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mile jab hum tum... by Komal Talati | Read Hindi Best Novels and Download PDF

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  4. मिले जब हम तुम - Novels
मिले जब हम तुम by Komal Talati in Hindi
Novels

मिले जब हम तुम - Novels

by Komal Talati Matrubharti Verified in Hindi Love Stories

(409)
  • 34k

  • 63k

  • 49

part -1 शालिनी ने फोन पर बात करते हुए कहा, - " देव तुम जल्दी से नानाजी के घर आने के लिए निकलो, वे तुमसे मिलना चाह रहे है।" ( दूसरी तरफ से आवाज आई ...Read Moreदेव ने कहा -" क्या हुआ मम्मा आप बहुत दरी हुई लग रही है, वहा सब ठीक है न नानाजी की तबियत कैसी है?" शालिनी ने कहा -" नही बेटा नानाजी की तबियत ठिक नहीं है, वे बस तुमसे मिलना चाहते है" ( यह कहकर शालिनी रोने

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मिले जब हम तुम - 1

(20)
  • 5.3k

  • 7.3k

part -1 शालिनी ने फोन पर बात करते हुए कहा, - " देव तुम जल्दी से नानाजी के घर आने के लिए निकलो, वे तुमसे मिलना चाह रहे है।" ( दूसरी तरफ से आवाज आई ...Read Moreदेव ने कहा -" क्या हुआ मम्मा आप बहुत दरी हुई लग रही है, वहा सब ठीक है न नानाजी की तबियत कैसी है?" शालिनी ने कहा -" नही बेटा नानाजी की तबियत ठिक नहीं है, वे बस तुमसे मिलना चाहते है" ( यह कहकर शालिनी रोने

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मिले जब हम तुम - 2

(16)
  • 2.1k

  • 3.4k

part - 2 ( अभी तक आपने पढा की देव के नानाजी की तबियत खराब हो जाती है, और उनको अस्पताल में एडमिट कराया, उधर रास्ते में नानाजी के घर आते वक्त देव एक लड़की को देखता ...Read Moreऔर उसमें ही खो जाता है, नानाजी की तबियत में सुधार देखके उनको अपने साथ मुंबई लेकर आते है। अब आगे..........) काका जल्दी से नाश्ते कि प्लेट टेबल पर लगाओ नीरज आते ही होंगे, उनको ओफिस के लिए लेट हो जाएगा, शालिनी ने घर

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मिले जब हम तुम - 3

(18)
  • 1.7k

  • 2.7k

part - 3 क्या मतलब देव ने कहा करन ने कहा - " हा तो तुझे में कब से उठा रहा हु और तू है की पता नहीं क्या बहेकी - बहेकी बात कर रहा था, और ...Read Moreनही क्या क्या हरकते कर रहा था, यह सुन देव ने कहा - " क्या करा मैने? तो करन हँसने लगा और कहता है यह पूछ क्या नहीं करा, देव ने कहा- क्या यार तू भी तुझे पता है न में पीता नहीं हूं

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मिले जब हम तुम - 4

  • 1.5k

  • 2.5k

part - 4 आद्रिती ने देखा की दो नीली आँखे उसे ही देख रहि है, वह इन नीली आँखो को देखती ही रही, देव के आँखो तक आते बाल, मुशकुरा ने की वजह से गालो में पड रहे ...Read Moreप्यारी लेकिन शरारत से भरी हुई मुशकान मैं आद्रिती खो गई थी, उसे लगने लगा था की यह जो कोई भी हे बस मुझे ऐसे ही थामे रहे क्यूकी कहि न कहि देव की बाहो में आद्रिती खुद को महफुस महसूस कर रही

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मिले जब हम तुम - 5

  • 1.3k

  • 2.2k

भाग - 5 आरती आद्रिती को जगाते हुए कहती है कि - " उठ जा न दिति... देख आज कॉलेज का पहला दिन है और पहले दिन ही हम लेट हो जाएंगे... चल जल्दी उठ जा यह कहकर ...Read Moreआद्रिती की चादर खिंचती है और आद्रिती को देखती रहती है उस पर पहले प्यार का निखार जो चढा था... यह बदलाव आरती ने महसूस कर लिया था पर उसने कुछ कहा नही... आद्रिती नींद से जागती है और उबासी लेते हुए कहती है - " आरु सुबह सुबह क्यू शोर मचा रही है क्या हुआ

