Benaam shayri book and story is written by Er.Bhargav Joshi અડિયલ in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Benaam shayri is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
बेनाम शायरी - Novels
by Er.Bhargav Joshi અડિયલ
in
Hindi Poems
"बेनाम शायरी"??? ?? ??? ?? ???क्रूर भी है, निष्ठुर भी है, वो खुदा मेरा मगरुर भी है।"बेनाम" हलक में बैठा वो खुदा मेरा गुरूर भी है।।??? ?? ??? ?? ???कोई लफ्जो के मोल यू ही चुकाता रहता है,बिन मौसम बारिश से आंसू बहाता रहता है।वक्त और कायनात सबको साथ नहीं देती,दर्द में खुद को हरघड़ी वो जलाता रहता है।।??? ?? ??? ?? ???मुक्कमल ख्वाब के पीछे यूं तो भागा नहीं करते।मंजिले मिलती रहेगी, नशा ज्यादा तो नहीं करते।।??? ?? ??? ?? ???अनगिनत गलतियां और हजारों जख्म है उधार
"बेनाम शायरी"??? ?? ??? ?? ???क्रूर भी है, निष्ठुर भी है, वो खुदा मेरा मगरुर भी है।"बेनाम" हलक में बैठा वो खुदा मेरा गुरूर भी है।।??? ?? ??? ?? ???कोई लफ्जो के मोल यू ही चुकाता रहता है,बिन ...Read Moreबारिश से आंसू बहाता रहता है।वक्त और कायनात सबको साथ नहीं देती,दर्द में खुद को हरघड़ी वो जलाता रहता है।।??? ?? ??? ?? ???मुक्कमल ख्वाब के पीछे यूं तो भागा नहीं करते।मंजिले मिलती रहेगी, नशा ज्यादा तो नहीं करते।।??? ?? ??? ?? ???अनगिनत गलतियां और हजारों जख्म है उधार
"बेनाम शायरी"??? ?? ??? ?? ???एक जमाना था कि लोग अपनों पे जान छिड़कते थे।एक ज़माना है कि लोग अपनो की जान छिड़कते है।।??? ?? ??? ?? ???ये तेरे अल्फाजों की पेहलिया हमें समझ नहीं आती।ये दिल की सारी ...Read Moreहै दिल में बस क्यों नहीं जाती।।??? ?? ??? ?? ???"बेनाम" नजरो से उतरना हमें मुनासिब नहीं है।हम दिलो में उतरने का हुनर लाजवाब रखते है।।??? ?? ??? ?? ???खामोशियों में भी खुशियों के फसाने ढूँढ लेती
बेनाम शायरी?? ?? ?? ?? ?? ??ये शराब तो बस नाम से बदनामी झेल रही है।असल में नशा तो हमे तेरी आंखे ही दे रही है ।।?? ?? ?? ?? ?? ??इश्क की कुर्बानी को जायज किसने माना है!?"बेनाम"दर्द ...Read Moreइस दुश्वारी को किस किसने पहचाना है !??? ?? ?? ?? ?? ??आंसुओ के कहां कोई किनारे है।मयखानों में छुपे दर्द हजारों है।।?? ?? ?? ?? ?? ??ये नजरो की नजाकत जो तुम हथियार बनाए बैठे हो। यकीन मानो तुम इश्क की एक जंग सजाए बैठे हो।।?? ?? ?? ?? ??
बेनाम शायरी?? ?? ?? ?? ?? ?? ??अपने वजूद को यूं बचाए रखकर समर नहीं छेड़ा जाता। "बेनाम" कुरबानी में सबसे पहले सर कटाना पड़ता है।।?? ?? ?? ?? ?? ?? ??कुछ अनजाने अनसुने ख्वाब चुने है हमने।कैसे कहे ...Read Moreउसे दिन रात बुने है हमने।।?? ?? ?? ?? ?? ?? ??बे घड़ी बेवक्त बेवजह यूं रूठ ना जाया करो।जुबां की बातों को यूं दिल में ना दबाया करो।।?? ?? ?? ?? ?? ?? ??फिर जख्म दे गई ये सावन की बारिश मुझे।फिर से याद आ रहे
बेनाम शायरी?? ?? ?? ?? ?? ??हम चांद को पाने की हिमाकत लिए बैठे है।हम धरती पर रहकर आसमान लिए बैठे है।।?? ?? ?? ?? ?? ??डूबने का डर लिए समन्दर किनारे बैठे है।टूटने का डर लेकर वो इश्क ...Read Moreबैठे है।।?? ?? ?? ?? ?? ??तुम क्या जानो चाहत की गर्दिश।दिन में भी सितारे नज़र आते है।।?? ?? ?? ?? ?? ??उम्मीदों के पंख आज आसमानों पर छाए है।"बेनाम" डर से आज मेरे होंसले टकराए है।।?? ?? ?? ?? ?? ??बेनाम, मै मोत का मुंह कब तलक मोडू।ये बक्षिस