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360 डिग्री वाला प्रेम - Novels
by Raj Gopal S Verma
in
Hindi Love Stories
कहते हैं प्रेम का आना आपके जीवन मे पूर्व निर्धारित होता है, भले ही वह विवाहोपरांत ही हो। ऐसा प्रेम जिसे आप पूरी जिंदगी शिद्दत से जी सकें! आप उस प्रेम में गहरे डूबते-उतरते रहें, और जिंदगी के सफर को खूबसूरती से पार करते चलें... अपने जीवन साथी के साथ स्वप्निल यात्रा का आनंद लेते रहें!
परन्तु, जब ऐसा नहीं हो पाता है, इन प्रेम सम्बंधों में थोड़ा भी विचलन होता है, तब वह प्रेम दुःस्वप्न बन कर जिंदगी के एक-एक लम्हे को जिस उलझन में डाल सकता है, वह अवर्णनीय होता है. बहुत से कारण हो सकते हैं, पर सर्वाधिक प्रभावित करता है जीवन साथी का रुख! इसके बावजूद इच्छाशक्ति और रिश्तों के निर्वहन में ईमानदारी हो, तो रास्ते भी निकल ही आते हैं!
जीवन चुनौतियों को जीने की कला है, उनको अपने पक्ष में ढालिये, और जीवन यात्रा पर बढ़ते चलिए, कुछ करने के जज्बे के साथ, क्योंकि समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता, और पीछे मुड़कर देखने पर उदासियां ही हावी होती हैं, रास्ते आगे ही मिलते हैं.
यही दर्शाने का प्रयास है यह उपन्यास.
०००० कहते हैं प्रेम का आना आपके जीवन मे पूर्व निर्धारित होता है, भले ही वह विवाहोपरांत ही हो। ऐसा प्रेम जिसे आप पूरी जिंदगी शिद्दत से जी सकें! आप उस प्रेम में गहरे डूबते-उतरते रहें, और जिंदगी के ...Read Moreको खूबसूरती से पार करते चलें... अपने जीवन साथी के साथ स्वप्निल यात्रा का आनंद लेते रहें! परन्तु, जब ऐसा नहीं हो पाता है, इन प्रेम सम्बंधों में थोड़ा भी विचलन होता है, तब वह प्रेम दुःस्वप्न बन कर जिंदगी के एक-एक लम्हे को जिस उलझन में डाल सकता है, वह अवर्णनीय होता है. बहुत से कारण हो सकते हैं,
२. कॉलेज की जिन्दगी..यही है जिंदगी “तो डियर स्टूडेंट्स, आप लोग तैयार हो ना ग्रुप प्रोजेक्ट वर्क के लिए क्लास में आते ही पूछा चंद्रन सर ने. फिर, एक निगाह छात्रों पर डालने के बाद उन्होंने ग्रुप्स के नाम ...Read Moreशुरू कर दिए. और कहा कि सब ग्रुप्स को दिए गये टॉपिक्स की लिस्ट बाहर नोटिस बोर्ड पर थोड़ी देर में लगा दी जाएगी. सदा की भांति अटेंडेंस रोल में आरिणी का पहला और आरव का दूसरा क्रमांक था. साथ में थे भूमिका और देव. आरिणी पढ़ने-लिखने में तीक्ष्ण बुद्धि तो थी ही, ईश्वर ने उसे सुंदर नयन-नक्श और मधुर
३. ऐसे ही बनती है अंतरंगता अट्ठाइस जनवरी, यानि महीने का अंतिम सप्ताह, और भरपूर सर्दी. यह नवाबी शहर मई-जून की गर्मी में भरपूर गर्म और दिसम्बर से फरवरी की सर्दियों में बर्फ-सी गलन की सर्दी का अहसास दे ...Read Moreजाता है. घड़ी में सवेरे के लगभग ९.५५ बजे थे. लाँग कोट और कैप पहने भूमिका ने स्टैंड पर अपनी एक्टिवा खड़ी की और क्लासरूम के बाहर फैली गुनगुनी धूप के पास जाकर रुक गई. वहां देवेश और आरिणी भी थे. धूप थोड़ा हल्की थी, इसलिए मौसम में ठिठुरन भरी थी. देवेश क्लासरूम से दो स्टूल उठा लाया था, पर
४.. आरव… और परिवार भारतीय रेल सेवा में डिप्टी ऑपरेशन मेनेजर के महत्त्वपूर्ण पद पर तैनात थे आरव के पिता राजेश प्रताप सिंह. उसी के नाते उनको लखनऊ की विशिष्ट कॉलोनी विक्रमादित्य मार्ग में एक बंगला मिला हुआ था. ...Read Moreइसलिए कि वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले उनके आस-पास ही थे, मुख्य सचिव का बंगला उनके घर से डेढ़ सौ मीटर दूर था, तो प्रदेश का राजभवन मात्र आधा किलोमीटर. चारों ओर आई ए एस और आई पी एस अधिकारियों के सरकारी आवास. लगभग आठ हज़ार वर्ग फीट के इस बंगले का डिजाइन और निर्माण यूँ तो ब्रिटिश काल
५. कॉलेज और प्रोजेक्ट… ठीक ९.३० बजे आरव निकला कॉलेज के लिए. सारा डाटा, ड्राफ्ट रिपोर्ट उसके पास लैपटॉप और पेन ड्राइव दोनों में सेव थी. सवेरे का ट्रैफिक जाम तो जरूरी था पार करना. सवा दस बजे तक ...Read Moreभी वह कैंपस पहुँच चुका था. क्लास रूम के पास ही सर्दी की सुनहरी धूप में देव खडा था. जैसे उसकी ही प्रतीक्षा में हो. “गुड मार्निंग फ्रेंड्स…”, यह आरव था. मार्निंग का अभिवादन यूँ तो भूमि और आरिणी के लिए था, पर आरिणी के तेवर अच्छे नहीं लग रहे थे. कल चार-चार बार कॉल और फिर मैसेज के जवाब