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मिले जब हम तुम - 6

  • 1.1k

  • 2k

भाग - 6 एस. पी.जैन. इनसटीटयुट ओफ मैनेजमैंट कॉलेज के मेइन गेट पर आकर आद्रिती ने जमीन को छुकर अपने आने वाले सुनहरे भविष्य की कामना करते हुए आँखे बंद कर भगवानजी से प्रार्थना करी... तभी पीछे से ...Read Moreआती हे और कहती हे - " यह क्या पागलो वाली हरकत कर रही हे , देख सब तुझको ही देख रहे है..." यह सुन आद्रिती कहती है - " देखते है तो देखने दे, इससे मुझे कोई फर्क नही पडता की लोग क्या कहते है... वैसे भी लोगो का तो काम ही होता है दुसरो पर

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मिले जब हम तुम - 7

(14)
  • 1.1k

  • 2.3k

भाग - 7 अरे इतनी जल्दी आ गई... मुझे लगा तुझे लेने जाना पड़ेगा... आद्रिती को अचानक आता देख आरती ने कहा और यह चेहरे पर बारह क्यू बजे है... वो... वो... आद्रिती बोलते हुए रुक ...Read Moreहै.... अरे क्या वो... वो... लगा रखा हे क्या हुआ किसीने कुछ कहा क्या... कही तेरा वो मोल वाला तो नही मिल गया न... आरती ने छेडते हुए आद्रिती से कहा आद्रिती मन ही मन मुशकराई यह देख आरती ने उसके आँखो के सामने चुटकी बजाई और कहा - " कहाँ मैडम ! कहा खोई हो

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मिले जब हम तुम - 8

  • 1k

  • 2k

भाग - 8 Dear Reader's भाग पढने से पहले मेरी प्रोफ़ाइल में जाकर यह कहानीके आगे के भाग पढिए... ओर आपका अमुल्य सुजावभी दे, जिसे में जान सकु की आपको यह कहानी ...Read Moreलग रही है... Good morning Class... मेरा नाम रिया है और मे आप सबको English लीटरेचर पढाऊँगी... यह सुन सभी स्टुडन्ट आपस मे खुसुरफुसुर करने लगे... देव की नजरे अभी भी आद्रिती पर ही थी सबकी नजरों से बचके वह भी देव को देख लेती थी... लेकिन जेसेही दोनों की नजरे टकराती दोनों इधर उधर देखने लग जाते...

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मिले जब हम तुम - 9

  • 953

  • 1.5k

भाग - 9 । ऐसे ही मस्ती करते हुए... देव को छेडते हुए दोस्तों का ग्रुप केन्टीन पहुँचता है... देव की नजरे आद्रिती को ही ढूँढ रही थी... उसने चारो तरफ देखा पर कही आद्रिती नही दिखी ...Read Moreवह मायूस हो गया... लेकिन अगले ही पल उसके होंठों पर मुश्कुराहत छा गई... एक कोने मे सबसे अलग दोनों हाथों से कॉफी का कप पकड़े हुए धीरे धीरे कॉफी पी रही थी... उसके कुछ बाल उड़कर उसके गालो को छू रहे थे इन सबमे सुबह की कोमल किरणें उसके उपर पड रही थी... उसकी सुंदरता ओर

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मिले जब हम तुम - 10

  • 959

  • 1.5k

भाग - 10 आरती करन को बादमे मिलने का कहकर नाश्ता लेकर आद्रिती के पास आती हे... आद्रिती को यू कही खोई हुई देख वह भी उसी दिशा मे देखती हे जहा आद्रिती देख रही थी और मुशकुराजाती ...Read More, उसने देखा कि... - " केन्टीन कि खिड़की के बहार ही एक गुलमहोर का घना पेड हे... उसमे एक चिडिया अपने बनाए घोंसले मे बच्चो के साथ थी... वह बार - बार उड़कर जाती और अपनी छोटीसी चोंच मे दाना लेकर आती फिर अपने बच्चो को खिलाती... यह देख आरती ने अपने हाथों को आद्रिती

