A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt - Novels
by Sarvesh Saxena
in
Hindi Horror Stories
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 1 लेखक - सर्वेश सक्सेना रात के लगभग नौ बज रहे थे आसमान में काले बादल कुछ इस ...Read Moreछाये हुए थे जैसे बारिश के मौसम का सारा पानी आज ही बरस जाएगा हवा के झोंकों से पेड़ यूं हिल रहे थे कि मानो रात के अंधेरे में बड़े-बड़े राक्षस हिल हिल कर हंस रहे हों मौसम धीरे-धीरे और तूफानी हो रहा था और सड़क बिल्कुल सुनसान थी वैसे भी पहाड़ों पर शाम के बाद सड़कें सुनसान ही
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 1 लेखक - सर्वेश सक्सेना रात के लगभग नौ बज रहे थे आसमान में काले बादल कुछ इस ...Read Moreछाये हुए थे जैसे बारिश के मौसम का सारा पानी आज ही बरस जाएगा हवा के झोंकों से पेड़ यूं हिल रहे थे कि मानो रात के अंधेरे में बड़े-बड़े राक्षस हिल हिल कर हंस रहे हों मौसम धीरे-धीरे और तूफानी हो रहा था और सड़क बिल्कुल सुनसान थी वैसे भी पहाड़ों पर शाम के बाद सड़कें सुनसान ही
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 2 लेखक - सर्वेश सक्सेना दरवाजे की धड़ाम से अखिल अपनी यादों के बवंडर से बाहर निकला, वह पूरी ...Read Moreचौंक गया था, उसे ऐसा लगा जैसे सब कुछ उसकी आंखों के आगे अभी-अभी हुआ हो उसने सीने पर अपना हाथ रखा तो दिल की धड़कन ऐसे चल रही थी मानो दिल निकल कर बाहर आ जाएगा उसके माथे पर पसीना था, उसने उठकर एक नजर फिर छत की चित्रकारी पर डाली और खिड़की के पास जाकर खड़ा हो गया,
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 3 लेखक – सोहैल सैफी अन्धेरा होते ही अखिल को ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसकी आंखों ...Read Moreअपने हांथ रख दिये हों, जिससे आखें खुली होते हुये भी उसे कुछ नजर नही आ रहा था पर शुक्र था कि बिजली अभी भी कौंध कौंध कर थोडी रोशनी कर रही थी। वो घबराकर इधर उधर अंधेरे मे उस हवेली में भटकने लगा पर उसके हाथ कुछ नही लगा। काफी देर बाद उसको एक हल्की सी रोशनी दिखी जिसके
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 4 लेखक – सोहैल सैफी कुछ देर बाद जब उसने होश संभाला तो खुद को एक मंदिर के बाहर ...Read Moreजहाँ वो पहले भी आ चुका था पर साफ तौर से उसको याद नहीं आ रहा था की वो कब और क्यों इस जगह आया था। उस मंदिर में किसी की शादी के लिए मंडप लगा हुआ था, मंदिर मे लोगों की लगातार चहल पहल हो रही थी पर वो काफी घबराया हुआ था। वो अपने पास से गुजरते एक
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 5 लेखक – नपेन्द्र शर्मा इन बच्चों को देखकर अखिल बहुत परेशान हो उठा। उसे समझ में ही नहीं ...Read Moreरहा था कि आखिर ये सब चल क्या रहा है? वो सोचने लगा कि मेघा को गये अभी केवल एक साल ही तो हुआ है फिर ये पूजा..?? लेकिन ये तो लगभग बीस साल की लड़की है!! तो क्या मैं एक झटके में बीस साल आगे चला गया..? कहीं आने वाले भविष्य में मेरी बेटी की जान को कोई खतरा
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग –6 लेखक – नपेन्द्र शर्मा आखिल पूजा की ओर आने लगा तभी उसे लगा जैसे हवेली के बाहर बहुत सारे ...Read Moreगुर्रा रहे हों। वह एक बार फिर बहुत भयभीत होने लगा और बोला "है भगवान!! उन शैतानों के ये दूत यहाँ तक आ गये!! इसका मतलब अब उन शैतानों को इस जगह का पता लग जायेगा और वे दुष्ट तांत्रिक अपने शैतान को जिंदा करने के लिए ये हमारी भी बली....!!! क्या बलि के लिए वे लोग इन बच्चों को??..
