Mrutyu ka madhyantar by Vijay Raval | Read Hindi Best Novels and Download PDF Home Novels Hindi Novels मृत्यु का मध्यांतर - Novels Novels मृत्यु का मध्यांतर - Novels by Vijay Raval in Hindi Novel Episodes (44) 1.4k 5.3k 2 अंक - पहला/१'अरे.. यार, नो.. नो.. नो कार तो बिलकुल भी नहीं, जायेंगे तो बाइक पर ही। प्लीज़ अजीत। कल हमारे साथ का लास्ट सन्डे मुझे तुम्हारे साथ दिल खोलकर जीना है, बस।' इशिता ने दोनो हाथ अजीत की ...Read Moreके इर्दगीर्द लपेटकर कहा।'अरे! लेकिन पागल, पूरा दिन बाइक पर... और वो भी इतने बड़े मुंबई शहर में। घूमने जाना है कि मरने...? अरे यार थककर चूर हो जायेंगे। बैटर है कि कार में जाए।' बार बार इशिता के गाेलमटोल गाल पर आ रही उसके बालों की लट को ठीक करते हुए अजीत बोला।इशिता ने कहा,'मुझे तुम्हारे साथ जिस तरह Read Full Story Download on Mobile Full Novel मृत्यु का मध्यांतर - 1 459 1.2k अंक - पहला/१'अरे.. यार, नो.. नो.. नो कार तो बिलकुल भी नहीं, जायेंगे तो बाइक पर ही। प्लीज़ अजीत। कल हमारे साथ का लास्ट सन्डे मुझे तुम्हारे साथ दिल खोलकर जीना है, बस।' इशिता ने दोनो हाथ अजीत की ...Read Moreके इर्दगीर्द लपेटकर कहा।'अरे! लेकिन पागल, पूरा दिन बाइक पर... और वो भी इतने बड़े मुंबई शहर में। घूमने जाना है कि मरने...? अरे यार थककर चूर हो जायेंगे। बैटर है कि कार में जाए।' बार बार इशिता के गाेलमटोल गाल पर आ रही उसके बालों की लट को ठीक करते हुए अजीत बोला।इशिता ने कहा,'मुझे तुम्हारे साथ जिस तरह Read मृत्यु का मध्यांतर - 2 192 888 अंक - दूसरा/२लगा कि इशिता के भीतर छलकते स्नेह की झील का बांध अचानक से फट जाने की वजह से जिस तरह पलक झपकते ही सबकुछ नष्ट करने के बाद शांत हो जाए, कुछ ऐसी ही अनुभूति के साथ ...Read Moreअंदर से टूट गईं।'भीगे हुए गालों को दुपट्टे से पोंछते हुए बोली,मुझे इतना बताओगे कि..'इशिता में अजीत कहां नहीं है...? औैर अजीत में इशिता कहां है..?'थोड़ी देर चुप रहकर अजीत बोला,'सॉरी इशिता, तुम इकोनॉमी औैर इमोशन्स दोनों मॅच करके बात कर रही हो। इट्स टोटली रॉन्ग फ्रॉम माय पॉइंट ऑफ व्यू। मैं ऐसा कह रहा हूं अभी हमारे पास मौका Read मृत्यु का मध्यांतर - 3 237 906 अंक - तीसरा/३रुक रुक कर बोलने का प्रयास करते हुए इशिता पूछा,'आदि.. आदि ये.. क्यूं?''इशिता.... तीन दिन पहले ही अजीत ने शादी कर ली है।'थोड़ी देर तक आदित्य के गोद में सिर रखकर हिचकियां लेकर रोने के बाद इशिता ...Read Moreसांस लेने में दिक्कत होने लगी तो जल्दी से कार का डोर ओपन करके कार के बाहर निकल गई। आदित्य ने उसके सिर पर हाथ फेरकर पानी पिलाया। दिलासा देते हुए समझकर थोड़ी देर बाद कार में बिठाया। आदित्य को लगा कि इस सिचुएशन में जी भरकर रो लेना बेहतर है। बीच बीच में आदित्य के समझाने के पंद्रह मिनट Read मृत्यु का मध्यांतर - 4 171 753 अंक - चौथा/४दो दिन बाद सुबह करीब दस बजे के आसपास घर का सब काम निपटाकर इशिता ने कॉल लगाया आदित्य को। लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। फिर से कोशिश की, फिर से वही परिणाम। इसलिए इशिता ने मैसेज ...Read Moreदिया। उसके बाद अपने काम में लग गई। फिर भी मन तो आदित्य के कॉल की प्रतीक्षा में था। करीब एक घण्टे बाद भी आदित्य का कॉल नहीं आया तो इशिता को आश्चर्य हुआ। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। इसलिए नंबर रिडायल किया। कॉल रिसीव हुआ।'हेल्लो.. इशिता एक अर्जेंट मीटिंग में हूं। काम खतम करके कॉल करता हूं।' इतना Read मृत्यु का मध्यांतर - 5 174 792 अंक - पांचवां/५'आदित्य कहीं भी नहीं गया। अहीं मुंबई में ही है एक महीने से। औैर घर पर ही है। वाे पूरी तरह से झूठ बोल रहा है तुम्हारे सामने।'श्रुति ने बदले हुए स्वर में जवाब दिया।इशिता का आदित्य ...Read Moreप्रति अडिग औैर आस्तिकता से भरपूर विश्वास से काफ़ी असंगत श्रुति के निवेदन से एक पल के लिए इशिता की दिल की धड़कन चूक गई।सिर पर हाथ रखते हुए बैठते हुए इशिता ने पूछा,'येे तुम क्या कह रही हो श्रुति? आर यू स्योर? मैं तुम्हारी भाई आदित्य की बात कर रही हूं। तुम्हें कोई मिसअंडरस्टैंडिंग तो नहीं हो रही है Read मृत्यु का मध्यांतर - 6 - अंतिम भाग 168 699 अंतिम अंक - छठा/६'आदित्य, आदित्य नहीं है इसमें आदि। सबकुछ अकेले अकेले ही करना है? प्रेम भी अकेले औैर पुण्य भी अकेले ही? कही तो मुझे तुम्हारा साथी बनने दो न आदि।'इतना बोलते ही इशिता आदित्य के गले लगकर ...Read Moreकर रोने लगी और पहली बार आदित्य के आंसुओं का मज़बूत बांध भी टूट गया।अब इशिता ने अपने मनोबल को वज्र जैसा कठोर कर दिया था। आदित्य के इतने सालों की एकलव्य जैसे एकतरफा आराधना की फलश्रुति रूप में सिर्फ़ इशिता के आंसु पर्याप्त नहीं थे। चेहरा पोंछ ते हुए इशिताने पूछा,'आदि इतना किया है तो अब एक वचन दो Read More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Novel Episodes Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Humour stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Social Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Vijay Raval Follow