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मिले जब हम तुम - 11

  • 896

  • 1.3k

भाग - 11 आद्रिती को जाता देख देव भी उसके पीछे जाता है... यह आरती भी न कभी एक जगह नही टिकटी अब पता नही कहा मिलेगी... मन ही मन अपने आपसे बात करती हुई आद्रिती कॉलेज ...Read Moreगार्डन मे आ जाती है और आरती को ढुंढती है पर वह कही दिखाई नही देती.... लेकिन तभी रिमझिम रिमझिम बारिश शुरू हो जाती है... दूसरी तरफ कोरीदोर मे भागते हुए किसीने आरती का हाथ पकड कर अपने तरफ खिचा और एक कोने मे ले गया जहा कोई न देख सके... अचानक हुए इस हमले से

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मिले जब हम तुम - 12

(11)
  • 837

  • 1.3k

भाग - 12 देव आद्रिती को जाता देखता रहा... तभी पीछे से किसीने देव के कंधो पर हाथ रखा... देव ने देखा की सामने करन खडा है और सवालिया नजर से मुझे ही देख रहा है... इससे पहले ...Read Moreकुछ कहता देव ने कहा - " कहा था तू..? " मे... वो...मे... करन कुछ कहने जा रहा था तभी बीचमें देव ने कहा - " क्या मे वो मे लगा रखा है बोल न कहा था तू..." करन ने अपने आपको संभाला और देव को कहा... " वो छोड़ तू ये बता... तू कबसे बारिश

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मिले जब हम तुम - 13

(11)
  • 1.2k

  • 2.5k

भाग - १३ प्रिय पाठकगण !! नमस्ते.... आप सभी का दिल से शुक्रिया अदा करती हु कि आप सबको मेरी कहानी... " मिले जब हम तुम " पसंद आ रही है... आप ऐसे ही अपना बहुमुल्य सुजाव ...Read Moreरहिए और मेरा मार्ग दर्शन करते रहिए... जिसे कि मे ओर अच्छा लिख सकु...????? और आप सबसे माफि भी चाहुँगी कि मे कम लिखती हु... पर इतना लिखने मे भी मुझे दो घंटे लग जाते हे फिर भी मे ज्यादा लिखने कि कोशिश करुगी...???? क्रमशः करन को आद्रिती के सामने घुटनों पर बैठा देख सबके होश उड

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मिले जब हम तुम - 14

(13)
  • 814

  • 1.5k

। भाग - १४ देव कहा ले जा रहे हो मुझे , छोडो मेरा हाथ... यह सुन देव को एहसास होता हे कि वह किस तरह आद्रिती का हाथ पकड कर लाया था... देव ने देखा कि ...Read Moreके हाथ पर ऊगलीओ के निशान बन गए है... उसने तुरंत अपने दोनों कान पकड कर माफि मानते हुए कहा... - " मुझे माफ करदो... मेरा इरादा तुम्हें हर्ट करने का नही था... मे तो बस तुम्हारे साथ अकेले थोडा समय बिताना चाहता था... " आद्रिती को देव कि इन प्यारी हरकतो को देख हसी आ रही थी... पर उसने

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मिले जब हम तुम - 15

  • 806

  • 1.5k

भाग - 15 पाठकगणो से अनुरोध हे... यह पार्ट पढने से पहले मेरी प्रोफ़ाइल मे जाकर यह कहानी के आगे के पार्ट अवश्य पढे...???? . . . देव मुश्कुराहता हुआ आद्रिती के सामने से निकल ...Read Moreआद्रिती बस उसे जाता देखती रही और मन ही मन सोचने लगी कितना बदमाश हे ये... हिरोगीरी दिखाने का एक भी मौका नही छोडता हे... थोडी दुर जाकर देव पीछे मुड़कर देखता हे आद्रिती अपने ही विचार मे मस्त थी... उसने वही से आवाज दी... चलना नही हे क्या मैडम या यही रुकना हे... आद्रिती कुछ बोलती उसे पहले