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 7 लेखक – अजय शर्मा जैसे ही अखिल उस कुयें में कूदा तो वह बडी देर तक कुएं में ...Read Moreही नीचे धंसता गया। हैरानी की बात यह थी कि इसमें पानी ही नहीं था। कुछ समय बाद जब समतल जमीन आ गई तो वह वहां खड़ा होकर ‘पूजा....पूजा...’ पुकारने लगा लेकिन उसे कोई जवाब नही मिला। अखिल कुछ सोचने लगा कि तभी उसे किसी की आहट हुई और वह उसी दिशा मे जाने लगा जहां उसने पाया कि वहां
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 8 लेखक – अजय शर्मा एक दिन रुद्रांश जब घर पहुंचा तो उसके बाप ने उसके जाते ही पूछा, ...Read Moreक्या बात है? आजकल मैं देख रहा हूं कि तुम घर के कामकाज में ध्यान नहीं देते और हां, कई दिन हो गए कई घरों का अभी तक लगान नहीं आया, ऊपर से वो बंजारे जमीन खाली करने को राजी नहीं। मैंने तो ये सुना है तुम बावरों की तरह फिरते रहते हो गांव में?” रुदांश ने जवाब दिया, “
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग - 9लेखक – सोनू समाधिया कबीलों के घरों से उठती आग की लपटें रात्रि के अन्धकार में ज्वालामुखी के उद्गार ...Read Moreसमय उत्पन्न प्रकाश की भाँति दीप्तिमान हो रही थीं। चारों तरफ़ त्राहि त्राहि मच गई थी। सब अपने घरों में आग की वजह से कैद होकर जान बचाने का असफल प्रयास कर सहायता की गुहार लगा रहे थे। कुछ घरों से जलते हुए लोगों की दहशत भरी आवाजें रात के माहौल को खौफजदा बना रहीं थीं। इस भीषण नरसंहार को
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग - 10 लेखक – सोनू समाधिया सुजान पलटते हुए तांत्रिक के पास बापस आया और कहने लगा कि “ कल ...Read Moreयहां दिखाई भी मत पड़ जाना और अपनी ये मनहूस श्क्ल लेकर कहीं और दफा हो जाना क्युं कि जहां तुम अपना डेरा जमाये हुये बैठे हो वो मेरी जगह है, कल मैं यहाँ अपने आदमी भेजूंगा, अगर तुम यहां से नही दफा हुये तो वो तुम्हे उठाकर गांव से बाहर फेंक आयेंगे ...समझे।” "मुर्ख इंसान तुझे ये पता नहीं
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 11 लेखक - जितेन्द्र शिवहरे दिन अब ढल चुका था और रात का सन्नाटा हर तरफ पसरा हुया था। ...Read Moreके सीने में बदले की आग भड़क रही थी। वह हर कीमत पर अपनी प्रेमिका मोहिनी के हत्यारें को दण्ड देना चाहता था। उसे पता था कि मोहिनी और उसका हत्यारा कोई ओर नहीं उसके अपने पिता सुजान सिंह ही थे। रुद्रांश ने अपना मन कठोर कर लिया और वह चल पड़ा अपने पिता को मृत्यू दण्ड देने के लिए।
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 12 लेखक - जितेन्द्र शिवहरे उधर अपने पिता को मौत के घाट उतारकर रूद्रांश ने अपना प्रतिषोध तो पूरा ...Read Moreलिया पर पिता की बातों ने उसे बेचैन कर दिया और तभी उसे अपने शरीर की याद आयी। वह हवा से भी तेज गति से तांत्रिक की गुफा की ओर उड़ चला। जब उसके पिता ने उसे नहीं मरवाया तब उसे और मोहिनी को जान से मारने की कोशिश करने वाले कौन लोग थे, जो पिताजी का नाम ले रहे
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 13 लेखक - आशीष कुमार त्रिवेदी रुद्रांश के सामने अब दो लाशें थीं। एक बहादुर की लाश और दूसरी ...Read Moreपिता सुजान सिंह की सड़ी हुई लाश। दोनों ने ही उसके जीवन की खुशियों पर ग्रहण लगाया था। उन दोनों लाशों को देखकर रुद्रांश के मन में आ रहा था कि यह दुनिया भले लोगों के लिए नहीं है। यदि यहां खुश रहना है तो बुरा बनना पड़ेगा। उसके सामने जिन दो लोगों की लाशें पड़ी थीं वह लालच और
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 14 लेखक - आशीष कुमार त्रिवेदी आज विशेष अनुष्ठान था। आज की तीन बलियों के बाद किताब का अंतिम ...Read Moreलिखने का काम शुरू होना था। आज शैतान के देवता की मूर्ति भी बहुत भयानक लग रही थी। उसका चेहरा बहुत ही भयावह था। उसकी बाहर निकली हुई जीभ आगे से दो भागों में विभक्त थी। उस मूर्ति के नुकीले पंजे जिनमें केवल तीन उंगलियां और एक अंगूठा था। चार उंगलियों वाला नुकीला पंजा भय उत्पन्न कर रहा था। शैतान
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 15 लेखक – अभिषेक हाडा अखिल ये सब देख कर एक अनजाने भय से कांप गया शैतानी शक्तियों ...Read Moreअनुज के शरीर को अपनी तांत्रिक क्रियाओ के लिए चुन लिया था उसने बिना एक पल की देर किये अनुज को उठाया और कहा – “अनुज तुम ठीक तो हो? ये तुम्हारे हाथ की चमड़ी कैसे और किसने उतार ली?” खुद अनुज को भी अभी ठीक से होश नहीं आया था उसने दर्द से कराहते हुए कहा – “वो. . .
