Daadi ki Silaai Mchine book and story is written by S Sinha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Daadi ki Silaai Mchine is also popular in Motivational Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
“ दादी की सिलाई मशीन “ एक उपन्यास है जिसमें पढ़ेंगे - एक विधवा स्त्री ने अकेले सिलाई मशीन के बल पर कैसे अपने परिवार का न सिर्फ पालन पोषण किया बल्कि एक परम्परा शुरू की जिसका पालन आने ...Read Moreचार पाँच पीढ़ियों ने किया …. दादी की सिलाई मशीन भाग 1 करीब छः दशक पहले की बात है. उस समय गाँवों में न पक्की सड़क थी, न बिजली, न नल का पानी. गाँव में यातायात के साधन बैलगाड़ी या टमटम हुआ करते थे. दीना बाबू का गाँव सोन नदी के किनारे बसा था, उन दिनों सोन नदी में
भाग 2 गोकुल ने स्टेशन पहुँच कर जल्दी से बैलगाड़ी को एक किनारे लगाया. फिर एक ही सांस में दौड़ कर स्टेशन की 20 सीढ़ियों पर चढ़ता हुआ प्लेटफार्म पर खड़ा हो गया. दौड़ते दौड़ते वह हांफ रहा था. ...Read Moreउसे ख़ुशी थी कि अभी पटना वाली पैसेंजर ट्रेन सोन नदी का आधा पुल ही पार सकी थी. प्लेटफार्म तक पहुँचने में उसे दो तीन मिनट और लगने वाला था, तब तक वह अपना दम साध लेगा. अब गाड़ी प्लेटफार्म पर आ चुकी थी. वहां स्टॉपेज सिर्फ दो तीन मिनट का ही था. वर वधु कुछ कीमती सामानों के साथ
भाग 3 शादी के छः साल के अंदर कमला को तीन बच्चे हुए, दो बेटियों के बाद एक बेटा क्रमशः सिया, जानकी,और मोहन. कमला गाँव में रह कर बहुत खुश थी और कैलाश बाबू भी अपनी पत्नी से बहुत ...Read Moreथे. मोहन पढ़ने लिखने में काफी तेज था. कमला बोलती मिडिल के बाद इसे शहर के हाई स्कूल में पढ़ने भेजूंगी. पर नियति को यह मंजूर नहीं था. एक दिन कैलाश बाबू जब शाम को अपनी साइकिल से गाँव लौट रहे थे, रास्ते में उन पर जानलेवा हमला हुआ. कुछ नकाबपोश बदमाशों उनके सिर और पैर पर लाठी से प्रहार
भाग 4 जज साहब एक नेक इंसान थे. उन्होंने मोहन के लिए पटना जा कर बड़े साहब से पैरवी की. कुछ दिन बाद मोहन ने नौकरी ज्वाइन कर लिया हालांकि कमला उसे अभी और पढ़ने के लिए बोल रही ...Read Moreजज साहब ने कमला को समझाया कि सरकारी नौकरी है, बड़ी किस्मत से मिलती है. जिंदगी भर वेतन की गारंटी और रिटायर करते के बाद आजीवन पेंशन और बीमारी में दवा और इलाज भी मुफ्त होगा. आप अभी मोहन को ज्वाइन करने दे. मोहन मेहनती लड़का है, आगे पढ़ लेगा और पोस्टल डिपार्टमेंट में आगे भी तरक्की के बहुत अवसर
भाग 5 जल्द ही रीता की शादी ठीक हो गयी. उसकी शादी रांची की फैक्ट्री में कार्यरत एक इंजीनियर से हो रही थी. विदाई के समय रीता की माँ मीरा ने अपने दामाद सोहन से कहा “ पाहुन, हमलोगों ...Read Moreएक प्रार्थना है. रीता को आगे पढ़ने की इच्छा है. सुना है रांची में एम ए पढ़ाई की सुविधा भी है. रीता को आगे पढ़ने का कम से कम एक मौका आप जरूर देंगे. “ सोहन बोला “ हां, हां क्यों नहीं ? मैं भी चाहूंगा रीता आगे पढ़े, मुझे भी अच्छा लगेगा और उस पर गर्व महसूस करूंगा. मेरे