Its matter of those days by Misha | Read Hindi Best Novels and Download PDF Home Novels Hindi Novels ये उन दिनों की बात है - Novels Novels ये उन दिनों की बात है - Novels by Misha in Hindi Novel Episodes (32) 4.4k 10k 1 और देखते ही देखते जयपुर सिटी से मेट्रो सिटी हो गया बड़े बड़े मॉल्स, बिल्डिंग्स, मल्टीप्लेक्सेज इत्यादि देखते देखते खड़े हो गए हैं और यहाँ भीड़भाड़ भी बहुत हो गयी है | जब देखो तब जाम लग जाता है ...Read Moreही नहीं मिल पाती| अब तो सब लोग फिल्में देखने के लिए मल्टीप्लेक्सेज का रुख करने लगे है, पहले सिंगल स्क्रीन सिनेमा घर हुआ करते थे अब भी हैं, पर अब उनकी पूछ नहीं रही कुछ तो बंद भी हो चुके हैं | हाँ, लेकिन राजमंदिर अपनी उसी शान से अभी खड़ा है, जैसा पहले था | इसकी आभा अब Read Full Story Download on Mobile New Episodes : Every Tuesday ये उन दिनों की बात है 1k 2k और देखते ही देखते जयपुर सिटी से मेट्रो सिटी हो गया बड़े बड़े मॉल्स, बिल्डिंग्स, मल्टीप्लेक्सेज इत्यादि देखते देखते खड़े हो गए हैं और यहाँ भीड़भाड़ भी बहुत हो गयी है | जब देखो तब जाम लग जाता है ...Read Moreही नहीं मिल पाती| अब तो सब लोग फिल्में देखने के लिए मल्टीप्लेक्सेज का रुख करने लगे है, पहले सिंगल स्क्रीन सिनेमा घर हुआ करते थे अब भी हैं, पर अब उनकी पूछ नहीं रही कुछ तो बंद भी हो चुके हैं | हाँ, लेकिन राजमंदिर अपनी उसी शान से अभी खड़ा है, जैसा पहले था | इसकी आभा अब Listen Read ये उन दिनों की बात है - 2 600 1.1k मम्मा, चाय!!!! और इतने में समर चाय की ट्रे लिए लॉन में आया |स्वरा दी का कॉल था |पूछ रही थी, "मम्मा, कैसी है"? अच्छा तो बात नहीं कर सकती थी |एक्चुअली उनको कॉलेज के लिए लेट हो रहा ...Read More|अब अपनी मम्मा से झूठ भी बोलने लगा है |नहीं, नहीं, मम्मा ऐसा नहीं है, समर झेंपते हुए बोला | "मुझसे नाराज तो है ही" |ऐसा नहीं है, मम्मा | स्वरा मेरी बेटी इन दिनों मुंबई में है और आईआईटी से इंजीनियरिंग कर रही है और इसलिए उसके पापा ने अपना ट्रांसफर चंडीगढ़ से मुंबई करवा लिया | हालाँकि वो Listen Read ये उन दिनों की बात है - 3 393 825 संजीव कुमार, विकास खन्ना, रणवीर बरार और कुणाल कपूर.................. अगर उनके पेरेंट्स ने उन्हें उनके मुताबिक करियर चुनने की आज़ादी न दी होती तो क्या आज वो जिस टॉप पोजीशन पर अभी है, क्या वहां होते! पर ये सब ...Read Moreशेफ हैं | जन्म से तो सेलिब्रिटी नहीं बने | यहाँ तक पहुँचने के लिए इनको भी कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी | और आप ऐसा क्यों सोच रहे हैंकि हमारा समर कुछ नहीं कर पायेगा | ये जो चॉकलेट ब्राउनी आप खा रहे हो ना समर ने ही बनाई है | क्या!!!!!!!! ये सुनकर वे चौंके | उनके चेहरे Listen Read ये उन दिनों की बात है - 4 381 834 मम्मा!!!! दिवाली आने वाली है, "कौन-कौनसी मिठाइयां बनाओगी इस बार आप ?", समर ने पूछा | तुम लोग बताओ इस बार क्या बनाएं ? मम्मा, इस बार कुछ अलग बनाओ, कुछ डिफरेंट!!! नॉट ट्रेडिशनल!!!! और मेरे लिए चॉकलेट फ़ज, ...Read Moreऔर एप्पल पाई, स्वरा नेतुरंत अपनी फरमाइश रखी | और तू समर!!!!!! श्रीखंड, रस मलाई और नारियल की मिठाई | पास्ता, पनीर रोल्स एंड मशरूम रिसोतो, स्वरा ने