Naam me kya rakha hai book and story is written by Vandana Gupta in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Naam me kya rakha hai is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
नाम में क्या रखा है - Novels
by Vandana Gupta
in
Hindi Moral Stories
नाम में क्या रखा है (1) “फलसफों को जरूरत नहीं किसी अफसाने की ये बात तो है बस दिल को जलाने की”.......कुछ ऐसा ही मेरा हाल है. ‘मैं कुछ नहीं से कुछ होने तक’ के सफ़र की अकेली कड़ी हूँ जो अपने अन्दर की कचोट से लडती है झगडती है लेकिन शिनाख्त करने की हिम्मत नहीं है शायद तभी तो असमंजस के जूतों में पाँव डाल डगमगाती चाल से हैरान परेशान हूँ. खुद को देखना एक प्रक्रिया भर नहीं है. ढूंढती हूँ अन्दर ठहरी बर्फ में आग के निशाँ जो पिघला सकें अपनी तपिश से बरसों से जमी बर्फ को.
नाम में क्या रखा है (1) “फलसफों को जरूरत नहीं किसी अफसाने की ये बात तो है बस दिल को जलाने की”.......कुछ ऐसा ही मेरा हाल है. ‘मैं कुछ नहीं से कुछ होने तक’ के सफ़र की अकेली कड़ी ...Read Moreजो अपने अन्दर की कचोट से लडती है झगडती है लेकिन शिनाख्त करने की हिम्मत नहीं है शायद तभी तो असमंजस के जूतों में पाँव डाल डगमगाती चाल से हैरान परेशान हूँ. खुद को देखना एक प्रक्रिया भर नहीं है. ढूंढती हूँ अन्दर ठहरी बर्फ में आग के निशाँ जो पिघला सकें अपनी तपिश से बरसों से जमी बर्फ को.
नाम में क्या रखा है (2) प्रश्न मेरे पाले में था तो जवाब तो देना ही था “ आप अपना ध्यान नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर लगाइए. वो करने की कोशिश कीजिए जो आप करना चाहते हों और अब ...Read Moreन कर पाए हों.......... ढूंढिए खुद में सोये और खोये प्रणय की उन चाहतों को जिन्हें अब तक आकार नहीं दे पाए.” “ आप तो किताबी बातें करने लगीं “. “ इसमें क्या किताबी है बताइए ? आपने पूछा, मुझे जो उचित लगा बता दिया, या आप कुछ ऐसा चाहते हैं जो कह नहीं पा रहे तो बताइए शायद कोई