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मिले जब हम तुम - 16

  • 777

  • 1.5k

भाग - १६ पाठकगणो से अनुरोध हे कि यह पार्ट पढने से पहले कहानी के आगे के पार्ट कृपया पहले पढिए...???? . . . घुंघरुओ की आवाज से आरती के साथ साथ होस्टेल की सभी लड़कियाँ जाग ...Read Moreहै... और सभी आकर आद्रिती का नृत्य देखने लगती है क्यूकि आद्रिती अपनी खुशी उदासी सब के अलग अलग भाव वह इस तरस बयाँ करती थी... लेकिन आज तो कुछ अलग ही सूर सुनाई दे रहे थे... आद्रिती के पैर जेसे ही रुके पूरे कमरे मे तालीयो की गूँज सुनाई देने लगी थी... और आद्रिती ने

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मिले जब हम तुम - 17

  • 722

  • 1.3k

भाग - १७ आद्रिती ने देव के नानाजी के पाँव छुए तो उन्होंने बडे प्यार से आद्रिती के सर को सहलाया... आद्रिती को आजतक बहुत सारे लोगोके आशीर्वाद मिले थे पर इतने प्यार से आज पहली बार किसीने ...Read Moreरखा था... आद्रिती को एसा लगा मानो किसी अपने ने छुआ हो... बेटा मे तुम्हारे काम से बहुत प्रभावित हुआ हु... आजके जमाने मे लोगोके पास अपनो के लीए समय नही है, वहा तुम इस तरह सबकी सेवा करती हो... विक्रमजी ने आद्रिती से कहा... अरे नही अंकल यह सब करके मुझे शकुन मिलता है ये सब

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मिले जब हम तुम - 18

(11)
  • 722

  • 1.3k

भाग - १८ देव आद्रिती के पीछे जाता है पर आद्रिती देव की बातो को अनसुना कर चली ही जा रही थी... देव ने अपने कदमो की रफ्तार बढाई और पीछे से आद्रिती का हाथ पकड लेता है... ...Read Moreमेरा हाथ छोडो आद्रिती ने पीछे देखे बीना ही कहा... देव ने बडे मासुमियत से कहा... - " दिति एक बार बात तो करो मे सब अच्छे से समजाता हु तुम्हें... " आद्रिती... - " देव अब कुछ नही बचा समझने के लीए... प्लीस मेरा हाथ छोडो... " देव... - " जब तक तुम मेरी बात नही सुनोगी मे

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मिले जब हम तुम - 19

  • 667

  • 1.4k

भाग - १९ दोनों तरफ इतनी खामोशी थी की दोनों ही एकदुसरे की साँसो कि आवाज सुन पा रहे थे... कुछ देर बाद आद्रिती फोन रख देती है यह देख मोनीका कहती है कि जब बात नही ...Read Moreथी तो मुझे इतनी रातको परेशान क्यू करा... और कहकर चली जाती है, आद्रिती सही सलामत होस्टेल मे हे यह जानकर देव को काफी राहत मिली थी... वह मन ही मन कहता है कि... - " कल कुछ भी करके आद्रिती को मना लुंगा... लेकिन सबसे पहले मम्मा को मनाना पडेगा... " इसी ख्यालो मे देव

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मिले जब हम तुम - 20

(13)
  • 633

  • 1.2k

भाग - २० थोडी ही देर मे देव और बाकी सब अस्पताल पहुँच गए थे... देव ने अस्पताल की नोर्मली फोर्मेलीटीस को पुरा करा और जल्द से जल्द आद्रिती को एडमीट कराया... कुछ ही देर मे डॉक्टर ...Read Moreनर्स चैकप के लीए आते है... देव कुछ कहता उसे पहले ही वह अंदर चले गए यह सब होने से आरती बहुत डर गई थी क्यूकि आद्रिती की एसी हालत उसने पहली बार देखी थी... देव ने आरती के पास जाकर उसे टेन्सन न लेने को कहा... पर अंदर ही अंदर वह भी डरा हुआ था... कबसे बुखार