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 16 लेखक – अभिषेक हाडा अखिल ने सोचते हुए कहा “पर उसके लिए एक इन्सान की चमड़ी की जरूरत ...Read Moreवो कहाँ से लायेंगे|” “उसकी चिंता तुम मत करो| मेरे पास एक ताजा मुर्दा है जिसकी चमड़ी मैं तुम्हे दूंगा, तुम बस किताब लिखना शुरू करो|” तांत्रिक ने कहा| “पर पहले तुम वादा करो कि मेरी बेटी और उसके दोस्त को कुछ नहीं होगा|” “हाँ! तुम बेफिक्र रहो, उन्हें कुछ नहीं होगा, तुम जब तक यहाँ बैठ कर किताब लिखो,
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग- 17 लेखक:- देवेन्द्र प्रसाद “ल... ल... लेकिन वहाँ अनुज है मुझे भी ऐसा लगा। उसे यहाँ नहीं होना चाहिए था।” ...Read Moreकहते हुए अखिल ने फिर अपना कदम बढ़ाया कि तभी उस तांत्रिक ने उसके बाजू को सख्ती से पकड़ते हुए कहा, “देखो तुम अब व्यर्थ की चिंता करने लगे हो? वहाँ अनुज नहीं है इस बात का मैं तुम्हें आश्वासन दिलाता हूँ। तुम बस अपने काम पर ध्यान एकाग्रचित्त करो।” यह सुनते ही अखिल बोला, “ऐसे कैसे कर लूँ? तू
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग- 18 लेखक:- देवेन्द्र प्रसाद पूजा के अनगिनत सवालों से अखिल घबरा गया था। वह इस बात को मानने लगा था ...Read Moreतांत्रिक कहीं ना कहीं सही बात कह रहा था। वह जानता था कि यदि उसने मेघा के कटे सिर वाली बात उसे बात दी तो वह बर्दाश्त नहीं कर पायेगी। आखिर वह जन्म के लगभग एक साल तक ही तो अपनी माँ के साथ रही थी जिसकी वजह से उसे आज भी मां का इंत्जार था। ऐसे में उस पर
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 19 लेखक – मन मोहन भाटिया हवेली के एक कमरे से आई दर्दनाक चीख से वह आदमी विचलित हो ...Read More“ इस बड़ी हवेली में अवश्य कोई है जिसकी ये दर्दनाक चीख पूरी हवेली में गूँजी है।” वो आदमी हड़बड़ाकर उस आवाज की दिशा में अंदाजे से दौड़ा कि तभी किसी ने एक जोरदार प्रहार उसके मुँह पर किया, वह स्वयं को संभाल नहीं सका और नीचे गिर गया। मुँह के बल गिरने पर वह उठने का प्रयास करता रहा
हॉरर साझा उपन्यास A Dark Night – A tale of Love, Lust and Haunt संपादक – सर्वेश सक्सेना भाग – 20 लेखक – मन मोहन भाटिया अखिल ने हैरानी भरी नजरों से तांत्रिक को देखा। तांत्रिक भी समझ चुका ...Read Moreकि अब वक़्त आ गया है कि अखिल का ये राज उसे पता चले। "अखिल, तुम बधाई के पात्र हो, तुमने किताब लिख दी है। किताब के समाप्त होते ही देखो शैतान देवता की मूर्ति दीप्तिमान हो रही है। लाल प्रकाश का तेज मुझ पर पड़ेगा और मैं इस दुनिया का ईश्वर बन जाऊँगा। समस्त प्राणी, पक्षी, पशु, आत्माएं मेरे