Madhurima book and story is written by Saroj Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Madhurima is also popular in Horror Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मधुरिमा - Novels
by Saroj Verma
in
Hindi Horror Stories
चल राजू,जल्दी से खाना खाकर तैयार हो जा,रात को दस बजे हमारी ट्रेन है, मां ने मुझसे कहा____ मैंने कहा ठीक है मां और मैंने अपने कंचे,चंदा-पवआ खेलने वाली कौड़ी और अपनी गेंद मां को देते हुए कहा कि लो मां ये सब भी रख लेना। मैं बहुत खुश था क्योंकि हम दीवाली की छुट्टियों में गांव जा रहे थे और मुझे अपने गांव जाना बहुत पसंद था।। ये बात उस समय की है जब मेरी उम्र करीब नौ दस साल रहा हूंगा,अब तो ना वो बचपन रहा और ना वैसे खेल।। हां तो मां ने
चल राजू,जल्दी से खाना खाकर तैयार हो जा,रात को दस बजे हमारी ट्रेन है, मां ने मुझसे कहा____ मैंने कहा ठीक है मां और मैंने अपने कंचे,चंदा-पवआ खेलने वाली कौड़ी और अपनी गेंद मां को ...Read Moreहुए कहा कि लो मां ये सब भी रख लेना। मैं बहुत खुश था क्योंकि हम दीवाली की छुट्टियों में गांव जा रहे थे और मुझे अपने गांव जाना बहुत पसंद था।। ये बात उस समय की है जब मेरी उम्र करीब नौ दस साल रहा हूंगा,अब तो ना वो बचपन रहा और ना वैसे खेल।। हां तो मां ने
मझे आते आते शाम हो चली थी, रास्ते भर खेतों से लौटते हुए लोग मिल रहे थे , डूबते सूरज की लालिमा भी फीकी पड़ती जा रही थी, चरवाहे भी जानवरों को चरा कर घर लौट रहे थे, जानवरों ...Read Moreगले में बंधी हुई घंटियों की आवाज एक के बाद एक सुनाई दे रही थी और कुछ पनिहारियां भी पानी भरकर आ रही थी कुछ पानी भरने जा रही थी,मैं घर वापस आ गया और घर आकर मैंने किसी से भी कुछ नहीं कहा।। मां ने पूछा भी कि कहां था दिनभर? मैंने कहा दोस्तों के साथ फिर मां ने भी