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मिले जब हम तुम - 21

  • 582

  • 1.1k

भाग - २१ कुछ ही देर मे सभी कुछ देर बैठकर देव से विदा लेकर अपने घर जाने के लीए नीकले... करन ने आरती की तरफ देखते हुए कहा... - " चलो तुम्हें भी मे होस्टेल तक छोड़ ...Read Moreआरती ने उदास होकर कहा यहा दिती को अकेला छोड़ केसे जाऊँ... नही मे यही रहूंगी उसे कुछ जरूर पडी तो... मेरा मन नही लगेगा होस्टेल मे , प्लीस मुझे भी यहा रुकने दो न... देव... - " पर आरती तुम अकेली नही संभाल पाओगी क्यूकि यहा एक ही जन को रुकने की परमीशन है... करन तुम छोड़कर

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मिले जब हम तुम - 22

  • 624

  • 1.3k

भाग - २२ आधी रात होने को थी... धीरे धीरे आद्रिती को होश आने लगा था... उसने अपनी आँखे खोली तो उसने अपने आपको अस्पताल मे पाया... मन ही मन सोचने लगी की मुझे यहा कोन लेकर ...Read Moreइसी सबमे आद्रिती की नजर बेड के पास बैठे देव पर गई जो की आद्रिती के सिरहाने सर रखकर सोए हुआ था... वह आद्रिती के इतने पास था की उसकी सांसो को वह महसूस कर रही थी... देव को पास देखकर कही न कही आद्रिती को अच्छा भी लग रहा था... एकपल के लीए तो वह देव के

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मिले जब हम तुम - 23

(12)
  • 636

  • 1.4k

भाग - २३ बातो ही बातो मे दोनों नींद की आगोश मे चले जाते हे... कुछ ही देर मे सूरज ने अपनी लालिमा धरती पर फैलाई... खिड़कीयो से आती पंखीओ की चहचहाने की आवाज से करन नींद से ...Read Moreजाता है... उसने देखा की आरती उसकी बाहो मे सुकून से सो रही थी... उसकी एक लट जो निकल कर गालो को छू रही थी यह देख करन अपने आपको न रोक पाया... और उसकी लट को अपनी ऊँगलीओ से कानो के पीछे कर दिया... करन के स्पर्श से आरती की नींद खुल जाती है और करन को खुदको

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मिले जब हम तुम - 24

  • 642

  • 1.2k

भाग - २४ करन...- " अगर कहेगा नही तो केसे पता चलेगा... " देव... - " वही सोच रहा हु केसे कहु..." करन कुछ कहता उसे पहले ही आरती आ जाती हे चलो पहले कुछ ...Read Moreनही तो ठंडा हो जाएगा... यह कहकर दोनों को साथ ले जाती है... सभी नास्ता कर बातो मे लग जाते है तभी आद्रिती कहती है तुम सबको घर नही जाना क्या आप सबके पेरेन्टस इंतजार कर रहे होंगे और कॉलेज भी तो जाना है न... तब जाह्नवी ने कहा... - " नही हम सब यही रहेंगे तुम्हारे साथ... "

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मिले जब हम तुम - 25

(12)
  • 615

  • 1.3k

भाग - २५ कुछ देर बाद जब देव वापस आया तो उसके चेहरे पर एक अलग ही सुकून भरी मुश्कान थी.... आद्रिती... - " क्या हुआ देव , गए थे तब उदास थे और अभी मुशकरा रहे हो... ...Read More" देव... - " हा दिती ! बात ही कुछ एसी है... तुम सुनोगी तो तुम भी खुश हो जाओगी... " आद्रिती... - " कहो न देव क्या बात है...? " देव... - " मे अभी डॉक्टर अंकल से मिलकर आ रहा हु... और उन्होंने कहा है की अभी एक महिना और तुम्हें यहा रहना पडेगा अपनी मासूम सी