जोड़ा | हर बार की तरह इस बार भी मेरी फ्रेंड्स आ रही है | एंड सम न्यू ऑल्सो, क्योंकि आपको तो पता ही है, आपके हाथ का खाना उनको बहुत पसंद Listen Read ये उन दिनों की बात है - 5 321 819 हम दोनों एक दुसरे से हर बात शेयर करते थे | न तो वो मुझसे कभी कुछ छुपाती थी और न ही मैं | "टिफ़िन शेयर करना, खेलना, मस्ती, खुशियां" सब कुछ था हमारी ज़िन्दगी में | मुझे आज ...Read Moreयाद है, उसे मेरी मम्मी के हाथ के बनाये हुए भरवां परांठे पसंद थे और मुझे उसकी मम्मी के हाथ के बनाये हुए छोले भठूरे | वैसे तो आठवीं क्लास से ही हमारा एक ग्रुप बन गया था | मानसी, सोनिया, निशा, राधिका, कामिनी और मैं | लेकिन मेरी और कामिनी की दोस्ती तो बहुत पुरानी है | मम्मा, Listen Read ये उन दिनों की बात है - 6 231 474 मैं जब चंडीगढ़ से आई तो पता चला अंकल आंटी यहाँ से चले गए और उदयपुर शिफ्ट हो गए | घर भी बेच दिया | ह्म्म्म्म्म..............दरअसल चिंटू की जॉब उदयपुर में लग गई थी और हमारा पुश्तैनी घर भी ...Read Moreवहां | अधिकतर हमारे रिश्तेदार भी रहते हैं, इसलिए चिंटू उन्हें अपने साथ ही ले गया | जब चिंटू की नई नई जॉब लगी थी उदयपुर | थोड़े दिन तो वो अकेला रहा, पर उसे मम्मी पापा की याद आने लगी और उन्हें वहीँ बुला लिया | कहा, आप यहीं आ जाओ | मुझे यहाँ बिलकुल अच्छा नहीं लगता आपके Listen Read ये उन दिनों की बात है - 7 216 516 जोरू के गुलाम है दोनों ही, मेरी सोच को विराम तब लगा, जब मैंने धीरज को ये कहते हुए सुना | जी, कुछ कहा आपने | तुम अपनी सहेली से जरा दूर ही रहना | तुम उसके साथ रह ...Read Moreकहीं मुझसे ये एक्सपेक्ट मत करने लगना कि मैं भी वहीं करूँ, जो वो दोनों जोरू के गुलाम करते हैं | औरतों को हमेशा मर्दों का कहना ही मानना चाहिये | और तुम ! कुछ ज्यादा ही हँस रही थी | शर्म नहीं आती, इतनी जोर से हँसते हुए | पता नहीं किस टाइप की औरतों की संगत में रहने Listen Read ये उन दिनों की बात है - 8 216 585 प्लीज,दिव्या!! मुझे छोड़कर मत जाओ | "मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता," दिव्या!! आई लव यू, सो मच!! हमारा साथ बस यहीं तक था, सागर | प्लीज, मुझे भूल जाओ | हम कभी एक नहीं हो सकते | ये ...Read Moreशब्द थे | जब उससे आखिरी अलविदा लिया था मैंने | अभी भी याद है मुझे | वो तुझे कितना प्यार करता था, दिव्या | काश!! तेरी शादी उसके साथ हुई होती तो, शायद आज तेरी ज़िन्दगी कुछ और ही होती | उसमें ग़मों के लिए शायद कोई जगह नहीं होती | कामिनी भावुक थी | हर किसी को वो Listen Read ये उन दिनों की बात है - 9 210 543 कामिनी, कामिनी, मैगज़ीन लेकर आई ?मैंने पूछा | हाँ, हाँ, ये देख | कितने अच्छे लग रहे हैं ना!! तू तो ऐसे बोल रही है जैसे................ जैसे? जैसे................ये तेरा वो हो | वो? मतलब? "पति"!! तू भी पता नहीं, ...Read Moreसोचती रहती है,मैं शरमाई | आय!! हाय!! हमारी मैडम शर्मा गई | जिसके बारे में हम बात कर रहे थे ना, वो कुमार गौरव था | जिस फ़िल्मी मैगज़ीन में हम दोनों नज़रें गड़ाए हुए थे, उसमें कुमार गौरव का इंटरव्यू छपा था | मैं एक औसत छात्रा थी | ठीक-ठाक थी पढ़ाई में | हम दोनों चौथी-पांचवी बेंच पर Listen Read ये उन दिनों की बात है - 10 210 588 चूँकि आज संडे था तो मम्मी के साथ मैं और नैना भी मार्किट के लिए निकल गए थे और वापस आते समय हम गोविन्द देव जी मंदिर होते हुए आ रहे थे| दिव्या की मम्मी !!!