ek ajnabi hasina se, yu mulakat ho gai book and story is written by Tapan Kanabar in English . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. ek ajnabi hasina se, yu mulakat ho gai is also popular in Love Stories in English and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
एक अजनबी हसीना से, यु मुलाकात हो गई - Novels
by Tapan Kanabar
in
English Love Stories
"30 लाख, ना एक रुपया ज़्यादा ना एक कम. मंज़ूर है तो हा बोलो वरना रहने दो हम किसी और को ढूंढ लेंगे " "माफ़ करना पर ये hotel बिकाऊ नहीं है" "मुझे जो चीज़ पसंद आयी, वो में हासिल करके रहता हु, चाहे खरीदके चाहे छिनके. फैसला तुम्हारे हाथ में है." राघव : काला सूटकेस ऑनर के हाथ में पकड़ाते हुए, "गीनलो, 30 लाख पुरे है, और निकल जाओ यहाँ से, और दुबारा नज़र मत आना यहाँ पर." राघव ने मेरी तरफ देखके हां में सर झुकाया. ये इशारा हमारी जीत के लिए था, में कोई गुंडा नहीं हु,
"30 लाख, ना एक रुपया ज़्यादा ना एक कम. मंज़ूर है तो हा बोलो वरना रहने दो हम किसी और को ढूंढ लेंगे " "माफ़ करना पर ये hotel बिकाऊ नहीं है" "मुझे जो चीज़ पसंद आयी, वो में ...Read Moreकरके रहता हु, चाहे खरीदके चाहे छिनके. फैसला तुम्हारे हाथ में है." राघव : काला सूटकेस ऑनर के हाथ में पकड़ाते हुए, "गीनलो, 30 लाख पुरे है, और निकल जाओ यहाँ से, और दुबारा नज़र मत आना यहाँ पर." राघव ने मेरी तरफ देखके हां में सर झुकाया. ये इशारा हमारी जीत के लिए था, में कोई गुंडा नहीं हु,
"It's ok राघव, तुम्हारी गलती नहीं थी."“लेकिन...”“अभी नहीं” मेने उसे बीच में ही रोक लिया.“सर , इस होटेल के मालिक मिस्टर राजवीर आपसे मिलना चाहते है” हमारी बातें चल रही थी तभी होटेल का मैनेजर आया.“ठीक है तुम चलो ...Read Moreआते है” ओर राघव ने चुपके से बोला के अब हम है इस होटेल के मालिक, तो आगे से ख़याल रखना.हमने एक दूसरे के सामने देखा , हमारी हँसी छूटने वाली थी.“कहिए मिस्टर राजवीर, क्या सेवा कर सकते है हम आपकी ?” ओर राघव ने फिरसे मेरी ऑर देखा.“मुजे एक बात समज़ में नहीं आ रही है ओर वो ये