Velentain day...! book and story is written by Deepak Bundela AryMoulik in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Velentain day...! is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
वेलेंटाइन डे...! - Novels
by Deepak Bundela AryMoulik
in
Hindi Fiction Stories
ऐसा कुछ नहीं हैं, मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि वो मेरा बिता हुआ कल था... ठीक हैं जवानी में प्यार कर लिया उसकी ज़िन्दगी में हादसा होना था हो गया... मैं अब उसे भूल चुकी हूं. रीटा ने नेहा से झुंझलाह भरे शब्दों मे कहां था.
नेहा- ये कैसी बातें कर रही हैं तूँ... पिछले 3 साल तुम लोगों ने एक दूसरे को प्यार करके निकाले हैं आज वो अपनी आंखे खो चुका हैं तो तूँ इतना बदल जायेगी ये मैंने सोचा नहीं था... मैं तो तुझसे इतना कहने आयी थी आज पूरे एक साल होने को हैं आज ही के दिन उसका एक्सीडेंट हुआ था... उस वक़्त तू भी उसके साथ ही थी... देख वो आज भी तेरा इंतज़ार कर रहा हैं... आज वेलेंटाइन डे हैं कम से कम आज तो उसे विष कर दें...?
वेलेंटाइन डे...!ऐसा कुछ नहीं हैं, मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि वो मेरा बिता हुआ कल था... ठीक हैं जवानी में प्यार कर लिया उसकी ज़िन्दगी में हादसा होना था हो गया... मैं अब उसे भूल चुकी ...Read Moreरीटा ने नेहा से झुंझलाह भरे शब्दों मे कहां था.नेहा- ये कैसी बातें कर रही हैं तूँ... पिछले 3 साल तुम लोगों ने एक दूसरे को प्यार करके निकाले हैं आज वो अपनी आंखे खो चुका हैं तो तूँ इतना बदल जायेगी ये मैंने सोचा नहीं था... मैं तो तुझसे इतना कहने आयी थी आज पूरे एक साल होने को हैं आज
पार्ट-2रीटा गार्डन में आती हैं जो कवर्ड हैं... कुछ मरीज और उनके परिजन हरी हरी और रंग बिरंगियों की वादियों में लोग अपने आप को तरों ताज़ा कर कर रहें हैं.. रीटा की नजर पेड के पास लगी बेंच ...Read Moreपड़ती हैं जहां एक शख्स बैठा गिटार पर धुन छेड़ रहा हैं जिस धुन को सुन कर रीटा यहां तक खींची चली आई थी...रीटा रोहन के पीछे की तरफ उसके करीब आ कर ख़डी हो जाती हैं.रोहन गिटार बजाने में मगन हैं.. मंद मंद ठंडी हवा मानो बज रहें गिटार की धुन पर आठखेलिया कर रही हो... तभी रोहन को
पार्ट -3रोहन सडक के किनारे बाइक रोकता हैं...रीटा - यहां क्यों रोक दी तुमने बाइक ..?रोहन - अब जाना अपने को इसी रास्ते से सीधा हैं कितना आगे से जाकर गाड़ी घुमा कर लानी पड़ेगी... और फिर वापस जाना ...Read Moreतुम यही रुको मैं यू गया और यूं आयारीटा बाइक से उतरती हैं रोहन भी बाइक का साइड स्टेण्ड लगते हुए उतरता हैं..रोहन - तुम यही रुको में अभी आता हूंऔर रोहन रोड क्रास करते हुए सडक के दूसरी तरफ जाता हैं रीटा उसे खुश होकर जाते हुए देखती हैं...गाड़िया रोड के दोनों तरफ से आ जा रही हैं...रीटा रोहन
पार्ट -4रात हो चली थी... अस्पताल की चहल कादमी दिन से कम पर वरकरार थी...रोहन बेड पर लेटा हुआ हुआ कुछ सोच रहा है...मुकुंद दूसरे बेड पर दूसरी तरफ करबट के बल लेटा हैं तभी रोहन मुकुंद से ...Read Moreहै रोहन- कल 3 तारीख हैं ना मुकुंद..?मुकुंद - हा भईया कल 3 जानबरी हैं... क्यों क्या हुआ भईया...?रोहन - कुछ नहीं बस ऐसे ही क्या तुम जरा वो मेरा ब्लैक फाइल फोल्डर निकाल कर दोगे..मुकुंद फ़ौरन उठते हुएमुकुंद- हा भईया एक मिनट अभी देता हूंऔर मुकुंद बेग मेसे फाइल फोल्डर निकलता हैं और रोहन को लाकर देता हैंमुकुंद - ये लो
पार्ट -5दूसरे दिन रीटा मेन गेट पर ख़डी हैं और गार्ड से रोहन के वार्ड में जानें के लिए गार्ड से रिक्वेस्ट कर रही हैं वही गार्ड रीटा को वहां के नियमों को उसे बता रहा हैं...गार्ड - मैडम ...Read Moreये प्राइवेट वार्ड हैं... मैं इस बारे में आपको कोई भी जानकारी नहीं दे सकता जब तक पेसेंट या पेसेंट के घर वाले नहीं कहते.रीटा - अच्छा आप इतना तो बता सकते हैं क्या यहां कोई रोहन मखीजा नाम का कोई हैं क्या...?गार्ड -मेडम ऐसे तो मैं किसी रोहन मखीजा को नहीं जानता.. आप वेबजह मेरा समय बर्वाद कर रही हैं...