन दिनों को। वो पहेली बारिश जिसका मुजे बेसबरी से इंतज़ार था। बारिश आई ओर बारिश के साथ वो भी आई मेरी जिंदगी में। मानो वो उस बारिश का बेहद खूबसूरत तोहफा था मेरे लिए। आज वो नही होती तो माही नही होती ओर माही नही होती तो शायद में भी नही होता। आज से आठ साल पहले अचानक आसमान में काले बादल गरजे, बिजली चमकी
उसने कागज खोलकर पढा 'मुजे माफ् कर दो जैसा तुम सोच रही हो वैसा कुछ नही है मेने ऐसा वैसा कुछ नही देखा ओर एक बात मुजे तुम्हारा डांस ...Read Moreअच्छा लगा।' कागज को पढ़ कर वो हसने लगी ओर वही से जोर से बोली 'ओये नाम क्या है तुम्हारा..?' 'ज..ज..जी जयदेव.. ओर आपका ?' 'मीरा.. , तुम यही रहते हो..?' 'हा.., लेकिन आप..' 'में दिल्ही से हु छुटिया चल रही है मामाजी के यह कुछ दिन आयी हु..' 'हम मिल सकते है..?' 'हा लेकिन सिर्फ छत पर..' उसके
'सच.., तुम मुजे छोड़कर चली जावोगी' 'हा.. लेकिन अभी कहा जा रही हु अभी तो में तुम्हारे साथ हु ना' ...Read More उसके बाद उसके हाथो में हाथ लेके हमने तब तक सालसा (डांस) किया जब तक बारिश ना थमी। बारिश के वो कुछ पल मानो मेरे लिए अनमोल थे उस वक़्त बस में, मीरा ओर बारिश हमारे अलावा मानो सारा जहाँ थम सा गया। उस दिन के बाद ऐसे ही बारिश हमे हररोज मिलाती रही ओर हम मिलते रहे। लेकिन एक दिन अचानक ही बारिश का आना बंध हो गया ओर जैसे बारिश
मेरी बात सुनकर वो वहाँ से रोते हुवे चली गई। उसके गए आज एक साल हो गया। आज तक में उसे भुला नही पाया। ...Read More रात को बहार हल्की हल्की बारिश हो रही थी। में बालकनी में बैठकर लेपटॉप पर अपनी नई नावेल लिख रहा था की तभी मम्मी आई। 'अरे जय बेटा..' मेने उसकी ओर देखा उसके हाथ में एक फोटो थी। लेपटॉप बंध कर के मेने उससे सामने वाली ख़ुर्शी पर बैठने को कहा। मम्मी मेरे सामने बैठी ओर मुस्कुराते हुवे मुझसे कहा। 'आज शाम को मंदिर गई थी। वही वो
मम्मी ने मुझसे पूछा 'अरे वाह.. तु उसे पहले से जानता है तो में रिस्ते के लिए बात करू ना..?' ...Read More मेने शरमाते हुवे कहा 'अरे मम्मी जल्दी क्या है..अभी तो मीले है..' मम्मी ने हँसते हुवे कहा 'तुजे जल्दी नही है भले न हो पर मुझे तो है.. घर में बहु आ जाएगी तो मेरा थोड़ा काम तो कम होगा' ओर वो उठकर वहाँ से चली गई.. इधर में वापस लेपटॉप में घुस गया.. * * * में नावेल लिखने में व्यस्त था की तभी नीचे फेसबुक की एक नोटिफिकेशन