Moods of Lockdown book and story is written by Neelima Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Moods of Lockdown is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मूड्स ऑफ़ लॉकडाउन - Novels
by Neelima Sharma
in
Hindi Moral Stories
क्वारंटाइन...लॉक डाउन...कोविड 19... कोरोना के नाम रहेगी यह सदी। हम सब इस समय एक चक्र के भीतर हैं और बाहर है एक महामारी। अचानक आई इस विपदा ने हम सबको हतप्रभ कर दिया हैं | ऐसा समय इससे पहले हममें से किसी ने नहीं देखा है। मानसिक शारीरिक भावुक स्तर पर सब अपनी अपनी लडाई लड़ रहे हैं |
लॉकडाउन का यह वक्त अपने साथ कई संकटों के साथ-साथ कुछ मौके भी ले कर आया है। इनमें से एक मौका हमारे सामने आया: लॉकडाउन की कहानियां लिखने का।
नीलिमा शर्मा और जयंती रंगनाथन की आपसी बातचीत के दौरान इन कहानियों के धरातल ने जन्म लिया | राजधानी से सटे उत्तरप्रदेश के पॉश सबर्ब नोएडा सेक्टर 71 में एक पॉश बिल्डिंग ने, नाम रखा क्राउन पैलेस। इस बिल्डिंग में ग्यारह फ्लोर हैं। हर फ्लोर पर दो फ्लैट। एक फ्लैट बिल्डर का है, बंद है। बाकि इक्कीस फ्लैटों में रिहाइश है। लॉकडाउन के दौरान क्या चल रहा है हर फ्लैट के अंदर?
आइए, हर रोज एक नए लेखक के साथ लॉकडाउन
मूड के अलग अलग फ्लैटों के अंदर क्या चल रहा है, पढ़ते हैं | हो सकता है किसी फ्लैट की कहानी आपको अपनी सी लगने लगे...हमको बताइयेगा जरुर..
क्वारंटाइन...लॉक डाउन...कोविड 19... कोरोना के नाम रहेगी यह सदी। हम सब इस समय एक चक्र के भीतर हैं और बाहर है एक महामारी। अचानक आई इस विपदा ने हम सबको हतप्रभ कर दिया हैं ऐसा समय इससे ...Read Moreहममें से किसी ने नहीं देखा है। मानसिक शारीरिक भावुक स्तर पर सब अपनी अपनी लडाई लड़ रहे हैं
लॉकडाउन का यह वक्त अपने साथ कई संकटों के साथ-साथ कुछ मौके भी ले कर आया है। इनमें से एक मौका हमारे सामने आया: लॉकडाउन की कहानियां लिखने का।
नीलिमा शर्मा और जयंती रंगनाथन की आपसी बातचीत के दौरान इन कहानियों के धरातल ने जन्म लिया राजधानी से सटे उत्तरप्रदेश के पॉश सबर्ब नोएडा सेक्टर 71 में एक पॉश बिल्डिंग ने, नाम रखा क्राउन पैलेस। इस बिल्डिंग में ग्यारह फ्लोर हैं। हर फ्लोर पर दो फ्लैट। एक फ्लैट बिल्डर का है, बंद है। बाकि इक्कीस फ्लैटों में रिहाइश है। लॉकडाउन के दौरान क्या चल रहा है हर फ्लैट के अंदर?
आइए, हर रोज एक नए लेखक के साथ लॉकडाउन
मूड के अलग अलग फ्लैटों के अंदर क्या चल रहा है, पढ़ते हैं हो सकता है किसी फ्लैट की कहानी आपको अपनी सी लगने लगे...हमको बताइयेगा जरुर..