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मिले जब हम तुम - 26

(12)
  • 531

  • 1.2k

भाग - २६ होस्टेल पहुँचकर आद्रिती ने सबसे पहले देव को रुपए दिए जो अस्पताल मे खर्च हुए थे... यह देख देव ने कहा... - " अरे मे कहा भागे जा रहा हु अभी रखा तुम तुम्हें जरूर पडेगी ...Read Moreमुझे जरूर होगी तब मे ले लुंगा तुमसे... " पर आद्रिती ने देव को जबरदस्ती रुपये दे ही दिए... देव को इस तरह देखता देख आद्रिती ने देव के चेहरे के सामने हाथ हिलाया और कहा की कहा खो गए तुम... ? देव हदबडाते हुए... क... कही नही यही हु... दिती को सारी दवाइयां समजाइ की कोनसी

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मिले जब हम तुम - 27

(15)
  • 546

  • 1.1k

भाग - २७ उधर देव एक दो दिन से नानाजी से नही मिला था तो वह सीधा उनके रुम मे ही जाता है... उसे आया हुआ देख विक्रमजी कहते है... - " आइए बरखुरदार फुरसत मिल गई तुम्हें ...Read Moreहाल चाल जानने की... " नही नानाजी एसी कोई बात नही हे जैसा आप सोच रहे हो...दरअसल मेरी एक फ्रेन्ड की हैल्थ बिगड़ गई थी तो उसीके साथ अस्पताल मे रुकना पडा इसलिए आपके पास नही आ सका.... विक्रमजी... - " वैसे तुम्हारी यह दोस्त का नाम मे जान सकता हु... " देव... - " ( मन

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मिले जब हम तुम - 28

(12)
  • 498

  • 1.2k

भाग - २८ बातो ही बातो मे करन को ध्यान आता है कि उसके फोन की रिंग बजी थी... वह फोन देखता है तो देव के तीन चार बारके मिस्ड कोल थे... ओ एम जी देव के इतने ...Read Moreमिस्ड कोल... मे तो गया अब यह कहकर करन अपने मूह पर हाथ रख देता है... उसकी हालत देख आरती और आद्रिती हसने लगती हे... पर कही न कही देव से बात न होनेपर आद्रिती उदास हो जाती है... पर वह करन से कह भी नही सकती थी की देव से बात करादो... पर करन जान गया था आद्रिती के

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मिले जब हम तुम - 29

(11)
  • 579

  • 1.9k

भाग - २९ करन ओर शालिनी को बात करता देख विक्रमजी वहा आते है... दोनों ही जानते थे कि विक्रमजी आद्रिती को कितना पसंद करते है तो दोनों ने ही बात को बदलने का एकदुसरे को इशारा करा... ...Read More- " अरे आप दोनों चुप क्यों हो गए मुझे देखके क्या छुपा रहे हो दोनों... " उन्हें चुप देख विक्रमजी ने कहा शालिनी... -" क क कुछ नही पापा हम क्या छुपाएंगे हम तो बस ऐसे ही... " करन... - " अरे नानाजी वो बस मे आंटीजी से यह पूछ रहा था कि आजकल अंकल नही दिखाई देते...

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मिले जब हम तुम - 30

(15)
  • 549

  • 1.5k

भाग - ३० आद्रिती अब यह सब न देख सकी तो वो उठकर क्लास के बहार चली गई , उसे जाता देख देव भी उसके पीछे जाने लगा पर रूचि ने देव का हाथ पकड लिया और कहा... ...Read More" क्या हुआ कहा जा रहे हो... ? " देव ने उसके हाथ को झटकते हुए कहा... - " अभी नही गया तो सचमे बहुत देर हो जाएगी... और यह कहकर देव आद्रिती के पीछे चला जाता है... " रुचि देव को जाते हुए देखती रही... ( रूचि नीरज अग्रवाल के दोस्त कि बेटी हे जो बिजनेस पार्टनर भी हे...

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मिले जब हम तुम - 31

  • 648

  • 1.1k

भाग - ३१ आद्रिती अब यह सब न देख सकी तो वो उठकर क्लास के बहार चली गई , उसे जाता देख देव भी उसके पीछे जाने लगा पर रूचि ने देव का हाथ पकड लिया और कहा... ...Read More" क्या हुआ कहा जा रहे हो... ? " देव ने उसके हाथ को झटकते हुए कहा... - " अभी नही गया तो सचमे बहुत देर हो जाएगी... और यह कहकर देव आद्रिती के पीछे चला जाता है... " रुचि देव को जाते हुए देखती रही... ( रूचि नीरज अग्रवाल के दोस्त कि बेटी हे जो बिजनेस पार्टनर भी हे...