ओदिव्या की मम्मी !!!! ...Read Moreचलिए | शीला बहन, इतनी जल्दबाजी में कहाँ से आ रही हो? ये थी शीला आंटी, जिन्हें उस ज़माने की गूगल सर्च इंजन कहें तो कोई अतिशोयक्ति नहीं होगी, क्योंकि उनके पास सबकी खबरें हुआ करती थी | मसलन छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी हर बात उन्हें पता होती थी | मसलन काजल की मम्मी ने नया सोने Listen Read ये उन दिनों की बात है - 11 189 522 कहते है ना की ज़िन्दगी एक पल में बदल जाती है और वो पल मेरी ज़िन्दगी में आ गया था इसका अंदाज़ा मुझे बिलकुल भी नहीं था | कब, कौन, कहाँ, कैसे मिल जाए कुछ भी पता नहीं चलता ...Read Moreजो होना होता है वो होकर ही रहता है अन्यथा वो वहां था और मैं यहाँ थी | कोई संभावना ही नहीं थी, पर होनी को कौन टाल सकता है | समय ने हमें मिलाना शुरू कर दिया था | और मेरे साथ भी कुछ कुछ वैसा ही हुआ जैसा मैं अक्सर फिल्मों में देखा करती थी | उस रोज़ Listen Read ये उन दिनों की बात है - 12 126 360 दिव्या, तूने व्रत तो रख लिया पर क्या तू भूखी रह पायेगी? मम्मी ने पूछा क्यों, मम्मी? आप ऐसे क्यों कह रही हो? क्या मैं भूखी नहीं रह सकती? क्योंकि4 बजे बाद इस व्रत में कुछ भी नहीं खाते ...Read More12 बजे बाद ही कुछ खा सकते है | तब तक तुझे भूखा ही रहना पड़ेगा और अभी तू बहुत छोटी है | तेरी उम्र ही क्या है व्रत करने की | सारी ज़िन्दगी पड़ी है, बाद में कर लेना, मम्मी ने समझाया | मेरी सारी सहेलियां ये व्रत कर रही है और आप देखना मुझे बिलकुल भूख नहीं लगेगी Listen Read ये उन दिनों की बात है - 13 123 465 सागर बहुत ही परेशान था | रामू काका.........रामू काका......... जी, सागर बाबा | मैगज़ीन वाले की बिल रिसीट देना | जी, अभी लाया | सागर ने नंबर देखकर फ़ोन लगाया | आपकी सर्विस बिलकुल भी ठीक नहीं है | ...Read Moreमैगज़ीन के लिए मैंने आर्डर दिया था, उसकी जगह आपने ये वल्गर मैगज़ीन भेज दी है | अब ये मैगज़ीन वापस ले जाओ,सागर बहुत गुस्से में था | सॉरी सर...........शायद अदला बदली हो गयी | हॉकर की गलती की वजह से आपकी मैगज़ीन किसी और के यहाँ चली गई और उसकी मैगज़ीन आपके यहाँ आ गई | आपकी प्रॉब्लम जल्दी Listen Read ये उन दिनों की बात है - 14 123 411 अब जब भी मम्मी को दादी के घर कुछ भिजवाना या मंगवाना होता तो मैं या तो मना कर देती या कोई ना कोई बहाना बना लेती | फिर नैना ही जाती उनके घर | एक दिन मम्मी ने ...Read Moreके घर से दाल की मंगोड़ी ले आने के लिए नैना को भेजा | दादी पापड़, अचार, सोया बड़ी,नमकीन, शक्करपारे और भी बहुत सी चीजें बना लेती थी और काफी सारी बना लेती थी जिसे सब लोगों में बाँट देती थी | नैनाचली गई | जब वापस आई तब उसके हाथ में दो चॉकलेट्स थी | देख, दादी ने मुझे Listen Read More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Novel Episodes Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Humour stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Social Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Misha Follow