मूड्स ऑफ़ लॉकडाउन कहानी 2 लेखक: राजीव रंजन (अपने अपने लॉकडाउन) राजीव रंजन ‘सिर मुड़ाते ही ओले पड़े’, ये कहावत जिसने भी बनाई होगी, वह भी कभी जरूर शशांक की तरह ऐसी ही किसी स्थिति में फंस गया होगा। ...Read Moreजीवन के अनुभवों का ही तो निचोड़ हैं। शशांक बस दो दिन पहले ही नोएडा सेक्टर 71 की इस पॉश सोसाइटी में आया था। घर का सामान पूरी तरह सेट भी नहीं हो पाया था कि ये आफत गले पड़ गई। सामान के कई कार्टन तो अभी भी बंधे ही पड़े हैं। फ्लैट का पजेशन उसे कुछ हफ्ते पहले ही मिल गया
क्वारंटाइन...लॉक डाउन...कोविड 19... कोरोना के नाम रहेगी यह सदी। हम सब इस समय एक चक्र के भीतर हैं और बाहर है एक महामारी। अचानक आई इस विपदा ने हम सबको हतप्रभ कर दिया हैं ऐसा समय इससे ...Read Moreहममें से किसी ने नहीं देखा है। मानसिक शारीरिक भावुक स्तर पर सब अपनी अपनी लडाई लड़ रहे हैं लॉकडाउन का यह वक्त अपने साथ कई संकटों के साथ-साथ कुछ मौके भी ले कर आया है। इनमें से एक मौका हमारे सामने आया: लॉकडाउन की कहानियां लिखने का। नीलिमा शर्मा और जयंती रंगनाथन की आपसी बातचीत के दौरान इन कहानियों के धरातल ने जन्म लिया राजधानी से सटे उत्तरप्रदेश के पॉश सबर्ब नोएडा सेक्टर 71 में एक पॉश बिल्डिंग ने, नाम रखा क्राउन पैलेस। इस बिल्डिंग में ग्यारह फ्लोर हैं। हर फ्लोर पर दो फ्लैट। एक फ्लैट बिल्डर का है, बंद है। बाकि इक्कीस फ्लैटों में रिहाइश है। लॉकडाउन के दौरान क्या चल रहा है हर फ्लैट के अंदर? आइए, हर रोज एक नए लेखक के साथ लॉकडाउन मूड के अलग अलग फ्लैटों के अंदर क्या चल रहा है, पढ़ते हैं हो सकता है किसी फ्लैट की कहानी आपको अपनी सी लगने लगे...हमको बताइयेगा जरुर... मूड्स ऑफ़ लॉकडाउन कहानी 3 लेखिका: नीलिमा शर्मा टुकड़ा टुकड़ा ज़िन्दगी मम्मा इंडिया में तो लॉकडाउन सख्ती से लागू कर रहे हैं, अभी एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले सभी यात्रियों को रोका गया हैं उर्वशी ने दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल थ्री के इमीग्रेशन काउंटर के सामने लम्बी लाइन देखकर अपनी ममी को कॉल मिलाया उर्वशी एक सप्ताह बाद दुबई से लौट रही थी उसकी बड़ी बहन शताक्षी को शादी के तीन बरस बाद बेटा हुआ था पोस्ट डिलीवरी केयर के लिए उसकी ममी दो माह के लिए बड़ी बेटी के घर गयी थी
क्वारंटाइन...लॉक डाउन...कोविड 19... कोरोना के नाम रहेगी यह सदी। हम सब इस समय एक चक्र के भीतर हैं और बाहर है एक महामारी। अचानक आई इस विपदा ने हम सबको हतप्रभ कर दिया हैं | ऐसा समय इससे पहले ...Read Moreसे किसी ने नहीं देखा है। मानसिक शारीरिक भावुक स्तर पर सब अपनी अपनी लडाई लड़ रहे हैं | लॉकडाउन का यह वक्त अपने साथ कई संकटों के साथ-साथ कुछ मौके भी ले कर आया है। इनमें से एक मौका हमारे सामने आया: लॉकडाउन की कहानियां लिखने का। नीलिमा शर्मा और जयंती रंगनाथन की आपसी बातचीत के दौरान इन कहानियों
क्वारंटाइन...लॉक डाउन...कोविड 19... कोरोना के नाम रहेगी यह सदी। हम सब इस समय एक चक्र के भीतर हैं और बाहर है एक महामारी। अचानक आई इस विपदा ने हम सबको हतप्रभ कर दिया हैं | ऐसा समय इससे पहले ...Read Moreसे किसी ने नहीं देखा है। मानसिक शारीरिक भावुक स्तर पर सब अपनी अपनी लडाई लड़ रहे हैं | लॉकडाउन का यह वक्त अपने साथ कई संकटों के साथ-साथ कुछ मौके भी ले कर आया है। इनमें से एक मौका हमारे सामने आया: लॉकडाउन की कहानियां लिखने का। नीलिमा शर्मा और जयंती रंगनाथन की आपसी बातचीत के दौरान इन कहानियों