Is riste ko kya naam du ? book and story is written by Kalpana Sahoo in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Is riste ko kya naam du ? is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
इस रिश्ते को क्या नाम दूँ ? - Novels
by Kalpana Sahoo
in
Hindi Fiction Stories
में जो अब लिखने जा रही हुं वो कोई काल्पनीक Story नहीं है । वो एक बास्तबिक घटणा है । जिसे में जब भी याद करती हुं तो मेरी अन्दर एक अजीब सी सबाल पैदा होती है । पता नहीं क्युं ? पर नाजाने लोग यैसा रिस्ता क्युं बनाते हैं ? चलिये अब काहानी की ओर बढते हैं । पर फिरसे एक बात बोलना चाहती हुं की में किसी रिस्ते के खीलाफ नहीं हुं, नाही कोई रिस्ते को में गलत ठेहरा रही हुं । में सिफ् ये बोलना चाहती हुं की रिस्ता कोई भी हो
में जो अब लिखने जा रही हुं वो कोई काल्पनीक Story नहीं है । वो एक बास्तबिक घटणा है । जिसे में जब भी याद करती हुं तो मेरी अन्दर एक अजीब सी सबाल पैदा होती है । पता ...Read Moreक्युं ? पर नाजाने लोग यैसा रिस्ता क्युं बनाते हैं ? चलिये अब काहानी की ओर बढते हैं । पर फिरसे एक बात बोलना चाहती हुं की में किसी रिस्ते के खीलाफ नहीं हुं, नाही कोई रिस्ते को में गलत ठेहरा रही हुं । में सिफ् ये बोलना चाहती हुं की रिस्ता कोई भी हो
अबतक आप पढे हैं की स्रुती को दुबारा प्यार हो जाती है, वो भी अपने साथ काम करनेबाला एक लेडका से । अब आगे........ इस बार भी स्रुती को प्यार करनेबाला लेडका बहत ...Read Moreथा । वो उसे सायद अपने जान से भी ज्यादा पसन्द करता था । दोनो एक दुसरे के साथ बहत खुलमिल जाते थे । लेकिन क्या है ना जब रिस्ते में दोनो के अलावा कोई तिसरा लोग घुसता हैं तो रिस्तों में दरार आ जाती हैं । पर एक बात तो है की जबतक हम दुसरों के बातों को अपने अन्दर आने
part-2 में आप पढे हैं की मतलब के आगे प्यार हार जाती है और स्रुती एकदम् से अकेली पड जाती है । अब आगे........ ...Read Morelater...... टुटी हुई दिल को सभ्मालने केलिए स्रुती को दो साल लग गयी । अब वो थोडी समझदार हो गेयी थी । किसी पर भरोसा करोना उसके केलिए बहत मेहेनत की काम थी । स्रुती अब सबसे दोस्ती करती थी पर प्यार नहीं । बहत सारे दोस्त बनाचुकी थी वो । स्रुती को गाना गाना बेहत पसन्द थी । माना की वो कोई perfessional
सब केहते हैं प्यार जीन्देगी में एकबार होती है, पर में कहूँगीं प्यार बारबार भी हो सकती है । क्युंकी हमको जो अच्छा लगता है हम उससे जुड जाते हैं । यही तो प्यार है और क्या ? प्यार ...Read Moreचीज नहीं है, वो एक येहेसास् है । उसे रोकना नामुमकिन् है । मगर हम गलत लोगों से दिल लगा लेते हैं । अबतक आप पढे हैं की स्रुती और दिपक् खुद confuse है इस रिस्ते को लेकर । ना उन्हे लगता है की वो दोनो सीफ् दोस्त है, नाही दोस्ती से उपर और
अबतक आप पढे हैं की स्रुती को दीपक् कुछ सबाल पुछता है उसको जबाब देने को बोलता है । स्रुती जबाब के साथ-साथ अपना अतीत की कुुछ बातेंं सुनाने जा रही है । उसे लगती है सायद दीपक् जो ...Read Moreरहा है उसको उसका जबाब मिलजाये या फिर अपनी अन्दर जो तकलीफ है सायद वो कुछ कम हो जाये । अब आगे पढते हैं........ स्रुती :- तुम्हे पता है में प्यार की लब्ज तब से पढ रही हुं जब से में छोटी थी । में हमेशा सच्चा महबत् करती हुं पर मुझे धोखा मिलती