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मिले जब हम तुम - 32

(12)
  • 522

  • 1.2k

...भाग - ३२ देव के आँसू उसके गालो को छुकर आद्रिती के गालो पर टपकने लगे थे... गिरने की वजहसे आद्रिती को चोट तो लगी थी पर वह होश मे थी... वह सिर्फ देखना चाहती थी की उसके ...Read Moreदेव के दिल मे क्या है इसलिए वह बेहोश होने का दिखावा कर रही थी... जब देव ने अपने प्यार का इजहार करा तब आद्रिती की आँखो की कोर नम हो गई थी... और उसने अपनी आँखे खोली तो यह देख देव ने उसे गले से लगा लिया... काफी देर तक दोनों एकदुसरे की दिलकी धडकनो को महसूस करते रहे

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मिले जब हम तुम - 33

  • 435

  • 1.1k

. भाग - ३३ रुचि वहाँसे निकलकर सीधे देव के घर जाती है , वह इतनी आसानी से देव और आद्रिती को एक होते नही देख सकती थी... रुचि को देख शालिनी खुश होते हुए... - " अरे ...Read Moreबहुत दिनो बाद आई हो इसबार तो... लगता हे अब हमारी याद नही आती है... " रूचि...- " ( शालिनी के गले लगते हुए ) अरे नही आंटी आप को केसे भुल सकती हु... बस थोडा काम मे उलझ गई थी तो... " शालिनी... - " अच्छा ! मतलब अब तुम्हारा काम हमसे बढकर हो गया... " रूचि... - "

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मिले जब हम तुम - 34

(13)
  • 483

  • 1.2k

भाग - ३४ दोनों ही एकदुसरे की धडकनो को महसूस कर पा रहे थे... कि तभी देव के फोन की रिंग बजती है... फोन शालिनी का था... उनसे बात कर देव ने आद्रिती से कहा कि चलो मे ...Read Moreहोस्टेल छोड़ देता हु... मुझे अभी घर के लिए निकलना होगा... आद्रिती... - " अरे तुम परेशान न हो मे आरू के साथ चली जाऊँगी आद्रिती ने देव को समजाते हुए कहा... " देव... - "अरे इसमे परेशानी वाली कोनसी बात है चलो मे छोड़ आता हु... " दोनों ही कुछ दूरी चले ही थे कि उन्हे करन और

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मिले जब हम तुम - 35

  • 465

  • 1.2k

भाग - ३५ थोडीदेर मे दोनों डाइनिंग टेबल पर आए जहा रुचि और शालिनी पहले से उनका इंतजार कर रहे थे... शालिनी खाना परोसते हुए रुचि से कहती हे की... - " रुचि तुम सही समय पर यहा ...Read Moreहो , देव तुम्हें याद हे या भुल गए... ? " देव... - " मम्मा मुझे सब याद हे ओर उसकी प्रिपरेशन भी हो गई है... " रुचि... - " कोई मुझे भी बताओ आखिर बात क्या है... ? " देव रूचि की बात को अनसुना कर कल के लिए करन से बाते करने लगा... रूचि को देव का रूखापन

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मिले जब हम तुम - 36- (अंतिम भाग..)

(18)
  • 438

  • 1.5k

भाग - ३६ आद्रिती को महसूस हुआ कि देव सपने मे नही हकिकत मे हे और उसके बहुत ही करीब तो वह हदबडाते हुए देव से दूर हो जाती है... आद्रिती... - " देव तुम यहा इस वक्त... ...Read Moreदेव... - " क्यू मे यहा इस वक्त नही आ सकता... ? " आद्रिती... - ( " आद्रिती कुछ बोलती उससे पहले देव ने कहा..." ) देव... - " वैसे मे यहा नही आता तो मुझे पता ही नही चलता कि मेरी दिती मे यह भी एक हुनर हे... तुम कितना अच्छा डांस करती हो यार " आद्रिती... - "

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